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ब्रिक्स क्या है, ब्रिक्स की स्थापना, उद्देश्य, इतिहास व चुनौतियां : ब्रिक्स शिखर सम्मलेन सूची

ब्रिक्स द्वारा वैश्विक मामलों में पश्चिमी प्रभुत्व को जवाब देते हुए, अपने राजनीतिक प्रभाव को मजबूत करने के लिये 5 नये सदस्यों को ब्रिक्स में शामिल करने की घोषणा की गयी है।

इसलिये वर्तमान में ब्रिक्स समूह में कुल 10 सदस्य शामिल हो गये, जिसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात नये सदस्यों के रूप में शामिल किये गये हैं।

अगस्त, 2023 में ब्रिक्स का शिखर सम्मेलन जोहान्सबर्ग में हुआ था, जिसमें अर्जेंटीना सहित 6 देशों को शामिल करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन बाद में अर्जेंटीना ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दिया था, इन सदस्य देशों के इस समूह में शामिल होने से इसके लक्ष्यों को ओर आगे बढ़ाया जा सकता है।

Brics(ब्रिक्स) क्या है 

BRIC के चार देश ब्राजील, रूस, भारत और चीन जुलाई, 2006 में G8 आउटरीज शिखर सम्मेलन के समय इन देशों के नेता पहली बार रूस के शहर सेंट पीटर्सबर्ग में मिले और सितंबर, 2006 में इन देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक न्यूयॉर्क में हुई जिसमें औपचारिक रूप से BRIC के गठन की घोषणा की गयी, 

फिर सितंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका इसमें पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होने से यह ब्रिक्स कहलाया, और दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार चीन के सान्या में हुई बैठक में भाग लिया।

ब्रिक्स 5 देशों(ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और साउथ अफ्रीका) का एक ब्लॉक मिलकर एक उभरता हुआ निवेश और वैश्विक शक्ति ब्लॉक बनाते है यानी हम कह सकते हैं कि विकासशील देशों के रूप में इनका महत्व है।  

जो लगभग 42 प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है और दुनिया की जीडीपी का लगभग एक-चौथाई का प्रतिनिधित्व करता है, कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 27 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है साथ ही इसकी वोटिंग पॉवर के संदर्भ में भी इसका काफी महत्व है। 

ब्रिक्स का प्रयोग दुनिया की अग्रणी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है। जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह को इस रूप में देखा जाता है।

ब्रिक्स भले ही औपचारिक रूप से संगठन के रूप में मौजूद ना हो लेकिन इसके सर्वोच्च नेताओं के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजित होते हैं। जो 2009 से लगातार आयोजित हो रहे हैं। 

ब्रिक्स के शब्दों के अनुसार इसकी अध्यक्षता के लिये हर साल इसका आयोजन होता है।

ब्रिक्स की संकल्पना सबसे पहले गोल्डमेन सैच वित कम्पनी के प्रसिद्व अर्थशास्त्री जिम-ओ-नील ने 2003 में एक रिपोर्ट(Dreaming with BRIC's the path to 2050) प्रस्तुत की।

इस रिपोर्ट का मतलब था कि 2050 तक विश्व की 4 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं(ब्राजील, रशिया, भारत और चीन) होंगी।

भारत और चीन- विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र एवं 

रूस और ब्राजील - ऊर्जा आपूर्ति व कच्चा माल के क्षेत्र में नये आयाम कायम करेंगे।

ब्रिक्स का इतिहास : - 

UNO के बनने के बाद शीत युद्व चला, शीत युद्व USA और USSR के बीच चला जो कि एक विचारधारा को लेकर लड़ाई थी, जिसमें USA पूंजीवाद की तरफ है, तो USSR साम्यवाद की तरफ था, यह युद्व 1991 तक चला, जिसके बाद USSR का विघटन हो गया जिसमें कई सारे देश यूएसएसआर से अलग हो गये तो ऐसे में यूएसए शक्तिशाली बन गया, जिससे विश्व One polar बन गया यानी एक ही देश का वर्चस्व हो गया, उसका नाम था अमेरिका। 

और अमेरिका के वर्चस्त को टक्कर देने के लिये कोई भी देश नहीं था, तो ऐसे कई अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अमेरिका के वर्चस्व को रोका जाना चाहिए, ऐसे में ब्रिटेन के अर्थशास्त्री जिम ओ नील ने कहा कि अमेरिका को रोकने के लिये कुछ ऐसे देश होने चाहिए, 

जिनकी अर्थव्यस्था एक समान हो और इन्होने ही 2001 में ब्रिक का कान्सेप्ट दिया, जिसमें ब्राजील, रूस, इंडिया और चीन शामिल करने की बात कहीं, क्योंकि इन चारों में जनसंख्या और क्षेत्रफल काफी है, यहीं से यह सोच निकलकर आयी कि इन देशों को अमेरिका के वर्चस्व को रोकना चाहिए।

सोवियत संघ के विघटन 1990 के बाद विश्व में केवल एक ही महाशक्ति रह गई जो 1990 से 2010 तक एक ध्रुवीय (One polar World) विश्व रहा, 

लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों में एक ध्रुवीय विश्व(One polar World) प्रतीत होता है यानी एक देश का दबदबा ज्यादा है। 

जैसे बाजार, अर्थव्यवस्था, अन्तर्राष्ट्रीय, विनियम मुद्रा, डॉलर, बहुराष्ट्रीय कम्पनियां, ब्रेटनवुड्स व्यवस्था, सैन्य, ऊर्जा, तकनीक।

इसी One Polar World को Multipolar World में बदलने के लिये-

  • 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में इन चार देशों के विदेश मंत्री मिले और यहां से अनौपचारिक राजनयिक समन्वय शुरू हुआ।  

  • वर्ष 2009 में रूस के येकेटरिन्वर्ग में RIC(Russia, India, China) सम्मेलन हुआ तथा
  •  वर्ष 2010 में ब्राजील के ब्राजीलिया में BRIC(Brazil, Russia,India, China) सम्मेलन हुआ।
  • वर्ष 2011 में चीन के सान्या City में BRICS( S-South Africa) सम्मेलन हुआ जिसमें South Africa शामिल हुआ।
  • वर्ष 2012 में भारत के नई दिल्ली में BRICS का सम्मेलन हुआ।

Multipolar World बनाने के लिये BRICS की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। 

BRICS : ब्रिक्स क्या है,  ब्रिक्स की स्थापना कब हुई  और ब्रिक्स शिखर सम्मलेन सूची : ब्रिक्स के उद्देश्य, इतिहास व चुनौतियां

BRICS की संरचना-

वैसे ब्रिक्स कोई संगठन के रूप में नहीं है, लेकिन हर साल इसके सदस्य देशों के बीच मंत्रिस्तरीय सम्मेलन का आयोजन होता है। 

ब्रिक्स में शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता हर साल बी आर आई सी एस के क्रमानुसार इसके सभी सदस्यों के सर्वोच्च नेता द्वारा की जाती है।

BRICS Bank- इसे दक्षिण बैंक भी कहा जाता है, क्योंकि सांकेतिक रूप से यह माना जाता है कि दक्षिण गोलार्द्व के देश विकासशील है एवं उत्तरी गोलार्द्व के देश विकसित हैं।

BRICS Bank को New Development Bank(NDB) के रूप में जाना जाता है इसकी रूप रेखा 2014 में रखी गयी एवं इसकी स्थापना 2015 में हुई।

मुख्यालय -  शंघाई(चीन)

Branch  - जोहान्सबर्ग(दक्षिण अफ्रीका)

पहला अध्यक्ष - के.वी. कामथ(भारत)

ब्रिक्स के उद्देश्य- 

  • उर्जा दक्षता - जिस तरह से इन देशों के पास जनसंख्या तो बहुत ज्यादा है, उस हिसाब से उर्जा को बनाना बहुत जरूरी है, और इसका बहुत अच्छी तरह से यूज करना भी बहुत जरूरी हो जाता है।
  • जलवायु कंट्रोल करना- इसके सदस्य देशों द्वारा संसाधनों का इस तरह से उपयोग करना कि जलवायु को नुकसान ना पहूंचे और विकास की गति भी होती रही है, जैसे सतत विकास पर ध्यान देना।
  • क्षेत्रीय विकास- इनके पास जो संसाधन है, उनका एक दूसरे के विकास में योगदान करना, और यूरोपीय यनियन व अमेरिका जैसे देशों के विश्व पर दबदबे को कम करना, क्योंकि इन देशों का वैश्विक स्तर पर दबदबा रहा है, जिसके कारण जो वैश्विक संस्थाएं हैं, उन पर भी जो इनका प्रभाव है, उसको भी कम करना। वैसे ये देश इसलिये एक दूसरे के करीब आये क्योंकि इनके पास अच्छी व उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, जिससे ये क्षेत्रीय विकास आसानी से कर सकते हैं, और वैश्विक वर्चस्व को भी विकेन्द्रीकृत कर सकते हैं। 
  • One Polar World को Multipolar World में बदलना।

  • विनियम के लिये डॉलर का विकल्प बनाना यानी डॉलर के अलावा भी विनिमय की Currency होना।
  • BRICS, World Bank और IMF के विकल्प के रूप में विकसित होना।
  • उभरती हुई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की आधारभूत परियोजनाओं के लिये ऋण उपलब्ध कराना।
  • इसकी अधिकृत पूंजी 100 बिलियन डॉलर है जिसमें पांचों देशों का Share बराबर होगा।

  • बराबर मत का अधिकार होगा(Equal Voting Rights) और किसी के पास वीटो का अधिकार नहीं होगा।
  • उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं वर्तमान समय के साथ-साथ भविष्य में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। 
  • ऐसा विकास करना जो अधिक टिकाउ-न्यायसंगत-पारस्परिक रूप से लाभप्रद हो।
  • आपसी सहयोग को गहरा, व्यापक और गहन करना।
  • जो जिस देश की ताकत है उसके आधार पर कार्य करना।
  • वैश्विक वित्तीय संस्थानों में सुधार का मूल उददेश्य। इसके द्वारा अमेरिका व पश्चिमी देशों की तीव्रता को लगातार चुनौती दी गयी और इसके द्वारा यह कोशिश की जा रही है कि हम इनकी संस्थाओं के सामान ही कार्य करें।
  • नई और आशाजनक राजनीतिक-राजनयिक इकाई के रूप में उभरना।
  • विभिन्न क्षेत्रों में लगातार सहयोग बढ़ाना-जैसे- आर्थिक सहयोग, लोगों से लोगों का आदान-प्रदान, राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग।

 ब्रिक्स के कार्य :-

इन देशों के पास जो संसधान है उनका यूज हिसाब से करना।

विकसित देशों और विकासशील देशों के बीच एक कड़ी का काम करना।

एक देश द्वारा दूसरे देश के बीच जो व्यापार में बाधा होती है, उसको खत्म करना।

ब्रिक्स के द्वारा एक बैंक भी बनायी गयी, जिसका नाम है, न्यू डेवलपमेंट बैंक, जिसका काम होगा कि यदि किसी देश को आपातकाली फंड की जरूरत पड़े तो देना।

रोगों को रोकने के लिये रिचर्स वगैरा को बढ़ावा देने के लिये सहयोग करना।

सुरक्षा को लेकर सहयोग करना।

BRICS का महत्व-

  • BRICS विश्व को एक नई दिशा दे सकता है क्योंकि इन 5 देशों का योगदान विश्व में बहुत महत्वपूर्ण है यह विश्व का नया इंजन साबित हो सकता है।
  • विश्व की चौथी औद्योगिक क्रांति(4.0) में ब्रिक्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि इस क्रांति में पूंजी से ज्यादा प्रतिभा का महत्व होगा जोकि इन पांचों देशों के पास काफी है।

वर्तमान में वैश्विक चुनौतियों जैसे 

  • वैश्विक आतंकवाद- जो कि विश्व के लिये एक खतरा है इसको रोकना बहुत जरूरी है।

  • वैश्विक महामारियां(जैसे कोरोना)-इनको समाप्त करने के लिये कदम उठाना बहुत जरूरी है।

  • ग्लोबल वार्मिंग- जिस तरह प्रतिस्पर्धा/तकनीक के दौर में ग्लोबल वार्मिंग का संकट सामने आ रहा है, पृथ्वी के तापमान वृद्वि को 1.5 डिग्री से. तक सीमित रखना, पर्यावरण को कैसे बचाये।

  • वैश्विक अर्थव्यवस्था- कोविड-19 महामारी के बाद आये संकट से किस तरह उभरा जाये।

ब्रिक्स क्या है,  ब्रिक्स की स्थापना कब हुई  :  ब्रिक्स के उद्देश्य, इतिहास व शिखर सम्मलेन  : What is BRICS  in Hindi

इस वैश्विक चुनौतियों से निपटने, नया रूप देने व नई दिशा देने में इन ब्रिक्स देशों की भूमिका महत्वपूर्ण है और आने वाले समय में ये विश्व का इंजन साबित होगा।

सतत् विकास, संतुलित विकास समावेशी विकास के लिये ये विकासशील देश अहम भुमिका अदा कर रहे हैं।

कच्चा माल, ऊर्जा, विनिर्माण, सेवा क्षेत्र में ब्रिक्स देशों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।

भारत के लिये महत्व- 

  • भारत वैश्विक मुद्दे जैसे- आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिंग, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों में सुधार आदि के द्वारा ब्रिक्स की सामूहिक ताकत से लाभी प्राप्त कर सकता है।
  • न्य डेवलपमेंट बैंक(NDB) भारत को ऋण के माध्यम से बुनियादी ढांचे और सतत् विकास परियोजनाओं के लिये संसाधन जुटाने में मदद् कर सकता है।

  • NDB ने अपने पहले ऋण को मंजूरी दी है जिसमें भारत के लिये मल्टीट्रेन्च फाइनेंसिंग सुविधा हेतु 250 मिलियन डॉलर का ऋण शामिल है।
  • आपसी हितों के आर्थिक मुददों पर परामर्श-सहयोग के साथ करना।
  • वैश्विक शासन संस्थानों के सुधार पर ब्रिक्स की सामूहिक ताकत से लाभान्वित होना। क्योंकि भारत लगातार इस बात पर बल दे रहा है कि आईएमएफ, विश्व बैंक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आदि में सुधार हो।
  • इसके साथ ही भारत ने न्यू डेवलपमेंट से लाभ उठाया है, जैसे बुनियादी ढांचा-सतत विकास परियोजनाओं व अक्षय उर्जा वित्त पोषण योजना में 250मिलियन डॉलर का ऋण लिया है।  

ब्रिक्स के सामने चुनौतियां- (ब्रिक्स की आलोचना) :

  • इन पांचों देशों के अपने अपने हित ब्रिक्स के लिये चुनौती हो सकते हैं, ब्रिक्स को दुनिया में उभरते हुए बाजारों का प्रतिनिधि करने के लिये और देशों को शामिल करना चाहिए।
  • ब्रिक्स को अपने एजेंडे में विस्तार करना चाहिए जो अभी तक जलवायु परिवर्तन, सतत  विकास, आधारभूत संरचना के निर्माण को ही एजेंडे में प्रमुखता मिली हुई है।
  • भारत और चीन के बीच तनाव BRICS के विकास में रूकावट कर सकता है।

  • चीन के सहयोगी देश जो कि उसके वेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव(BRI) का हिस्सा हैं जबकि भारत नहीं है जो भारत और चीन के बीच संघर्ष पैदा कर सकता है।
  • पूर्वी लद्दाख में चीन की आक्रमकता।
  • पश्चिम से चीन-रूस के तनावपूर्ण संबंध।
  • ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका में आंतरिक चुनौतियां।
  • यानी इसके सदस्य देशों के बीच सीमा विवाद।
  • कोविड-19 वैश्विक स्तर पर चीन की छवि खराब होना।
  • ब्रिक्स ऐसे देशों को भी शामिल करता है जहां भारत एक लोकतांत्रिक देश है, तो चीन में साम्यवादी आदि जिससे विषमता उत्पन्न होती है।
  • ब्रिक्स में चीन की बात ज्यादा प्रभावित होती है।
  • जिस तरह से ब्रिक्स अपनी बात रखता है कि ग्लोबल साउथ की सहायता करेंगे उस हिसाब से यह खरा नहीं उतरा।

ब्रिक्स शिखर सम्मलेन List :- 

  • ब्रिक्स का 1st शिखर सम्मेलन - 2009-  येक्तेरिनबर्ग (रूस)।
  • ब्रिक्स का 2nd  शिखर सम्मेलन - 2010 -  ब्राज़ील । 
  • ब्रिक्स का 3rd शिखर सम्मेलन - 2011  -  चीन ।
  • ब्रिक्स का 4th शिखर सम्मेलन - 2012 -  नई दिल्ली  (भारत )।
  • ब्रिक्स का 5th शिखर सम्मेलन - 2013 -  दक्षिण अफ्रीका 
  • ब्रिक्स का 6th शिखर सम्मेलन - 2014 -  ब्राज़ील 
  • ब्रिक्स का 7th शिखर सम्मेलन - 2015 - रूस | 
  • ब्रिक्स का 8th शिखर सम्मेलन - 2016 -  गोवा(भारत)| 
  • ब्रिक्स का 9th शिखर सम्मेलन - 2017 -  चीन | 
  • ब्रिक्स का 10th शिखर सम्मेलन - 2018 -  दक्षिण अफ्रीका | 
  • ब्रिक्स का 11th शिखर सम्मेलन - 2019  -  ब्राज़ील  |
  • ब्रिक्स का 12th शिखर सम्मेलन - 2020   -  रूस(ऑनलाइन)  |
  • ब्रिक्स का 13th शिखर सम्मेलन - 2021    - भारत (ऑनलाइन)  |
  • ब्रिक्स का 14th शिखर सम्मेलन - 2022     -चीन  (ऑनलाइन)  |
  • ब्रिक्स का 15th शिखर सम्मेलन - 2023      - दक्षिण अफ्रीका | 


ब्रिक्स का 13 वां ब्रिक्स वार्षिक शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता भारत द्वारा की गई जोकि एक वर्चुअल माध्यम से आयोजित किया गया।

इस वर्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का विषय ब्रिक्स@15: निरंतरता, समेकन और आम सहमति हेतु ब्रिक्स के बीच सहयोग था।

इस सम्मेलन में कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक रिकवरी process में ब्रिक्स की महत्वपूर्ण व अग्रणी भूमिका पर बात की गयी।

साथ ही अफगानिस्तान में स्थिरता, म्यांमार, सीरिया संघर्ष, कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव, इजराइल-मिलिस्तीन हिंसा और अन्य क्षेत्रीय विवादों को भी उठाया।

ब्रिक्स 2022 की अध्यक्षता चीन करेगा जिसकी थीम है- "वैश्विक विकास के लिये एक नये युग में उच्च गुणवत्ता वाले ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ावा देना।"

ब्रिक्स के बारे में जानकारी(FAQs) :

Q. ब्रिक्स बैंक की स्थापना कब हुई | 

A. BRICS Bank को New Development Bank(NDB) के रूप में जाना जाता है इसकी रूप रेखा 2014 में रखी गयी एवं इसकी स्थापना 2015 में हुई।

Q. ब्रिक्स का मुख्यालय कहाँ है ? | 

A. BRICS का मुख्यालय -  शंघाई(चीन) में है | 

Q. 2023 ब्रिक्स शिखर सम्मलेन कहाँ  है ? | 

A. ब्रिक्स का अगला सम्मेलन अगस्त, 2023 में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में 15वां शिखर सम्मेलन होगा। इसकी जानकारी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव द्वारा दी गयी। 

Q. ब्रिक्स के वर्तमान अध्यक्ष ? | 

A. ब्रिक्स का अगला सम्मेलन अगस्त, 2023 में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में 15वां शिखर सम्मेलन होगा। इसकी अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका करेगा | 

Q. BRICS की फुल फॉर्म क्या है ? | 

A. BRICS 5 देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, और साउथ अफ्रीका) से मिलकर बना है | 

Q. ब्रिक्स का वैश्विक जीडीपी में कितने प्रतिशत योगदान है।? | 

A. ब्रिक्स का वैश्विक जीडीपी में लगभग 24 प्रतिशत है, और विश्व व्यापार में लगभग 16 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है। |

Q. ब्रिक्स में दुनिया की कितनी प्रतिशत आबादी है? | 

A. ब्रिक्स में दुनिया की लगभग 41 प्रतिशत आबादी निवास करती है, क्योंकि इसमें चीन और भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश शामिल हैं, जिससे इसमें इतनी बड़ी आबादी निवास करती है। |

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