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e-RUPI(ई रूपी) क्या है और यह कैसे काम करता है : इसके फायदे नुकसान : भारत की डिजिटल करेंसी

आरबीआई ने 1 नवंबर से डिजिटल करेंसी डिजिटल रुपए की शुरुआत की ।

अभी पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है जिसमें 9 बैंकों  (एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक, एच एस बी सी, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल है।

क्या है e-RUPI(ई रूपी) :-

सरकार ने 2022 के बजट में डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थी इसलिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(CBDC) पर विचार कर पत्र जारी किया यह डिजिटल इंडिया सरकार करने की साकार करने की दिशा में अहम कदम है। 

जब किसी Physical करेंसी को use करते हैं तो उसकी खराब होने के चांस भी बढ़ जाते हैं, जिसे छापने और इसे मैनेज करने की जिम्मेदारी आरबीआई की होती है|

जिसमें हजारों-करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ते हैं तथा अब आरबीआई ने जल्द ही डिजिटल मुद्रा जारी करने का फैसला लिया है।

ई रूपी क्या है :- आसान भाषा में आज हम जो Phone pay, पेटीएम, Google pay आदि यूज कर रहे हैं वह डिजिटल रूप में होता है लेकिन यह पैसा बैंक में Physical रूप में होता है, 

जिसको आरबीआई प्रिंट करके जारी करती है लेकिन जब आरबीआई Currency प्रिंट करके जारी करने के बजाए डिजिटल रूप में जारी करें तो उसे डिजिटल रुपया या  e-rupee(ई रूपी) कहा जाता है जिससे जो प्रिंट की दिक्कत थी वह धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी।

ई रूपी का मतलब है कि आरबीआई डिजिटल रूप अपनाएगा ना कि मुद्रा को Change करेगा जैसे मान लेते हैं आपके अकाउंट में 1 lakh हैं तो वह ई रूपी टोकन आधारित या अकाउंट आधारित हो जाता है।

RBI रुपए की वैल्यू को ध्यान में रखकर बाजार में जो पैसा है उसका अधिकांश भाग अपने पास रख लेगा, फिर डिजिटल मुद्रा को मांग और पूर्ति को ध्यान में रखकर जारी करेगा, ताकि रुपए की वैल्यू ना गिरे|
 
e-RUPI  हमारी जो Actual मुद्रा है उसकी वैल्यू के आधार पर ही डिजिटल मुद्रा जारी की जाएगी।

भारत में e-RUPI की स्थिति क्या है :- 

  • 2017 में डिजिटल करेंसी के लिए एक उच्चस्तरीय अंतर मंत्रालय समिति का गठन हुआ, 
  • अक्टूबर, 2020 में आरबीआई ने आंतरिक कार्य समूह का गठन किया, 
  • फरवरी, 2021 में आरबीआई ओर वर्किंग ग्रुप में अपनी सिफारिशें दी, 
  • फरवरी, 2022 में सरकार ने आम बजट में डिजिटल करेंसी जारी करने की घोषणा की,
  • मार्च, 2022 में सरकार ने आरबीआई अधिनियम मैं गजट के जरिए संशोधन किए, 
  • अक्टूबर, 2020 में आरबीआई ने डिजिटल मुद्रा को लेकर कांसेप्ट नोट जारी किया| 

कांसेप्ट नोट(Concept Note ) में डिजिटल करेंसी के बारे में : - 

ई रूपी टोकन आधारित होगा या अकाउंट आधारित,

डिजिटल करेंसी का थोक और खुदरा स्वरूप कैसा होगा, 

ई रूपी कैसे जारी होगा, अकाउंट keeping कैसे होगी।

क्या बिना इंटरनेट के भी ट्रांजैक्शन संभव होगा ,

बैंक पेमेंट सिस्टम अंतिम उपभोक्ता के बीच तालमेल कैसा रहेगा।

ई रूपी से संबंधित न्यूज़ :- 

  • आरबीआई शुरू कर रहा है पायलट प्रोजेक्ट,
  • सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(CBDC) पर विचार पत्र जारी,
  • 10 देश लांच कर चुके हैं डिजिटल मुद्रा, 
  • चीन और दक्षिण कोरिया भी लॉन्च करने वाले हैं डिजिटल मुद्रा,
  • डिजिटल मुद्रा लांच करने की तैयारी में है -14 देश,
  • जमैका की डिजिटल मुद्रा है :-  jam dex, 
  • 60 से अधिक देश में डिजिटल मुद्रा में दिख रहे हैं दिलचस्पी
  • ई रूपी को वॉलेट में भी रखा जा सकता है 
  • ई रूपी का मतलब डिजिटल ट्रांजैक्शन नहीं है, 
  • बहामास ने 2020 में सबसे पहले डिजिटल मुद्रा लांच की।


डिजिटल करेंसी क्या है:-

भारत सरकार पिछले कुछ सालों से Digital(डिजिटल) की तरफ तेजी से बढ़ रही है जैसे डिजिटल इंडिया, जन धन योजना के तहत वित्तीय समावेशन करना आदि 

एवं इस Digital(डिजिटल) के दौर में चीन अपनी डिजिटल करेंसी लांच की है e-yuan, इसी तरह ओर देश डिजिटल करेंसी को लांच करने की कोशिश कर रहे है।

इसी को ध्यान में रखते हुए भारत ने भी अपनी Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) e-rupee(ई रूपी ) लांच करने का वादा किया है। 

आरबीआई की डिजिटल मुद्रा क्या है?:-

Digital Rupee(डिजिटल रुपया) क्या है? :- RBI वित वर्ष 2023-24 में डिजिटल मुद्रा लांच करेगी जिसे डिजिटल रूपया(digital rupee) कहा जायेगा। 

डिजिटल करेंसी उपयोग कैसे करें: यह केन्द्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा(Central Bank Digital Currency) वैध मुद्रा(Fiat currency) होगी जिसका use इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड या ऑनलाइन टोकन के रूप में होगा यानी यह आभासी रूप से होगा।

यह सीबीडीसी एक करेंसी है जैसे आपका फिजिकल रूप होता है, यह जिस तरह से एक यूनिक और आरबीआई के गवर्नर हस्ताक्षर के द्वारा एक फिजिकल रूप मे नोट होता है, उसी तरह इसमें भी एक यूनिक और आरबीआई के गवर्नर के हस्ताक्षर के द्वारा डिजिटल वैलेट के रूप में एक, 10, 20 आदि नोट के रूप में डिजिटल नोट होंगे।

और जिस तरह से फिजिकल नोटों को लेन-देन के लिये ट्रांसफर करते हैं, उसी तरह इसको भी एक वैलेट से दूसरे वैलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं|

Digital currency कितने प्रकार की होती है?: -

1. Virtual Currency - यह आभासी मुद्रा डेवलपर्स या इसको बनाने वाले संगठन द्वारा Control अनियमित डिजिटल करेंसी है।

2. Cryptocurrency(क्रिप्टोकरेंसी) - इन मुद्राओं के नेटवर्क के लेन-देन को सुरक्षित(Secure) व सत्यापित(Verified) करने के लिये Cryptography का use किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित(Regulated) किया भी जा सकता है या नहीं भी।

3. Central Bank Digital Currencies(CBDC) :- CBDC को किसी देश की केन्द्रीय बैंक द्वारा विनियमित किया जाता है यह physical व digital दोनों रूपों में मौजूद है।

Digital Currency के फायदे और नुकसान(भारत की डिजिटल मुद्रा कौन सी है)(e-rupee क्या है)


Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) का क्या फायदा है? :-  

  • Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) सरल और सुरक्षित है, क्योंकि पारम्परिक बैंकिंग प्रणाली(Traditional Banking system) को विनियमित(Regulate) करना कठिन है, जैसे- सर्वर में समस्या होना, चौरी होना, System में कमी हो जाना, भ्रष्टाचार का बढ़़ना आदि।
  • इससे Cash के ऊपर जो निर्भरता है वह कम हो जायेगी।
  • Physical Currency बनाने में जो खर्चा होता है, जैसे Printing, कागज आदि पर खर्चा नहीं करना पड़ेगा।
  • Forex Transaction में Time Zone के कारण जो Problem आती है वह खत्म हो जायेगी जैसे यदि आप विदेश से पैसा भेज रहे हैं, भारत को तो वहां की बैंकों के खुलने का समय अलग होता है तथा भारत की बैंकों के खुलने का समय अलग होता है।
  • लेने देन में तेजी आयेगी, जमाकर्ताओं(Depositors) को वाणिज्यिक बैंकों(Commercial Banks) के साथ लेन-देन में होने वाले नुकसान का जोखिम कम हो जायेगा।
  • बैंकों के पास मांग जमा से उत्पन्न होने वाली समस्याएं कम हो जायेगी। 
  • सीमा-पार भूगतान के निपटान से होने वाली परेशानियां कम हो जायेंगी जैसे- रूस-यूक्रेन युद्व में अमेरिका ने Swift System को रूस में use करने हेतु मना किया है।
  • जब भारत का कोई नागरिक विदेश से धन भेजता है तो यह बहुत मंहगा होता है जो सस्ता हो  जायेगा।
  • वित्तीय समावेशन बढ़ेगा,
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, 
  • बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी को खत्म  करेगा, 
  • ई रूपी से मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने में होगी आसानी, 
  • दूसरे देशों को राशि भेजने पर लागत में 2% तक की कमी आयेगी,
  • नोटों की प्रिंटिंग लागत में कमी आएगी,
  • ई रूपी भविष्य की प्राइमरी करेंसी होगी

Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) के नुकसान :- 

  • RBI द्वारा मोबाइल वॉलेट में रखी गयी राशि की कोई सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है।
  • इससे बैंकों को profit कम हो जायेगा क्योंकि छोटे बैंक कम लागत वाली जमा राशि को बनाये रखने हेतु प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
  • वित्तीय स्थिरता(Financial Stability) का खतरा- सभी अर्थव्यवस्थाएं वित्तीय स्थिरता के लिये उत्पन्न खतरे के प्रति सतर्क है और विकसित राष्ट्र भी घटते हुए नोटों के उपयोग(खासकर कोविड-19 के बाद) को लेकर चिंतित है।
  • वैश्विक आर्थिक संकट से सभी देशों को नुकसान होगा।
  • Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) पूरी तरह से बेनामी नकदी(benami Cash) का पता लगाने में सक्षम नहीं होगी जैसे किसी गरीब आदमी के नाम पर दूसरे का पैसा कितना रखा है।
  • कालाबाजारी बड़े लोगों के लिये और आसान हो जायेगी।
  • यह भौतिक मुद्रा(Physical Currency) की तरह कहीं भी नहीं रखी जा सकती है, क्योंकि इसको रखने के लिये  Internet अनिवार्य हो जाता है।
  • व्यक्ति का कंट्रोल कम होना- क्योंकि जब भी आप डिजिटल रूप से आते हो तो इसमें आधार जैसे दस्तावेज मांगे जाते है, जिससे सरकार आपको कभी भी ट्रेक कर सकती है, इसलिये हम कह सकते हैं इसमें सरकार का ही पूरी तरह आप पर नजर रखती है। 
  • फिजिकल रूप से जो पैसा होता है, इसमें आपका कंट्रोल होता था, जिसके द्वारा आप अपने अनुसार इसको कंट्रोल करते थे, सरकार की इसमें नजर कम रहती थी, लेकिन अब इसमें सरकार का हस्तक्षेप काफी रहेगा।
  • ब्याज का ना मिलना- जब अपना पैसा बैंक में जमा करते थे, तो उसमें आपको ब्याज मिलता था, और इस पैसे पर रोटेशन के हिसाब से सबको ब्याज मिलता था, लेकिन अब जब यूजर इसको अपने अकाउंट में लेगा तो बैंक का इससे कंट्रोल हट जायेगा, और यूजर के पास जाने से इसमें बैंक द्वारा ब्याज भी नहीं दिया जायेगा।
  • लोन मिलने में दिक्कत का आना- जब बैंकों का इस पर कंट्रोल ही नहीं होगा तो इससे बैंकों द्वारा लोन मिलना कठिन हो जायेगा, जैसे अभी होता है कि जब आप बैंक के पास लोन लेने के लिये जाते हो तो बैंक आपके स्टेटमेंट को देखती है, आपके सिबिल स्कोर को देखती है, जिसके बाद आपको लोन मिलता है, लेकिन अब जब पैसा आपके वैलेट में रहेगा तो इससे बैंक आपके पैसे को कंट्रोल नहीं कर पायेगी, जिससे लोन मिलना डिफिकल्ट हो जायेगा।
  • भारत की बहुत ज्यादा आबादी के पास स्मार्टफोन का ना होना- सर्वे के अनुसार आज भी भारत में लगभग 35 प्रतिशत लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है, और लोग आज भी ज्यादातर गांवों में ही निवास करते हैं, जहां पर डिजिटल को लेकर ज्यादा जागरूक नहीं हैं, 
  • इसलिये वे इसका उपयोग नहीं कर पाते है, जिसके कारण ये लोग स्मार्टफोन को चलाना भी नहीं जानते हैं, जिससे इनके उत्थान के लिये सरकार को ज्यादा ध्यान देना होगा, ओर इनको भी डिजिटल से जोड़ने के लिये काम करना होगा।
  • जैसे में एक बार गांव में सब्जी वाले के पास गया और मैंने सब्जी वाले से बोला कि मेरे पास खुल पैसे नहीं है, मैं फोन पे कर देता हू तो सब्जी वाले ने जवाब दिया कि मेरे पास ना तो फोन है, ना ही मुझसे स्मार्टफोन चलाना आता है, इस तरह की लोगो का जागरूक ना होना जैसे मामले देखने को गांवों में बहुत ज्यादा मिल जायेंगे।
  • Security Issue - Digital Currency(डिजिटल मुद्रा) की हैकिंग की समस्या, क्योंकि हैकर्स ऑनलाइन वॉलेट से डिजिटल करेंसी चुरा सकते है|

डिजिटल करेंसी कितने देशों में है? :- 2020 में बहामास की केन्द्रीय बैंक ने एक Digital Currency(डिजिटल करेंसी) जारी की थी।

चीन में राष्ट्रीय स्तर पर yuan का परीक्षण किया जा रहा है।

स्वीडन ने बैंक नोट को मुद्रा Supply का मात्र 1 प्रतिशत चलन की घोषणा की है।

अमेरिका द्वारा ‘स्टेबलकॉउन्स‘(Unit of Account)) जो कि एक निजी डिजिटल करेंसी है जिसे जारी किया गया है एवं आधिकारिक(Official) डिजिटल मुद्रा जारी करने की चर्चा चल रही है।

जापान अपनी डिजिटल मुद्रा को लांच करने में वर्ष 2026 तक समय ले सकता है।


e-RUPI(ई रूपी) क्या है और यह कैसे काम करता है : इसके फायदे नुकसान

UPI और डिजिटल करेंसी में अन्तर-

हमें किसी के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करना हो तो हम यूपीआई के द्वारा कर देते है, और अब भारत सरकार ने डिजिटल करेंसी भी लांच कर दी है, जिसके माध्यम से हम एक वैलेट से दूसरे वैलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं, तो ऐसे में आपके दिमाग में एक सवाल आ रह होगा कि जब यूपीआई के द्वारा हम पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, तो फिर डिजिटल करेंसी को लाने की क्या जरूरत है, तो अब हम जानते हैं, दोनों में अंतर-

सीबीडीसी को लांच करने के से जो प्रिंट की कोस्ट आती है, उसमें कमी आयेगी, क्योंकि बैंकों के इस सर्कल में बहुत ज्यादा पैसा खर्च होता है, जैसे स्टोरेज, लॉजिस्टिक आदि मे।

सीबीडीसी को हम बिना बैंक अकाउंट और बिना नेट के यूज कर सकते है, जबकि यूपीआई के लिये हमें बैंक अकाउंट और नेट की जरूरत होती है, क्योंकि आज भी बहुत से ऐसे एरिया है, जहां पर नेट नहीं है, ओर बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं है, तो आप इसके माध्यम से इसका प्रयोग कर सकते हैं।

सीबीडीसी का प्रयोग सरकार सब्सिडी जैसे कार्यों के लिये भी यूज कर सकती है, जैसे सरकार किसान को 1000 रूपये दे रही है तो सरकार एक वाउचर बनाकर दे सकती है, ताकि उस पैसे का कहीं गलत जगह प्रयोग ना हो पाये।

यूपीआई में ट्रांजेक्शन लगता है, जबकि सीबीडीसी में ट्रांजेक्शन नहीं लगता है।

यूपीआई में दोनों बैंकों की अनुमति जरूरी होती है, किसी भी बैंक में पैसा ट्रांसफर करने के लिये, जबकि सीबीडीसी एक करेंसी है, जिसमें बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं होती है, बल्कि एक वैलेट के द्वारा इसका यूज किया जा सकता है।

डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?

डिजिटल करेंसी यानी कि डिजिटल करेंसी इनके बारे में आपने इस लेख में अनेक महत्वपूर्ण जानकारियों को जान लिया है आइए अब हम जानते हैं कि डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कैसे किया जाता है तो दोस्तों डिजिटल रुपैया पेमेंट का एक ऐसा ऑप्शन रहेगा जिसका उपयोग टोकन के रूप में किया जाएगा। 

वर्तमान समय में जिस प्रकार हम नोट तथा सिक्कों का उपयोग करके अपने आवश्यक कार्य को पूरा करते हैं उसी प्रकार हम इस डिजिटल करेंसी का उपयोग करके आसानी से अपने कार्य को पूरा कर पाएंगे।

डिजिटल करेंसी एक ऐसी करेंसी है जिसकी मान्यता हर एक स्थान पर रहेगी जहां पर भी और सिक्के मान्य है वहां पर डिजिटल करेंसी भी मान्य होगी। डिजिटल करेंसी के द्वारा अगर कोई ग्राहक पेमेंट करना चाहे तो वह आसानी से कर कोड के माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं। 

डिजिटल करेंसी को लेकर वर्तमान समय में अनेक प्रकार की नई-नई जानकारियां निकलकर सामने आ रही है ऐसे में जब बेहतर रूप से डिजिटल करेंसी का चलन हो जाएगा तब हम डिजिटल करेंसी के बारे में और भी गहराई से जानकारी को जान सकेंगे।

जैसा कि आपने डिजिटल करेंसी में अनेक डिजिटल करेंसी के बारे में जानकारी को जाना होगा जिसमें बिटकॉइन जैसी डिजिटल क्रिप्टो करेंसी शामिल है बिटकॉइन जैसी डिजिटल क्रिप्टो करेंसी पर किसी भी देश की सरकार का कोई भी नियंत्रण नहीं होता है 

बिटकॉइन की ट्रांजैक्शन की जानकारी कहीं से कहीं तक उपलब्ध नहीं होती है जिससे क्या पता लगाई जाए सके कि आखिर में डिजिटल करेंसी को ट्रांसफर कहां किया जा रहा है

वहीं दूसरी तरफ CBDC के द्वारा जो भी डिजिटल करेंसी जारी की जाती है उसके ऊपर सरकार का पूरा नियंत्रण रहता है तथा सेंट्रल बैंक का पूरा नियंत्रण रहता है जिसके चलते अन्य मुद्रा की लेनदेन में डिजिटल करेंसी पर लेनदेन करना ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। 

लेकिन जिस डिजिटल करेंसी को CBDC के द्वारा जारी किया जाता है वह डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन पर आधारित नहीं होती है बल्कि सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के तहत काल्पनिक स्थिति में मौजूद रहती है।

क्या डिजिटल रूपी यूपीआई की जगह ले सकता है 

डिजिटल रूपी में बैंक की आवश्यकता नहीं होती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह बैंक की आवश्यकता को खत्म कर सकता है, क्योंकि बैंक में लोग इसलिये पैसा जमा करते हैं  ताकि उनको ब्याज मिल सके और बैक भी इस पैसे को दूसरी जगह यूज करती है, इसलिये बैंक खत्म नहीं होंगे और जब बैंक खत्म नहीं होंगे तो यूपीआई भी खत्म नहीं होगा।

डिजिटल करेंसी ब्लोकचेन तकनीक पर काम करती है इसलिये लोग इसको बिटकाइन, क्रिप्टोकरेंसी से तुलना करना चाहेंगे, जबकि ऐसा नहीं है क्योंकि बिटकाइन विकेन्द्रीकृत पर काम करता है, यानी यह किसी भी बैंक द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाता है, जबकि डिजिटल करेसी उस देश की केन्द्रीय बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाता है।

भारत में डिजिटल करेंसी का future क्या है:

सरकार को डिजिटल करेंसी को लागू करने के लिये जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए बल्कि बेहतर मूल्यांकन(Evaluation) के साथ उसका कार्यान्वयन(Implementation) किया जाना चाहिए।

सही ढंग से KYC मानदण्डों को अपनाना चाहिए यानी जो उपभोक्ता(Consumer) इस करेंसी को खरीद रहा है उसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।

RBI की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है इसलिये RBI को अपनी कार्यप्रणाली(system) को दुरूस्त(Fix)  रखना होगा।

जिस तरह देश में डिजिटल को लेकर असमानता है यानी देश की एक बहुत बड़ी आबादी(गरीब, मजदूर आदि) के पास मोबाइल, डिजिटल से काफी दूर हैं 

और जो मोबाइल बगैरा रखते भी है तो इन्टरनेट मंहगा होने के कारण वे इसका उपयोग करने में विफल हो जाते हैं। 

इसलिये सरकार को डिजिटल करेंसी लांच करने से पहले इस आबादी को जो मोबाइल, डिजिटल से दूर हैं इनको डिजिटल से जोड़ना चाहिए ताकि डिजिटल असमानता को कम किया जा सके।  

डिजिटल करेंसी से संबंधित जानकारी (FAQs):

Q.क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? 
A. अभी भारत में बिटकॉइन लीगल नहीं है, भारत में आरबीआई द्वारा लांच डिजिटल करेंसी को लीगल माना जाता है, जोकि आरबीआई अपनी डिजिटल मुद्रा लॉच कर रहा है।

Q. बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है? 
A. बिटकॉइन को किसी भी देश की मुद्रा नहीं कहा जा सकता है, यह एक डिजिटल करेंसी है, जिसे किसी भी व्यक्ति द्वारा खरीदा या बेचा जा सकता है।

Q. किस देश ने सबसे पहले डिजिटल करेंसी लांच की ? 
A.   बहामास ने 2020 में सबसे पहले डिजिटल मुद्रा लांच की।

Q. ई रूपया कैसे खरीदें ? 
A.  एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक, एच एस बी सी, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक इनके एप या वेबसाइट पर जाकर ई रूपया खरीद सकते हैं 

 

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