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मोबाइल की लत से छुटकारा कैसे पाए : बच्चों में मोबाइल की लत को छुड़ाने का तरीका व उपाय

तकनीक की क्रांति ने हमें बहुत सी ऐसी चीजें दी है, जिनका use करके हम बहुत से काम आसानी से कर पाते हैं, ऐसा ही एक डिवाइस है Smartphone |

आज स्मार्टफोन के दुनिया भर में करोड़ों - अरबों User's है जहां एक और स्मार्टफोन हमारे लिए वरदान है, लेकिन आजकल स्मार्टफोन लोगों पर हावी होते जा रहा है, 

बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा कर रहे हैं जबकि इसका ज्यादा इस्तेमाल हमारा बहुत बड़ा नुकसान भी कर सकता है।

स्मार्टफोन क्यों जरूरी है :- आज से 20-30 साल पहले स्मार्टफोन हमारी Life के आसपास भी नहीं था, लेकिन आज स्मार्टफोन इतनी बड़ी जरूरत बन गया है कि 1 दिन भी इसके बिना गुजारना मुश्किल हो जाता है जैसे - जब हमारा मोबाइल बाहर जाते वक्त घर पर ही रह जाता है तो कितनी बेचैनी होती है, 

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मोबाइल हमारी जरूरत बन चुका है, हमारे कई सारे काम मोबाइल के द्वारा आसानी से हो जाते हैं जैसे : ई मेल करना, बात करना, न्यूज़ देखना, मौसम का तापमान देखना, बैंक ट्रांजैक्शन आदि ।

लत(Addiction) क्या है :-  यह एक प्रकार की बीमारी है, लत जब लगती है जब हमें किसी चीज को करने में आनंद मिलता है या reward मिलता है, 

जिसके कारण हमारे Mind से डोपामिन(Dopamine) नाम का केमिकल निकलता है और इस केमिकल के कारण खुशी मिलती है, मजा आता है और इस खुशी के लिए वह काम हम बार-बार करते हैं इस केमिकल की आदि हो जाते हैं और इस केमिकल के लिए उस काम को बार-बार करने लगते हैं जिससे हमें इसकी आदत लग जाती है इसी आदत को लत(Addiction) कहते हैं ।


मोबाइल की लत से छुटकारा कैसे पाए  :  बच्चों में मोबाइल की लत को छुड़ाने का तरीका व उपाय :  मोबाइल के Side Effect

मोबाइल के Side Effect :- इस क्षेत्र में जितने भी अविष्कार हुए हैं उसके कई तरह के फायदे तो हैं, लेकिन इसके कई सारे नुकसान भी उठाने पड़े हैं।।

मोबाइल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है लेकिन इसके ज्यादा इस्तेमाल से कई सारे साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं, यह साइड इफेक्ट शारीरिक से ज्यादा मानसिक हैं।

रात में मोबाइल चलाने से क्या होता है ? : कई रिसर्च में पाया गया है कि बिस्तर पर जाने से पहले फोन का इस्तेमाल अच्छी नींद के लिए नुकसानदायक होता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फोन में blue लाइट होती है जो हमारी आंखों और दिमाग पर बुरा असर डालती है, 

सोशल मीडिया का Content  और एंटरटेनमेंट भी हमारी नींद को प्रभावित करता है मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल से आंखों को आंखों के खराब होने का भी डर बना रहता है।

कई रिसर्च यह बताती है कि इंसान का दिमाग बहुत सेंसिटिव होता है तथा Electromagnetic Radiation एक Limit के बाद दिमाग के लिए हानिकारक हो सकता है, यह दिमाग की Activity को कम कर देती है तथा मोबाइल भी Electromagnetic Radiation से काम करता है और मोबाइल दिनभर हमारे पास रहने के कारण यह हमारे दिमाग पर गहरा असर डालता है|  

मोबाइल का ज्यादा प्रयोग करने के से आंखों में जलन खुजली होना, आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता है, आंखों की थकान होती है और डिजिटल आई स्ट्रेन सिर दर्द का कारण बन सकता है| 

जब आप अपने मोबाइल को गर्दन के नीचे करके ज्यादा देखते हैं तो गर्दन में दर्द होने लगता है जिसके कारण टेक्स्ट नेक की बीमारी हो सकती है |

मोबाइल पर जो बैक्टीरिया की वजह से हड्डियों, जोड़ो, रक्त प्रवाह, फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है|

यदि स्मार्टफोन छोटे बच्चों को दे दिया जाए तो वह भी बड़ी खुशी के साथ उसे देखता रहता है और यह शुरू से ही बच्चों मैं लत सी  लगा देता है जो आगे चलकर इसका नेगेटिव प्रभाव इनकी पढ़ाई पर पड़ता है |

साइकोलॉजिस्ट की मानें तो जब माता-पिता अपने बच्चों के साथ होते हैं और फोन चलाते हैं तो माता-पिता बच्चों पर सही से ध्यान नहीं देते, यह चीज बच्चों में इमोशनल समस्या Create  करती है| 

स्मार्टफोन ने अपनी बातचीत को कम कर दिया है जिससे हर तरह के रिश्तो पर असर पड़ता है|

स्मार्टफोन के ज्यादा प्रयोग से हमारे दिमाग की याददाश्त कम हो जाती है साथ ही Common sense पर भी इसका प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण हमें छोटी चीजों को सुलझाने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है |

मोबाइल के ज्यादा प्रयोग से चिंता होता है और असली दुनिया से हटकर ऑनलाइन की दुनिया में जीते हैं।

मोबाइल की लत(Addiction) लगने के Symptoms :-  जब आप बिना किसी काम के मोबाइल को बार-बार Unlock करते हैं तो इसका मतलब हुआ कि आपको मोबाइल की लत लग चुकी है, 

आप कोशिश तो करते हैं मोबाइल के प्रयोग को कम करने का लेकिन आप मोबाइल का प्रयोग कम नहीं कर पाते तथा जब आप किसी काम के लिए फोन का प्रयोग करते हैं तथा काम खत्म होने के बाद भी आप मोबाइल का प्रयोग करते हैं|  

जब आप खुशी पाने के लिए मोबाइल का ज्यादा प्रयोग करते हैं मोबाइल के प्रयोग में इतने डूब जाते कि आपको समय का ही पता नहीं लगे तो मान लेना आप मोबाइल के addict हो रहे हैं| 

जब मोबाइल आपसे कुछ समय के लिए दूर कर दिया जाए तो आपको इसकी वजह से बेचैनी, परेशानी, घबराहट, बोर होना लगे, तो इसका मतलब है आपको फोन की लत लग गई है |

जब आप फोन का प्रयोग खाना खाते वक्त या किसी और काम को करते वक्त व देर रात तक बिना जरूरत के मोबाइल का उपयोग करना यह बताता है कि आपको मोबाइल की लत लग गई है| 

मोबाइल पर busy रहने के कारण परिवार, दोस्त, रिश्तेदारों से बात ना कर पाना या उन्हें समय ना दे पाना इस तरह के symptoms दिखने पर समझ लेना चाहिए कि आप या आपका दोस्त फोन addiction का शिकार हो गया है।


मोबाइल की लत से छुटकारा कैसे पाए  :  बच्चों में मोबाइल की लत को छुड़ाने का तरीका व उपाय :  मोबाइल के Side Effect


मोबाइल की लत के आंकड़े :- आंकड़ों के अनुसार एक आदमी अपने मोबाइल को दिन में 2617 बार छूता है ज्यादातर लोग अपने दिन के 5 घंटे मोबाइल पर बिताते हैं, जबकि स्टूडेंट दिन के साथ 7 से 8 घंटे बिताते हैं | 

यहां ध्यान देने वाली बात है कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें ज्यादातर समय फोन, लैपटॉप पर बिताना होता है तो उन्हें हम फोन की लत(Addiction) नहीं कहेंगे।

बच्चों से मोबाइल की लत कैसे छुड़ाए :- छोटे बच्चों को मोबाइल ना दें, क्योंकि इसका असर आने वाले 10 -15 साल बाद बहुत ज्यादा दिखाई देता है जैसे : यह बच्चे डिप्रेशन, एंजाइट, अपने Relation को सही से नहीं संभाल पाएंगे जैसी परेशानियों के शिकार हो सकते हैं|

क्योंकि जब हम मोबाइल को Open करते हैं तो उसमें micro event create  होते और हर एक Event हमारे लिए खुशी देता है और यह खुशी हमारे दिमाग में एक केमिकल पैदा करती है जिसे हम डोपामिन(dopamine) कहते हैं यह Pleasure किसी भी (जैसे - खाने की खुशी, ड्रक्स की खुशी आदि) तरह से हो सकता है और यह डोपामिन(dopamine) Release करता है।

हमें अपने बच्चों के साथ क्रिकेट खेलना, उन्हें झूला झुलाना या कोई सा भी खेल खेलना चाहिए यह खेल जितने चार-पांच घंटे में Event Create करते हैं वही वीडियो गेम उतने Event 2 मिनट में कर देता है |

हर Event डोपामिन बनाता है लेकिन जब आप अपने बच्चों के साथ Physical Event करते हैं तो उसमें डोपामिन से ज्यादा ऑक्सीटॉसिन(Oxytoxin) केमिकल बनते हैं, 

जैसे - जब मां अपने बच्चे को गले से लगाती है तो मां के अंदर भी ऑक्सीटॉसिन पैदा होता है और बच्चे के अंदर भी ऑक्सीटॉसिन केमिकल पैदा होता है वह हैप्पीनेस का केमिकल है।

Physically Event जो केमिकल पैदा करते हैं वह ऑक्सीटॉसिन होते हैं जबकि मोबाइल बगैरा डोपामिन केमिकल पैदा करता है, 

डोपामिन में  जो खुशी होती है वह Temporary होती है यानी डोपामिन बढ़ता जाता है जैसे जितना हम डोपामिन यूज करते हैं उससे अगले दिन उससे ज्यादा डोपामिन लेना होता है और इसी को हम लत(Addiction) कहते हैं |

जितना डोपामिन हमें पूरे दिन में बहुत ज्यादा सिगरेट पीने से मिलता है उतना डोपामिन कुछ मिनट के वीडियो गेम खेलने से मिलता है| 

यदि वीडियो गेम खेलने वाले बच्चे को रोज Satisfy डोपामिन नहीं मिलेगा तो वह डिप्रेशन, एंजाइटी, जल्दी बोर हो जाना जैसी बीमारियों का शिकार हो जायेगा और इन बीमारियों के चलते बच्चा गलत रास्ते पर चला जाएगा इसलिए हमें इसके प्रति जागरूक बनना पड़ेगा ताकि हम अपने बच्चों को सही रास्ते पर चला सके।

मोबाइल की लत से छुटकारा कैसे पाएं :- सबसे पहले हमें यह देखना है कि हम 1 दिन में कितना समय फोन का इस्तेमाल करते हैं, (जिसमें कई रिसर्च के अनुसार स्टूडेंट दिन में 7-8 घंटे मोबाइल पर बिताते हैं)|  

इसमें ध्यान दें कि आप कितनी बार मोबाइल का use बिना काम के करते हैं जैसे: - सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्यादा समय बिताना, गेम खेलना आदि इसके लिए आप  your Hour, Stay free जैसी Application का सहारा ले सकते हैं।

फोन इस्तेमाल करने का टाइम टेबल बनाएं कि आपको किस टाइम फोन चलाना है और किस टाइम नहीं चलाना है जैसे : काम करते वक्त फोन नहीं चलाना चाहिए इस तरह से कुछ दिन करने से फोन चलाने की आदत कम होने लगती है।


जब आप फोन कम करने का टारगेट बनाते हो और उसे पूरा करते हो तो खुद को उपहार दें ताकि आप स्वयं मोटिवेट बने रहे और आपको फोन से दूर रहने में मजा आने लगेगा| 

इस लत से छुटकारा धीरे-धीरे पाए,  जल्दी ना करें क्योंकि लत धीरे-धीरे ही खत्म होती है, 

फोन का यूज कम करने का goal छोटा-छोटा बनाएं हमें मोबाइल की एडिक्शन नहीं होती, बल्कि मोबाइल में Install Apps और वेबसाइट(यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम) का एडिक्शन होता है इनसे छुटकारा पाना होता है, 

लेकिन इनसे छुटकारा पाना इतना आसान नहीं है क्योंकि इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) प्रयोग होता है जो आपके दिमाग के अनुसार काम करता है 

यानी यह हमें वैसे ही वीडियो और विज्ञापन दिखाता है जो हमें पसंद है जिसके चलते हमें और वेबसाइट के जाल में फस जाते हैं यदि हम इन से बचना चाहते हैं तो इन्हें हम delete कर सकते हैं या इन apps को कम कर सकते हैं।

स्मार्टफोन की लत को छुड़ाने के Tips :-  

  • बिना जरूरी काम के फोन का use ना करें, 
  • रात को सोने से पहले मोबाइल मत चलाइए, 
  • छुट्टी बिना फोन के बनाएं, 
  • यदि आप घर पर हैं तो फोन से दूर रहे, 
  • सुबह उठकर फोन ना चलाएं, 
  • किसी काम को करते वक्त फोन को दूर रखें, 
  • खाना खाते वक्त या किसी और काम में फोन का यूज ना करें, 
  • पढ़ाई के वक्त फोन को साइलेंट रखें और सभी नोटिफिकेशन Off करें, 
  • Stay free ऐप का यूज कर सकते हैं, 
  • घर पर रहते वक्त अपना ज्यादा समय फैमिली को दें, 
  • हफ्ते में एक दिन मोबाइल ना छूने का goal बनाएं, 
  • खुद को physical event में participate करने के लिए प्रेरित करें।

स्मार्टफोन की लत से छुटकारा पाने के 5 आसान तरीके :- 

1- ऐसी जगह चुने जहाँ फ़ोन का use नहीं करना  :

फोन को अपने बेडरुम में इस्तेमाल ना करें क्योंकि इससे गलत आदत लगने की सम्भावना रहती है | 

इसके साथ ही किचन वगैरा में भी फ़ोन का use ना करें. खासकर उन माता पिता को ये जरुर करना चाहिए जो अपने बच्चों को फोन की लत से दूर रखना चाहते हैं| 

2 - घर पर रहते वक्त अपना ज्यादा समय फैमिली को दें :

जब आप घर अपना ज्यादा समय फैमिली को दें, बच्चो के साथ फिजिकल event में participate करें, जिससे आपको मोबाइल से अलग रहने की आदत होने लगेगी और आप मानसिक व आँखों के तनाव से भी बचे रहेंगे | 

3 - फ़ोन चलाने का समय भी fix करें :

जिस तरह से ये तय कर दिया है कि फोन कहां कहां इस्तेमाल किए जायेगा, उसी तरह फोन का इस्तेमाल कब कब और कितने समय करना है यह भी तय करें | 

जैसे यदि आप कहीं जॉब करते हो और जॉब से घर वापस आने के बाद पूरा परिवार इकट्ठा होते ही फोन को दूर कर दें. घर और ऑफिस के बीच का बैलेंस भी बना रहेगा| 

4 - सोशल मीडिया की दूरी बनाये :

समय समय पर सोशल मीडिया से दूरी बनाना रिश्तों के साथ साथ सेहत के लिए भी लाभदायक होता है. हालांकि इसके लिए कोई नियम नहीं है, 

लेकिन फिर भी आप शुरुआत 1 - 2 दिन के लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाकर कर सकते हैं. इस दौरान आपको ये भी पता चल जाएगा कि सोशल मीडिया की लत ने आपको कितनी बुरी तरह जकड़ रखा है 

और इससे छुटकारा पाने में आपको कितनी दिक्कत होगी, उसके बाद इसे नियमित तौर पर प्रैक्टिस करें और धीरे धीरे इस आदत को बढ़ाएं.

5 - नोटिफिकेशन को बंद कर दें:

बच्चों के अलावा शायद ही ऐसा कोई हो जिसकी बकवास बातों को बर्दाश्त कर लेते हैं. नोटिफिकेशन वैसे ही लोगों का वर्चुअल वर्जन है. 

नोटिफिकेशन लोगों की हृदय गति को बढ़ा देते हैं, चिंता बढ़ा देते हैं. क्योंकि आपका ध्यान इसी में अटका रहता है कि आखिर मैसेज में क्या लिखा होगा. और अगर तुरंत वो देख नहीं पाए तो बेचैनी होने लगती है. ये भी लत ही है.

मोबाइल की लत से छुटकारा पाने के बारे में जानकारी(FAQs) :-

Q. 1 दिन में कितने घंटे मोबाइल चलाना चाहिए?

A. 1 दिन में हमे 1 या 2 घंटे ही मोबाइल का use करना चाहिए, क्योंकि मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करने से हमारे दिमाग और आँखों पर तनाव पड़ता है | 

Q. सोते समय मोबाइल कितनी दूरी पर रखना चाहिए?

A. सोते समय मोबाइल को कितनी दूरी पर रखना चाहिए इसके लिए ऐसी कोई fix दूरी नहीं है लेकिन experts द्वारा यह सलाह दी जाती है कि सोते समय मोबाइल को 3 से 4 फिट की दूरी पर रखना चाहिए |  

Q. क्या फोन के इस्तेमाल से डिप्रेशन होता है?

A. कई स्टडी में पाया गया है कि मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल डिप्रेशन को बढ़ाने में योगदान करता है | 

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