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व्यष्टि(Micro) व समष्टि(Macro) क्या है : व्यष्टि व समष्टि अर्थशास्त्र में क्या अंतर है

 व्यष्टि व समष्टि दोनों अर्थशास्त्र की शाखाएं हैं, 

व्यष्टि(micro)अर्थशास्त्र लेटिन में micro का अर्थ होता है छोटा/ सुक्ष्म, इसलिए अर्थशास्त्र की भाषा में इसे सूक्ष्म अर्थशास्त्र कहा जाता है लेकिन सामान्यता साहित्य में व्यष्टि का अर्थ होता है - व्यक्ति, 

समष्टि(macro) अर्थशास्त्र लेटिन में macro का अर्थ होता है बड़ा /व्यापक, इसलिए अर्थशास्त्र की भाषा में इसे समष्टि अर्थशास्त्र कहा जाता है। 

व्यष्टि और समष्टि में अंतर :-

  • हम अर्थशास्त्र की बात कर रहे हैं अर्थशास्त्र में आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन होता है जब हम एक व्यक्ति का अध्ययन करते हैं तो वह एक व्यक्ति विशेष का अर्थशास्त्र बन जाता है तो उसे व्यष्टि अर्थशास्त्र कहते हैं, 
  • लेकिन जब हम इस अध्ययन को संपूर्णता के साथ करते हैं तो यह समष्टि अर्थशास्त्र का अध्ययन होता है सामान्यतः इन दोनों में यही अंतर यूज़ होता है, 
  • जैसे - मान लेते हैं कि आप किसी पार्क में जाते हो और वहां पर किसी एक पौधे के बारे में अध्ययन करना है कि यह कब लगता है?, यह कैसे बढ़ता है?, इसके लिए किस तरह की जलवायु चाहिए या आप कुछ पौधों के बारे में अध्ययन करना चाहते हैं तो यह व्यष्टि अर्थशास्त्र का अध्यन हुआ,
  • लेकिन जब पार्क में जाकर पूरे पार्क का अध्ययन करते हैं जैसे - इस पार्क में मिट्टी कैसी है,  इसमें किस तरह की पौधे - वनस्पतियां पाई जाते हैं, इन इनकी क्या कमाई है, क्या खर्चा होता है, तो यह समस्ती अर्थशास्त्र का अध्ययन हुआ|  
  • यहां ध्यान देने वाली बात है कि जब आप किसी कंपनी के बारे में अध्ययन करते हैं तो यह Micro अर्थशास्त्र का अध्ययन हुआ, जबकि इस कंपनी में काम करने वाले बहुत से आदमी होते हैं, 
  • क्योंकि भारत में बहुत सी कंपनियां हैं लेकिन आप एक कंपनी का अध्ययन कर रहे हैं तथा जब हम किसी एक सेक्टर की बात करते हैं तो वह macro अर्थशास्त्र होता है जैसे भारत का पेट्रोलियम उद्योग,
  • लेकिन जब हम इसी से जुड़ी किसी फर्म(जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड)  की बात करते हैं तो यह micro अर्थशास्त्र है, 
  • सरकार की जो नीतियां बनती है वह macro अर्थशास्त्र की होती है लेकिन इनका प्रभाव micro पर भी पड़ता है।


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व्यष्टि(Micro) व समष्टि(Macro) क्या है :  व्यष्टि व समष्टि अर्थशास्त्र  में क्या अंतर है


व्यष्टि(micro) अर्थशास्त्र के विषय : (व्यष्टि(micro) अर्थशास्त्र का महत्त्व ) :-

  • मांग और पूर्ति, 
  • बचत, 
  • उत्पादकता, 
  • बाजार में प्रतिस्पर्धा, 
  • अवसर लागत(अपॉर्चुनिटी Cost ), 
  • श्रम,  
  • बाजार की कीमतों में उतार-चढ़ाव, 
  • कल्याणकारी अर्थव्यवस्था, 
  • बाजार का विश्लेषण|  

समष्टि(Macro) अर्थशास्त्र के विषय :-  

शुरुआत व्यष्टि अर्थशास्त्र से हुई थी, सन 1929 में जब अमेरिका में महामंदी आई थी तो जो उस वक्त माइक्रो अर्थशास्त्र पर सोच रहे सोच रहे थे, 

उसकी बहुत ज्यादा आलोचना होने लगी यानी अर्थशास्त्र को इतने छोटे स्तर पर ना देखना चाहिए, बल्कि इसको संपूर्णता के स्तर पर देखना चाहिए | 

उस वक्त एक अर्थशास्त्री थे John maynard Keynes की एक प्रसिद्ध बुक है "द जनरल थ्योरी ऑफ एंप्लॉयमेंट इंटरेस्ट एंड मनी" उन्होंने कहा था कि अर्थव्यवस्था को एक संपूर्णता में देखा जाना चाहिए, 

फिर लोगों ने इस पर विचार करना शुरू किया, फिर यहां से macro अर्थशास्त्र की शुरुआत हुई इसलिए John maynard Keynes को macro अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है।

 विषय :- 

  • जीडीपी में वृद्धि दर, 
  • मुद्रास्फति,
  • बेरोजगारी, 
  • राजकोषीय नीति, 
  • आयात - निर्यात पर नीति, 
  • मॉनेटरी पॉलिसी, 
  • जीवन स्तर, 
  • राष्ट्रीय आय, 
  • राष्ट्रीय उपभोग, 
  • राष्ट्रीय बचत, 
  • राष्ट्रीय संसाधन, 
  • बजट, 
  • विश्व बाजार।

micro and macro economics : वर्तमान में micro अर्थशास्त्र का कम प्रचलन है क्योंकि इसमें समय ज्यादा लगता है इसलिए macro अर्थशास्त्र का प्रचलन ज्यादा होता है, 

micro अर्थशास्त्र का महत्व व्यक्तिगत समस्याओं के नीति निर्माण तक सीमित है, इसका राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व नहीं है, जबकि macro अर्थशास्त्र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्धारण में महत्व रखता है।

Microeconomics & Macroeconomics Difference in Table Form :



Microeconomics

Macroeconomics

Meaning

माइक्रोइकोनॉमिक्स अर्थशास्त्र की एक शाखा है। जो व्यक्तिगत घरेलू और फार्मो के निर्णय लेने और संसाधनों का आवेदन करने में संबंधित होती हैं।


इसमें समाज और सेवाओं के बाजार शामिल होते हैं और यह आर्थिक मुद्दों के साथ निपटता है। 

मैक्रोइकोनॉमिक्स अर्थशास्त्र की एक शाखा है। जो आर्थिक मानव के संपूर्ण व्यवस्था के व्यवहार और प्रदर्शन का अध्यय

न करती है।


इसमें महत्वपूर्ण कारकों में ग्रस्त घरेलू उत्पाद (जीडीपी), बेरोजगारी‚ मुद्रा स्थिति और वृद्धि दर आदि शामिल होती हैं।

Deals

माइक्रोइकोनॉमिक्स विभिन्न मुद्दों जैसे मांग‚ आपूर्ति, कारक मूल्यनिर्धारण, उत्पाद मूल्यनिर्धारण, आर्थिक कल्याण, उत्पादन, खपत और अन्य के साथ संबंध होता है।

माइक्रोइकोनॉमिक्स विभिन्न मुद्दों  जैसे राष्ट्रीय आय, वितरण,रोजगार, सामान्य मूल्य स्तर, मुद्रा और अन्य के साथ संबंध होता है।

Area of Study

माइक्रोइकोनॉमिक्स आर्थिक मंदी के विशेष खंड का अध्ययन करता है।

मैक्रोइकोनॉमिक्स पूरी अर्थव्यवस्था का अध्ययन करता है, जो कई बाजार के करो को कवर करता है।

Scope 

माइक्रोइकोनॉमिक्स कई मुद्दों को कवर करता है जैसे मांग, आपूर्ति, कारक मूल्यनिर्धारण, उत्पाद मूल्यनिर्धारण, आर्थिक कल्याण, उत्पादन, खपत इत्यादि।

मैक्रोइकोनॉमिक्स कई मुद्दों को कवर करता है। जैसे वितरण, राष्ट्रीय आय, रोजगार, मुद्रा, सामान्य मूल्य स्तर और अधिक।

Application

माइक्रोइकोनॉमिक्स आंतरिक मुद्दों पर लागू होता है। यह अर्थव्यवस्था के अंदर होने वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।

मैक्रोइकोनॉमिक्स पर्यावरणीय और बाहरी मुद्दों पर भी लागू होता है। यह विदेशी मुद्दों और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।

Significance 

माइक्रोइकोनॉमिक्स आर्थिक मामलों में उत्पाद की कीमतों का नियंत्रित करने में मददगार होता है।


साथ ही अर्थव्यवस्था में कारकों की कीमतों (मजदूरी, भूमि, उद्यमी, पूंजी और अधिक) को भी।

मैक्रोइकोनॉमिक्स व्यापक मूल्य स्तर में स्थिरता को बनाए रखने में सहायक होता है। और एक साथ पूरे रूप में महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करता है।


जैसे कि महंगाई, मुद्रास्फीति,महंगाई की बढ़त (पूर्णमूल्यांकन) बेरोजगारी और गरीबी।

Limitations 

माइक्रोइकोनॉमिक्स के आधार पर अव्यावहारिक पूर्वाग्रह पर आधारित होता है।


जैसे कि माइक्रोइकोनॉमिक्स में माना जाता है कि समुदाय में पूर्ण रोजगार होता है, जो पूरी तरह संभव नहीं है।

मैक्रोइकोनॉमिक्स 'संरचना के भ्रम' का अवधारणा में शामिल होने का जांच किया गया है। जो कभी-कभी सही साबित होने में असफल होता है।


क्योंकि संग्रह समग्र के लिए सत्य होने का अर्थ या नहीं कि यह व्यक्तियों के लिए भी सत्य होगा।



व्यष्टि व समष्टि अर्थशास्त्र के बारे में जानकारी (FAQs) :

Q. अर्थशास्त्र कितने प्रकार के होते हैं?
A.  अर्थशास्त्र 2 प्रकार के होते हैं - 
1. व्यष्टि(Micro) अर्थशास्त्र 
2. समष्टि(Macro) अर्थशास्त्र 

Q. व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र के जनक कौन है?
A.  व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र के जनक एडम स्मिथ हैं | 

Q1. माइक्रोइकोनॉमिक्स और मैक्रोइकोनॉमिक्स मे क्या अंतर है?


Ans: माइक्रोइकोनॉमिक्स व्यक्ति समूह या कंपनी स्तर पर अर्थशास्त्र का अध्ययन है।

जबकि मैक्रोइकोनॉमिक्स एक राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का संपूर्ण अध्ययन है।


माइक्रोइकोनॉमिक्स व्यक्ति और कंपनियों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। मैक्रोइकोनॉमिक्स राष्ट्र और विश्व अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालने वाले मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।


Q2.   माइक्रोइकोनॉमिक्स और मैक्रोइकोनॉमिक्स से क्या-क्या उदाहरण हैं?


Ans: माइक्रोइकोनॉमिक्स उदाहरण में उपभोक्ता संतुलन, व्यक्तिगत आय और बचत शामिल होते हैं।

जबकि मैक्रोइकोनॉमिक्स के उदाहरण में बेरोजगारी ब्याज दरें मुद्रास्फीति जीडीपी शामिल होती हैं।


Q.3 अर्थशास्त्र के कितने क्षेत्र होते हैं?


Ans: अर्थशास्त्र के दो क्षेत्र होते हैं। माइक्रोइकोनॉमिक्स जो व्यक्तिगत बंजारों का अध्ययन करती है। दूसरा मैक्रोइकोनॉमिक्स जो अर्थव्यवस्था का संपूर्ण अध्ययन करती है 


Q.4 माइक्रोइकोनॉमिक्स का मैक्रोइकोनॉमिक्स की दूसरे से कैसे संबंधित हैं?


Ans: माइक्रोइकोनॉमिक्स का मैक्रोइकोनॉमिक्स एक दूसरे से संबंधित है। क्योंकि दोनों रणनीतियों का ध्यान उनके विशेष क्षेत्र और शाखों की अर्थव्यवस्था को सुधारने पर होता है।


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