आज हम बात करेंगे SDR कि यह किस तरह से काम करता है?, इसकी वैल्यू किस तरह से तय की जाती है और यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर Settlement कर रहा है?।
SDR एक ऐसी करेंसी है जिसका कोई भी फिजिकल रूप नहीं है, ना ही इसका Logo है, ना ही इसको आप फिजिकली देख या टच कर सकते हो। इसके बावजूद यह डॉलर से भी ज्यादा मजबूत है और इसे रिजर्व के रूप में Use किया जाता है।
SDR(Special Drawing Rights) क्या है :- द्वितीय विश्व युद्व(1945) की समाप्ति के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ जैसी ताकतें थीं,
जिसमें अमेरिका आर्थिक रूप से काफी मजबूज था और अमेरिका विश्व में महाशक्ति बनना चाहता था जिसका सबसे अच्छा तरीका था गरीब देशों को ऋण बांटना जो तरीका आज चीन अपना रहा है।
इसलिये ब्रिटेनबुड्स सम्मेलन में विश्व बैंक(World Bank) और IMF(International Monetary Fund) की स्थापना हुई जिसमें अमेरिका का योगदान बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।
जब आईएमएफ बना तो उसकी यह जिम्मेदारी थी कि वह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेशनल लिक्विडिटी जेनेरेट(International Liquidity Generate) करें ताकि Balance of Payment की समस्या को कम किया जा सके क्योंकि विश्व में इंटरनेशनल लिक्विडिटीका संकट है।
इस तरह की Liquidity बनाना जिससे विश्व में लेने-देन आसानी हो सके।
IMF बनने के बाद 1969 तक इस तरह की करेंसी नहीं आ पायी, फिर 1969 में आईएमएफ ने SDR(विशेष आहरण अधिकार) को Create किया ।
एस डी आर क्या है :-
SDR(विशेष आहरण अधिकार) का कोई भौतिक रूप नहीं है केवल इसे International Settlement के लिये यूज़ किया जा सकता है जैसे - आयात-निर्यात करना। लेकिन इसका इस्तेमाल व्यक्तिगत यूज़ के लिये नहीं किया जा सकता।(जैसे SDR के बदले bike लेना )
IMF(International Monetary Fund) :- यह अल्पकालिक ऋण(Short term loan) प्रदान करता है जो उसके सदस्यों द्वारा वित पोषित(Funded) होता है।
IMF का ध्यान आर्थिक नीति के समाधान पर अधिक केंद्रित है जबकि विश्व बैंक आवश्यक सार्वजनिक निर्माण सुविधाओं के निर्माण और बीमारी को रोकने के कार्यक्रमों में सहायता प्रदान करता है।
World Bank(विश्व बैंक) :- इसका मुख्य उद्देश्य सदस्यों राष्ट्रों को पुनर्निर्माण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता देना है यह दीर्घकालिक(Long term) विकास परियोजनाओं के लिये लोन प्रदान करता है। लोन, सेवा की मात्रा, ब्याज दर, नियम और शर्तें विश्व बैंक द्वार ही तय की जाती हैं।
SDR की वैल्यू कैसे मापी जाती है :-
IMF के पास 957 बिलियन डॉलर का धन है ये IMF के प्रत्येक देश द्वारा उसकी economy के आधार पर योगदान दिया जाता है।
इस धन के लिए 1969 में decide किया गया कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ मुद्राएं fix करनी पड़ेंगी जो अमेरिकी डॉलर, जापानी येन, चीन का यूआन(2016 में स्थान दिया गया), यूरोप का यूरो और ब्रिटेन का पाउंड हैं।
इनसे मिलकर Tool(बास्केट ऑफ करेंसी) बनता है जिसे SDR कहते हैं।
SDR का विश्लेषण हर 5 साल में होता है इसलिये भारत ने डॉलर में धन दिया जिसकी हिस्सेदारी 2.75% हैं, वहीं अमेरिका डॉलर की हिस्सेदारी 41.73% थी जो अब बढ़कर 43.38% हो गयी है
जबकि चीन के यूआन की भागीदारी 10.92% से बढ़कर 12.28% हो गयी है एवं यूरोप के यूरो की हिस्सेदारी 30.93% से घटकर 29.31% हो गयी है।
इन पांचों की करेंसी के आधार पर एसडीआर की वेल्यु निकाली जाती है|
SDR कैसे काम करता है: -
जैसे माना लेते है कि भारत और कनाडा IMF के सदस्य है और भारत, कनाडा से कुछ वस्तु और सेवाएं खरीदता है और ये जो वस्तु और सेवाएं है इनका मूल्य 200 मिलियन डॉलर का है
तो भारत कनाडा को जो पैसे देगा वह भारत के पास Liquidity नहीं है तो ऐसे में भारत IMF के पास जायेगा और आईएमएफ से SDR के रूप में पैसे लेकर कनाडा को देगा।
IMF, SDR के रूप में करेंसी बनाता है और यह करेंसी Counting Procedure के रूप में होगी यानी IMF सीधा करेंसी ना देकर प्रत्येक देश के कोटा के आधार पर उनके खाते में ट्रांसफर कर देता है,
जैसे - अमेरिका का कोटा सबसे ज्यादा है तो माना लेते है कि IMF अमेरिका को 3 लाख मीलियन SDR देता है, भारत का कोटा कम है तो भारत को 5 हजार मीलियन SDR देता है।
जिसके आधार पर देश आयात-निर्यात करते हैं और यह करेंसी(SDR) सभी IMF के सदस्यों द्वारा अपनायी जाती है क्योंकि यह करेंसी IMF द्वारा बनायी गयी है।
आईएमएफ में भारत का कोटा कितना है :-
साल 2016 में आईएमएफ में कोटा और प्रशासन संबंधी सुधार किए गए।
इस सुधार के अनुसार भारत के मतदान का जो अधिकार है 0.3% से बढ़कर 2.3% से 2.6% हो गया और वही चीन का मतदान भी 2.2% बढ़कर 3.8% से 6% होगा।
वर्तमान में भारत के पास IMF में SDR का कोटा 2.75% और वोट 2.63% है।
भारत का जो विदेशी मुद्रा भंडार है उसमें (IMF में) स्वर्ण भंडार, विदेशी मुद्रा संपत्ति और रिजर्व ट्रेन के अलावा SDR शामिल है।
SDR Background(पृष्ठभूमि) :-
- IMF ने 1969 में अपने सदस्य देशों के लिये SDR को इंटरनेशनल रिज़र्व(International Reserve) सम्पत्ति के रूप में बनाया गया था, लेकिन जैसे ही ब्रेटनवुड्स System का पतन होता है तो SDR को मुद्राओं की एक बास्केट के रूप में Fix किया गया।
- इस बास्केट में 5 देशों की Currency(अमेरिका का डॉलर, जापान की मुद्रा येन, चीन का यूआन और ब्रिटेन का Pound, यूरोप का यूरो) को शामिल किया गया।
SDR का Review(समीक्षा) कैसे किया जाता है :- SDR की हर 5 साल में समीक्षा होती है ये कोई fix नहीं है कि 5 साल में ही होगी, जरूरत पड़ने पर पहले भी हो सकती है।
इसका मकसद यह है कि SDR बास्केट की मुद्राओं के चयन में होने वाले मानदण्डों एवं संकेतकों पर विचार करना तथा मुद्रा के लिये राशि निर्धारित करने में Use होने वाले शुरूआती मुद्र वेटेज को decide करना।
SDR(Special Drawing Rights) के बारे में जानकारी(FAQs):-
Q. sdr full form in hindi
A. sdr full form-विशेष आहरण अधिकार है |
Q. SDR full form
A. SDR full form - Special Drawing Rights|
Q. एसडीआर कौन जारी करता है ?
A. एसडीआर IMF द्वारा अपने सदस्यों के लिए international settlement के लिए जारी मुद्रा है|
SDR एक ऐसी करेंसी है जिसका कोई भी फिजिकल रूप नहीं है, ना ही इसका Logo है, ना ही इसको आप फिजिकली देख या टच कर सकते हो। इसके बावजूद यह डॉलर से भी ज्यादा मजबूत है और इसे रिजर्व के रूप में Use किया जाता है।
Q. IMF full form in hindi
A. IMF - International Monetary Fund : IMF को हिंदी में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष कहते है |
Q. एसडीआर मुद्रा (sdr currency)
A. sdr की वैल्यू इन 5 अमेरिकी डॉलर, जापानी येन, चीन का यूआन(2016 में स्थान दिया गया), यूरोप का यूरो और ब्रिटेन का पाउंड करेंसी के आधार पर तय की जाती है |
Q. विशेष आहरण अधिकार के क्या कार्य हैं ?
A. जब आईएमएफ बना तो उसकी यह जिम्मेदारी थी कि वह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर International Liquidity Generate करें ताकि Balance of Payment की समस्या को कम किया जा सके क्योंकि विश्व में International Liquidity का संकट है।
इस तरह की Liquidity बनाना जिससे विश्व में लेने-देन आसानी हो सके।
SDR(विशेष आहरण अधिकार) का कोई भौतिक रूप नहीं है केवल इसे International Settlement के लिये Use किया जा सकता है जैसे - आयात-निर्यात करना। लेकिन इसका इस्तेमाल व्यक्तिगत Use के लिये नहीं किया जा सकता।(जैसे SDR के बदले bike लेना )
Q. एसडीआर में कितनी मुद्राएं हैं ?
A. एसडीआर में 5 मुद्राएं(अमेरिकी डॉलर, जापानी येन, चीन का यूआन(2016 में स्थान दिया गया), यूरोप का यूरो और ब्रिटेन का पाउंड ) आती हैं |
Q. एसडीआर क्यों बनाया गया ?
A. जब आईएमएफ बना तो उसकी यह जिम्मेदारी थी कि वह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर International Liquidity Generate करें ताकि Balance of Payment की समस्या को कम किया जा सके क्योंकि विश्व में International Liquidity का संकट है।
इस तरह की Liquidity बनाना जिससे विश्व में लेने-देन आसानी हो सके।IMF बनने के बाद 1969 तक इस तरह की करेंसी नहीं आ पायी, फिर 1969 में आईएमएफ ने SDR(विशेष आहरण अधिकार) को Create किया ।
Q. भारत में कितना एसडीआर है?
A. वर्तमान में भारत के पास IMF में SDR का कोटा 2.75% और वोट 2.63% है।
Q. SDR का मतलब क्या होता है ?
A. SDR का मतलब Special Drawing Rights है जिसको हिंदी में विशेष आहरण अधिकार कहते हैं, एसडीआर IMF द्वारा अपने सदस्यों के लिए international settlement के लिए जारी मुद्रा है|
एसडीआर आसान भाषा में-
एसडीआर आईएमएफ की एक मेजरिंग यूनिट है यानी यह आईएमएफ में जो फंड है उसको मेजर करती है, यह एक बास्केट होती है, जिसमें 5 करेंसी महत्वपूर्ण करेंसी शामिल होती हैं,
मतलब यह हुआ कि आईएमएफ किसी देश को लोन दे रहा है या कोई देश इसमें योगदान कर रहा है, तो इस इन करेंसी में लोन देना या योगदान करना होगा, लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है यह आईएमएफ की करेंसी नहीं है,
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