10 जून को राज्यसभा(Rajya Sabha) की 57 सीटों पर चुनाव होने हैं इसलिये राज्यसभा चर्चा में है।
कानून बनाने, पुराने कानूनों में बदलाव करने आदि के लिये संसद(Parliament) की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। भारत में संसदीय प्रणाली(Parliamentary System) को अपनाया गया है जो कि ब्रिटिश से लिये गया है। वहां पर 2 सदन(House) होते हैं-
- निम्न सद(जिसे House Of Commons) कहते हैं)
- उच्च सदन(जिसे House Of Lords कहते हैं)
इसी तरह भारत में भी 2 सदन(House) हैं:-
- निम्न सदन(जिसे लोकसभा कहते हैं)
- उच्च सदन(जिसे राज्यसभा कहते हैं)
राज्यसभा(Rajya Sabha) क्या हैं- इसे उच्च सदन कहा जाता है क्योंकि इसमें Minimum उम्र 30 वर्ष है जब कि लोकसभा में 25 वर्ष है और राज्यसभा में सीनियर, अनुभवी लोग आते हैं, लेकिन इसे द्वितीय सदन कहा जाता है क्योंकि लोकसभा को ज्यादा प्राथमिकता दी गयी है।
राज्यसभा(Rajya Sabha) में अधिकतम 250 सदस्य होते हैं। जिसमें 238 सदस्यों के लिये चुनाव अप्रत्यक्ष(Indirect) होता है एवं 12 सदस्य कला, साहित्य, विज्ञान और सामाजिक सेवा के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा Nominated होते हैं।
250 सदस्यों में हर साल एक-तिहाई सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होता है, एवं हर साल एक-तिहाई सीटों के लिये चुनाव होता है। राज्य सभा(Rajya Sabha) के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है एवं राज्यसभा(Rajya Sabha) कभी खत्म नहीं होती।
भारतीय संविधान की अनुसूची 4 के अनुसार किसी राज्य की राज्यसभा(Rajya Sabha) में सीटें उसकी जनसंख्या के हिसाब से तय की जायेंगी जैसे U.P. की 31, राजस्थान की 10 आदि।
कौन बन सकता है राज्यसभा का सदस्य-
- वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
- उसकी उम्र कम-से-कम 30 वर्ष हो।
- वह लाभ के पद पर ना हो।
- दिवालिया नहीं होना चाहिए।
पद कैसे खाली होता है-
- राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल पूरा होने पर।
- उस सदस्य की मृत्यु हो जाने पर।
- उसे अयोग्य घोषित किया गया हो।
- उसके त्यागपत्र के द्वारा।
- यदि सदस्य का पद मृत्यु, अयोग्यता, त्यागपत्र के आधार पर खाली हुआ है तो नया सदस्य जो चुना जायेगा वह बचे हुए समय के लिये ही राज्यसभा का सदस्य होगा।
राज्यसभा का जो Chairman होता है वह हमेशा उपराष्ट्रपति होता है।
राज्यसभा का चुनाव कैसे होता है-
राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के राज्यसभा Candidates का चुनाव अप्रत्यक्ष होता है इन Candidates का चुनाव इनके राज्य के विधायकों द्वारा किया जाता है तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य चुनते हैं।
राज्यसभा का चुनाव Proportional Representative System से होता है जिसमें Single Vote Transferable होता है।
राज्यसभा सदस्यों के लिये प्रत्येक राज्य का कोटा फिक्स है।
For Example- U.P. में कुल राज्यसभा सीटें 31 हैं लेकिन चुनाव 11 सीटों पर होने हैं जिनका चुनाव विधायकों द्वारा होना है। भाजपा के पास 273 विधानसभा सीटें है, सपा के पास 125 और अन्य पार्टियों के पास है।
Proportional के हिसाब से भाजपा को 273 विधानसभा सीटों से पहली वरीयता में लगभग 68 प्रतिशत वोट आ रहे हैं(चुनाव होना है राज्यसभा की 11 सीटों पर) तो भाजपा को 6 राज्यसभा की सीटें मिल जायेंगी और बाकी सीटें अन्य पार्टियों को उनके वोटों के हिसाब से मिल जायेंगी। इसे ही Proportional Representative System कहते हैं।
इसमें चुनाव Ballot Paper से होता है क्योंकि इसमें Preference(1,2,3,......) देनी होती है।
राज्यसभा सदस्यों के चुनाव के लिये एक Formula होता है।
यानी U.P. में राज्य सभा सदस्य बनने के लिये कम-से-कम 35 विधायकों के वोट चाहिए।
Proportional Representative System में Single Vote Transferable को समझने के लिये यहां Click(Election of President) करें जहां हमने राष्ट्रपति के चुनाव में समझाया है।
Open Ballot System - Limited Form of Openness यानी राज्यसभा उम्मीदवार को अपना Ballot Paper अपनी पार्टी के Authorized Agent को दिखाना होता है।
यदि नहीं दिखाया तो वोट invalid माना जायेगा।
Criteria - कोई राज्यसभा के सदस्य का चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे उस राज्य के कम-से-कम 10 प्रतिशत या 10 विधायकों का समर्थन लेना होता है। विधायक एक से ज्यादा व्यक्तियों को भी समर्थन कर सकते हैं।
चुनाव लड़ने के लिये 10 हजार रूपये प्रत्येक Candidates को जमा करने होते हैं,SC/ST के लिये 5 हजार रूपये जमा करने होते हैं।
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