पेरिस में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में यूनेस्को के कार्यकारी उपाध्यक्ष पद के लिये पाकिस्तान को चुना गया है, क्योंकि कार्यकारी बोर्ड के उपाध्यक्ष की संचालन में काफी भूमिका होती है,
इसमें कुल 58 वोट थे, जिसमें से 38 ने पाकिस्तान को वोट दिया और भारत को 18 ने वोट दिया, जिससे पाकिस्तान 2023 से 2025 तक उपाध्यक्ष पद पर रहेगा।
भारत द्वारा यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र की मेजबानी की जायेगी, इस समिति की बैठक का आयोजन जूलाई, 2024 में दिल्ली में होगा,
इस आयोजन द्वारा दिल्ली की पहचान सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण पर वैश्विक चर्चा के केन्द्र के रूप में रखा जा सकता है साथ ही यह भारत की विश्व मंच पर समृद्व सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी प्रदान करता है।
विश्व धरोहर समिति- यह संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन(यूनेस्को) की एक समिति है, जिसकी स्थापना 1972 में यूनेस्को के 17वे सत्र में की गयी थी।
हाल ही में भारत के तीन स्थलों को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन(यूनेस्को) द्वारा विश्व विरासत स्थलों की अस्थाई सूची में शामिल किया गया है-
1. गुजरात का वडनगर शहर,
2. मोढेरा का सूर्य मंदिर,
3. त्रिपुरा में उनाकोटी की चटटानों को काटकर बनाई की मूर्तियां।
गुजरात का वडनगर शहर :- यह गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित है, इस शहर का उल्लेख चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने भी किया|
वडनगर की तुलना मथुरा, उज्जैन और वाराणसी के ऐतिहासिक लिविंग सिटी से की जाती है। वडनगर अपने बौद्व स्थलों, तोरणों के लिये जाना जाता हैं।
मोढेरा का सूर्य मंदिर :- मोढेरा सूर्य देव को समर्पित एक सूर्य मंदिर है। इसका निर्माण 1026-27 में चालुक्य वंश के भीम प्रथम के शासनकाल के दौरान किया गया था।
कुंड के तीन किनारों पर तीन मंदिर, जो भगवान गणेश, विष्णु और शिव को समर्पित है। यहां भगवान शिव की एक छवि तांडव नृत्य कर रही है।
त्रिपुरा में उनाकोटी की चटटानों को काटकर बनाई की मूर्तियां
यूनेस्को क्या है
UNESCO full form - United nation educational scientific and cultural organization
UNESCO full form in hindi : - संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन :
जब द्वितीय विश्व युद्व हो रहा था, उस वक्त विश्व दो गुटों में बंटा हुआ था, एक मित्र राष्ट्र गुट(जिसमें ब्रिटेन, अमेरिका, रूस, फ्रांस शामिल है) व दूसरा धु्रवी राष्ट्र(जिसमें जर्मनी और उसके सहयोगी देश शामिल है। मित्र राष्ट्र की Conference of Allied Ministers of Education-CAME हुई जिसमें एक प्रस्ताव रखा गया,
इसको वास्तविक देने के लिये, यूएन की एक कन्फ्रेन्स लंदन में बुलाई गई, इसमें 44 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, यह मीटिंग समाप्त होने के बाद 37 देशों ने यूनेस्को की स्थापना की, फिर इसमें और सदस्य जुड़ते गये। यूनेस्को एक संयुक्त राष्ट्र संघ की एक इकाई है।
इसको इस उद्देश्य से स्थापना की गयी है जो हमारी कल्चर है, शिक्षा है, उसका प्रचार करना। और साथ ही हमारे अन्तर्राष्ट्रीय संबंधों में शांति को बढ़ावा देना। इसमें हर दो साल में एक सामान्य सभा होती है, जिसमें सभी सदस्य देश इसमें शामिल होते है,
इस सभा में ही यूनेस्को यह निर्णय करता है, कि कौन सी सूची इसमें शामिल हो मतलब कौन से स्थान शामिल हो, जिसके बाद सूची जारी होती है, इस सूची में चार चीजों को शामिल किया जाता है-
1. विश्व विरासत,
2. अमूर्त धरोहर,
3. क्रिएटिव नेटवर्क सिटी,
4. MBA प्रोग्राम -जिसकी फुल फॉर्म होती है -Man and Biosphere Proramme इस प्रोग्राम में 2000 में भारत भी शामिल हुआ, वैसे इसकी शुरआत की गयी 1971 में इसका उद्देश्य यह था कि जो मानव और बायोस्फेयर क्षेत्र हैं उनमें संतुलन स्थापित करना।
विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा किसी विशेष स्थान को चुना जाता है और फिर उसे यूनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित कर दिया जाता है एवं इस समिति द्वारा इन स्थलों की देखरेख की जाती है।
यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र की विशेषीकृत संस्था है संयुक्त राष्ट्र की स्थापना द्वितीय विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि के अनुसार की गई थी कि किस प्रकार से दुनिया में वैश्विक शांति स्थापित की जाए यानी इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को बनाए रखना है।
इसी को ध्यान में रखते हुए ऐसा विचार किया गया कि एक संस्था ऐसी होनी चाहिए जो शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं संस्कृति हितों को ध्यान में रख सके,
क्योंकि दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए शिक्षा, वैज्ञानिक पद्धति व सांस्कृतिक की भूमिका अहम हो सकती है।
यूनेस्को में विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत 1972 के संरक्षण के संबंध में कन्वेंशन के तहत स्थलों को उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य के रूप में नामित किया जाता है। इस कन्वेशन के संचालन के लिये एक सचिवालय कार्य करता है।
यूनेस्को की स्थापना कब हुई ?:- इसकी स्थापना की प्रक्रिया 16 नवंबर 1945(लंदन सम्मेलन) से शुरू होकर 4 नवंबर, 1946 तक चलती है। अतः इसकी स्थापना 4 नवंबर, 1946 को हुई है |
यूनेस्को का उद्देश्य क्या है ? :- यूनेस्को का मुख्य उद्देश्य दुनिया में शांति स्थापित करने के प्रयासों को बढ़ावा देना है यानी शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक सहयोग से अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा की स्थापना करना है।
यूनेस्कों का उददेश्य ऐसे स्थानों को चुनना व संरक्षित करना है जो विश्व संस्कृति की दृष्टि से मानवता के लिये महत्वपूर्ण है।
प्रत्येक को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराना यानी शिक्षा की पहूंच सुनिश्चित करना।
यूनेस्को द्वारा धरोहर स्थलों को संरक्षित करने और सांस्कृतिक विविधता का समर्थन करने का प्रयास किया जाता है।
यूनेस्को मानवाधिकार, समानता, न्याय को बढ़ावा देता है और इनका संरक्षण करता है।
इसके अलावा यह अपने उददेश्यों को पूरा करने के लिये सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों के साथ सहयोग करता है।
यूनेस्को का मुख्य मंत्र :- "युद्ध मनुष्य के मस्तिष्क से शुरू होता है अतः इसको रोकने के प्रयास भी मनुष्य के मस्तिष्क से होने चाहिए।"
यूनेस्को का मुख्यालय कहां पर है :- यूनेस्को का मुख्यालय (पेरिस) फ्रांस में है।
यूनेस्को में कितने देश हैं ? :- जब इस संगठन की स्थापना हुई उस वक्त इसके सदस्यों की संख्या 37 थी तथा वर्तमान में इसके सदस्यों की संख्या 195 जिसमें 2 पर्यवेक्षक और 11 सहयोगी देश हैं।
वर्ष 2017 में अमेरिका और इजरायल ने यूनेस्को की सदस्यता छोड़ने का फैसला लिया जो अब इसकी संख्या 193 हो गई।
यूनेस्को के प्राथमिक क्षेत्र कौन से हैं :-
लैंगिक समानता (Gender Equality)
अफ्रीका महाद्वीप।
लैंगिक समानता :- पुरुष और महिला में जैविक आधार पर कई असमानताएं तो हो सकती है लेकिन जो सामाजिक और सांस्कृतिक असमानताएं हैं उसको दूर करना है।
अफ्रीका महाद्वीप: अफ्रीका महाद्वीप एक ऐसा महाद्वीप है जो प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है,
लेकिन यह आज भी मानवीय संसाधनों की दृष्टिकोण से बहुत ज्यादा पिछड़ा हुआ है तथा अफ़्रीक में गृह युद्ध चल रहे हैं जो अंतरराष्ट्रीय शांति को खतरा हो सकते हैं।
यूनेस्को के कार्य (प्राथमिक समूह) :-
- स्थानीय लोग,
- युवा,
- छोटे द्वीपीय क्षेत्र,
- विकासशील देश,
- अल्प वकसित देश
- शिक्षा,
- तकनीक,
- संरक्षण,
स्थानीय लोग:- बहुत सी जनजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं जैसे- अंडमान निकोबार दीप समूह पर सेंटिनल जनजाति विलुप्त होने की कगार पर है जो मानव जाति के लिए खतरे का संकेत है, यूनेस्को इसको रोकने का प्रयास करेगा | यह स्थानीय लोग किसी भी देश के हो सकते हैं।
युवा :- क्योंकि युवा शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बचाने में अहम भूमिका अदा कर सकता है।
छोटे द्वीपीय क्षेत्र :- जो छोटे दीप हैं उनके शैक्षणिक, वैज्ञानिक व सांस्कृतिक मूल्यों के साथ उनके जीवन को भी बचाना बहुत जरूरी है।
विकासशील देश :- जो देश विकास की गति तेज करने में लगे हैं।
अल्प वकसित देश :- जो विकसित नहीं है।
शिक्षा : - शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए व सबको गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए यूनेस्को कई कार्यक्रम और नीतियां चलाता है, ताकि सबको शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित हो सके।
तकनीक : - यूनेस्को वैज्ञानिक विभाग, रिसर्च केंद्रों और वैज्ञानिकों के बीच सहयोग प्रदान करते हैं और रिसर्च, वैज्ञानिक मानकों के विकास को प्रोत्साहित करता है।
सांस्कृतिक विरासत :- ऐसी कोई भी चीज जो संस्कृति को बढ़ावा देती है जैसे ताज महल, लाल किला आदि
प्राकृतिक विरासत :- ऐसी प्राकृतिक विरासत जिस को बचाना बहुत जरूरी है जैसे कंचनजंगा।
मिश्रित विरासत :- ऐसी विरासत जो प्राकृतिक भी हो और सांस्कृतिक भी जैसे- कंचनजंगा, कंचनजंगा प्राकृतिक विरासत तो है ही साथ ही यह जैव विविधता के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
किस चीज को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जाता है :- वह चीज जो विश्व मानवता की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो जिसमें किसी जगह, राष्ट्रीय पार्क, किस शहर, किसी इमारत, किसी संस्कृति आदि को विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया जा सकता है।
यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल समिति (यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज कन्वेंशन, 1972) द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित होते हैं इस समिति में 21 सदस्य होते हैं जिनका चुनाव 4 साल के लिए जनरल असेंबली द्वारा किया जाता है।
विश्व विरासत स्थल कैसे घोषित होते है :- जैसे मान लेते हैं भारत को अपने किसी स्थान को विश्व विरासत सूची में शामिल कराना है तो भारत इस स्थान को सिफारिश करेगा,
फिर यह सिफारिश एक या दो कमेटी में जाती है जिसके बाद यह सिफारिश यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल समिति के पास जाती हैं फिर यह समिति उस स्थान को विश्व विरासत स्थल घोषित करती है और यह सब यूनेस्को की विश्व विरासत सम्मेलन, 1972 द्वारा किया जाता है।
43 वां सम्मेलन 2019 में अजरबैजान में हुआ जिसमें जयपुर को विश्व विरासत स्थल में घोषित किया गया|
जिन साइट्स को सूचीबद्ध किया गया है वह विश्व धरोहर निधि से धन प्राप्त कर सकती हैं
विश्व विरासत स्थल दिवस कब मनाया जाता है? :- 18 अप्रैल को विश्व विरासत स्थल दिवस मनाया जाता है |
भारत का पहला विश्व विरासत स्थल कौन सा है - ताजमहल, आगरा का किला, एलोरा की गुफा, अजंता की गुफा इन चारों को 1983 में घोषित किया गया
भारत का पहला प्राकृतिक विश्व विरासत स्थल कौन सा है :- काजीरंगा नेशनल पार्क 1985, केवलादेव नेशनल पार्क 1985
यूनेस्को ने भारत की 40 साइटों को विश्व विरासत स्थलों में शामिल किया है, जो निम्न हैं :-
- ताज महल (1983 )
- अजंता की गुफाएँ (1983 )
- एलोरा की गुफाएँ (1983 )
- आगरा का किला (1983 )
- महाबलीपुरम में स्मारकों का समूह
- सूर्य मंदिर, कोणार्क
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
- मानस वन्यजीव अभयारण्य
- गोवा के चर्च और कांवेंट्स
- फतेहपुर सीकरी
- हम्पी में स्मारकों का समूह
- खजुराहो समूह स्मारक
- एलीफेंटा गुफाएँ
- महान जीवित चोल मंदिर
- पट्टाडकल में स्मारकों का समूह
- सुंदरबन नेशनल पार्क
- नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- सांची में बौद्ध स्मारक
- हुमायूँ का मकबरा, दिल्ली
- कुतुब मीनार और इसके स्मारक, दिल्ली
- भारत का पर्वतीय रेलवे
- बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर
- भीमबेटका के रॉक शेल्टर
- चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क
- छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस
- लाल किला परिसर
- जंतर मंतर, जयपुर
- पश्चिमी घाट
- राजस्थान के पहाड़ी किले
- महान हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान संरक्षण क्षेत्र
- गुजरात के पाटन में रानी-की-वाव
- बिहार के नालंदा में नालंदा महाविहार का पुरातात्विक स्थल
- खंगचेंडज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यान
- आधुनिक आंदोलन के लिए एक उत्कृष्ट योगदान, ली कोर्बुसिएर का वास्तुशिल्प कार्य
- ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद
- विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको एन्सेम्बल मुंबई
- जयपुर शहर, राजस्थान
- धोलावीरा: एक हड़प्पा शहर
- काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर, तेलंगाना(2021)
भारत में यूनेस्को द्वारा कुल मान्यता प्राप्त 40 विश्व विरासत स्थल घोषित किये गये है जिनमें से 32 को सांस्कृतिक, 7 स्थलों को प्राकृतिक और 1 स्थल को मिश्रित श्रेणी में रखा गया है।
यूनेस्को का इतिहास :
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद unesco स्थापना की प्रक्रिया 16 नवंबर 1945(लंदन सम्मेलन) से शुरू होकर 4 नवंबर, 1946 तक चलती है। अतः इसकी स्थापना 4 नवंबर, 1946 को हुई है |
यूनेस्को द्वारा साल 1972 में अपनाई गई विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण से संबंधित कन्वेंशन नामक एक अन्तर्राष्ट्रीय संधि द्वारा इसको बनाया गया था ।
समिति द्वारा विशेष स्थलों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है और विश्व समुदाय द्वारा ऐसे स्थलों की संरक्षण की जिम्मेदारी होती है।
यूनेस्को द्वारा जो स्थान विश्व विरासत स्थल घोषित किया जाता है तो ऐसा स्थान सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील माना जाता हैं जिसके लिये इसे कानूनी संरक्षण की गारंटी दी जाती है।
भारत में सबसे पहले 1983 में निम्न 4 स्थलों को विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया जैसे-
- अजंता की गुफाएं,
- एलोरा की गुफाएं,
- ताजमहल,
- आगरा का किला।
भारत के प्रमुख विश्व विरासत स्थल कौन से हैं :-
अजंता की गुफाएं 1983 :- यह औरंगाबाद(महाराष्ट्र) में है यह गुफा मुख्य रूप से बौद्ध गुफ़ायें जिसमें बौद्ध धर्म की कलाकृतियां हैं इनको पाव का निर्माण दो चरणों में हुआ पहला सातवाहन द्वारा वह दूसरा वाकाटक वंश के राजाओं द्वारा निर्माण किया गया
एलोरा की गुफाएं 1983 :- यह औरंगाबाद महाराष्ट्र में है इसमें हिंदू धर्म जैन धर्म से संबंधित स्मारकों की विशेषता और कलाकृति मिलती है
एलिफेंटा की गुफाएं 1987 :- यह गुफाएं अरब सागर में स्थित एलिफेंटा द्वीप पर स्थित है इनका संबंध हिंदू और बौद्ध से है
हंपी 1986 :- यह कर्नाटक के तुम भद्रा नदी पर स्थित एक विशाल मंदिर है इसमें एक मंदिर विरुपाक्ष मंदिर है जो विजय नगर साम्राज्य से संबंधित है
कोणार्क सूर्य मंदिर 1984 :- राज्य में स्थित है स्थिति में शामिल किया गया आठवीं शताब्दी के द्वारा बनाया गया था।
केवला देव नेशनल पार्क, 1985:- यह राजस्थान में स्थित है इसे पहले भरतपुर वर्ड सेंक्चुरी के नाम से जाना जाता था, इसे 1985 में शामिल किया गया|
चोल मंदिर, 1987 : - चोल मंदिर का निर्माण चोल साम्राज्य के दौरान हुआ इसे 1987 में घोषित किया गया है |
जब किसी संवेदनशील स्थान को विश्व विरासत स्थल घोषित किया जाता है तो उसके बचाव और संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किये जाते हैं।
इन स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलता है साथ ही वहां के स्थानीय व्यक्तियों को आर्थिक विकास में योगदान बढ़ता है और उस विशेष क्षेत्र में बुनियादी ढांचे एवं आर्थिक अवसंरचना के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।
उस स्थान की राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि वैश्विक स्थल पर पर विशेष पहचान बनती है।
ऐसे स्थानों को सरकार, निजी क्षेत्र और गैर सरकारी संस्थाओं के सामूहिक प्रयास से बेहतर ढंग से संरक्षित किया जाता है।
यूनेस्को(UNESCO) के बारे में कुछ मुख्य बिंदु :-
A . 2019 में भारत में कुल 38 धरोहर को विश्व विरासत की सूची में शामिल किया गया, जिसमें 30 सांस्कृतिक और 7 प्राकृतिक व एक मिश्रित थी तथा वर्तमान में भारत में 40 विश्व विरासत स्थल हैं |
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