मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल में अंतर मंत्री परिषद तथा मंत्रिमंडल यह दोनों शब्द अक्सर एक-दूसरे के लिए प्रयोग किए जाते हैं लेकिन इनमें अंतर होता है।
जैसा कि हमें मालूम है कि भारत में संसदीय शासन प्रणाली है संसदीय शासन प्रणाली में वास्तविक और नामात्र कार्यपालिका में अंतर होता है
वास्तविक कार्यपालिका में प्रधानमंत्री और उसके नेतृत्व में मंत्री परिषद जबकि नाममात्र की कार्यपालिका में राष्ट्रपति को शामिल किया जाता है।
संसदीय शासन प्रणाली को उत्तरदायित्व शासन प्रणाली भी कहा जाता है क्योंकि कार्यपालिका के सदस्य संसद के प्रति उत्तरदायी होते हैं हमारे संविधान में संसदीय प्रणाली का आधार संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 में लिखा है।
मंत्रिपरिषद क्या है :- संविधान के अनुच्छेद 74 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद के गठन के बारे में उल्लेख है जबकि अनुच्छेद 75 में मंत्रियों की नियुक्ति, उनके कार्यकाल, जिम्मेदारी, शपथ, योग्यता और मंत्रियों के वेतन व भत्ते से संबंधित जिक्र है।
यह केंद्र सरकार का वित्तीय नीतियां बनाने के लिए मुख्य अंग होता है |
यह राष्ट्रपति की सलाहकारी संस्था है तथा मंत्रिमंडल का परामर्श राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी है|
यह सभी बड़े विधायी और वित्तीय मामलों से निपटती है और विदेश नीतियों और विदेशी मामलों को देखती है।
मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल में अंतर :-
- मंत्रिपरिषद एक बड़ा निकाय है जिसमें लगभग 60-70 मंत्री होते हैं जबकि मंत्रिमंडल एक लघु निकाय है जिसमें लगभग 15-20 मंत्री होते हैं।
- मंत्रिपरिषद में तीन प्रकार के मंत्री होते हैं कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री व उपमंत्री जबकि मंत्रिमंडल में केवल कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं अतः यह मंत्रिपरिषद का एक भाग है।
- मंत्रिपरिषद सरकारी कार्यों हेतु एक साथ बैठक नहीं करती है इसका कोई सामूहिक कार्य नहीं है जबकि मंत्रिमंडल एक निकाय की तरह है यह सामान्यता हफ्ते में एक बार बैठक करती है और सरकारी कार्यों के संबंध में निर्णय करती है इसके कार्यकलाप सामूहिक होते हैं।
- मंत्रिपरिषद को कागज के रूप में सभी शक्तियां प्राप्त होती हैं जबकि मंत्रिमंडल वास्तविक रूप से मंत्री परिषद की शक्तियों का प्रयोग करती है उसके लिए कार्य करती है।
- मंत्रिपरिषद के कार्यों का निर्धारण मंत्रिमंडल करती है जबकि मंत्रिमंडल मंत्री परिषद को राजनीतिक निर्णय लेकर निर्देश देती है तथा यह निर्देश सभी मंत्रियों पर बाध्यकारी होते हैं।
- मंत्रिपरिषद मंत्रिमंडल के निर्णय को लागू करती है जबकि मंत्रीमंडल, मंत्रीपरिषद द्वारा अपने निर्णयों के अनुपालन की देखरेख करती है।
- मंत्रिपरिषद एक संवैधानिक निकाय है और इसका जिक्र संविधान के अनुच्छेद 74 तथा 75 में किया गया है लेकिन आकार और वर्गीकरण संविधान में वर्णित नहीं है। इसके आकार का निर्धारण प्रधानमंत्री समय और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर करता है।
- जबकि मंत्रिमंडल को संविधान के अनुच्छेद 352 में 1974 के 44वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा शामिल किया गया था इसलिए मंत्रिमंडल संविधान के मूल स्वरूप में शामिल नहीं थी। इसकी व्याख्या अनुच्छेद 352 में की गई है ( अनुच्छेद 352 प्रधानमंत्री व अन्य कैबिनेट मंत्रियों की परिषद जिन्हें अनुच्छेद 75 के तहत में किया जाता है उसकी व्याख्या की गई है।)।
- मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से संसद के निचले सदन लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है जबकि मंत्रिमंडल संसद के निचले सदन लोकसभा के प्रति मंत्रिपरिषद की सामूहिक जिम्मेदारी को लागू करती है।
मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल के बारे में जानकारी(FAQs) :-
Q. मंत्रिपरिषद में कौन कौन आता है ?
Q. मंत्रिमंडल की नियुक्ति कौन करता है ?
Q. मंत्रिमंडल के कार्य क्या है ?
Q. मंत्रिमंडल की संख्या कितनी होती है ?
Q. मंत्रिपरिषद् का अध्यक्ष कौन होता है ?
Q. मंत्रिपरिषद् का आकार कितना होता है ?
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