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Digital Currency के फायदे और नुकसान(भारत की डिजिटल मुद्रा कौन सी है)(ई रूपी क्या है)

भारत सरकार पिछले कुछ सालों से Digital(डिजिटल) की तरफ तेजी से बढ़ रही है जैसे डिजिटल इंडिया, जन धन योजना के तहत वित्तीय समावेशन करना आदि 

एवं इस Digital(डिजिटल) के दौर में चीन अपनी डिजिटल करेंसी लांच की है e-yuan, इसी तरह ओर देश डिजिटल करेंसी को लांच करने की कोशिश कर रहे है।

इसी को ध्यान में रखते हुए भारत ने भी अपनी Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) e-rupee(ई रूपी ) लांच करने का वादा किया है। 

Digital Rupee(डिजिटल रुपया) क्या है? :- RBI वित वर्ष 2023-24 में डिजिटल मुद्रा लांच करेगी जिसे डिजिटल रूपया(digital rupee) कहा जायेगा। 

डिजिटल करेंसी उपयोग कैसे करें: यह केन्द्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा(Central Bank Digital Currency) वैध मुद्रा(Fiat currency) होगी जिसका use इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या ऑनलाइन टोकन के रूप में होगा यानी यह आभासी रूप से होगा।

Digital currency कितने प्रकार की होती है?: -

1. Virtual Currency - यह आभासी मुद्रा डेवलपर्स या इसको बनाने वाले संगठन द्वारा Control अनियमित डिजिटल करेंसी है।

2. Cryptocurrency(क्रिप्टोकरेंसी) - इन मुद्राओं के नेटवर्क के लेन-देन को सुरक्षित(Secure) व सत्यापित(Verified) करने के लिये Cryptography का use किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित(Regulated) किया भी जा सकता है या नहीं भी।

3. Central Bank Digital Currencies(CBDC) :- CBDC को किसी देश की केन्द्रीय बैंक द्वारा विनियमित किया जाता है यह physical व digital दोनों रूपों में मौजूद है।


Digital Currency के फायदे और नुकसान(भारत की डिजिटल मुद्रा कौन सी है)(e-rupee क्या है)

Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) का क्या फायदा है? :-  

  • Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) सरल और सुरक्षित है, क्योंकि पारम्परिक बैंकिंग प्रणाली(Traditional Banking system) को विनियमित(Regulate) करना कठिन है, जैसे- सर्वर में समस्या होना, चौरी होना, System में कमी हो जाना, भ्रष्टाचार का बढ़़ना आदि।
  • इससे Cash के ऊपर जो निर्भरता है वह कम हो जायेगी।
  • Physical Currency बनाने में जो खर्चा होता है, जैसे Printing, कागज आदि पर खर्चा नहीं करना पड़ेगा।
  • Forex Transaction में Time Zone के कारण जो Problem आती है वह खत्म हो जायेगी जैसे यदि आप विदेश से पैसा भेज रहे हैं, भारत को तो वहां की बैंकों के खुलने का समय अलग होता है तथा भारत की बैंकों के खुलने का समय अलग होता है।
  • लेने देन में तेजी आयेगी, जमाकर्ताओं(Depositors) को वाणिज्यिक बैंकों(Commercial Banks) के साथ लेन-देन में होने वाले नुकसान का जोखिम कम हो जायेगा।
  • बैंकों के पास मांग जमा से उत्पन्न होने वाली समस्याएं कम हो जायेगी। 
  • सीमा-पार भूगतान के निपटान से होने वाली परेशानियां कम हो जायेंगी जैसे- रूस-यूक्रेन युद्व में अमेरिका ने Swift System को रूस में use करने हेतु मना किया है।
  • जब भारत का कोई नागरिक विदेश से धन भेजता है तो यह बहुत मंहगा होता है जो सस्ता हो  जायेगा।
  • वित्तीय समावेशन बढ़ेगा,

  • डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, 
  • बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी को खत्म  करेगा, 

  • ई रूपी से मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने में होगी आसानी, 

  • दूसरे देशों को राशि भेजने पर लागत में 2% तक की कमी आयेगी,

  • नोटों की प्रिंटिंग लागत में कमी आएगी,

  • ई रूपी भविष्य की प्राइमरी करेंसी होगी

Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) के नुकसान :- 

  • RBI द्वारा मोबाइल वॉलेट में रखी गयी राशि की कोई सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है।
  • इससे बैंकों को profit कम हो जायेगा क्योंकि छोटे बैंक कम लागत वाली जमा राशि को बनाये रखने हेतु प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
  • वित्तीय स्थिरता(Financial Stability) का खतरा- सभी अर्थव्यवस्थाएं वित्तीय स्थिरता के लिये उत्पन्न खतरे के प्रति सतर्क है और विकसित राष्ट्र भी घटते हुए नोटों के उपयोग(खासकर कोविड-19 के बाद) को लेकर चिंतित है।
  • वैश्विक आर्थिक संकट से सभी देशों को नुकसान होगा।
  • Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) पूरी तरह से बेनामी नकदी(benami Cash) का पता लगाने में सक्षम नहीं होगी जैसे किसी गरीब आदमी के नाम पर दूसरे का पैसा कितना रखा है।
  • कालाबाजारी बड़े लोगों के लिये और आसान हो जायेगी।
  • यह भौतिक मुद्रा(Physical Currency) की तरह कहीं भी नहीं रखी जा सकती है, क्योंकि इसको रखने के लिये  Internet अनिवार्य हो जाता है।
  • Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) की हैकिंग की समस्या, क्योंकि हैकर्स ऑनलाइन वॉलेट से डिजिटल करेंसी चुरा सकते है

डिजिटल करेंसी कितने देशों में है? :- 2020 में बहामास की केन्द्रीय बैंक ने एक Digital Currency(डिजिटल करेंसी) जारी की थी।

चीन में राष्ट्रीय स्तर पर yuan का परीक्षण किया जा रहा है।

स्वीडन ने बैंक नोट को मुद्रा Supply का मात्र 1 प्रतिशत चलन की घोषणा की है।

अमेरिका द्वारा ‘स्टेबलकॉउन्स‘(Unit of Account)) जो कि एक निजी डिजिटल करेंसी है जिसे जारी किया गया है एवं आधिकारिक(Official) डिजिटल मुद्रा जारी करने की चर्चा चल रही है।

जापान अपनी डिजिटल मुद्रा को लांच करने में वर्ष 2026 तक समय ले सकता है।


Digital Currency के फायदे और नुकसान(भारत की डिजिटल मुद्रा कौन सी है)(e-rupee क्या है)

आगे की राह :-  सरकार को डिजिटल करेंसी को लागू करने के लिये जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए बल्कि बेहतर मूल्यांकन(Evaluation) के साथ उसका कार्यान्वयन(Implementation) किया जाना चाहिए।

सही ढंग से KYC मानदण्डों को अपनाना चाहिए यानी जो उपभोक्ता(Consumer) इस करेंसी को खरीद रहा है उसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

RBI की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है इसलिये RBI को अपनी कार्यप्रणाली(system) को दुरूस्त(Fix)  रखना होगा।

जिस तरह देश में डिजिटल को लेकर असमानता है यानी देश की एक बहुत बड़ी आबादी(गरीब, मजदूर आदि) के पास मोबाइल, डिजिटल से काफी दूर हैं 

और जो मोबाइल बगैरा रखते भी है तो इन्टरनेट मंहगा होने के कारण वे इसका उपयोग करने में विफल हो जाते हैं। 

इसलिये सरकार को डिजिटल करेंसी लांच करने से पहले इस आबादी को जो मोबाइल, डिजिटल से दूर हैं इनको डिजिटल से जोड़ना चाहिए ताकि डिजिटल असमानता को कम किया जा सके।  

डिजिटल करेंसी से संबंधित questions:

Q.क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? 
A. अभी भारत में बिटकॉइन लीगल नहीं है, भारत में आरबीआई द्वारा लांच डिजिटल करेंसी को लीगल माना जाता है, जोकि आरबीआई अपनी डिजिटल मुद्रा लॉच कर रहा है।

Q. बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है? 
A. बिटकॉइन को किसी भी देश की मुद्रा नहीं कहा जा सकता है, यह एक डिजिटल करेंसी है, जिसे किसी भी व्यक्ति द्वारा खरीदा या बेचा जा सकता है।


 

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