आज इस लेख मे हम लोग जानेंगे की क्लाउड स्टोरेज क्या होता है। क्लाउड स्टोरेज कैसे काम करता है। इसके फायदे किया है, इसके नुकसान किया है, क्या इसको खरीदा जाता है, और क्लाउड स्टोरेज पर अकाउंट कैसे बनाये।
क्लाउड स्टोरेज(Cloud storage) क्या है?
जब हम कोई डिवाइस है स्मार्टफोन खरीदते हैं तो हमारा सबसे अहम जरूरतों में फोन की स्टोरेज शामिल होती है।
क्या आपने सोचा है कि जब एक डिवाइस में डाटा के लिए बहुत स्टोरेज स्पेस की जरूरत होती है तो बहुत बड़े संगठनों की हजारों डिवाइसों के लिए कितने स्टोरेज की जरूरत पड़ती होगी। ऐसे समय में क्लाउड स्टोरेज सर्विस ही काम आती है।
क्लाउड स्टोरेज कंप्यूटर डाटा स्टोरेज का एक तरीका है जिसमें डिजिटल डाटा को ऑफ साइट लोकेशन में यानी फोन या डिवाइस से अलग सर्वर पर स्टोर किया जाता है।
इन सर्वरो का देखभाल एक थर्ड पार्टी द्वारा दिया जाता है। जो अपने बुनियादी ढांचे पर संग्रहित डाटा को होस्ट करने, मैनेज करने और सुरक्षित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
क्लाउड स्टोरेज के लिए काफी बड़ा सेंटर्स का प्रयोग किया जाता है, जो कि फिजिकल डाटा को दूर कर, उसका डाटा को इंटरनेट के द्वारा लोगों को उपलब्ध करवाते हैं।
User's रीमोटली अपना डाटा डाउनलोड कर सकते हैं। क्लाउड स्टोरेज पर यूजर सिर्फ उतना ही चार्ज पे करते हैं जितना वो यूज़ करते हैं।
क्लाउड स्टोरेज एक तकनीकी प्रगति का एक उदाहरण है जो हमें अपनी सामग्री को सुरक्षित रखने, प्रबंधित करने और कहीं से भी एक्सेस करने की सुविधा प्रदान करता है।
यानी क्लाउड स्टोरेज का मतलब होता है जिस तरह से हमने फेसबुक पर कोई फोटो या वीडियो 4-5 साल पहले भी पोस्ट की है तो वह फोटो और वीडिया या टेक्स्ट आपको आज भी दिख जायेगा, क्योकि फेसबुक आपके डेटा को स्टोर करके रखता है।
इसी तरह अन्य कंपनियां भी होती है जो आपको ऑनलाइन स्टोरेज देती हैं जहां पर आप अपना डेटा फ्री या पैसे देकर रख सकते हो और इस डेटा का प्रयोग आप कभी भी कर सकते हो।
जैसे गुगल ड्राइव।
या हम यह समझ सकते हैं कि जो डेटा होता है उसे सर्वर के माध्यम से इंटरनेट पर स्टोर किया जाता है, क्योंकि ये जो सर्वर होते है इसमें आपकी जितनी भी जानकारी होती है उसे इंटरनेट के माध्यम से स्टोर की जाती है। मतलब आप इंटरनेट के माध्यम से जो भी चीज करते हो या देखते हो यह सब जानकारी सर्वर के पास होती है।
और ये जो सर्वर होते है ये डेटाबेस के अंदर होते हैं, फिर इस सर्वर को डेटाबेस के अंदर मैनेज किया जाता है। तथा क्लाउड स्टोरेज की सुविधा आपके मोबाइल के अंदर ही मिल जाती है जैसे गूगल ड्राइव जैसी सर्विस के माध्यम से। आप गूगल ड्राइव में 15जीबी तक डेटा का इस्तेमाल फ्री में स्टोर करने के लिये कर सकते हैं।
कैसे काम करता है क्लाउड स्टोरेज?
चलिए हम जानते हैं कि आखिर में क्लाउड स्टोरेज काम कैसे करता है दोस्तों अनेक कंपनी फ्री में क्लाउड स्टोरेज प्रदान करती है वहीं दूसरी तरफ अनेक सारी कंपनियां पैसों से क्लाउड स्टोरेज प्रोवाइड करती है जैसा कि आप इस वेबसाइट पर आर्टिकल पढ़ रहे हैं तो इस साइट पर यह लेख अपलोड करने के लिए हमने होस्टिंग ले रखी है जो कि हमारा क्लाउड स्टोरेज है। क्योंकि डाटा को स्टोर करने के लिए हमें स्थान चाहिए। अनेक व्यक्ति खुद का डाटा सेंटर वेब होस्टिंग भी बनाते हैं। और उनमें डाटा को स्टोर किया जा सकता है।
अनेक डाटा स्टोरेज अनेक व्यक्तियों के लिए भी उपलब्ध रहता है जिम गूगल ड्राइव भी शामिल है। जब भी हम किसी भी जानकारी को इंटरनेट पर खोजते हैं तो वह किसी न किसी क्लाउड वेब सर्वर पर अपलोड रहता है जहां से हम उसे सर्च करके आराम से एक्सेस कर पाते हैं तथा अपनी जानकारी को हासिल कर पाते हैं।
क्लाउड स्टोरेज डाटा जैसे फाइले, व्यवसायिक डाटा, वीडियो या छवियों को बचाने के लिए रिमोट सर्वर का उपयोग करता है। यूजर्स इंटरनेट कनेक्शन के माध्यम से सर्वर पर डाटा अपलोड करते हैं, जहां इसे physical सरवर पर वर्चुअल मशीन पर सहेजा जाता है।
उपलब्धता बनाए रखने के लिए अक्सर क्लाउड प्रदाता डाटा को दुनियाभर स्थित डाटा केंद्रों में कई वर्चुअल मशीनों पर फैला देते हैं।
यूजर क्लाउड स्टोरेज में इंटरनेट कनेक्शन और सॉफ्टवेयर जैसे वेब पोर्टल ब्राउज़र या मोबाइल ऐप के माध्यम से एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस(API)के माध्यम से डाटा को एक्सेस कर सकते हैं।
कितने प्रकार के होते हैं क्लाउड स्टोरेज:-
क्लाउड स्टोरेज के चार प्रकार होते हैं -
पर्सनल क्लाउड स्टोरेज(Personal cloud storage)
पब्लिक क्लाउड स्टोरेज(Public cloud storage)
प्राइवेट क्लाउड स्टोरेज(Private cloud storage)
हाइब्रिड क्लाउड स्टोरेज(Hybrid cloud storage)
पर्सनल क्लाउड स्टोरेज ( Personal cloud storage )
पर्सनल क्लाउड स्टोरेज को मोबाइल क्लाउड स्टोरेज के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि पर्सनल क्लाउड स्टोरेज पब्लिक क्लाउड स्टोरेज का एक हिस्सा है।
जिसमें individual डाटा को क्लाउड स्टोरेज में स्टोर किया जाता है। जैसे कि गूगल ड्राइव(google drive)एप्पल स्का आईक्लाउड (icloud) स्टोरेज।
पर्सनल क्लाउड स्टोरेज डाटा सिंक्रोनाइज का भी सुविधा प्रदान करता है जिससे कि यूजर किसी भी डिवाइस मोबाइल लैपटॉप में इसको एक्सेस कर सकते हैं।
पब्लिक क्लाउड स्टोरेज( public cloud storage )
पब्लिक cloud स्टोरेज में बड़े-बड़े इंटरप्राइजेज और कंपनियां अपना डाटा स्टोर करते हैं। इसका उपयोग साधारण व्यक्तियों के लिए नहीं होता। इसके उदाहरण हैं जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट, एमेजन ,गूगल, आईबीएम आदि ।
प्राइवेट क्लाउड स्टोरेज( private cloud storage )
इंटरप्राइजेज डाटा सेंटर में एंटरप्राइज और क्लाउड स्टोरेज प्रोवाइडर दोनों मिलकर इंटीग्रेट हो जाते हैं। प्राइवेट क्लाउड स्टोरेज में स्टोरेज प्रोवाइडर का इंफ्रास्ट्रक्चर होता है जिससे एंटरप्राइज डाटा सेंटर मे टिपिकल स्टोर प्रोवाइडर ही मैनेज करते हैं।
हाइब्रिड क्लाउड स्टोरेज( hybrid cloud storage )
हाइब्रिड क्लाउड स्टोरेज, क्लाउड स्टोरेज के प्रबंधन का एक तरीका है जो स्थानीय और ऑफसाइट दोनों संसाधनों का उपयोग करता है। हाइब्रिड क्लाउड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग अक्सर पब्लिक लाल स्टोरेज के साथ अंतरिक्ष डाटा स्टोरेज के लिए किया जाता है।
हाइब्रिड क्लाउड स्टोरेज या पब्लिक और प्राइवेट का कॉन्बिनेशन होता है। हाइब्रिड क्लाउड स्टोरेज में पब्लिक क्लाउड स्टोरेज प्रोवाइडर्स डाटा के स्टोर और एक्सेस किया जाता है।
क्लाउड स्टोरेज के फायदे:-
क्लाउड स्टोरेज आसान उपयोगिता और पहुंचने के कारण काफी लाभकारी होती है। क्लाउड स्टोरेज के माध्यम से अपनी स्टोर्स फाइल्स को इंटरनेट की सहायता से दुनिया में कहीं भी और कभी भी एक्सेस कर सकते हैं।
क्लाउड स्टोरेज अपनी बेहतर सुरक्षा के लिए भी प्रयोग की जाती है।
यदि कुछ भी इंटरनेट से जुड़ा है तो सुरक्षा के लिए एक चिंता होती है
इसलिए ज्यादातर बड़े और छोटे व्यवसाय क्लाउड स्टोरेज किस सेवाओं का उपयोग करते हैं।
क्लाउड स्टोरेज काफी cost-efficient होता है
क्योंकि इसमें यूजर को उसके स्पेस तोर इस्तेमाल किए जा रहे हैं संसाधनों के हिसाब से ही
रुपया देना होता है।
ऑटोमेशन और सिंक्रोनाइजेशन भी क्लाउड स्टोरेज की एक खासियत है
इसमें लोगों को इंडिविजुअल ईमेल भेजने की जरूरत नहीं होती है |
शेयर कर सकते हैं।
क्लाउड स्टोरेज scalable और flexible होती है। यदि आपकी स्टोरेज भर जाती है
अतिरिक्त स्टोरेज को आप की मौजूदा भंडारण क्षमता में जोड़ दिया जाता है।
भंडारण क्षमता को हटाया भी जा सकता है।
डिजास्टर रिकवरी और बैकअप जैसी सुविधाएं भी क्लाउड स्टोरेज में उपलब्ध है।
क्लाउड स्टोरेज के नुकसान :-
क्लाउड स्टोरेज का सबसे नुकसान इसकी इंटरनेट पर निर्भरता है। यदि आप बिना इंटरनेट के
खिलाफ स्टोरेज का डाटा ना तो डाउनलोड किया जा सकता है ना तो अपलोड और ना ही शेयर और
एडिट किया जा सकता है।
यदि किसी फाइल को डाउनलोड करते समय इंटरनेट विफल हो जाए तोवह फाइल करप्ट हो सकती है और इस फाइल को फिर से डाउनलोड करना पड़ता है।
डेटा सुरक्षा और गोपनीयता क्लाउड स्टोरेज की एक बहुत बड़ी समस्या है औरकई बार लौट स्टोरेज का डाटा लिख भी हो जाता है|
व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए डिजाइन होने की वजह से क्लाउड स्टोरेज महंगी तो होती ही है
इसका कारण यह है कि विशेष रूप से यह व्यवहारिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए डिजाइन
होती है।
क्लाउड स्टोरेज में आपका डाटा किसी अन्य व्यक्ति के हाथ यानी क्लाउड स्टोरेज प्रोवाइडर कंपनी के हाथों में होता है इसलिए अपने डाटा के लिए आप हमेशा ही चिंतित रहते हैं।
Cloud Storage for free -(Best free Cloud Storage):-
फ्री में क्लाउड स्टोरेज प्रोवाइड करने वाली कंपनियां कौन-कौन सी है?
गूगल माइक्रोसॉफ्ट तथा इन्हीं के साथ में अनेक और भी बड़ी कंपनियां फ्री में क्लाउड स्टोरेज प्रोवाइड करती है। और इनमें से आप अनेक क्लाउड स्टोरेज का उपयोग अपनी आवश्यकता अनुसार कर भी रहे हैं जिसमें अगर हम बात करें तो आप अपने मोबाइल में गूगल ड्राइव का उपयोग जरूर कर रहे होंगे तो गूगल ड्राइव एक फ्री क्लाउड स्टोरेज है जो की गूगल की द्वारा प्रोवाइड कराया जाता हैं। गूगल ड्राइव में आप अपने अनेक प्रकार के डाटा को अपलोड कर सकते हैं।
गूगल की तरह ही माइक्रोसॉफ्ट का वनड्राइव भी अनेक व्यक्तियों के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है इसका उपयोग करके भी अनेक सारे व्यक्ति अपने डाटा को वन ड्राइव में अपलोड करके रखते हैं। इन दो कंपनियों की तरह और भी अनेक कंपनियों के द्वारा फ्री में क्लाउड स्टोरेज प्रदान किया जाता है लेकिन सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला फ्री क्लाउड स्टोरेज गूगल का है। गूगल ड्राइव का उपयोग आज अनेक सारे व्यक्ति करते हैं।
इन कंपनी के द्वारा जो फ्री में क्लाउड स्टोरेज प्रदान किया जाता है उनकी लिमिट होती है कि कितने स्टोरेज तक आप वहां पर डाटा को अपलोड करके रख सकते हैं क्लाउड स्टोरेज भर जाता है तो उसके बाद में आप अपने दूसरे मोबाइल में फिर से क्लाउड स्टोरेज का उपयोग कर सकते हैं इसके अतिरिक्त आप कंप्यूटर तथा अन्य जगहों पर भी फ्री में क्लाउड स्टोरेज का उपयोग कर सकते हैं और जितना चाहे उतना अपना डाटा अपलोड कर सकते हैं।
क्लाउड स्टोरेज और क्लाउड कंप्यूटिंग में अंतर :-
Cloud Storage क्या हैः-
Cloud Storage इंटरनेट पर डेटा को स्टोर करता है जैसे- Google Drive, Dropbox, iCloud.
Cloud Storage का मतलब है डेटा को सर्वर पर स्टोर करना, ताकि उसे इंटरनेट पर Accessible बनाया जा सके।
इसमें आप अपना सारा डेटा किसी सर्वर पर save रख सकते हैं, जब एक बार आपका डेटा Cloud Storage में सेव हो जाता है तो आप जब चाहे इसका इस्तेमाल कहीं भी, कभी भी, अनेकों Devices पर कर सकते हो।
Cloud Storage के उदाहरण- Google Drive, iCloud, DropBox, Data Servers, One Drive, Personal Storage, Website Hosting, Virtual Destop Hosting, Application Hosting.
क्लाउड स्टोरेज कंप्यूटर डाटा स्टोरेज का एक तरीका है जिसमें डिजिटल डाटा को ऑफ साइट लोकेशन में यानी फोन या डिवाइस से अलग सर्वर पर स्टोर किया जाता है।
इन सर्वरो का देखभाल एक थर्ड पार्टी द्वारा दिया जाता है। जो अपने बुनियादी ढांचे पर संग्रहित डाटा को होस्ट करने, मैनेज करने और सुरक्षित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
क्लाउड स्टोरेज के लिए काफी बड़ा सेंटर्स का प्रयोग किया जाता है, जो कि फिजिकल डाटा को दूर कर, उसका डाटा को इंटरनेट के द्वारा लोगों को उपलब्ध करवाते हैं।
क्लाउड कंप्यूटिंग क्या है:- यदि आप इंटरनेट पर कोई भी फाइल अपलोड करते हैं और इस फाइल का कहीं और इस्तेमाल करते हैं,
जैसे - यदि आपने अपने लैपटॉप पर कोई फाइल Upload की और आप कहीं बाहर जा रहे हैं और आप इस फाइल को अपने मोबाइल से एक्सेस कर पा रहे हैं, तो यह एक क्लाउड कंप्यूटिंग का उदाहरण है।
जब आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में डेटा Save करते हैं, कोई फाइल बनाते हैं,(जैसे - कोई वीडियो फाइल, M.S. Word File) और जब इसे अपने कंप्यूटर में स्टोर करते हैं, तो यह आपके Hard disk में Store होती है और आपको इसे कहीं ले जाना है,
तो आप Pen drive बगैरा में Copy करके ले जाते हैं, फिर उसको use करते हैं, लेकिन इन सब में आपको Hardware की जरूरत होती है,
लेकिन क्लाउड कंप्यूटिंग(cloud Computing) से आपको Hardware जैसी - कोई भी चीज की जरूरत नहीं होती है,
बस आपको इंटरनेट की जरूरत होती है और आप अपने data को Google Drive जैसी सर्विस में स्टोर कर सकते हैं जैसे- अपनी वीडियो फाइल, ऑडियो फाइल, M.S. Word की फाइल को स्टोर करके कहीं भी एक्सेस कर सकते हो।
जब आप किसी फाइल को अपने कंप्यूटर या फोन मैं किसी Folder में Save करते हैं, जो कि अक्सर Offline होता है और जब आप अपना कंप्यूटर या फोन Change कर लेते हैं, तो इस फाइल को नहीं ढूंढ पाते हैं,
इसी समस्या से निपटने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग(Cloud Computing) सर्विस देती है जो कि data को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।
Cloud Computing, Computing सर्विस की Delivery होती है, जिसमें Server, Networking, Storage, Database, Software, Intelligence शामिल है,
ये सब सर्विस इंटरनेट के द्वारा ही उपलब्ध हो पाती है, तो यहां Cloud का मतलब इंटरनेट से है और कंप्यूटिंग को ऐसे स्टोरेज के रूप में समझा जा सकता है, जिसे हम कभी भी, कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं,
जैसे - इसमें आप अपनी फाइल को ऑनलाइन Edit कर सकते हैं, Share कर सकते हैं, Google Service जैसी सर्विस द्वारा।
difference between Cloud Computing and Cloud Storage : Cloud Computing को Cloud Storage की तुलना में Higher Processing Power की आवश्यकता होती है जबकि Cloud Storage को ज्यादा Storage Space की आवश्यकता होती है।
Cloud Computing ज्यादातर Business को टारगेट करती है जबकि Cloud Storage का Professional और Personal में ज्यादा यूज होता है।
FAQs
Q.क्लाउड स्टोरेज सुरक्षित है या नहीं
Q. क्या क्लाउड स्टोरेज सेवाएं फ्री में उपलब्ध होती है
Q.क्लाउड बेकअप क्या होता है
Q. क्लाउड स्टोरेज के लिये इंटरनेट की आवश्यकता होती है
Q. एन्ड टु एन्ड एन्क्रिप्शन क्या होता है
यह एक सुरक्षित मैसेज लाने की प्रक्रिया है जिसमें केवल संदेश प्राप्तकर्ता ही देख सकता है।
Q. क्या हम क्लाउड स्टोरेज की सीमा को बढा सकते है
हां पैसे देने के बाद क्लाउड स्टोरेज की सीमा को बढाया जा सकता है।
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