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केंद्रीय सतर्कता आयोग क्या है व केंद्रीय सतर्कता आयोग के कार्य : CVC kya hai

Central Vigilance Commission in hindi : हमारी सरकार से अपेक्षा रहती है कि वह पारदर्शिता से काम करे, यानी सरकार ऐसी हो, जो अच्छे से काम करे, ईमानदारी के साथ काम करे, उसमें भ्रष्टाचार ना हो, धांधली-घोटाले ना हो,

इसके लिए कई सारे प्रयत्न किए जाते हैं, कई सारे कानून बनाए जाते हैं, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कई सारी संस्थाएं/आयोग होते हैं जैसे:- सूचना का अधिकार, भ्र ष्टाचार निरोधक कानून, पारदर्शिता के लिए ई-गवर्नेंस, सीबीआई, लोकपाल आदि तथा इसमें केंद्रीय सतर्कता आयोग भी शामिल है| 

इसलिए आज हम जानेंगे कि केंद्रीय सतर्कता आयोग क्या है वह इसके काम क्या क्या है?।

केंद्रीय सतर्कता आयोग क्या है? :-  यह शीर्षस्थ सतर्कता संस्थान है जो किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी (यानी संसद या अन्य किसी प्राधिकारी) से मुक्त है क्योंकि सही से काम करने के लिए इसको मुक्त रखना बहुत जरूरी है।

केंद्रीय सतर्कता आयोग केंद्र सरकार में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक प्रमुख संस्था है यह केंद्र सरकार के अंतर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है एवं साथ ही केंद्रीय संगठनों में विभिन्न अधिकारियों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, निष्पादन करने, समीक्षा करने एवं सुधार करने के संबंध में सलाह देता है यानी इसका सभी काम सतर्कता गतिविधियों से संबंधित है।

सतर्कता क्या होता है?:-  विशेष रुप से जो कर्मचारी होते हैं और सामान्य रूप से जो संस्थान होते हैं उनकी दक्षता एवं प्रभावशीलता की प्राप्ति के लिए स्वच्छ तथा त्वरित प्रशासनिक कार्यवाही सुनिश्चित करना, जो हमें आउटपुट चाहिए उतना आउटपुट मिलना।

केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना कब हुई?:  इस संस्था की स्थापना 1964 में केंद्र सरकार द्वारा पारित एक प्रस्ताव के माध्यम से की गई, 

इसलिए यह है ना तो संवैधानिक संस्था थी और ना सांविधिक आयोग बल्कि इसका गठन संकल्प द्वारा संथानम समिति की सिफारिश पर किया गया जिसे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाया गया था| 

केंद्रीय सतर्कता आयोग को संवैधानिक दर्जा कब प्राप्त हुआ ? : -  शुरुआत में केंद्रीय सतर्कता आयोग ना तो संवैधानिक संस्था थी ना ही सांविधिक संस्था थी लेकिन सितंबर 2003 में संसद द्वारा एक अधिनियम पारित कर इसे सांविधिक दर्जा प्रदान किया गया यानी सांविधिक संस्था का मतलब है संसद द्वारा कानून पारित करके बनाई गई हो।


केंद्रीय सतर्कता आयोग  क्या है व केंद्रीय सतर्कता आयोग के कार्य(CVC kya hai, Central Vigilance Commission in hindi)


केंद्रीय सतर्कता आयोग की संरचना(केंद्रीय सतर्कता आयोग में कितने सदस्य होते हैं ?) :-  केंद्रीय सतर्कता आयोग एक बहु सदस्य संस्था है जिसमें एक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त होते हैं एवं दो या दो से कम सतर्कता आयुक्त होते हैं।

केंद्रीय सतर्कता आयोग के सदस्यों का कार्यकाल कितना होता है(सी वी सी का कार्यकाल कितना होता है ?):- केंद्रीय सतर्कता आयोग सदस्यों का कार्यकाल 4 वर्ष या 65 वर्षों तक होता है लेकिन ये कार्यकाल के बाद केंद्र सरकार या राज्य सरकार के किसी भी पद के योग्य नहीं होते हैं यानी इनका एक बार कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह केंद्र राज्य सरकार के किसी भी पद पर नहीं जा सकते हैं।

केंद्रीय सतर्कता आयोग के सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है ? :- एक समिति बनती है जिसमें 

प्रधानमंत्री, 

प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत एक केंद्रीय मंत्री, 

लोकसभा में विपक्ष का नेता शामिल होते हैं| 

इस समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

केंद्रीय सतर्कता आयोग के कार्य :- 

  • केंद्रीय सतर्कता आयोग का अपना सचिवालय, मुख्य तकनीकी परीक्षक शाखा तथा विभागीय जांच के लिए आयुक्तों की एक शाखा(CDI) होगी, इनके साथ मिलकर केंद्रीय सतर्कता आयोग काम करता है।
  • केंद्र सरकार द्वारा दिए गए निर्देश पर किसी विषय की जांच करना जिसमें केंद्र सरकार या इसके प्राधिकरण के किसी कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत कोई अपराध किया हो।
  • भारत सरकार द्वारा ग्रुप ए केअधिकारी एवं अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी तथा केंद्र सरकार के प्राधिकरणों के अधिकारी आदि के संबंध में किसी भी शिकायत की जांच करना जिन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत किसी अपराध का आरोप हो।
  • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत अपराधों की जांच से संबंधित दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना(DSPE या सीबीआई ) के कामकाज की देखरेख करना एवं निर्देश देना।
  • इस संबंध में दिल्ली विशेष पुलिस द्वारा की गई जांच की समीक्षा करना यानी केंद्रीय सतर्कता आयोग खुद जांच ना करके जांच कराता है| 
  • केंद्र सरकार व उसके प्राधिकरणों को ऐसे किसी मामले में सलाह देना|  
  • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा चलाने हेतु संबंधित प्राधिकरणों को दिए गए लंबित प्रार्थना पत्रों की समीक्षा करना,
  • लोकहित उद्घाटन(भ्रष्टाचार के मामलों को बताना) तथा सूचक की सुरक्षा (जो सूचना देता है उसकी सुरक्षा करना) से संबंधित संकल्प के अंतर्गत प्राप्त शिकायतों की जांच करना तथा आयुक्त कार्यवाही की सिफारिश करना यानी जो सूचना दे रहा है उसकी सुरक्षा करना।
  • केंद्र सरकार केंद्रीय सेवाओं वह अखिल भारतीय सेवाओं से संबंधित सतर्कता एवं अनुशासनिक मामलों में नियम - विनियम बनाने के लिए आयोग से सलाह लेगी।
  • यदि लोकपाल द्वारा समूह ए बी सी और डी के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध शिकायत भेजी जाती है तो केंद्रीय सतर्कता आयोग शिकायतों की प्राथमिकता की जांच कराने की शक्ति रखता है,
  • यानी आयोग जांच की रिपोर्ट लोकपाल को देता है| 

केंद्रीय सतर्कता आयोग का अधिकार क्षेत्र क्या है? :- अखिल भारतीय सेवा (आईएएस, आईपीएस आई एफ ओ एस) के सदस्य जो संघ सरकार(ना कि राज्य सरकार) के मामलों से संबंधित हैं या केंद्र सरकार के ग्रुप ए के अधिकारी,

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों केस्केल 5 से ऊपर के अधिकारी,

आरबीआई, नाबार्ड एवं सिडवी के ग्रेड डी और इससे ऊपर के अधिकारीआदि इसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं | 


केंद्रीय सतर्कता आयोग  क्या है व केंद्रीय सतर्कता आयोग के कार्य(CVC kya hai, Central Vigilance Commission in hindi)


आयोग की कार्यप्रणाली :-  आयोग के पास सिविल कोर्ट जैसी सभी शक्तियां प्राप्त हैं, इसका चरित्र भी न्यायिक है तथा यह केंद्र सरकार और उसके प्राधिकरणों से किसी भी जानकारियां या रिपोर्ट की मांग कर सकता है ताकि वहां उसके सतर्कता और भ्रष्टाचार रहित कार्यों पर नजर रख सकें 

सिविल कोर्ट क्या है?:-  संस्था/आयोग दंड नहीं दे सकता लेकिन 

शपथ पत्र पर हस्ताक्षर ले सकता है, 

किसी को हाजिर होने के लिए समन भेज सकता है, 

किसी कार्यालय से कोई दस्तावेज मंगा सकता है आदि कार्य कर सकता है | 

आयोग अपने निर्देश पर किसी जांच एजेंसी द्वारा की गई जांच रिपोर्ट को प्राप्त करने के बाद सरकार या इसके प्राधिकरण को आगे की कार्यवाही करने की सलाह दे सकता है, 

केंद्र सरकार केंद्रीय सतर्कता आयोग की सलाह पर विचार कर अवश्य कदम उठाती है यदि केंद्र सरकार इसकी सलाह से सहमत ना हो तो उसे लिखित रूप में इसके कारणों को केंद्रीय सतर्कता आयोग को बताना होता है इसलिए केंद्रीय सतर्कता आयोग की भूमिका सलाहकार के रूप में है| 

आयोग अपनी वार्षिक कार्यकलापों की रिपोर्ट राष्ट्रपति को देता है जिसे राष्ट्रपति द्वारा संसद के प्रत्येक सदन में प्रस्तुत की जाती है।

मुख्य सतर्कता अधिकारी(CVO) कौन होता है :-   केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभाग में एक मुख्य सतर्कता अधिकारी होता है जोकि संबंधित संगठन के सतर्कता प्रभाग का प्रमुख होता है तथा सतर्कता से संबंधित सभी मामलों में सहायता व सलाह देता है क्योंकि हर मंत्रालय और विभाग में केंद्रीय सतर्कता आयोग तो नहीं जा पाएंगे इसलिए हर मंत्रालय व विभाग में एक मुख्य सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति की जाती है

मुख्य सतर्कता अधिकारी अपनी संस्था के कर्मचारियों द्वारा भ्रष्ट आचरण से संबंधित सूचना एकत्रित करता है तथा उसको दिए गए मामले का सत्यापन व आरोपों का अनुसंधान करता है जरूरत हो तो केंद्रीय सतर्कता आयोग को सलाह के लिए मामले संदर्भित करता है

यानी मुख्य सतर्कता अधिकारी अपनी संस्था के कर्मचारियों के भ्रष्ट आचरण से संबंधित सूचना इकट्ठा करता है और उनकी जांच करता है और यदि जरूरत पड़ती है तो इस मामले को केंद्रीय सतर्कता आयोग को भेज देता है।

केंद्रीय सतर्कता आयोग में क्या कमियां है? :-  इसे अक्सर शक्तिहीन एजेंसी माना जाता है क्योंकि इसे सलाहकार निकाय  के रूप में देखा जाता है जिसके पास सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करने की शक्ति नहीं है,  ना ही इसके पास संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के अधिकारियों के विरुद्ध जांच के लिए सीबीआई को निर्देश देने की शक्ति है 

वैसे तो केंद्रीय सतर्कता आयोग अपने कार्यकलाप में अपेक्षाकृत स्वतंत्र है लेकिन इसके पास संसाधनों की कमी है और ना ही भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करने की शक्ति है | 

आगे की राह :-  भारत में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए कई संस्थाएं हैं लेकिन आज भी धांधली, भ्रष्टाचार आदि का स्तर काफी ऊंचा है इसलिए हमें और अधिक संस्थाओं की जरूरत नहीं है बल्कि जो संस्थाएं विद्यमान है उनको पर्याप्त शक्ति देने की आवश्यकता है इसलिए हमें ज्यादा कानून बनाने की जरूरत नहीं है बल्कि उनको सही ढंग से लागू करने पर ध्यान दिया जाए।


Questions and Answer 

Q. केंद्रीय सतर्कता आयोग के वर्तमान अध्यक्ष कौन है ? :- केंद्रीय सतर्कता आयोग के केंद्रीय सतर्कता आयुक्त सुरेश एन पटेल है |
 
Q. केंद्रीय सतर्कता आयोग का स्लोगन क्या  है? :- "अब और नहीं सहना है, भष्टाचार उजागर करने में, सबसे आगे रहना है।

Q. केंद्रीय सतर्कता आयोग में शिकायत कैसे करे ? :- आप केंद्रीय सूचना आयोग में अपनी प्रारूपित शिकायत ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी शिकायत संख्या बतानी होगी जो शिकायत प्रारूपित एवं डेटाबेस में संचित करने के बाद दी जाती है। आप केंद्रीय सूचना आयोग में तभी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं जब सूचना के अधिकार के अंतर्गत आपको सूचना प्रदान नहीं की गयी हो।


RTI File के लिए click 

 

CVC Complaint Click 


Q. केंद्रीय सतर्कता आयोग का मुख्यालय कहाँ है ? :-  केंद्रीय सतर्कता आयोग का मुख्यालय दिल्ली में है | 


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