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क्या है G-20 समूह :- जी-20 स्थापना, उद्देश्य, देश : जी-20 शिखर सम्मलेन list

क्या है G-20 समूह :- जी-20 Summit(सम्मलेन) 2023 कहाँ होगा, स्थापना, उद्देश्य, देश : जी-20 शिखर सम्मलेन list

G(जी)-20 का Summit(सम्मलेन) 2023 में 9, 10 सितम्बर, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित हुआ एवं 2020 में G-20 का Summit  सऊदी अरब(रियाद) में हुआ था,

अक्टूबर, 2021 में G-20 का Summit इटली(रोम) में हुआ, नवंबर, 2022 में G-20 का Summit इंडोनेशिया(बाली) में हुआ एवं 2023 में G-20 का Summit भारत में एवं 2024 में ब्राजील में होगा।

जी-20 शिखर सम्मलेन 2023: 

G-20 2023 kahan hua :भारत में G-20 का main Summit जहां पर दुनिया के Leader इकट्ठे होते हैं, Group फोटो लेते हैं, Meetings होती है वह नई दिल्ली में हुई, इसलिये दिल्ली के प्रगति मैदान को तेजी के साथ विकसित किया गया

वित मंत्री, मंत्री, बड़े नौकरशाहों की Meetings जम्मू-कश्मीर में हुई।

भारत द्वारा लिया गया यह निर्णय Geo-Politics के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण है इससे भारत की image पर Positive effect पड़ेगा, लेकिन भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर में कड़े सुरक्षा का इंतेजाम किया गया,  क्योंकि इसमें चीन, तुर्की आदि के बड़े अधिकारी व मंत्री ने meetings की | 

जिससे पूरे World को संदेश जाये कि जम्मू-कश्मीर की World media के द्वारा जो image दिखाई जाती है उसका Clear पता लग गया| 

जी20 में भारत की अध्यक्षता-

भारत द्वारा इस संगठन की पहली बार अध्यक्षता की है  और पहली बार भारत में यह शिखर सम्मेलन हुआ , जो कि 9, 10 सितम्बर को नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

G 20 सम्मेलन की थीम है -  'वसुधैव कुटुम्बकम' या 'एक धरती एक परिवार एक भविष्य' तथा भारत में भी 2023 जी 20 का सम्मलेन इसी थीम पर आधारित रहा | 


क्या है G-20 समूह :- जी-20 Summit(सम्मलेन) 2023 जम्मू-कश्मीर में होगा : जी-20 Summit(सम्मलेन) 2022 in hindi

G-20 समूह की पृष्ठभूमि :

एशियाई वित्तीय संकट की शुरूआत 1997 में थाईलैंड से होती है, क्योंकि थाईलैंड ने अपनी मुद्रा का अवमूल्यन कर दिया, यानी मुद्रा की जो कीमत थी उसको गिरा दी, इसी चक्कर में ओर भी देशों ने अपनी मुद्रा का अवमूल्यन गिरा दिया, तथा इनका ऐसे करने के पीछे मकसद था, विदेशी मुद्रा भंडार का ज्यादा प्राप्त होना इससे हुआ यह कि इस तरह से इतना निवेश भी नहीं आया और वहां की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी, फिर वर्ल्ड बैंक जैसी संस्थाओं द्वारा इसको बचाया गया।

इसी तरह फिर एक चर्चा उभर कर आयी कि जिस तरह से जी 7 संगठन है, उसी तरह एक ऐसा संगठन होना चाहिए जो इस तरह की परेशानियों से बचाने के लिये उनको कुछ एजेंडा तैयार करा सके, उनको उनकी अर्थव्यवस्था के आधार पर उनको समझा सके। इसलिये 1999 में ग्लोबल साउथ को ध्यान में रखकर, उनकी चिंताओं को देखते हुए जी 20 का गठन किया गया, जिसमें 19 देश व एक यूरोपीयन यूनियन को मिला इस संगठन को बनाया गया।

शुरूआत में इसके शिखर सम्मेलन में वित्त मंत्री और बैंकों के गवर्नरों की बैठकें हुआ करती थी, फिर 2008 से राष्ट्राध्यक्षों की बैठकें होने लगी।

क्या है G-20 समूह

G 20 को ग्रुप ऑफ Twenty भी कहा जाता है। यह एक मंत्रिस्तरीय मंच है, जिसे G7 द्वारा विकसित एवं विकासशील दोनों अर्थव्यवस्थाओं के सहयोग से गठित किया गया था। इसका गठन 1999 में हुआ, जब इसका गठन हुआ था तब इसके वित्त मंत्री और बैंक के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था। इसका पहला सम्मेलन जर्मनी की राजधानी, बर्लिन में हुआ था। 

फिर 2008 में जिस तरह से पूरे विश्व ने महामंदी का सामना किया था, तो इस संगठन में भी बदलाव देखा गया और इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में बदल दिया गया और यह तय किया गया कि साल में एक बार जी20 नेताओं की बैठक की जायेगी, 2008 में अमेरिका की राजधानी वाशिंगठन में इसका आयोजन किया गया। 

इसका सबसे बड़ा मकसद है आर्थिक सहयोग साथ यह जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण जैसे मुददों पर भी बात करता है वैसे इसमें इसके अलावा भी बहुत से मुददे भी शामिल है जैसे आतंकवाद, कृषि, उर्जा, रोजगार आदि तथा इसमें कुल विश्व की जीडीपी का लगभग 80 प्रतिशत है।

1997 में जो एशियाई वित्तीय संकट था उसको दूर करने के लिये G-20 की स्थापना की गई थी एवं इसमें विकसित व विकासशील दोनों देश शामिल है साथ ही इसमें वित मंत्री व केन्द्रीय बैंकों के गवर्नर को भी भाग लेने की बात की गई।

जी-20 के उद्देश्य- इसके द्वारा वैश्विक वित्तीय बाजार में स्थिरता लाना एवं आर्थिक चुनौतियों का सामना करना। जैसे- कोविड-19 से निपटना।

मध्यम आय वाले देशों को इसमें शामिल करना, क्योंकि जब मध्यम आय वाले देश इसमें शामिल होंगे तो इससे वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित रखना आसान हो जाता है, जैसे एशिया वित्तीय संकट के समय हुआ, क्योंकि यदि महत्वपूर्ण देश इसमें शामिल होकर एकमत सहयोग नहीं करेंगे। तो इससे एशिया वित्तीय संकट जैसी समस्या उत्पन्न होती रहेगी।

वैश्विक आर्थिक एजेंडा तैयार करना।

दुनिया की दो तिहाई आबादी इसमें शामिल है, विश्व व्यापार का लगभग 75 प्रतिशत है जिससे यह संगठन बहुत महत्वपूर्ण बन जाता है।

जी-20 की स्थापना कब हुई ?- 1999 में हुई जिसमें 20 देश है(19 देश व 1 EU) G-20 में विकसित और विकासशील दोनों देश हैं, 

जी 20 में कुल कितने देश हैं ? :

विकसित देश- 

  • अमेरिका,
  • ब्रिटेन,
  • फ्रांस,
  • जर्मनी,
  • इटली,
  • कनाडा,
  • जापान,
  • रूस

विकासशील देश-

  • ब्राजील,
  • चीन,
  • भारत,
  • दक्षिण अफ्रीका,
  • सउदी अरब,
  • आस्ट्रेलिया, 
  • अर्जेण्टीना, 
  • मैक्सिको, 
  • इंडोनेशिया,
  • तुर्की,
  • साउथ कोरिया

  • एक EU(यूरोपीय यूनियन) 

जी 20 के सदस्य देश 5 ग्रुप में बंटे हुए हैं-

Group 1-  

  • Australia(2014), 
  • Canada(2010), 
  • Saudi Arabia(2020), 
  • United States(2008)
Group 2 - 

  • India(2023), 
  • Russia(2013), 
  • South Africa(2025), 
  • Turkey(2015)

Group 3

  • Argentina(2018), 
  • Brazil(2024), 
  • Maxico(2012)


Group 4 - 

  • France(2011), 
  • Germany(2017), 
  • Italy(2021), 
  • United Kingdom(2009)


Group 5 - 

  • China(2016), 
  • Indonesia(2022), 
  • Japan(2019), 
  • South Korea

पहला सम्मेलन- G-20 का पहला सम्मेलन 2009 में वाशिंगटन डीसी(अमेरिका) में हुआ।

G-20 समूह के सदस्यों के कार्यां के लिये विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है ये नीतियों के निर्माण में सलाह देते हैं इनको Permanent Guest Members रूप में बुलाया जाता हैं- :-

  • African Union
  • Asian 
  • IMF
  • WTO
  • UN
  • FSB
  • NFPAD

स्पेन को एक Permanent Guest Members के रूप में Invite किया जाता है जो प्रत्येक साल    जी -20 Summit में भाग लेता है।

जी-20 सम्मलेन के बाद - सम्मेलन के बाद कुछ विशेष Meetings भी होती हैं जैसे BRICS  के सदस्य आपस में मिल लेते हैं, IBSA, आदि JAI(जापान, अमेरिका, इंडिया) यह भारत के लिये बहुत महत्वपूर्ण है।

जी-20 दुनिया का एक महत्वपूर्ण संगठन क्यों है?

  • यह दुनिया का दो-तिहाई आबादी का नेतृत्व है। 
  • विश्व की कुल GDP का लगभग 85 प्रतिशत Cover करता है।
  • इसका वैश्विक व्यापार में 75 प्रतिशत योगदान है।
  • G-20 में उन्नत व उभरती अर्थव्यवस्थाएं दोनों प्रकार की अर्थव्यवस्थाएं इसमें शामिल हैं।

G-20 का कार्य :-  

इस का जो अध्यक्ष होता है वह सदस्य देशों के बीच हर साल एक प्रक्रिया के तहत रोटेट(Rotate) होता रहता है।

इसके अध्यक्ष पद के चुनाव के लिये 19 देशों को 5 समूहों में बांटा जाता है एवं प्रत्येक समूह में 4 देश से ज्यादा नहीं होते हैं।

अध्यक्ष पद हर साल प्रत्येक समूह में Rotate(रोटेट) होता है। हर साल G-20 का कोई समूह, अध्यक्ष पद के लिये किसी अन्य समूह से किसी एक देश का चयन करता है। भारत समूह 2 में शामिल है जिसमें दक्षिण अफ्रीका, रूस, एवं तुर्की भी शामिल हैं।

G-20 कोई Permanent सचिवालय या मुख्यालय नहीं है एवं G-20 का अध्यक्ष अन्य सदस्यों के साथ परामर्श करके G-20 एजेंडा जारी करता है।

ट्रोइका(Troika)- हर साल जब एक देश अध्यक्ष पद लेता है तो वह पिछले साल के अध्यक्ष व अगले साल के अध्यक्ष देश के साथ समन्वय स्थापित करके कार्य करता है तो इसी प्रक्रिया को सामूहिक रूप से ट्रोइका कहते हैं।

क्या है G-20 समूह :- जी-20 Summit(सम्मलेन) 2023 जम्मू-कश्मीर में होगा : जी-20 Summit(सम्मलेन) 2022 in hindi


G-20 के Summit में भारत की प्राथमिकताएं-

  • कोविड-19 महामारी से निपटना।
  • आतंकवादी वित पोषण को रोकना।
  • प्रेषण की लागत में कमी करना।
  • प्रमुख दवाओं तक बाजार की पहूंच।
  • विश्व व्यापार संगठन में सुधार।
  • पेरिस समझौते का लागू करना।

G-20 की कामयाबी - यह नई चुनौतियों से निपटने के लिये जल्दी से निर्णय लेता है।

इसने सदस्य देशों के बीच समन्वय स्थापित कर अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय विनियामक प्रणाली(International Financial Regulatory System) को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई है।

2008 में आई वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान तत्कालीन वित्तीय जरूरतों को शीघ्र पूरा किया।

G-20 समूह ने व्यापार सुविधा समझौते के अनुसमर्थन(Rectification) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अच्छा संचार-यह चर्चा के माध्यम से निर्णय लेता है।

चुनौतियां- कोई प्रवर्तन तंत्र(Enforcement Mechanism) का ना होना।

इसमें आम सहमति व चर्चा के आधार पर निर्णय लिये जाते हैं फिर इसी के अनुसार घोषणाएं की जाती हैं, लेकिन ये घोषणाएं कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होती हैं यह केवल 20 सदस्यों का एक सलाहकारी या परामर्शी समूह होता है।

12 साल बाद भी G-20 समूह अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये एक महत्वपूर्ण मंच है।

जी-20 शिखर सम्मलेन list  

  1. वॉशिंगटन, (यूएसए)  2008
  2. लंदन, (यूके) - 2009
  3. पिट्सबर्ग, (यूएसए) 2009
  4. टोरंटो, (कनाडा) 2010
  5. सियोल, (दक्षिण कोरिया) 2010
  6. काँस, (फ्रांस). 2011
  7. लॉस काबोस, (मैक्सिको) 2012
  8. सेंट पीटरबर्ग , (रशिया) 2013
  9. ब्रिसबेन, (ऑस्ट्रेलिया)  2014
  10. अंताल्या, (तुर्की ) 2015
  11. हांगझोऊ , (चीन) 2016
  12. हैमबर्ग, (जर्मनी) 2014
  13. ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना) 2018
  14. ओसाका (जापान) 2019
  15. रियाद (साऊदी अरब) 2020
  16. रोम (इटली), 2021
  17. बाली (इंडोनेशिया), 2022 
  18. नई दिल्ली/जम्मू-कश्मीर (भारत ) 2023 
  19. ब्राज़ील, 2024 
  20. साउथ अफ्रीका, 2025 

आगे की राह-

जी 20 को आईएमएफ, विश्व बैंक, डब्लूएचओ, डब्लूटीओ के साथ साझेदारी के साथ काम करना चाहिए, जिससे इसके निर्णय अच्छे हो सकते हैं।

वैश्विक सहयोग को प्राथमिकता दे सकता है, इस मंच के माध्यम से रूस-युक्रेन संघर्ष पर ठोस चर्चा व सहमति की जा सकती है।

G 20 के बारे में जानकारी(FAQs ) : 

Q. 2023 में जी 20 की अध्यक्षता कौन करेगा ?

A. 2023 में जी 20 की अध्यक्षता भारत करेगा जी-20 Summit(सम्मलेन) 2023 जम्मू-कश्मीर में होगा, लेकिन  भारत में G-20 का main Summit जहां पर दुनिया के Leader इकट्ठे होते हैं, Group फोटो लेते हैं, Meetings होती है वह नई दिल्ली में होगा| 

  Q. 2022 में जी 20 का सम्मेलन कहाँ हुआ ?

A.  G -20, 2022 का सम्मेलन बाली(इंडोनेशिया) हुआ |  

Q. 2024  में जी 20 का सम्मेलन कहाँ होगा ?

A. 2024  में जी 20 का सम्मलेन ब्राज़ील में होगा | 

Q. जी 20 का अध्यक्ष कैसे बनते हैं  ?

A. इसका अध्यक्ष ट्रोइका के हिसाब के बनते हैं, ट्रोइका का मतलब है कि इसमें 3 देश(जो वर्तमान में अध्यक्ष है, दूसरा जो इससे पहले अध्यक्ष था, तीसरा जो आने वाला अध्यक्ष बनेगा) शामिल होते है। 

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