Bonds or Mutual Funds: भारतीय वित्तीय बाजार में एक नए निवेशक यह समझना मुश्किल है कि बॉन्ड बेहतर है या म्यूचुअल फंड। सभी इन्वेस्टरअपना पैसा तो एक सही जगह पर जमा करना चाहते हैं जहां से उन्हें अच्छा रिटर्न मिले, परन्तु उन्हें समझ नहीं आता कहाँ ? इसमें कोई दो रह नहीं है कि म्यूचुअल फंड और बांड दोनों ही अच्छा रिटर्न देते हैं परंतु लोगों को यह समझने में परेशानी होती है कि बॉन्ड या म्यूचुअल फंड उन्हें किस में ज्यादा फायदा होगा। बॉन्ड और म्युचुअल फंड दोनों अलग ही तरीके से काम करते हैं और दोनों में आपकोअच्छा रिटर्न मिलता है। चलिए समझते है बांड और म्यूच्यूअल फण्ड क्या है और एक दूसरे से अलग कैसे है और जायदा फायदेमंद क्या है ?
Difference Between Bonds or Mutual Funds
बांड और म्यूच्यूअल फण्ड में सबसे बड़ा अंतर यह है कि बांड में आप अपना पैसा किसी कम्पनी, सरकार या निगम को एक निश्चित ब्याज पर पैसा उधार दे रहे है जहाँ से आपको इनकम होती है और म्यूच्यूअल फण्ड में आप अपना पैसा किसी फण्ड मैनेजर को दे रहे है जो आपके पैसो को शेयर मार्किट, गोल्ड, रियल एस्टेट, बांड्स हर जगह निवेश करते है जिससे अच्छा return मिलता है।
Bonds
Bond एक debt instrument है, बांड को आप सिंपल भाषा में ऐसे समझ सकते है कि आप किसी को बॉन्ड के बदले पैसा उधार दे रहे है एक fix interest पर यह interest rate आपको बैंक की FD से ज्यादा मिलता है। और आपको बता दे कि जैसे FD में आप 3 साल या 5 की Fixed Deposit करते है वैसे यहां पर एक Maturity period होता इसी के बाद आपको आपका मूलधन (पैसा ) वापस मिलता है परन्तु आपको हर महीने आपका ब्याज मिलता रहता है।
बांड किसी को सरकार, कॉर्पोरेट ( निगम), आदि के द्वारा जारी किया जाता है। सबसे अच्छे बॉन्ड सरकार और बड़ी बड़ी कम्पनी को ही माना जाता है क्योकि यहाँ आपका पैसा डूबने की आशंका बहुत कम होती है। जारीकर्ता एक सिमित समय के लिए बांड जारी करता है और आपको उसके बदले एक fixed rate पर ब्याज देता है। आपका समय पूरा होने पर आपको पैसा वापस दे दिया जाता है।
Mutual Fund
म्युचुअल फंड में आप का पैसाआपके जैसे बहुत से लोगों का पैसा इकट्ठा होता है जिसे म्युचुअल फंड मैनेजरइस पेज को मैनेज करता है औरअपनी सोच समझ से जांच पड़ताल करके share market, bond, debt fund, real estate, gold जैसी जगह पर निवेश करता है जहां से एक अच्छा रिटर्न मिलता है।
एक आम आदमी के लिए म्यूचुअल फंड को समझना थोड़ा पेचीदा हो सकता है क्योंकि म्युचुअल फंड में पैसा निवेश करने से लंबे समय में आपका पैसा डबल से भी अधिक गुना बढ़ जाता है यह सुनकर आम आदमी इन सभी बातों पर विश्वास नहीं करता। यदि आप हर महीने 1000 रूपये जमा करते है तो आपको 40 साल में 1 करोड़ रूपये से अधिक का return मिल सकता है।
Bond Mein Coupon Kya Hai | बांड में कूपन क्या होते हैं?
कूपन को आप ऐसे समझ सकते है जब कोई कम्पनी एक बॉन्ड जारी करती है तो उसका एक कूपन होता है यानि की सालना इंटरेस्ट रेट। जिसे face value के रूप में व्यक्त किया जाता है। कूपन को आमतौर पर कूपन दर (एक वर्ष में भुगतान की गई कूपन की राशि को संबंधित बांड के अंकित मूल्य से विभाजित करके) के संदर्भ में संदर्भित किया जाता है।
Face Value Kya Hota Hai
जब कोई कम्पनी बॉन्ड जारी करती है तो उसकी एक कीमत होती है उसे face value कहते है। जैसे "abc" कम्पनी को मार्किट से पैसा उठाना है तो वह बांड जारी करती है और उसके बांड का प्राइस 1000 रूपये है और इसका maturity time 5 साल है। इस 1000 रूपये के प्राइस को face value कहा जायेगा।
आप इसे बांड का प्राइस भी कह सकते है परन्तु इसे professionallly facevalue ही कहा जाता है इसका भी एक कारण है क्योकि bond की कीमत कम जाता भी हो जाती है। परन्तु जब कोई कम्पनी bond जारी करती है तो उसकी कीमत को facevalue कहा जायेगा क्योकि उसकी value कम्पनी ने तय की है।
Advantages and disadvantages of bonds
हर किसी चीज के फायदे और नुकसान होते हैं उसी तरीके से बंद के फायदे और नुकसान है परंतु यहां पर आपको ज्यादा नुकसान नहीं है। चलिए समझते हैं बंद में आपको क्या फायदे और नुकसान है।
Advantages
- यदि आप एक जोखिम मुक्त निवेश करना चाहते हैं तो बॉन्ड इसके लिए 100%अच्छे हैं।
- बॉन्ड में आपको फिक्स 9 से 10% का सालाना ब्याज मिलता है जो की FD से ज्यादा है।
- बॉन्ड में आपका पैसा सरकार या बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों के पास निवेश होता है जहां पर आपका पैसा 100% सुरक्षित होता है।
- ये शेयर बाज़ार यह म्युचुअल फंड की तरह अस्थिर नहीं हैं और जोखिम मुफ़्त हैं।
- जब स्टॉक मार्केट नीचे जा रही होती है उसे समय में भी बंद अच्छा पैसा बना रहे होते हैं।
Disadvantages
- यहां पर आपको एक समय सीमा मिलती है उसी के बाद आप अपना पैसा निकाल सकते हैं
- यदि आप अपने बंद को बेचना भी चाहे तो भी आप नहीं बेच सकते क्योकि बांड खरीदने वाले बहुत कम मिलेंगे।
- महंगाई के कारण आपको बॉन्ड में नुकसान उठाना पड़ सकता है. उदाहरण के लिए, आपको प्रति ब्याज 10% ब्याज दर मिल रही है। अगर महंगाई 12 फीसदी पर आ जाती है तो आपको इस पर नुकसान हो सकता है क्योंकि आपको 10 फीसदी पर ही ब्याज मिलेगा।
- बांड में आपको म्यूचुअल फंड स्कीम इंटरेस्ट रेट मिलता है।
Bond को कैसे खरीदें
बॉन्ड खरीदने के लिए आप किसी भी ऐप से डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं और वहां से बंद खरीद सकते हैं। जिस तरीके से आप बंद या म्यूचुअल फंड या फिर शेयर बाजार में निवेश करते हैं उसी तरीके से आप बंद भी खरीद सकते हैं। आप अपना पैसा एक निश्चित समय के लिए किसी को उधार दे सकते हैं और उसके बदले आप एक निश्चित ब्याज ले सकते हैं जो की सबसे आसान और जो की मुक्ति है।
निष्कर्ष
हम आशा करते हैं कि आपको बंद और म्युचुअल फंड के बारे में इस लेख के जरिए पूरी जानकारी मिल गई होगी। यदि आप एक ऐसी जगह इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं जो की फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा हो परंतु उसमें म्युचुअल फंड की तरह कम जोखिम हो या ना के बराबर जोखिम हो तो आप बंद की तरफ जा सकते हैं। यदि आप बंद से अधिक रिटर्न पाना चाहते हैं तो फिर आप म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में आप हर महीने छोटे से अमाउंट से शुरुआत कर सकते हैं और लंबे समय में बहुत अच्छा अधिक रिटर्न का सकते हैं जो कि बंद से काफी ज्यादा होता है।
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