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सभी 17 सतत विकास लक्ष्यों(SDGs) की सूची : SDG goals in hindi

 हम इंसानों ने देश के समाज को आगे बढ़ने का जो पैमाना तय किया है वह है - विकास | 

और हमने यह माना हुआ है कि विकास से ही मानव जाति का उत्थान होगा व इसी तरह होती है "विकास की खोज।"

लेकिन यह विकास किस पैमाने पर हो रहा है इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

जिस तरह से इस विकास को पाने के लिए हमने औधोगिकरण को अपनाया है तथा उसका खामियाजा आज हमारा पर्यावरण भुगत रहा है | 

जब हमें ईधन के लिए पानी, लकड़ी, बिजली आदि की कमी दिखने लगी तब हमें एहसास हुआ कि प्राकृतिक संसाधन सीमित है और हमें यह डर लगने लगा कि कहीं यह प्राकृतिक संसाधन एक दिन खत्म ना हो जाए और कहीं हमारी आर्थिक व उत्पादन प्रणाली बंद ना हो जाए।

जब इंसान का वजूद खतरे में आने लगा तो हमें जरूरत हुई ऐसे मॉडल की जो प्राकृतिक की सहनशक्ति के मुताबिक हो और यहीं से शुरू हुई "सतत विकास" की शुरुआत।

ब्रंटलैंड आयोग ने 1987 में "हमारा साझा भविष्य" नामक रिपोर्ट में सतत विकास की परिभाषा दी।

"जिसके अनुसार सतत विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जो मौजूदा पीढ़ियों की जरूरतों के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को भी ध्यान में रखती है" 

यानी विकास की एक ऐसी स्थिति जो हमेशा के लिए बनी रहे|  सतत विकास केवल पर्यावरण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह इससे कहीं ज्यादा व्यापक है | 

यह विभिन्न समुदायों की अनेकों जरूरतों को पूरा करने, सामाजिक तालमेल, एक स्वस्थ समाज सुनिश्चित करने के लिए समान अवसर प्रदान किए जाने की वकालत करता है।

सतत विकास हमारी गुणवत्ता को नुकसान किए बिना ही काम करने के बेहतर तरीके खोजने की बात करता है इसी तरह आगे चलकर "सतत विकास लक्ष्यों" को लाया गया।

SDG goals in hindi : वर्ष 2015 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक में अगले 15 साल(वर्ष 2016 से वर्ष 2030 तक) के लिये ‘17 लक्ष्य) तय किये गये जबकि सहस्राब्दि विकास लक्ष्य(Millennium Development Goal-MDG) 2015 में समाप्त हो गये थे।

इसलिये इस सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों(Millennium Development Goal-MDG) के स्थान पर सतत् विकास लक्ष्यों(SDG) को 2030 तक संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मलेन में फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 193 देशों ने भाग लिया था।

आसान भाषा में SDG  -आज जिस तरह से दुनिया का हर देश प्रतिस्पर्धा की राह पर जी रहा है, जिसके चलते वे अपने विकास के लिये पर्यावरण जैसे नुकसान करने से भी पीछे नहीं हटता है, जिससे आज पीढ़ी के साथ आने वाली पीढ़ी को भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने की पूरी संभावना है, 

जिसके लिये यह जरूरी है कि हम इसको लेकर कदम उठाये, इसी को ध्यान में रखते हुए अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से 17 सतत् विकास लक्ष्यों की ऐतिहासिक योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य है साल 2030 तक  अधिक संपन्न, संरक्षित विश्व की रचना करना।

इसमें 17 एसडीजी और 169 उद्देश्य 2030 एजेंडा में शामिल किये गये हैं जिसे सितम्बर 2015 में संयुक्त राष्ट्रमहासभा की शिखर बैठक में 193 सदस्य देशों ने अनुमोदित किया था, यह एजेंडा 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी हुआ है, इन लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिये इसमें जो सलाह ली गयी थी, उसमें  सरकारें और दुनिया भर के लाखों नागरिकों ने मिलकर बातचीत की, जिसमें अगले 15 वर्षां के लिये इन लक्ष्यों को प्राप्त करने का वैश्विक मार्ग अपनाया। 

एजेंडा 2030 के मूल मंत्र का सिद्वांत है-कोई पीछे न छूटे‘‘ ये लक्ष्य सभी सरकारों और इसमें काम करने वालों के लिये प्रासंगिक होने चाहिए और विकास सभी के लिये, यानी सभी आयामों पर समावेशी होना चाहिए, और उसका निर्माण सभी के लिये हो, और खासकर सबसे पिछड़े और कमजोर लोगों की भागीदारी से होना चाहिए।

यदि सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया जाये तो इससे गरीबी को मिटाया जा सकता है, कोई भूखा नहीं सोयेगा, सभी को पोषणयुक्त भोजन मिलेगा और खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी, लैंगिंग समानता आ सकती है, वांचित लोगों को विकास के समान अवसर मिलेंगे आदि समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। इसलिये इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये पूरी दुनिया कोशिश कर रही है।

जहां तक भारत की बात है तो भारत सरकार कई नीतियां और कानून ला रही है जिससे इन लक्ष्यों को प्राप्त करना आसान हो।

एक आदर्श दुनिया वह होती है जहां कोई भी भूखा ना सोये और सभी शांतिपूर्वक रहकर स्वास्थ्य जीवन जी सके, सभी को समावेशी शिक्षा सुनिश्चित हो सके, महिलाओ और बालिकाओं का सशक्तिकरण हो सके, सभी को स्वच्छ जल मिले, सभी को समान अवसर मिल सके

सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों(MDGs)  - इन लक्ष्यों की वर्ष 1990 के स्तर पर गणना की गई जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2000 में फ्रेम को स्वीकार किया था जिनका लक्ष्य वर्ष 2015 तक था। इसमें 8 Goals रखे गये थे।

Sustainable Development(सतत् विकास)  :-  ऐसा विकास जो आने वाली पीढ़ी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, नुकसान किये बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करना ही सतत् विकास है। ‘ब्रंटलैंड आयोग‘

सतत् विकास लक्ष्य(SDG) 2016 से प्रभाव में आ गये यह अगले 15 सालों तक UNDP(United Nation Development Programme) की निगरानी व संरक्षण में प्रभावी होंगे। UNDP विश्व के 170 देशों में इन लक्ष्यों की प्राप्ति पर निगरानी करेगी।

UNDP का मुख्य गरीबी को समाप्त करना, पर्यावरण परिवर्तन और आपदा परिवर्तन पर कार्य करना एवं आर्थिक समानता प्राप्ति करना आदि पर अधिक केंद्रित रहेगा।

सतत् विकास लक्ष्यों का इतिहास

2012 में संयुक्त राष्ट्र की कॉन्फ्रेस सतत् विकास को लेकर रियो डी जेनेरियो(दक्षिण अमेरिका) में हुई और इसके जितने सदस्य थे उन्होंने यह निर्णय लिया की सतत् विकास लक्ष्यों को बनाते हैं।

फिर 25 सितम्बर, 2015 को संयुक्त राष्ट्र के 193 मिलकर 17 सतत् विकास लक्ष्यों को स्थापित करते हैं, इन्हीं को वैश्विक लक्ष्य भी कहा जाता है और इसे 1 जनवरी, 2016 से लागू किया गया, इन 17 सतत् विकास लक्ष्यों और 169 टारगेट के साथ एक एजेंडा तैयार किया गया जिसका नाम है- एजेंडा-2030।

फिर जितने इसके मेम्बर्स है उनको ये लक्ष्य 2030 तक प्राप्त करने है यह तय किया गया।

सतत विकास लक्ष्य क्या है : Sustainable Development Goal-SDG in hindi : सभी 17 सतत विकास लक्ष्यों(SDGs) की सूची


सभी 17 सतत विकास लक्ष्यों(SDGs) की सूची :-

1. गरीबी के सभी रूपों को विश्व से समाप्त करनाजो बहुत ज्यादा गरीबी है उसमें 2030 तक उसके सभी पहलूओं पर 50 प्रतिशत की कमी लाना।

2. भूख को समाप्त करना-   भूख से सोने वाले लोगों के लिये भूख को खत्म करना व साथ ही अच्छी पोषण व टिकाउ कृषि को बढ़ावा देना और कुपोषण के सभी रूपों को 2030 तक समाप्त करना तथा 2030 तक लघु और कृषि उत्पादकता को दोगुना करना।

3.  उत्तम स्वस्थ्य, और खुशहाली - स्वस्थ्य जीवन व सभी उम्र के लोगों के रहन सहन को मजबूत करना और 2030 तक मातृत्व मृत्यु दर को 70 से कम करना तथा 2030 तक एड्स, टीबी, मलेरिया व अन्य रोगों की महामारी का उन्मूलन करना, जल या हेपेटाइटिस से होने वाले संक्रमण व रोगों को काबु पाना।

4.  गुणवत्तायुक्त शिक्षा - साल 2030 तक सभी के लिये(लड़के और लड़कियों ) फ्री में गुणवत्तापूर्ण और समान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा उपलब्ध कराना व साथ ही सभी पुरूषों ओर महिलाओं के लिये गुणवत्तापूर्ण तकनीक व वोकेशनल शिक्षा सस्ते में सुनिश्चित करना।


5.  लैंगिक समानता - साल 2030 तक महिलाओं के खिलाफ हिंसा, बाल विवाह, भ्रुण हत्या बलात्कार आदि को पूर्ण रूप से समाप्त करना व सभी स्तरों पर महिलाओं की पूर्ण भागीदारी।


6. स्वच्छ जल व स्वच्छता- साल 2030 तक सभी की सुरक्षित पेयजल पहूंच सुनिश्चित करना साथ ही खुले में सोच को समाप्त करना।

7. सस्ती व प्रदूषण मुक्त उर्जा-  अच्छी, सस्ती, विश्वसनीय ऊर्जा प्रदान करना एवं आधुनिक ऊर्जा तक पहूंच सुनिश्चित करना।

 8.  उत्कर्ष कार्य और आर्थिक समृद्धिसभी के लिये अच्छा काम, आर्थिक विकास एवं पूर्ण व उत्पादक रोजगार के लिये बेहतर काम को बढ़ावा देना।

9.  उद्योग,  नवाचार व लचीले बुनियादी ढांचे - समावेशी और सतत ओद्योगिकरण व नवाचार को बढ़ावा देना।

10.  असमानता में कमी करना- देश के अन्दर व बाहर होने वाली असमानता को समाप्त करना।

 11. Sustainable Cities and Communities - सुरक्षित टिकाऊ शहरों व मानव बस्तियों का निर्माण करना।

 12. स्थायी खपत - स्थायी खपत और उत्पादन करना।

13.  Climate Action - जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों से तुरंत निपटने के लिये कार्यवाही करना।

 14. Life Below Water : स्थायी विकास के लिये महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित करना।

15. Life and Land : जैव-विविधता, भूमि क्षरण, सुरक्षित जंगलों, स्थलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के बढ़़ते नुकसान को रोकने का प्रयास करना।

16.  Peace, Justice and Strong Institutions - समावेशी समितियों को बढ़ावा देने के साथ ही इन्हें प्रभावी, जवाबदेहपूर्ण बनाना ताकि सभी के लिये न्याय सुनिश्चित हो सके।

17. Partnerships for the Goals : लक्ष्य प्राप्ति के लिये सामूहिक साझेदारी।


NFHS-5(National Family Health Survey-5) की रिपोर्ट क्या है :- 

कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने NFHS-5(National Family Health Survey-5) जारी किया यह भारत का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सर्वे है, 

क्योंकि NFHS-5 सर्वे का यूज भारत स्थिति को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा।

NFHS-5 अहम संकेतों के आधार पर SDG से जुड़े आंकड़ों के आधार पर भारत की स्थिति की पड़ताल की गई है।

NFHS-5 के आंकड़े :- 

NFHS-5 के अनुसार भारत SDG 2 को हासिल करने से काफी दूर है | 

5 साल से कम उम्र के एनीमिक बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी पाई गई है | 

कई लड़के - लड़कियां गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा से दूर है|  

भारत SDG 4  और 5 को हासिल करने से काफी दूर है| 

कई स्तरों पर लैंगिक असमानता है।

सामान्यता बच्चों में बाल पोषण की समस्या 3 तरीकों की होती है :- 

  1. स्टंटिंग, 
  2. वेस्टिंग, 
  3. कम वजनी |  

स्टंटिंग :- उम्र के हिसाब से कम लंबाई|  

वेस्टिंग :- लंबाई के हिसाब से कम वजन | 

कम वजन :-  उम्र के हिसाब से कम वजन।

यह सभी आंकड़े उन चुनौतियों को बताते हैं जो SDG  को हासिल करने के लिए बाधा है।

Sustainable Development Report- 2023 - Sustainable Development Solutions Network द्वारा प्रकाशित की गयी है इसमें फ़िनलैंड पहले नंबर पर रहा, उसके बाद स्वीडन रहा और सबसे लास्ट में साउथ सूडान रहा व भारत 120 वें पायदान पर रहा 

SDG भारत के सामने चुनौतियां-

  • भूखमरी की समस्या:-  आज हर 9 में से एक व्यक्ति भूखा है इनमें से दो - तिहाई लोग एशिया में रहते हैं,  
  • गरीबी :- गरीबी से अन्य समस्याएं पनपती हैं। आज भी बहुत बड़ी संख्या में लोग गरीबी की संख्या से जूझ रहे हैं | एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे है| 
  • स्वास्थ्य सेवाओं की खराब स्थिति:-  हालांकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीकी विकास हुआ है लेकिन अभी भी सभी के लिए स्वास्थ्य उपलब्ध कराना एक चुनौती है।
  • लिंग असमानता की समस्या :- वैसे तो लैंगिक असमानता के लिए बड़े-बड़े आंदोलन चलाए जाते हैं लेकिन दुनिया के हर हिस्से में महिलाएं और लड़कियां आज लैंगिक असमानता को झेल रही है।
  • शिक्षा :- एक बड़े तबके तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ना पहूंच पाना

  • पर्यावरणीय समस्याएं और जलवायु परिवर्तन :- बढ़ते हुए शहरीकरण और औद्योगिकरण ने पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म दिया है, 

  • जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान, जलीय जीव जंतु की कमी, खेती योग्य भूमि का कम होना, प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ, पोषक तत्वों की कमी आदि समस्याएं उत्पन्न हो रही है।

जी20 नई दिल्ली घोषणा पत्र :  

जी20 सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा पत्र में सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।

2030 के मध्य बिंदु पर एसडीजी पर वैश्विक प्रगति सिर्फ 12 फीसदी रही है।
वर्तमान में सभी जी20 शक्तियों का लाभ उठायेंगे।

समयबद्व तरीके से सभी एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करेंगे, ताकि आने वाली पीढ़ियों को बेहतर दुनिया दे सके।

खाद्य सुरक्षा और पोषण बढ़ाने के लिये जी 20 डेक्कन उच्चस्तरीय सिद्वांत के लक्ष्यों पर जोर दिया गया है।।

अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास फंड के जरिये खाद्य असुरक्षा के खिलाफ लड़ाई।
वैश्विक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने का संकल्प लिया गया है।

माहामारी और संक्रमण रोगों की निगरानी के लिये तंत्र को मजबूत करने की दिशा में काम किया जा रहा है।

एसडीजी को प्राप्त करने में यूएनडीपी की भूमिका-

एसडीजी एक जनवरी, 2016 से प्रभावी आ गये हैं, जो कि यूएनडीपी की निगरानी में अगले 15 साल यानी 2030 तक प्रभावी रहेंगे, यूएनडीपी विश्व के देशों पर नजर रखेगी कि कौन देश इसके प्रति कितना काम कर रहा है, क्या क्या कदम उठा रहा है, 

यूएनडीपी का प्रमुख लक्ष्य है, गरीबी को खत्म करना, लोकतांत्रिक शासन को बढ़ावा देन, आपदा परिवर्तन पर कार्य करना व आर्थिक समानता प्राप्ति आदि पर ध्यान देना। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये निजी, सरकारी व सभी लोगों को आपसी सहयोग से काम करना होगा।

SDG 17 का मुख्य उद्देश्य क्या है ? :- SDG का मुख्य उद्देश्य है गरीबी खत्म करना, पर्यावरण की रक्षा आर्थिक असमानता को कम करना और सभी के लिये सामाजिक न्याय व पूर्ण समानता स्थापित करना है। भारत को भी गंभीरता के साथ इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये काम करना चाहिए।

आगे की राह :- सतत विकास लक्ष्य गरीबी, स्वास्थ्य, आर्थिक विकास, नवाचार, उपभोग और उत्पादन, जलवायु परिवर्तन को कम करने आदि क्षेत्रों पर जोर देते हैं|  

इसलिए सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए वैश्विक वित्तपोषण और कार्यान्वयन की जरूरत है, 

इसके लिए विभिन्न सरकारों, निजी संस्थानों, वित्तीय संस्थानों के बीच मजबूत तालमेल रखना बहुत जरूरी है | 

भारत में सतत विकास लक्ष्य पर निगरानी रखने व उसके कार्यान्वयन का काम नीति आयोग करता है| 

सतत विकास लक्ष्य से निपटने के लिए बुनियादी स्तर पर काम करना बहुत जरूरी हो जाता हैं | 

अत्यधिक गरीबी और भुखमरी को कम करने की दिशा में काम करना, 

बच्चों के लिए सतत विकास लक्ष्य में तेजी लाने के लिए यूनिसेफ ने तीन "3As"- Awareness, Action and Accountability जारी किया है |

महिलाओं के प्रति भेदभाव व हिंसा को समाप्त करना|

पर्यावरण प्रदूषण व जलवायु परिवर्तन पर तेजी से काबू पाना होगा।


सतत विकास लक्ष्य(SDGs) के बारे में जानकारी(FAQs) :- 

Q. सतत विकास की शुरुआत कब हुई ?

A.  जब इंसान का वजूद खतरे में आने लगा तो हमें जरूरत हुई ऐसे मॉडल की जो प्राकृतिक की सहनशक्ति के मुताबिक हो और यहीं से शुरू हुई "सतत विकास" की शुरुआत।

ब्रंटलैंड आयोग ने 1987 में "हमारा साझा भविष्य" नामक रिपोर्ट में सतत विकास की परिभाषा दी।

Q. सतत विकास लक्ष्यों का अर्थ क्या है ?

A.  सतत विकास केवल पर्यावरण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह इससे कहीं ज्यादा व्यापक है | 

सतत विकास विभिन्न समुदायों की अनेकों जरूरतों को पूरा करने, सामाजिक तालमेल, एक स्वस्थ समाज सुनिश्चित करने के लिए समान अवसर प्रदान किए जाने की वकालत करता है।

सतत विकास हमारी गुणवत्ता को नुकसान किए बिना ही काम करने के बेहतर तरीके खोजने की बात करता है इसी तरह आगे चलकर "सतत विकास लक्ष्यों" को लाया गया।

Q. सतत विकास लक्ष्यों का निर्माण किसने किया ?

A.  वर्ष 2015 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक में अगले 15 साल(वर्ष 2016 से वर्ष 2030 तक) के लिये ‘17 लक्ष्य) तय किये गये जबकि सहस्राब्दि विकास लक्ष्य(Millennium Development Goal-MDG) 2015 में समाप्त हो गये थे।

इसलिये इस सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों(Millennium Development Goal-MDG) के स्थान पर सतत् विकास लक्ष्यों(SDG) को 2030 तक संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मलेन में फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 193 देशों ने भाग लिया था।

Q. सतत विकास लक्ष्य कौन जारी करता है?

A.  वर्ष 2015 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक में अगले 15 साल( वर्ष 2016 से वर्ष 2030) तक सतत् विकास लक्ष्यों(SDG) को प्राप्त करने हेतु संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मलेन में फैसला लिया गया। इस सम्मेलन में 193 देशों ने भाग लिया था।

यह वैश्विक स्तर पर देश की प्रगति का मूल्यांकन है | 

Q. सतत विकास लक्ष्य क्यों महत्वपूर्ण है ?

A.  "जिसके अनुसार सतत विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जो मौजूदा पीढ़ियों की जरूरतों के साथ-साथ भविष्य की जरूरतों को भी ध्यान में रखती है" 

यानी विकास की एक ऐसी स्थिति जो हमेशा के लिए बनी रहे|  सतत विकास केवल पर्यावरण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह इससे कहीं ज्यादा व्यापक है | 

यह विभिन्न समुदायों की अनेकों जरूरतों को पूरा करने, सामाजिक तालमेल, एक स्वस्थ समाज सुनिश्चित करने के लिए समान अवसर प्रदान किए जाने की वकालत करता है।

सतत विकास हमारी गुणवत्ता को नुकसान किए बिना ही काम करने के बेहतर तरीके खोजने की बात करता है| 

Q. हमारे पास कितने एसडीजी हैं ?

A.  वर्ष 2015 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक में अगले 15 साल(वर्ष 2016 से वर्ष 2030 तक) के लिये ‘17 लक्ष्य) तय किये गये| हमारे पास 17 एसडीजी हैं | 

Q. एसडीजी का पूरा नाम क्या है ?

A.  एसडीजी  का पूरा नाम - सतत विकास लक्ष्य क्या है(Sustainable Development Goal-SDG) है | 

Q. कुल कितने सतत विकास लक्ष्य हैं ?

A.  कुल सतत विकास लक्ष्य 17  हैं |  वर्ष 2015 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक में अगले 15 साल(वर्ष 2016 से वर्ष 2030 तक) के लिये ‘17 लक्ष्य) तय किये गये|

Q. sdg full form in hindi-

A.  sdg full form in hindi - सतत विकास लक्ष्य| 

Q. सतत विकास के उद्देश्य क्या है ?

A.  विकास की एक ऐसी स्थिति जो हमेशा के लिए बनी रहे|  सतत विकास केवल पर्यावरण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह इससे कहीं ज्यादा व्यापक है | 

सतत विकास हमारी गुणवत्ता को नुकसान किए बिना ही काम करने के बेहतर तरीके खोजने की बात करता है| 

Q. SDGs में कितने देश है ?

A. SDGs में 193 देश हैं | 

Q. SDGs में 5 P क्या है  ?

A. SDGs में 5P का मतलब है -People, Planet, Prosperity, Peace and Partnerships


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