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Network Marketing और Digital Marketing में क्या अन्तर है : Network Marketing vs Digital Marketing in Hindi

Network Marketing  और Digital Marketing  दोनों मार्केटिंग के रूप हैं, लेकिन दोनों के कार्य, प्रक्रिया आदि में अंतर पाया जाता है, जो कि निम्न हैं -

आइए हम नेटवर्क मार्केटिंग तथा डिजिटल मार्केटिंग को थोड़ा समझने की कोशिश करते हैं क्योंकि अनेक सारे व्यक्तियों को यहां पर बहुत कन्फ्यूजन रहता है तो अब आपका कंफ्यूजन यहां से दूर हो जाएगा -

नेटवर्क मार्केटिंग के अंतर्गत आपको अपने संपर्क को बढ़ाना होता है तथा ग्राहकों के आमने-सामने जाकर मिलना होता है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ डिजिटल मार्केटिंग के अंतर्गत आपको कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होती है आपके पास केवल एक स्मार्टफोन या लैपटॉप कंप्यूटर होना चाहिए तथा इंटरनेट होना चाहिए जिसके बाद में आप आसानी से किसी से भी संपर्क कर पाते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग तथा नेटवर्क मार्केटिंग की नौकरियों की अगर बात की जाए तो डिजिटल मार्केटिंग की तुलना में नेटवर्क मार्केटिंग में कम नौकरियां है। 

नेटवर्क मार्केटिंग को करने के लिए किसी भी व्यक्ति को किसी भी tool की आवश्यकता नहीं पड़ती है जबकि डिजिटल मार्केटिंग को अगर कोई व्यक्ति करना चाहे तो उसे Tool की आवश्यकता पड़ती है अनेक सारे सॉफ्टवेयर की आवश्यकता पड़ती है तब जाकर डिजिटल मार्केटिंग की जा सकती है।

Network Marketing क्या है :- नेटवर्क मार्केटिंग एक चैन की तरह होता है जिसमें लोग जुड़े होते हैं, फिर इन लोगों द्वारा कंपनी के Product  को मार्केट में पहुंचाया जाता है 

यानी इसमें लोग एक - दूसरे से Chain की तरह जुड़े होते हैं क्योंकि नेटवर्क मार्केटिंग में अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता इसलिए पूरी टीम के साथ काम करना होता है।

नेटवर्क मार्केटिंग एक ऐसा बिजनेस मॉडल है जिसमें लोग एक पिरामिड के Structure  नेटवर्क के रूप में शामिल होते हैं और किसी कंपनी के प्रोडक्ट को बेचते हैं |

इस नेटवर्क का हर सदस्य एक Individual Sell Representative होता है यानी कस्टमर ही उस कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर होता है, 

इस नेटवर्क से जुड़ने वाले लोगों को Product बेचने पर एक Fixed कमीशन मिलता है। यानी जितना नेटवर्क बढ़ता जाएगा उतना ही उनका कमीशन भी बढ़ता जाएगा |

जब इनके द्वारा Product खुद बेचा गया या इनके द्वारा कोई जोड़ा गया नया सदस्य Product बेचता है तो इसका उसे fixed  कमीशन मिलता है| 

इस बिज़नेस में हर Participant  को IBO(Independent Business Owners ) कहा जाता है क्योंकि यह अपने बिजनेस को खुद प्रमोट करते हैं और Product को Direct ग्राहक तक पहुंचाया जाता है यानी Product Direct बेचा जाता है।

Network marketing को multi level marketing भी कहा जाता है इसके अलावा नेटवर्क मार्केटिंग के और भी नाम है जैसे :- 

  • Cellular marketing, 
  • Affiliate marketing, 
  • Consumer direct marketing,
  • Referral marketing, 
  • Home based business franchising |

Amway & Tupperware जैसी कंपनियां अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए नेटवर्क मार्केटिंग का ही सहारा लेती हैं आमतौर पर कंपनियां दो तरह के तरीकों द्वारा अपना Product बेचती हैं :- 

  1. Traditional Marketing
  2. Network Marketing

Traditional Marketing :- इसमें कंपनी अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए डिस्ट्रीब्यूटर, रिटेलर, एजेंट, Advertisements आदि का सहारा लेती हैं|

Network Marketing :- इसमें कंपनी अपने Products और Services को Direct ग्राहक तक पहुंचाती हैं इसमें ग्राहक ही कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर, होलसेलर, रिटेलर, एजेंट होता है जो कंपनी के Products और Services को प्रमोट करता है, 

जिससे कंपनी अपने टर्नओवर का एक बड़ा हिस्सा अपने ग्राहक में बांट देती है जिसके कारण ग्राहक होने के बावजूद भी पैसा कमाने का मौका मिलता है|

For Example :-  मान लेते हैं कि आप एक कंपनी से जुड़े हुए हैं और इस उस कंपनी का Product आपने अपने अपने दोस्त को बेचा, 

जिससे आपको कमीशन मिल जाएगा और यदि आपके दोस्त ने इस प्रोडक्ट को किसी दूसरे को बेचा तो इससे आपको भी कमीशन मिलेगा और आपके दोस्त को भी | 

क्योंकि आपके नेटवर्क में जितने भी लोग हैं उनका सब का कमीशन आपको मिलता है इसी तरह यदि आप नए- नए सदस्यों को जोड़ते जाएंगे तो यह पिरामिड बनता जाएगा।

Digital Marketing क्या है? :-  डिजिटल मार्केटिंग इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए की जाने वाली मार्केटिंग है, 

जिसके द्वारा कोई भी कंपनी अपने Product और Services को आसानी से बहुत कम समय में ग्राहक तक पहुंचा सकती है जिसे ऑनलाइन मार्केटिंग भी कहा जाता है 

यानी डिजिटल मार्केटिंग इंटरनेट के माध्यम से की जाती है और हम इससे इंटरनेट, लैपटॉप, कंप्यूटर, Phone, वेबसाइट Advertisements, किसी एप्लीकेशन के द्वारा जुड़ सकते हैं।

जब कोई कंपनी किसी Product को लॉन्च करती है तो उसे अपने ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए मार्केटिंग की जरूरत होती है यानी मार्केटिंग का मतलब है सही जगह और सही समय पर अपने ग्राहकों से कनेक्ट होना |

इसलिए आज अधिकतर कंपनियां (चाहे छोटी कंपनियां हो या बड़ी कंपनियां) हर कोई डिजिटल मार्केटिंग का use कर कर रही है, 

अपने ग्राहकों से इंटरनेट के द्वारा ही connect होती हैं क्योंकि आज अधिकतर जनसंख्या इंटरनेट का प्रयोग कर रही है हर वर्ग के लोग इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं एवं इंटरनेट की संख्या लगातार बढ़ने पर है।

digital marketing में क्या काम करना होता है? : - जिस तरह कोई कंपनी अपने Product का Advertisement बड़े-बड़े पोस्टर, बैनर या और किसी तरीके से करती है वैसे ही ऑनलाइन मार्केटिंग या digital मार्केटिंग से भी किया जा सकता है|

Offline मार्केटिंग हो या Online मार्केटिंग उन सब का मुख्य उद्देश्य होता है लोगों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचना| 

Digital मार्केटिंग के द्वारा ग्राहकों तक पहुंच के साथ-साथ उनकी गतिविधियों, उनकी आवश्यकताओं पर भी ध्यान दिया जा सकता है जैसे -ग्राहक चाह क्या रहा है, ग्राहक का रुझान किस तरफ है इन सभी पर Analyze किया जा सकता है।

Offline से कंपनी द्वारा एडवर्टाइजमेंट पर ज्यादा खर्च करना पड़ता है जबकि ऑनलाइन मार्केटिंग से बहुत कम लागत में दुनिया भर के लोगों में पहुंच सकते हैं।


Network Marketing  और Digital Marketing में क्या अन्तर है


Network Marketing  और Digital Marketing में अन्तर :- 

  • नेटवर्क मार्केटिंग को शुरू हुए काफी समय हो गया जबकि डिजिटल मार्केटिंग को शुरू हुए कुछ ही साल हुए है। 
  • नेटवर्क मार्केटिंग में ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं होती है जबकि डिजिटल मार्केटिंग निवेश की जरूरत होती है।
  • नेटवर्क मार्केटिंग में लोगों का जुड़ना बहुत जरूरी है जबकि डिजिटल मार्केटिंग में लोगों का जुड़ना ज्यादा जरूरी नहीं है, बल्कि प्रोडेक्ट बहुत जरूरी है।
  • नेटवर्क मार्केटिंग में ज्यादा पढ़ाई-लिखाई की जरूरत नहीं है यानी इसमें बिना पढ़े-लिखे भी जुड़ सकते हैं जबकि डिजिटल मार्केटिंग जितने पढ़े-लिखे होंगे उतना ही फायदा है।
  • नेटवर्क मार्केटिंग छोटे, ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा फैला है जबकि डिजिटल मार्केटिंग छोट, बड़े सभी में इसका विस्तार है।
  • नेटवर्क मार्केटिंग और डिजिटल मार्केटिंग दोनों में आय अपनी स्कील के अनुसार कमा सकते हैं।
  • नेटवर्क मार्केटिंग में घूमने, मिलना ज्यादा होता है जबकि डिजिटल मार्केटिंग में लैपटाप वगैरा में ज्यादा समय देना होता है। 
  • नेटवर्क मार्केटिंग में इनडायरेक्ट ज्यादा कमा सकते है, यानी आप काम करोगे तब भी कमाओगे और जब आपके नीचे वाले लोग काम करेंगे तब भी आप कमाओगे लेकिन डिजिटल मार्केटिंग में खुद के द्वारा ही कमा पाओगे।
  • नेटवर्क मार्केटिंग कोई भी शुरू कर सकता है जबकि डिजिटल मार्केटिंग में स्कील चाहिए, अनुभव चाहिए मतलब हर कोई आसानी से शुरू नहीं कर सकता।
  • नेटवर्क मार्केटिंग को Pull रणनीति कहा जाता है यानी इसमें आपको ग्राहकों को फोन के माध्यम से या खुद जाकर लोगों को जोड़ना या अपने साथ लाना पड़ता है जबकि डिजिटल मार्केटिंग को Puss रणनीति कहा जाता है यानी इसमें ग्राहक खुद आपके पास आता है। ग्राहक के लिहाज से देखा जाये तो डिजिटल मार्केटिंग को लोग ज्यादा पसंद करते है।
  • नेटवर्क मार्केटिंग आपका खुद को बिजनेस है जबकि डिजिटल मार्केटिंग आपके खुद के बिजनेस को मदद करता है या आप जॉब कर सकते हो, या एजेंजी के द्वारा काम कर सकते हो।
  • नेटवर्क मार्केटिंग में सीमित मात्रा तक ही पहूंच सकते हो जबकि डिजिटल मार्केटिंग में असमिति मात्रा में लोगों तक पहूंच सकते हो।
  • नेटवर्क मार्केटिंग सीमित मात्रा में ही प्रोडेक्ट को बेच सकते हो जबकि डिजिटल मार्केटिंग में आप कितने भी प्रोडेक्ट बेच सकते हो।
  • नेटवर्क मार्केटिंग में जिस तरह कम्पनियां भाग गयी हैं या लोगों को दिखावे के साथ जोड़ना पड़ता हएै जिसके कारण समाज में इसे नकारात्मक नजरिये से देखा जाता है जबकि डिजिटल मार्केटिंग में आप खुद का काम करते हो जिससे समाज में इसे सकारात्मक नजरिये से देखा जाता है। 
  • नेटवर्क मार्केटिंग एमएलएम शब्द को छुपाती है, चैन सिस्टम को बताने से बचती है, इसमें घूमा फिराकर बात की जाती है जबकि डिजिटल मार्केटिंग खुली किताब है जिसे कोई भी देख व जान सकता है। 
  • नेटवर्क मार्केटिंग आप में एक आत्म विश्वास दिखाता है, क्योंकि आपको प्रस्तुत होना पड़ता है, लोगों को समझाना पड़ता है, तथा इसमें आत्म विश्वास की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, जिसके कारण आपको खुद को विकसित करने के लिये सीखना पड़ता है, जबकि डिजिटल मार्केटिंग में आत्म विश्वास की कमी रहती है।
  • नेटवर्क मार्केटिंग में आपको कोई कर्मचारी नहीं रखना होता है कोई ऑफिस नहीं खोलना होता है जबकि डिजिटल मार्केटिंग में भी कर्मचारी व ऑफिस की जरूरत नहीं होती है, लेकिन जब तक आप अपना एक सेटअप नहीं बना लेते है तब तक आप कमा नहीं सकते ।
  • नेटवर्क मार्केटिंग में आपकी पेसिव आय बनती है जब आप एक बार टीम बना लेते हो तो उसके बाद आप कुछ भी नहीं करते हो तो आपकी इनकम आती रहेगी जबकि डिजिटल मार्केटिंग में जब तक आप काम करोगे तब तक इनकम आयेगी जहां आपने काम छोड़ा फिर आपकी इनकम नहीं आयेगी यानी काम करोगे तो पैसा मिलेगा नहीं करोगे तो पैसा नहीं मिलेगा।

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