Translate

बच्चे को प्रशिक्षण देने के तरीके

अक्सर हम देखते है किसी बच्चे में उसके परिवार का असर पड़ता है यानी बच्चे की परवरिश(upbringing) ऐसी होती है जैसे उसके मां-बाप और मां-बाप की परवरिश ऐसी होती है जैसी उनके मां-बाप की यह सिलसिला चलता रहता है 

यानी एक परिवार में मिजाज एक जैसा रहता है। यदि मां-बाप गुस्से वाले है तो बच्चे का भी मिजाज गुस्से वाला रहता है। पृथ्वी पर Reproduction की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। जब एक बच्चा जन्म लेता है तो वह तय करता है कि उसकी आने वाली नस्लें(breeds) कैसी होंगी, इसी तरह इन छोटी Unite द्वारा ही पूरी दुनिया बनती है। 

 
Ways of training a child in Hindi

  • यदि बच्चे की परवरिश सही है तो इसका मानवता(humanity) के साथ Relation अच्छा होगा, कुछ innovation करेगा, Creativity की ओर आगे बढ़ेगा, वह इस धरती पर तालमेल(co-ordination) रखेगा और यदि बच्चे की परवरिश सही नहीं है तो इसके उलट उसका मानवता के साथ Relation सही नहीं होगा, वह productivity सही नहीं कर पायेगा। 

  • बच्चे को आप जैसा चाहो वैसा बना सकते हो ध्यान दें कि आप जो कुछ भी करते हैं वह बच्चे के दिमाग में सारी बाते fit हो रही हैं बच्चे पर जैसा effect डालोगे वैसे ही वह effect, purity के साथ पहूंचता है, क्योंकि Adult पर दूसरी activity के साथ effect हो सकता है, लेकिन छोटे बच्चे में purity के साथ effect पहूंचता है। 

  • जब घर में किसी भी तरह का झगड़ा होता है या किसी भी तरह की हिंसा(Violence) होती है तो बच्चा  Monitoring करता है और इसका असर उसकी पूरी जिन्दगी पर पड़ता है जैसे हम अक्सर देखते है बहुत से लोगों को जब उनके सामने बदतमीजी(insolence), झगड़ा होना, हिंसा आदि घटनाएं होती हैं तो उनको यह Normal लगता है। 

  • इससे पता चलता है कि उन लोगों की परवरिश में, उन्होंने इन घटनाओं का सामना किया है। इसलिए हमें घर में माहौल तहजीब का, Art का, Literature का, Morality आदि पर ध्यान देना चाहिए और बच्चे को जैसा बनाना चाहते हों वैसा ही उस बच्चे के साथ व्यवहार करना चाहिए। 

  • बच्चे को Independence होना चाहिए ताकि उसमें समझदारी develop हो और वह दूसरे लोगों के साथ interact(मेलजोल करना) करें और आगे चलकर कहीं भी Performance करते वक्त इस position का फायदा उठा सके और उसको अपनी अहमियत का एहसास हो। 

  • यदि आपको लगता है कि बच्चे को Independence देने से वह गलत रास्ते पर भी जा सकता है तो ऐसी स्थिति में आपको pressure नहीं बनाना है, बल्कि उसकी समझ और फैसलों के साथ एहसास कराकर समझाने की कोशिश करें यानी उसको तर्क के साथ अपनी बात रखकर समझाना है।
  • हमें पता होना चाहिए कि बच्चे के phases(चरणों) के बारे में क्योंकि बच्चा कई phase से निकलता है जैसे एक phase ऐसा भी होता है जब बच्चा नाफरमानी करता है, अपनी Independence के नाम पर Authority भी दिखाता है। इस तरह बच्चे की growth में कई phase आते हैं उनका हमें पता होना चाहिए ताकि हम उस स्थिति को सही तरह से handle कर सके। यहां पर logic के सहारे बच्चे के साथ Argument करना है

  • हमें बच्चे की दूसरे बच्चे के साथ Compare नहीं करनी है क्योंकि इससे बच्चे में jealous जैसा नकारात्मक भाव develop होने लगता है और हमें बच्चे की Conditions के आधार पर Appreciate नहीं करना है जैसे तम्हारे अच्छे Number आये तो ये चीज लाकर दूंगा, तुम्हारा अच्छा Performance हुआ तो ये चीज लाकर दूंगा, बल्कि हमें बच्चे के कामों को Appreciate करना चाहिए बिना Condition के। 


Ways of training a child in Hindi


  • बच्चे को मेहनती(Hardworking), जिम्मेदारी(Responsibility), ईमानदारी(Honesty) जैसी खुबियों(merits) के लिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनको ऐसा बनाये कि वह समाज में एक  प्रभावशाली मानव प्राणी(impressive human beings) बने। 

  • इसके लिए हमें उनको Skill develop करने के लिए ऐसी Opportunity या Training (जिसका जिक्र हम कई Articles में कर चुके हैं पढ़ने के लिए Click (LINK) करें) देनी चाहिए। 

  • बच्चे की परवरिश में हमें खुद Roll Model बनना चाहिए, क्योंकि बच्चा एक Copy मशीन की तरह होता है जैसा आप करते हो वैसा ही वह Monitoring करता रहता है इसलिए इस Copy मशीन को Filter करने के लिए घर की भूमि बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है खासकर माता-पिता की, क्योंकि बच्चे का Conscious mind develop नहीं होता है। जैसा घर में या माता-पिता माहौल create करते हैं वैसा ही उस बच्चे पर असर पड़ता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ