AI ने पूरी दुनिया में धूम मचा रखी है, इसका प्रयोग हर क्षेत्र में तेजी के साथ हो रहा है, और एआई ऐसे काम कर रहा है जो शायद इंसान नहीं कर पाता है, इसी तरह एक AI द्वारा एक काम किया गया है कि आप क्या सोच रहे है,
आपके दिमाग में क्या चल रहा है, आप क्या सपना देख रहे है यानी एआई लोगों के दिमाग को पढ़ने लगा है, क्योंकि अमेरिका के वैज्ञानिकों ने एक नया मॉडल बनाया है, जिसमें लोगों के दिमाग को पढ़ने की ताकत है, लोगों के दिमाग की गतिविधियों को टेक्स्ट में बदल सकता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह डिसेबिलिटी और पैरालिसिस में लोगों की मदद कर सकता है, यह तकनीक एआई पर आधारित डिकोडर है, जो दिमाग की गतिविधियों को टेक्स्ट में स्ट्रीम कर सकता है यानी इसकी मदद से किसी भी व्यक्ति के विचारों को पढ़ा जा सकता है।
विज्ञान पत्रिका द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में नये ग्रह की खोज के बारे में बताया गया है। खोजा गया नया ग्रह HD 142666 नामक एक तारे के पास है |
सौरमंडल के बाहर खोजे गये इस नये ग्रह को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) ने खोजा है।
Artificial intelligence (AI) के बारे में आपने जरूर सुना होगा आजकल तो हम सब अपने स्मार्टफोन में, गूगल में गूगल असिस्टेंट जैसे सॉफ्टवेयर के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ChatGPT इंटरनेट पर तूफान ला दिया है इसे OpenAI कंपनी ने बनाया है | ChatGPT भाषा को समझने और प्रतिक्रिया देने में सक्षम है यानी आप इसके साथ बातचीत कर सकते हैं|
यह ऐसा ही उत्तर देता है जैसे किसी मानव द्वारा दिया जाता है, जिसके चलते गूगल ने अलर्ट जारी किया है, क्योंकि यह गूगल की तरह एक सवाल के कई उत्तर नहीं देता है,
बल्कि एक उत्तर देता है इसी को ध्यान में रखते हुए गूगल ने AI आधारित BARD लॉन्च करने की बात कही है और हो सकता है आने वाले कुछ दिनों में BARD हम यूज कर सके।
Artificial intelligence in hindi:- इस यूनिवर्स में केवल मनुष्य ही है जिसे प्रकृति द्वारा दिमाग के साथ उसे सही तरीके से यूज करने की कुशलता प्रदान की गई है।
मनुष्य आज अपनी बुद्धि व कुशलता से कहां से कहां पहुंच गया जैसे आदिमानव की जिंदगी से अंतरिक्ष में कदम रखना ।
मनुष्य ने इसी बुद्धि के द्वारा कंप्यूटर, इंटरनेट, स्मार्टफोन जैसे अनेकों आविष्कार किए हैं जिसके कारण हम मनुष्य को एक नई दिशा मिली है।
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंसान ने इतनी तरक्की की है कि उसी की तरह सोचने-समझने और अपने दिमाग का इस्तेमाल करने वाला एक चलता फिरता मशीन रोबोट आदि के बारे में सोच रहा है,
जो बिल्कुल इंसानों की तरह काम करने की क्षमता रखता हो, इसी एडवांस टेक्नोलॉजी से बनने वाली मशीन को ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है।
इसके बारे में अभी लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए आज हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बात करेंगे जैसे: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है, इसका इस्तेमाल कहां किया जाएगा और इसके फायदे-नुकसान क्या है ?:आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्या है :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिसे हिंदी में "कृत्रिम बुद्धिमत्ता" कहा जाता है,
जहां कृत्रिम का मतलब है - "किसी व्यक्ति के द्वारा बनाया हुआ" बुद्धिमत्ता का मतलब है - "इंटेलिजेंस यानी सोचने की शक्ति।"
आम तौर पर हम मानव की इंटेलिजेंस को ही समझते हैं, लेकिन जब यह मशीन द्वारा बनाया है तो इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) कहा जाता है।
एआई एक ऐसी तकनीक है इसके तहत कंप्यूटर, रोबोट या मशीन को इस तरह प्रोग्राम किया जाता है कि वह मनुष्य की तरह काम करने लगे।
यानी हम आसान भाषा में कह सकते हैं कि एआई में कंप्यूटर या मशीन द्वारा मानव के दिमाग की नकल करने की शक्ति होती है जिसमें सीखना, वस्तुओं को पहचानना, भाषा को समझना, रिएक्शन देना, समस्याओं को हल करने जैसे कार्य शामिल हैं।
Artificial intelligence (AI) कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो ऐसी मशीन को विकसित कर रही है जो इंसान की तरह सोच सके और कार्य कर सके ।
जब हम किसी कंप्यूटर को इस तरह तैयार करते हैं जो मनुष्य के दिमाग की तरह कार्य कर सके तो उसे Artificial intelligence (AI) कहते हैं,
यानी जब हम किसी मशीन में इस तरह के प्रोग्राम set करते हैं कि वह एक मनुष्य की तरह काम कर सके तो उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) कहां जाता है।
AI का आसान मतलब होता है कम्प्यूटर या मशीन को एक दिमाग दे देना, जिस तरह हम बच्चों को सीखाते है, ऐसे ही हम मशीन सिस्टम को डेटा देकर कुछ सीखाते हैं।
Normal तकनीक और AI तकनीक में यही अंतर है कि Normal तकनीक में जितना हम डेटा डालते है हमें वैसा ही डेटा मिलता है जैसे माइक्रोसॉफ्ट पर हमने जिस फोल्डर में कोई फाइल Save की तो हम उसी फोल्डर में फाइल को ले सकते हैं,
लेकिन AI तकनीक में जितना डेटा आयेगा ये उतनी ही बेहतर होती जायेगी।
सामान्तया AI दो तरह से काम करता है
1. General AI
2. Narrow AI
General AI वो AI होता है जो मानव की तरह बहुत सारे काम कर सकती है जबकि Narrow AI की बात करे तो यह Particular एक काम करती है।
जैसे टेस्ला की कार यह जिस तरह से अमेरिका में काम करेगी उस तरह यह भारत में काम नहीं करेगी। आज लगभग हमारे पास नेरो एआइ है, जिसको हम हर जगह यूज करते है।
हम जब भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) की बात करते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में एक ही सवाल आता है वह है रोबोट का, जबकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज हमारे दिनचर्या के कामों में यूज हो रही है,
चाहे हम गूगल मेप का यूज करें या गूगल अस्टिटेंट के द्वारा हमारे जवाब देना यानी आज एआई हर कहीं आ चुका है या गाड़ी का बिना ड्राइवर के चलना हो या हमारी पसंद के अनुसार शेपिंग प्लेटफॉर्म हमें एड दिखाते है यह सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा ही संभव हो पाया है,
यह एक ऐसी बुद्वि है जिसे इंसानों द्वारा बनायी गयी है। जो इंसानों की तरह ही काम करती है, हां इसमें भावनाएं नहीं होती है, तथा मशीनों को इस तरह तैयार किया गया है कि ये इंसानों की तरह ही सोच सकती है, समस्याओं का हल निकाल सकती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिसे शॉर्ट में AI भी कहते है, यह एक ऐसी फिल्ड है जिसमें प्रोग्रामर्स ऐसे सॉफ्टवेयर बनाते है, जिन्हें मशीन या सिस्टम में डाला जाये तो फिर यह मशीन डाले सॉफ्टवेयर के डेटा से सीख कर आदमी की तरह काम कर सकती है,
यानी इंसानों की तरह सारे काम कर सकती है, भावना वगैरा को छोड़कर, व कुछ काम ऐसे भी कर सकती है, जिन्हें इंसान नहीं कर सकता है, इसकी खासबात यह है कि यह इंसानों से जल्दी में व सही काम कर सकती है, यह इंसानों की तरह सोच सकती है, समझ सकती है यहां तक ही खुद ही डिसाइड कर सकती है जैसे आपने सोफिया का तो नाम सुना होगा जो इंसानों की तरह दिखती है,
इंसानों की तरह एक्प्रेशन देती है, बात करती है साथ ही यह अलग अलग प्रतिक्रिया भी दे सकती है और इंसानों की तरह ही अलग अलग जगह जा सकती है, इंसानों से मिल सकती है, उन जैसा काम कर सकती है।
ऐसे ही ऐसी गाड़ियां जो बिना ड्राइवर के चल रही है, यह एआई के द्वारा ही हो पा रहा है, इसमें कुछ इस तरह से सॉफ्टवेयर डाला जाता है, यह खुद व खुद सीखती रहती है, परिस्थितियों को जान सकती है, उसके अनुसार निर्णय ले सकती है।
इन मशीन या सिस्टम को इंटेलिजेंस बनाने के लिये डेटा देना पड़ता है, ओर ये इस डेटा के आधार पर सीखती जाती हैं, फिर उसी के आधार पर आउटपुट देती हैं।
आज एआई का प्रयोग हमारे आसपास, हर जगह हो रहा है, आप कहीं भी जाओ आपको एआई का प्रयोग मिल ही जायेगा, हमे यह कहने में कोई हैरानी नहीं होगी कि आज का दौर एआई का दौर है, और हमें इसके अनुसार ही ढलना चाहिए, इसको अपनी जिन्दगी में यूज करना चाहिए, नहीं आप इससे प्रतिस्पर्धा की दुनिया में पिछड़ जाओगे।
क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) हमारे लिए खतरा है - आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) आने के बाद ये बात चर्चा का विषय बन गया है कि क्या एआई आपकी नौकरी खतरे में डाल सकता है ।
यह सवाल उठना भी सामान्य बात है क्योंकि कई कम्पनियां चैटबॉक्स में उतर आयी हैं। जिस तरह से तकनीक जितनी तेजी के साथ बढ़ रही है इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है।
कम्प्यूटर साइंटिस्ट डॉ जेफ्री हिंटन जिनको एआई का जनक माना जाता है इन्होंने कहा है कि एआई मानव के लिये बहुत बढ़ा खतरा है।
हिंटन डीप लार्निंग को लेकर रिचर्स की थी इसी रिसर्च के द्वारा Chatgpt एआई जैसे सिस्टम का जन्म हुआ।
हिंटन ने कहा है कि उन्हें अफसोस है कि वे इस रिसर्च से जुड़े थे, क्योंकि एआई तकनीक की वजह से इंटरनेट पर गलत खबरों, अफवाहों की भरमार हो चुकी है।
एलन मस्क से लेकर सुन्दर पिचाई तक इसको लेकर अनदेशा जता चुके हैं। कई एक्पर्टस मान रहे है कि यह आने वाले समय में आदमी के दिमाग को भी पीछे छोड़ देगा।
एआई की वजह से कौन सी नौकरियां खतरे में हैं ? :-
दरअसल माना जा रहा है कि एआई के कारण लगभग 30 करोड़ नौकरियों का खतरा हो सकता है और 46 प्रतिशत प्रशासनिक कार्य एआई निपटा सकता है।
और 44 प्रतिश कानूनी कामकाज भी एआई निपटा सकता है, लेकिन लेबर(श्रम) से जुड़े काम केवल 6 प्रतिशत ही एआई कर सकता है। हम कह सकते हैं कि लेबर में नौकरियों को कम खतरा है।
इससे कलाकारों को भी नुकसान हो सकता है, यह आर्ट प्ले कर सकता है, गाने लिख सकता है, किसी कलाकार के स्टेप कुछ सैकेंड में कॉपी कर सकता है।
लेखकों-पत्रकारों का भी काम कर सकता है Chatgpt |
यदि रिचर्स के अनुसार हम देखेंगे कि तकनीक जिस तरह साल 1980 से लेकर अब तक तरक्की कर रही है उससे नौकरियों के मिलने के वजाये नौकरियां से हटाने के मौके ज्यादा आ रहे हैं।
हालांकि कई लोगों का यह भी मानना है कि इससे प्रोडेक्टिविटी भी बढ़ेगी, इससे एक तरह की औधागिक क्रांति आ सकती है।
कई देश एआई को लेकर उत्साहित है जैसे यूके इसे लेकर बढ़ा निवेश करने की बात कर रहे हैं, यूके का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि भारत AI के मामले में वैश्विक हब बने, लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि यह देश की सामूहिक जिम्मेदारी होगी वे एआई के दुरूपयोग से बचायें।
AI से कैसे बचाये अपनी जॉब -
AI से अपनी जॉब बचाने के लिये सबसे पहले तो आपको AI के साथ ही आना होगा।
हमें जल्दी सीखने की आदत बनानी होगी, क्योंकि चीजे बहुत जल्दी से बदल रही है।
अपने काम में AI का यूज कैसे करना है इसको समझना होगा।
कोड को समझना, भले ही चैटजीपीटी जैसे टूल कोड को लिख सकते हैं लेकिन उनको समझने के लिय इंसान की ही जरूरत होगी।
तकनीक को अपनाना होगा। AI सब काम कर सकता है लेकिन यह कॉमन सेंस नहीं होगा, भावना नहीं होती है और इसको असल दुनिया की समझ नहीं है।
इसलिये एआई को एक अवसर समझकर, इसको समझकर अपने काम को ओर आगे बढ़ा सकते हैं।
artificial intelligence कैसे काम करता है? : यह इंटेलिजेंस की पावर होती है कि यह हम मनुष्य के अंदर कुछ देख कर, कुछ सुनकर बढ़ती है ।
हम यह सोच सकते हैं कि हमें उसके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, ठीक उसी तरह भी कंप्यूटर के अंदर एक तरह का इंटेलिजेंस develop कराया जाता है,
जिसके जरिए कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक्स सिस्टम तैयार किया जाता है जो उन्हीं तर्कों के आधार पर चलता है जिस आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।
कंप्यूटर साइंस के कुछ वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की परिकल्पना दुनिया के सामने रखी थी जिसमें उन्होंने बताया था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) कॉन्सेप्ट के द्वारा एक ऐसा सॉफ्टवेयर या कंप्यूटर कंट्रोल मशीन बनाए जाने की योजना बनाई जा रही है जो इंसानों की तरह सोच सके।
मानव सोचने, याद रखने, एनालाइज करने का काम भी कंप्यूटर यंत्र से कराना चाहता है। इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर रिसर्च किया जा रहा है।
मशीन Learning क्या है : - कंप्यूटर साइंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) को मशीन Learning के नाम से भी जाना जाता है मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक हिस्सा है,
यह सिस्टम में अपने अनुभव से अपने आप ही सीखने व खुद को improve करने की क्षमता रखता है और इसमें प्राथमिक महत्व कंप्यूटर को इंसान के बिना ही सीखने की अनुमति देना होता है।
मशीन लर्निंग कंप्यूटर प्रोग्राम के डेवलपमेंट पर फोकस करता है जो डाटा को Access कर सके और उसमें अपने आप सीख सके।
जिस तरह मनुष्य अपने अनुभव से अपनी क्षमता, स्किल को बेहतर करते हैं वैसे ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) के प्रोग्राम भी, जिसके जरिए मशीन भी सीखने का काम कर सकती है।
आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) व मशीन लर्निंग के लिए सबसे ज्यादा पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जा रहा है।
Artificial Intelligence(AI) का इतिहास क्या है व इसकी शुरुआत किसने की : - जब मनुष्य कंप्यूटर की असली ताकत की खोज कर रहा था तब मनुष्य को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या कोई मशीन इंसानों की तरह सोच सकती है ।
इसी सोच से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) के विकास की बात शुरू हुई इसके पीछे केवल एक ही उद्देश्य था कि एक ऐसी मशीन बनाई जाए जो इंसानों की तरह सोच सके इंसानों की तरह ही सोचने-समझने, याद करने, Analyze करने की क्षमता रखता हो।
1955 में लॉजिक थेओरिस्ट Newell और Simon द्वारा डिजाइन किया गया जिसको फर्स्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) प्रोग्राम माना जा सकता है।
John McCarthy (1955) ने Artificial intelligence (AI) शब्द का इस्तेमाल किया यह अमेरिकी कंप्यूटर साइंटिस्ट थे ये पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 1956 में एक सम्मेलन "the dartmouth Summer research project on artificial intelligence" मैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बताया इसलिए इन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक कहा जाता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) कोई नया विषय नहीं है बल्कि इसकी चर्चा दशकों से हो रही है,
MATRIX, रोबोट, टर्मिनेटर जैसी फिल्मों का आधार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही है जहां रोबोट को बताया गया है कि वह भी इंसानों की तरह सोचता है।
फिर बाद में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च सेंटर की स्थापना Carnegie Mellon University व massachusetts institute of Technology(MIT) में हुई।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) के निर्माण के वक्त कई चुनौतियां भी थी जैसे ऐसी मशीन जो खुद से किसी कार्य को सीखे, किसी समस्याओं को कुशलता से हल करें।
1957 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में पहली सफलता तब मिली जब Newell और Simon द्वारा एक General problem Solver(GPS) नामक नावेल प्रोग्राम बनाया गया जो Wiener के फीडबैक सिद्धांत का विस्तार था,
जिसमें सामान्य ज्ञान की समस्याओं का अधिक से अधिक समाधान किया जा सकता था।
लेकिन 1958 में John McCarthy द्वारा LISP लैंग्वेज का विकास किया गया जिसे कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) रिसर्चरों द्वारा अपनाया गया और जो आज भी इसका use किया जाता है।
जापान ने सबसे पहले 1981 में फिफ्थ जनरेशन नामक योजना बनाई इसमें सुपर कंप्यूटर के विकास के लिए 10 वर्षीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की,
अन्य देशों ने भी इस ओर ध्यान दिया और ब्रिटेन ने इसके लिए "एल्वी" नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया।
Artificial Intelligence (AI) का क्या क्या उपयोग है:- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की लोकप्रियता बहुत तेजी के साथ बढ़ती जा रही हैं जो आज ऐसा विषय बन गया है,
जिसकी टेक्नोलॉजी, बिजनेस के क्षेत्र में काफी चर्चा हो रही है एवं विशेषज्ञों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) या मशीन Learning हमारा भविष्य है,लेकिन यदि हम अपने चारों तरफ देखते हैं तो पाएंगे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय भविष्य नहीं बल्कि हमारा वर्तमान है।
टेक्नॉलॉजी के युग में आज हम किसी ना किसी तरीके से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) से जुड़े हुए हैं और इसका यूज भी कर रहे हैं ।
कई कंपनियों द्वारा मशीन लर्निंग पर काफी काम किया जा चुका है जिसकी वजह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Product, एप्स हमारे लिए उपलब्ध हुए हैं ।
AI based latest technology in hindi
आज के समय में उपलब्ध होने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण निम्न हैं:
Assistant Siri :- Siri आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) का एक उदाहरण है जिसके द्वारा आप वह सब चीजें कर सकते हैं जो आप पहले इंटरनेट पर टाइप किया करते थे,जैसे - मैसेज Send करना, इंटरनेट के द्वारा सूचना ढूंढना, किसी एप्लीकेशन को open करना, अलार्म लगाना आदि यह सब काम बिना मोबाइल के हाथ लगाए सिर्फ Hey Siri कहकर करवा सकते हैं।
Siri आपकी भाषा/सवालों को समझने के लिए मशीन Learning टेक्नोलॉजी का प्रयोग करती है लेकिन यह केवल iphone और ipad में ही सुविधा है,
ऐसे ही दूसरी डिवाइस Alexa, quick support, google Assistant है जो siri की तरह काम करती है।
Google Map:- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) का गूगल मैप में अच्छा प्रयोग हुआ है, क्योंकि गूगल मैप हमारी लोकेशन को track करती है और रास्ते बताने में मदद करती है जिसके जरिए हम सही जगह पहुंच जाते हैं,
क्योंकि यह AI mapping के साथ gaint's Technology रास्ते की जानकारी को scan करती है व एल्गोरिदम की मदद से सही रास्ता बताती है।Echo:- इसे अमेजन द्वारा लांच किया गया है जो आपके सवालों का जवाब दे सकता है, यह ऑडियोबुक पड़ सकता है और साथ ही मौसम की जानकारी व ट्रैफिक की जानकारी बता सकता है व किसी भी स्पोर्ट्स का स्कोर, शेड्यूल भी बता सकता है।
Tesla Car:- Automobiles के क्षेत्र में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) का प्रयोग तेजी के साथ बढ़ रहा है ऐसे ही टेस्ला कार है इसमें self-driving फीचर्स मौजूद हैं यानी बिना ड्राइवर के यह कार आर्टिफिशली मदद से चलती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज मैन्युफैक्चरिंग उद्योगों में भी बहुत तेजी के साथ हो रहा है, पहले जो काम हजारों लोगों द्वारा किया जाता था वह अब मशीन की सहायता से बहुत जल्दी होने लगा।
ऑनलाइन चैस व लूडो खेलना इन games में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) दिखाई देता है साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग रोबोटिक्स, मौसम की जानकारी, स्वास्थ्य उद्योग, हवाई जहाज आदि में भी किया जाता है।Artificial Intelligence (AI) के प्रकार -
Artificial Intelligence (AI) के मुख्यत: 4 प्रकार हैं(कृत्रिम बुद्धि के 4 प्रकार क्या हैं ?): -
- Purely Reactive,
- limited memory,
- brain theory,
- self conscious
Purely Reactive AI:- इसमें एक्शन के जवाब में रिएक्शन होता है जैसे Deep blue Chess प्रोग्राम ने 1990 के दशक में शतरंज के बहुत बड़े खिलाड़ी को हरा दिया था ।
Limited Memory AI:- यह अपने पुराने अनुभवों को याद रख सकती है जिसका इस्तेमाल आने वाले समय में कर सकती है,
क्योंकि इसमें ऐसी मशीनों को रखा जाता है जिसमें कम मेमोरी होती है जैसे टेस्ला कार( सेल्फ ड्राइविंग कार) लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि इसमें कम मेमोरी होने के कारण यह लंबे समय तक डाटा को Store नहीं रख सकती।Brain Theory AI :- इसका इस तरह से प्रयोग किया जाता है जिस तरह मनुष्य सोच-समझ सके,
कुछ हद तक इसमें सफलता मिली है लेकिन अभी कोई ऐसी मशीन नहीं बनी जो मानव के दिमाग को पूरी तरह कॉपी कर सके।
Self Conscious AI :- इसमें ऐसी मशीन होती है जो इंसानों की तरह सोच समझ सके साथ ही मानव Expression भी दे सके जैसे: सुख-दुख आदि यानी इसके द्वारा दूसरे के दिमाग की स्थिति का पता लग सकता है।रोबोटिक्स के तीन यूनिवर्सल नियम :-
- रोबोट किसी मनुष्य को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
- रोबोट मनुष्य या अपने मालिक द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करेगा।
- विकट परिस्थितियों में रोबोट अपने अस्तित्व की सुरक्षा कर सकता है लेकिन इससे ऊपर दिए गए दोनों नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए (यानी इन्हे केवल अपने आप को बचाने का अधिकार है)
AI का विकास क्यों हुआ :-
- AI मानव बुद्धि से ज्यादा प्रयोग कर सकें,
- रिसर्च और विकास में सक्षम कार्यबल हो सके जैसे - पश्चिम में कार्यबल कम है उनके लिए इसका उपयोग बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है ,
- ऐसी जगह कार्य करना जहां मनुष्य कार्य ना कर सके।
AI का प्रयोग कहां कहां होता है :-
- कंप्यूटर गेम,
- Natural Language processing,
- Expert System,
- Speech Recognition,
- Intelligence Robot में होता है
Artificial Intelligence (AI) के लाभ :
- किसी भी काम को करने में Accuracy प्रदान करने में मदद करता है।
- कोरोनावायरस जेसी महामारी में रोबोट की भूमिका बहुत अहम हो जाती है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) के द्वारा जल्दी से कार्य किया जा सकता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानवीय श्रम बल पर कम दबाव पड़ेगा।
- इस तकनीक द्वारा ऐसे कामों को किया जा सकता है जो मनुष्य के लिए संभव नहीं है।
- खतरनाक व संवेदनशील गतिविधियों में इस तरह की मशीनों का प्रयोग किया जा सकता है जैसे आपदा प्रबंधन, आग पर काबू पाना आदि।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) में आराम की जरूरत नहीं होती व इसके लंबे समय तक लगातार काम किया जा सकता है।
- समुद्र की गहराई में खनिज ईंधन की खोज का काम, गहरी खानों में खोद का काम करना आदि काम को मशीन द्वारा आसानी से किया जा सकता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) का प्रयोग चिकित्सा क्षेत्र में ऑपरेशन, एक्स रे, बीमारी का पता लगाने, जांच, रेडियोसर्जरी जैसे कामों में किया जा सकता है।
- जीपीएस(GPS) का प्रयोग करके हम आसानी से किसी भी जगह पहुंचा सकते हैं, वित्तीय क्षेत्र में डाटा को सही ढंग से रखने के लिए उपयोग किया जाता है,
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) का प्रयोग कैंसर के इलाज या जलवायु परिवर्तन से संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी किया जा सकता है।
Artificial Intelligence (AI) के नुकसान :
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) के आने से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी आ सकती है क्योंकि कंपनी, बैंक, कारखानों आदि में इसका इस्तेमाल होने से लोगों की नौकरियां छीन सकती है ।
- यदि इन मशीनों को कंट्रोल नहीं किया गया तो इसमें मनुष्य को खतरा भी उत्पन्न हो सकता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) से बनी मशीनों की लागत बहुत ज्यादा होने के कारण इनका रख रखाव बहुत खर्चीला है एवं उनके खराब होने पर ठीक करना भी आसान नहीं ।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(एआई) के आने से मनुष्य में आलस्य बढ़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य व मनोविकार संबंधी चिंताएं उत्पन्न हो सकती है।
- यह भी संभावना बढ़ जाती है कि मानव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से खतरनाक हथियार बना ले जो कि मानव जाति का नाश कर दें एवं ऐसी स्थिति में कुछ लोग संपूर्ण मानव जाति पर शासन कर सकते हैं और शोषण कर सकते ।
- AI युक्त मशीनों के अंदर कोई भावना या नैतिक मूल्य नहीं होता है ये अपने फीड प्रोग्राम के अनुसार ही काम करती हैं जिससे यह गलत और सही काम में फर्क नहीं कर पाती है।
Artificial intelligence के उपयोग से क्या किया जा सकता है?
जैसा कि वर्तमान समय में अनेक प्रकार के Ai Tool आ चुके हैं जिसमें सबसे अधिक पॉपुलर Ai Tool चैट जीपीटी है। इस टूल का उपयोग आसानी से आर्टिकल लिखने के लिए जा सकता हैं। अनेक प्रकार के कोड जनरेट किए जा सकते हैं मोबाइल एप्लीकेशन को बनाया जा सकता है। वेबसाइट बनाई जा सकती है
इसके अतिरिक्त भी अनेक सारे कार्य chat GPT के उपयोग से किया जा सकते हैं। एप्लीकेशन को बनाने के लिए तथा वेबसाइट को बनाने के लिए आपको यहां से डायरेक्ट कोड प्रदान किए जाते हैं जिनका उपयोग करके आप आसानी से मोबाइल एप्लीकेशन बना वेबसाइट बना सकते हैं।
यहां हमने आपको एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल के बारे में बताया है इसके अतिरिक्त और भी अनेक सारे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल है। जिनका उपयोग अपनी आवश्यकता अनुसार आसानी से किया जा सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग करके आप फोटो को भी जनरेट कर सकते हैं। वर्तमान समय में आपने अनेक वीडियो फोटो तथा आर्टिकल देखे होंगे अधिकतम वीडियो फोटो तथा आर्टिकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग करके ही बनाए जा रहे हैं।
धीरे-धीरे और भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल के ऊपर कार्य किया जा रहा है। जिनका उपयोग अलग-अलग कार्य को करने के लिए किया जा सकेगा।
ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले भविष्य में अनेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आ जाएंगे जिनके द्वारा अनेक सारे कार्य को आसानी से किया जा सकेगा। अभी आप टेक्स्ट के द्वारा भी वीडियो डायरेक्ट बना सकते हैं इस प्रकार के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल भी आ चुके हैं।
Artificial intelligence(AI) टूल का उपयोग करना कैसे सीखे?:
जैसा कि हमने आपको बताया है कि अनेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल आ चुके हैं जिनका उपयोग करके आप अनेक सारे कार्य को आसानी से कर सकते हैं जिनमें से एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टुल चैट जीपीटी भी है।
इन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का उपयोग कैसे करना है सीखने के लिए आप यूट्यूब पर उपलब्ध अनेक वीडियो को देख सकते हैं इसके अतिरिक्त आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल के द्वारा जारी की जाने वाले अनेक ऑफिशियल वीडियो को देख सकते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर अनेक प्रकार के कोर्स भी लॉन्च किए जा चुके हैं उन्हें भी आप खरीद सकते हैं।
Artificial Intelligence (AI) में Future :
"मानवता के फायदे के लिए हमने आग और बिजली का इस्तेमाल तो करना सीख लिया पर इसके बुरे पहलुओं से उभरना जरूरी है" Sundar Pichaiवैज्ञानिकों का मानना है कि फ्यूचर में ऐसे रोबोट भी बनाए जाएंगे जो सही-गलत, उचित-अनुचित निर्णय लेने में सक्षम होंगे, साथ ही मानवीय संवेदना से भी युक्त होंगे ।
आज जिस तरह से टेक्नोलॉजी बढ़ रही है और धीरे-धीरे मशीनों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है ऐसा लगता है कि आने वाले समय में हम ज्यादातर कामों के लिए मशीनों पर निर्भर हो जाएंगे।
जिस तरह से इसका प्रयोग बढ़ रहा है, और आने वाले समय में इसका प्रयोग और भी बढ़ेगा ऐसे में हमें चाहिए कि हम इसके साथ जुड़ना सीख लें, क्योंकि आने वाले समय में Competition के तेजी से बढ़ेगी।
यदि हम AI के Era में Survive रखना रखना चाहते हैं तो इसको यूज करना आना चाहिए वैसे तो एआई कई नौकरियों व अनैतिक कार्य के लिये नुकसानदायक है,
लेकिन हम इसको एक अवसर के रूप में देखना चाहते हैं तो हमें इसके प्रति अपडेट होना व क्रिएटिव बनना पढ़ेगा,
जैसे - आप एक यूट्यूबर हो और जब आप विडियो बनाते हो तो आपको Editing करनी पड़ती है, Script लिखनी पड़ती है, ओडियो देनी पड़ती है तो आप ऐसे में AI की मदद से वीडियो एडिटिंग करा सकते हो, स्क्रिप्ट भी लिखवा सकते हो, अपनी ओडियो खुद दे सकते हो, वैसे तो एआई की मदद से ओडियो भी करवा सकते हो,
इस तरह आपको यहां आपको क्रिएटिविटी दिखानी होगी, जिससे आप एआई के साथ जुड़ कर अपना काम कर सकते हो व एआई को एक अवसर के रूप में देख सकते हो।
AI को लेकर किन लोगों ने क्या कहां है:-
एलोन मस्क जिनका नाम विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल होता है, ऐप्पल के सह-संस्थापक स्टीव वोज्नियाक ने फ्यूचर ऑफ लाइफ की संस्थान की वेबसाइट ने एक ओपन लेटर जारी किया था,
जिस पर एलोन मस्क जिनका नाम विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल होता है व ऐप्पल के सह-संस्थापक स्टीव वोज्नियाक ने हस्ताक्षर किये थे।
इन्होंने कहा कि चैटजीपीटी जैसे एआई से चलने वाले टू को कुछ समय के लिये रोकने का आग्रह किया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस Course :-
सिलिकॉन वैली ने बताया है कि भारत में एआई के क्षेत्र में बहुत ज्यादा स्कोप है इसलिये जो स्टूडेंटस एआई में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो भारत के ज्यादा तरह कॉलेज और यूनिवर्सिटी ने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करवाना शुरू कर दिया है ताकि भारत में एआई के लिये एक वर्कफोर्स तैयार हो सके, जिससे एआई based रोबोट तैयार किया जाये।
एआई के संबंध में भारत सरकार ने भी 2018 में पॉलिसी को शुरू किया जिसका मकसद है सभी के लिये एआई साथ सरकार ने इसके लिये डिजिटल इंडिया के अन्तर्गत 477 मिलियन डॉलर भी घोषित किये हैं।
इन अवसर का लाभ उठाने के लिये Computer Science, Information Technology, BCA/MCA, Neuron Science, Math's, Diploma in Computer Application इन स्टूडेंटस की ज्यादा डिमांड होती थी, लेकिन वर्तमान समय में जो एआई के इस्तेमाल को जानता है तो उसके लिये भी इस फिल्ड में काफी अवसर है जैसे किसी स्टूडेंट की पाइथन लैंग्वेज पर अच्छी पकड़ है तो वह आसानी से इन लाभों का फायदा उठा सकता है।
या आपके पास एआई से संबंधित डिप्लोमा या डिग्री है तो आप भी एआई के अवसर का लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि एआई का Area बहुत बड़ा है।
वर्तमान समय में जिस तरह से एआई की डिमांड बढ़ रही है उसको देखते हुए इसके कोर्स, डिग्री की फीस भी काफी मंहगे होती है, AI के कोर्स-
Elements of AI - यह गूगल द्वारा बनाया गया है जो कि एक बेसिक कोर्स है। यह एक फ्री कोर्स है।
Swayam - यह एक बेसिक कोर्स है जो कि 15 वीक का फ्री कोर्स है।
Artificial Intellingence Foundations - यह भी फ्री कोर्स है जो कि Futureskills prime पर मिल जायेगा |
Future skills prime पर कुछ paid कोर्स भी हैं जैसे full Stack Data Science and AI program इसी तरह Google Cloud पर भी कई सारे paid कोर्स मिल जायेंगे |
इसके अलाव माइक्रोसॉफट, अमेजन भी एआई के कोर्स मिल जायेंगे तथा साथ ही आईआईटी मुबंई, दिल्ली व अन्य यूनिवर्सिटीज भी एआई के कोर्स व डिप्लोमा कराते हैं।
निष्कर्ष :- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) अभी अपने शुरुआती दौर में है जिसके सकारात्मक व नकारात्मक दोनों परिणाम हो सकते हैं।
मशीन कितनी भी विकसित क्यों ना हो जाए लेकिन यह मानवीय संवेदना, भावनाओं अच्छे बुरे में डिफरेंस आदि गुणों का स्थान कभी नहीं ले सकती।Artificial Intelligence (AI) द्वारा बनाई गई मशीनों पर अंकुश नहीं लगाया जाना चाहिए बल्कि इनके निगरानी व विनियमन की व्यवस्था की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए।
इन अवसर का लाभ उठाने के लिये Computer seience
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित प्रश्न (FAQ):-
Q. दुनिया का सबसे एडवांस रोबोट कौन सा है? :-
A. दुनिया का सबसे एडवांस रोबोट सोफिया सोफिया बिल्कुल इंसानों की तरह लगती है यह इंग्लिश को समझ सकती है और बोल भी सकती है साथ ही हुमन एक्सप्रेशन भी दे सकती है।Q. Artificial intelligence (AI) को हिंदी में क्या कहते है ? :-
A. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिसे हिंदी में "कृत्रिम बुद्धिमत्ता" कहा जाता है,
जहां कृत्रिम का मतलब है - "किसी व्यक्ति के द्वारा बनाया हुआ" बुद्धिमत्ता का मतलब है - "इंटेलिजेंस यानी सोचने की शक्ति।"
Q. Artificial Intelligence का अविष्कार किसने किया? :-
A. Artificial Intelligence का अविष्कार John McCarthy ने किया।Q. एआई से कौन सी नौकरी सुरक्षित है ? :-
A. एआई से जो लेबर वाली नौकरियां हैं उनको काम खतरा है जैसे - निर्माण कार्य, परिवहन, सफाई आदि ।Q. Artificial Intelligence किसने बनाया?
A. John McCarthy (1955) ने Artificial intelligence (AI) शब्द का इस्तेमाल किया यह अमेरिकी कंप्यूटर साइंटिस्ट थे ये पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 1956 में एक सम्मेलन "the dartmouth Summer research project on artificial intelligence" मैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बताया इसलिए इन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक कहा जाता है।Q. कृत्रिम बुद्धि का जनक कौन है ?
A. John McCarthy को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक कहा जाता है\Q. ai full form ?
Q. कंप्यूटर में AI क्या है ?
Q. एआई कितने प्रकार के होते हैं ?
- Strong Or narrow AI : इससे किसी भी विशिष्ट काम को आसानी से किया जा सकता है जैसे चेस खेलना, डेटा पर काम करना।
- General Or Weak AI : इसके द्वारा केवल कुछ सीमित कार्यां के लिये बनाया गया है।
- Super intelligence : इसके द्वारा इंटेलिजेंस के मामले मानव से भी ज्यादा बुद्विमत्ता रखता है।
Q. भारत में सबसे पहले एआई का प्रयोग कहा हुआ है ?
A. भारत में एआई का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया गया है, जिसमें महत्वपूर्ण है व्यवसाय, स्वास्थ्य, सरकारी सेवाए आदि।
Q. एआई 2023 में कब लोकप्रिय हुआ?
Q. 2024 में एआई के लिये क्या उम्मीद करें?
Q. एआई के बाद आगे क्या है?
Q. 12वीं के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई कैसे करें।?
- आप एआई में स्नातक कर सकते हो,
- कई सारे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं जहां पर आप एआई की पढ़ाई कर सकते हो,
- प्रोग्रामिंग लेंग्वेज सीखना आपके लिये एआई की पढ़ाई में बहुत महत्वपूर्ण है,
- इंटर्शिप व प्रक्टिकल अनुभव के द्वारा भी एआई को सीख सकते
- इसके अलावा ओर भी बहुत से तरीके है जिनकी मदद से आप एआई में पढ़ाई कर सकते हो।
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