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e-commerce kya hai : e-commerce के लाभ और हानि व प्रकार

आज के इस आधुनिकता के जमाने में जीने का तरीका भी आधुनिक बन गया है। वर्तमान समय में mobile phone और internet का उपयोग तो हर एक व्यक्ति करते हि है, और internet ने भी हमारे जीवन को काफी आसान बनाया है। 


समय के साथ साथ सभी चीजों में बदलाव देखने को मिलते हैं, ठीक इसी तरह से वर्तमान समय में हमारे shopping करने का तरीका भी बदल गया है।


आजकल अपने किसी भी जरूरत के सामान को खरीदने के लिए दुकान पर जाने की जरूरत नहीं होती है, बस एक click के माध्यम से घर बैठे आसानी से shopping किया जा सकता है और इस काम को संभव बनाया है e-commerce ने। 


आप में से अधिकतर लोग तो ई-कॉमर्स के बारे में जानते ही होंगे और बहुत सारे लोग इसका उपयोग भी करते ही हैं।  यदि आप e-commerce platform से जुड़ी अधिक जानकारी के बारे में जानना चाहते हैं, तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।  तो आइए इस टॉपिक के बारे में विस्तार से जानते हैं।



e commerce : e-commerce kya hai : e-commerce के लाभ और हानि व प्रकार : e-commerce platforms in India in hindi


e commerce kya hai :-


e-commerce जिसे electronic commerce और e-business के नाम से भी जाना जाता है, यह internet के माध्यम से किया जाने वाला एक online business है, जो कि अपने products को ना सिर्फ बेचने और खरीदने की सुविधा देता है, 


बल्कि इसके साथ ही साथ e-commerce में इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, Internet marketing, online transaction processing, electronic data interchange(EDI), customer service, management systems, और data collection systems जैसे बहुत सारी चीजें शामिल होती है।


सरल शब्दों में कहें तो online shopping करना ही e-commerce कहलाता है, जो कि लोगों को कोई भी जरूरत के सामान जैसे कि- physical और electronic products, dresses, digital goods, और medicines, आदि चीजों को घर बैठे आसानी से और कम समय में खरीदने व बेचने की सुविधा देता है।  


वर्तमान समय में कंप्यूटर, मोबाइल फोन और टेलीविजन किसी भी बिजनेस को बड़े पैमाने तक पहुंचाने के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहे हैं। ठीक इसी तरह से e-commerce के business को भी आगे बढ़ाने में इंटरनेट और मोबाइल फोन का अहम भूमिका है।


e-commerce एक ऐसी service है जो कि लोगों को कहीं भी, कभी भी और किसी भी समय आसानी से shopping करने की सुविधा देता है, और e-commerce को भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि ग्राहक कौन है,  कहां से है, और कहां से खरीदारी कर रहा है। 


लोगों की नजर में तो e-commerce केवल एक टेक्नोलॉजी है, बल्कि e-commerce इससे कहीं ज्यादा अधिक है, जोकि inventory करने से लेकर के marketing करने तक हर चीज को control करने की सुविधा देता है। 


e-commerce platforms in India in hindi : - 


जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है कि e-commerce इंटरनेट के जरिए अपने यूजर्स को आसानी से ऑनलाइन शॉपिंग करने की सुविधा देता है, और यह सब online store के जरिए किया जाता है। परंतु क्या आपको पता है कि ऑनलाइन स्टोर कैसे बनता है?, और कैसे काम करता है?


दरअसल e-commerce online store को बनाने के लिए Information Technology के कई अलग-अलग tools का इस्तेमाल किया जाता है, और ई-कॉमर्स के बिजनेस को information technology के tools के सहारे ही किया जाता है। 


वर्तमान समय में दो तरह के online stores देखने को मिलते हैं, जिसमें पहला Online Storefronts है और दूसरा Online Marketplaces है। 


Online storefronts, e-commerce बिजनेस का सबसे सीधा और आसान तरीका होता है। आमतौर पर मर्चेंट अपना online store बनाने के लिए website का इस्तेमाल करते हैं, और online storefronts में IT के अलग-अलग tools जैसे कि- शॉपिंग कार्ट, पेमेंट गेटवे और ई-कॉमर्स टूल्स का इस्तेमाल करके अपना online store बनाया जाता है। 


वर्तमान में Online storefronts बनाने के लिए बहुत सारे प्लेटफार्म उपलब्ध हैं जैसे कि- oracle commerce, shopify, Magneto, Big Commerce, आदि। और इन्हीं platforms के जरिए मर्चेंट अपना product और service बेचते हैं।


Online Marketplace, एक ऐसा Online store है, जोकि seller और customer के बीच communication कराने का काम करता है, जिसमें मर्चेंट और कस्टमर का direct connection नहीं होता है। 


Online marketplace के अंतर्गत अलग-अलग मर्चेंट को एक जगह market place पर उपलब्ध कराया जाता है, और ऐसा करने के लिए भी बहुत सारे प्लेटफार्म मौजूद हैं जैसे कि- amazon, flipkart, Indiamart, आदि। 


e-commerce के प्रकार:- 


वैसे तो आमतौर पर लोगों को e-commerce के केवल चार प्रकार के बारे में ही पता होता है, लेकिन मुख्य रूप से ई-कॉमर्स के सात प्रकार देखने को मिलते हैं, जो कि निम्नलिखित है- 


1.Business to Business (B2B):- 


ऐसे online business जिसमें दो या दो से अधिक बिजनेस, कंपनी या संस्था आपस में मिलकर ऑनलाइन सामान खरीदने और बेचने का काम करती है, तो वह Business to Business (B2B) e-commerce model कहलाता है। इस तरह के बिजनेस के अंतर्गत आम व्यक्ति शामिल नहीं होते हैं, इसमें थोक सामान की खरीदी (wholesale) शामिल होती है। सरल शब्दों में कहे तो इस model में एक व्यापारी दूसरे व्यापारी से अपनी जरूरत के सामान खरीदता या बेचता है।


2. Business to Consumer (B2C):- 


Business to Consumer (B2C) जिसे Direct to Consumer (D2C) के नाम से भी जाना जाता है। B2C model के अंतर्गत बिजनेस से उपभोक्ता के बीच direct transaction होता है। वर्तमान में इस e-commerce के बहुत सारे प्लेटफार्म देखने को मिलते हैं जैसे कि- Amazon, Flipkart, Snapdeal, आदि।


3.Consumer to Consumer (C2C):-


इस e-commerce model में एक उपभोक्ता दूसरे उपभोक्ता से direct online transactions करते है। वर्तमान में C2C e-commerce model काफी लोकप्रिय है, जिनमें Quickr और OLX जैसे प्लेटफार्म देखने को मिलते हैं।


4.Consumer to Business (C2B):-


C2B e-commerce model, B2C e-commerce model का opposite version है। इस तरह के बिजनेस मॉडल में कोई भी उपभोक्ता या ग्राहक अपना product और service direct किसी बिजनेस, कंपनियां, या organization को बेचते है। इस model का उपयोग खासतौर पर सॉफ्टवेयर डेवलपर, freelancer या youtuber जैसे लोग ही करते हैं।


5.Business to Administration (B2A):- 


Business to Administration (B2A) जिसे Business to Government (B2G) के नाम से भी जाना जाता है। जब Government किसी भी online business से अपनी जरूरत के product और service खरीदते हैं, तो इस तरह के e-commerce model को B2A model कहा जाता है।


6.Consumer to Administration (C2A):-


Consumer to Administration (C2A) को Consumer to Government (C2G) के नाम से भी जाना जाता है। जब एक आम नागरिक अपने सरकारी कामकाज जैसे कि- टैक्स पेमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट, हेल्थ इंश्योरेंस पेमेंट, आदि को पूरा करने के लिए Government authority या वेबसाइट का उपयोग करते हैं, तो इस तरह के model को C2A e-commerce model कहा जाता है।


7.Administration to Business (A2B):- 


Administration to Business (A2B) को Government to Business (G2B) भी कहा जाता है। जब Government या authority अपनी services को इंटरनेट के जरिए direct Business, company या organization को उपलब्ध कराते हैं, तो इस तरह के model को A2B e-commerce model कहा जाता हैं। 

भारत में ई-कॉमर्स की शुरुआत

भारत में अगर ई-कॉमर्स के भविष्य की बात की जाए तो हमारा मानना है कि अभी इस क्षेत्र में ऐसे ऑनलाइन मंचों में लगातार वृद्धि होंगी, जैसे विश्व में भारत का बाजार सबसे बड़ा माना जाता है और दुनिया की बड़ी कंपनियों की नजर में भारतीय बाजार पर रहती है।


देखा जाए तो पिछले काफी वर्षों से कुछ बड़ी विदेशी कंपनी जैसे Amazon, Wallmart इत्यादि अपनी सुविधा भारत में भी दे रही है और अगर भारतीय ई-कॉमर्स कंपनियों की बात की जाए तो Flipcart ने सन 2007 में शुरुआत की थी। इसके बाद लगातार ऐसी कंपनियों में वृद्धि हुई है।


और हमें यह भी मानना होगा कि कॉमर्स डिलीवरी की सुविधा अभी ज्यादातर बड़े शहरों तक ही सीमित है, यानी  छोटी जगह तक इसकी पहुंच अभी भी नहीं है। और आने वाले समय में जिस तरह से इंटरनेट का फैलाव भारत के हर कोने-कोने में होगा  वैसे वैसे कंपनियां अभी अपना दायरा बढ़ाएगी जो ई-कॉमर्स क्षेत्र के अच्छे भविष्य को दर्शाता है।

ई कॉमर्स का प्रभाव

ई-कॉमर्स इंटरनेट पर वस्तु और सेवाओं को खरीदने और बेचने में मदद करता है। वैश्विक उपस्थिति को बेहतर बनाने के लिए एक आदर्श ई-कॉमर्स विकास प्रदान करते हैं। ई-कॉमर्स मूल रूप से आपूर्तिकर्ताओं से ग्राहकों माल की आदान-प्रदान की सुविधा देती है।


e commerce : e-commerce kya hai : e-commerce के लाभ और हानि व प्रकार : e-commerce platforms in India in hindi


e-commerce के लाभ :-


जब से e-commerce भारत में आई है, तब से यह लोगों के लिए बहुत अच्छी platform साबित हो रही है। ई-कॉमर्स के बहुत सारे फायदे देखने को मिलते हैं, जिनमें से कुछ फायदे निम्नलिखित हैं- 


1.e-commerce एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसे कम लागत के साथ शुरू किया जा सकता है। एक शोरूम खोलने के मुकाबले एक ऑनलाइन स्टोर खोलना काफी सस्ता पड़ता है, जोकि किसी भी तरह के बिजनेस की शुरुआत करने के लिए बेहतर होता है।  


2. ई-कॉमर्स के जरिए कोई भी बिजनेस पूरी दुनिया में अपनी पहुंच बनाने के लिए सक्षम होता है।


3.e-commerce बिजनेस करने पर ग्राहक ढूंढने की जरूरत नहीं होती है, इसके जरिए पूरी दुनिया के किसी भी कोने से ग्राहक बनाना आसान होता है। 


4. e-commerce बिजनेस के अंतर्गत समय की कोई भी पाबंदी नहीं होती है, यानी कि अपने product को बेचने के लिए समय निर्धारित करने की जरूरत नहीं होती है। कोई भी व्यक्ति कभी भी और कहीं भी अपनी जरूरत के सामान खरीद या बेच सकते है। 


5. e-commerce बिजनेस खासतौर पर कस्टमर के लिए बहुत ज्यादा आसान और सुविधाजनक होता है।


6. कस्टमर के नजरिए से देखें तो e-commerce बिजनेस के माध्यम से online shopping करने पर समय की भी काफी बचत होती है।


7. e-commerce बिज़नेस के माध्यम से कस्टमर को अपने पसंद के सामान की चीजें खरीदने में आसानी होती है।


8. e-commerce एक ऐसा बिजनेस है जो कि अपने कस्टमर को Personal Recommendations, fast checkout, cheap price, availability, की भी सुविधा देता है।

ई-कॉमर्स के कुछ फायदे व्यापार की नजर में


1. समय की कोई पाबंदी नहीं होती: ई-कॉमर्स का फायदा यह है कि इसमें सामान बेचने की कोई समय सीमा नहीं होती है। एक कस्टमर आपके स्टोर से सुबह 4:00 बजे भी सामान खरीद सकता है और रात 12:00 भी, तो इसमें समय का बंधन नहीं होता और ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है।


2. सामान बेचने का असीमित दायरा: इसमें सामान बेचने का कोई सीमित दायरा नहीं होता है, जैसे अपने क्षेत्र में या अपने शहर में बल्कि दुनिया में ऑनलाइन माध्यम से ही कहीं भी अपने सामान को बैठ जा सकता है।


3. कम लागत में शुरू किया जा सकता है :ऑनलाइन स्टोर को खोलना किसी भी शोरूम खोलने से काफी सस्ता पड़ता है। जिससे काफी पैसे की बचत की जा सकती है। शोरूम या किसी स्टोर के लिए काफी बड़ी जगह लेनी पड़ सकती है जिससे उसका किराया भी बढ़ जाता है, और साथ ही स्टाफ और सुरक्षा पर भी पैसे खर्च होते हैं। अगर ऑनलाइन स्टोर खोलने की बात करें तो इन सब खर्चे को कम किया जा सकता है।

ई-कॉमर्स के कुछ फायदे उपभोक्ता की नजर से


1. सुविधा: उपभोक्ता को खरीदारी करने की सुविधा दी जाती है यदि आप कहीं सफर कर रहे हैं या मौसम खराब होने पर बाहर नहीं जा सकते हैं तो आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि ई-कॉमर्स घर बैठे खरीदारी का ऑप्शन मिलता है


2. समय की बचत: ई-कॉमर्स से काफी समय की बचत हो सकती है क्योंकि अगर आपको बाहर जाना है या फिर आपको कोई और काम है तो अलग-अलग दुकानों पर जाकर सामान चुनने की झंझट से छुटकारा मिल जाता है।


3. मनपसंद सामान्य सर्विस के चुनाव का मौका : ई-कॉमर्स से एक गुप्ता को अपने मनपसंद के सामान्य सर्विस को खरीदने के बहुत सारे विकल्प मिल जाते हैं। जिस चीज की बीवी का और क्षेत्र सीमित होता है। यानी कि एक जगह घर बैठे बैठे दूसरे कई मंचों से लिए जाने वाले सामान की तुलना करने का मौका मिल जाता है।


e-commerce के हानि :- 


वैसे तो e-commerce लोगों के लिए काफी ज्यादा सुविधाजनक और फायदेमंद साबित हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही साथ e-commerce के कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं,  जो कि निम्नलिखित हैं- 


1. Offline shopping की तुलना में online shopping करने के दौरान product की असल जानकारी नहीं मिल पाती है। 


2.e-commerce model के आ जाने के बाद Seller और customer के बीच में सीधे तौर पर जुड़ाव संभव नहीं हो पाता है। 


3. आज के समय में online fraude होना एक आम बात बन गया है, ऐसे में ई-कॉमर्स पर भी security issues कि संभावना बनी रहती है।


4. e-commerce model का उपयोग करने के लिए लोगों को टेक्नोलॉजी की knowledge होनी चाहिए। जिस भी व्यक्ति को टेक्नोलॉजी की जानकारी नहीं है, उसके लिए ई-कॉमर्स किसी भी काम का नहीं है।


5. Offline shopping की तुलना में online shopping पर customers को आत्म संतुष्टी कम होती है, क्योंकि ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान किसी भी प्रोडक्ट को छुना या देखना संभव नहीं होता है। 


6. Online shopping में तुरंत प्रोडक्ट की delivery नहीं होती है,  कस्टमर को अपने सामान के लिए इंतजार करना पड़ता है।


ई-कॉमर्स के कुछ नुकसान व्यापार की नजर से


1.Competition काफी ज्यादा होता है: इंटरनेट पर दूसरे ऐसे ऑनलाइन स्टोर के साथ होंगे Competition बना रहता है, और ऐसे में लगातार काम करते रहना पड़ता है, जिससे ग्राहक दूसरे ऑनलाइन स्टोर की तरफ आकर्षित न हो।


2.Website Crash होने पर काम रुक जाता है: ई-कॉमर्स में आधार कार्ड वेबसाइट पर होता है अगर इसी कारण यह क्रैश हो जाता है तो सारा काम रुक जाता है।तो इससे काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।


3. ग्राहकों से सीधे तोर पर जुड़ाव नहीं होता: अगर ग्राहक की कुछ शिकायत है या उन्हें कुछ पूछना है तो कई बार व्यापारी और उपभोक्ता के बीच कम्युनिकेशन में काफ़ी समय लग जाता है, जिससे ग्राहक जवाब दे सकता है और इससे दोनों के बीच मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं।

ई-कॉमर्स के कुछ नुकसान उपभोक्ता की नजर से

1. खरीदारी से पहले ट्राई नहीं किया जा सकता : किसी शोरूम या दुकान से अगर हम कपड़े खरीदते हैं तो हम उसे छूकर देख सकते हैं,लेकिन ई-कॉमर्स में खरीदारी करने से पहले हम उसे छू के नहीं देख सकते और अगर हम कपड़े खरीद लेते हैं तो मन में संदेह बना रहता है कि कपड़ा  सही होगा या नहीं होगा।


2. धोखे का डर: ग्राहक कई बार ई-कॉमर्स खरीदारी से बचना चाहते हैं क्योंकि जहां से वह खरीदारी की सोच रहा है क्या वह वास्तविक रूप से है या नहीं, तो ग्राहक के मन में यह डर बना रहता है। और अगर कुछ नामी ई-कॉमर्स कंपनियों को छोड़ दिया जाए तो इंटरनेट पर दूसरी हजारों ऐसी वेबसाइट होज बनती है जिससे फ्रॉड भी किया जाता है।


3. सुरक्षा : अगर सबसे बड़ी कमी देखा जाए तो उपभोक्ता की नजर में ऑनलाइन खरीदारी से सुरक्षा को लेकर है।  यानी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर अपनी पूरी जानकारी देना। जिसमें आपका पता,नाम और क्रेडिट कार्ड से संबंधित जरूरी जानकारियां होती है जिससे चोरी होने का खतरा बना रहता है।


e-commerce बिज़नेस कैसे शुरू करें :


बिलगेट्स ने एक बार कहा था कि "यदि आपका बिजनेस इंटरनेट पर नहीं है तो आपका बिजनेस, बिजनेस है ही नहीं।"


ऑनलाइन बिजनेस, ऑफलाइन बिजनेस से काफी अलग होता है, क्योंकि ऑफलाइन में आपको मार्केट बना हुआ होता है, बस आपको उस मार्केट में खुद की दुकान खोलनी पड़ती है, अपना बिजनेस जमाना पड़ता है,


जबकि ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने से आपको अपना खुद का मार्केट बनाना पड़ता है यानी आपको अपनी आडिएंश बनानी पड़ती है, फिर बाद में अपना प्रोडेक्ट Sale कर सकते हो, इसलिये ऑनलाइन बिजनेस वेबसाइट बनाने या अमेजन व फ्लिपकार्ट में अकाउंट बनाने से आपका ऑनलाइन बिजनेस शुरू नहीं हो सकता है।


इसलिए ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करने के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखना होता है -

सबसे पहले अपनी Community बनानी होती है, उस community से डेटाबेस बनाना पड़ता है ताकि हम आसानी से distribute कर पाए |


उसके बाद Sales Plat Create करना होता है, जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर अपनी plate बनाना |


फिर आपको अपना product लांच करना होता है , उसके बाद आप remarketing या Retargeting करनी होती है |


15 Best eCommerce Platforms List 2023 :-


  1. Big Commerce
  2. Magento
  3. dcart
  4. Wix ecommerce
  5. Shopify,
  6. Ecwid,
  7. Volusion,
  8. Open Cart,
  9. FastSpring,
  10. Adobe Commerce
  11. Presta Shop
  12. Big Cartel,
  13. nop commerce,
  14. Shift4Shop,
  15. WooCommerce


निष्कर्ष :- 


आज हमने आप सभी को अपने इस आर्टिकल के जरिए e-commerce platforms के विषय से जुड़ी हुई संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है। उम्मीद है कि आप सभी को हमारे इस आर्टिकल के जरिए e-commerce platforms के बारे में काफी अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी।


Questions and Answers :

Q. what is e commerce platforms.

A. e commerce platforms - oracle commerce, shopify, Magneto, Big Commerce, Prestashop, Big Cartel आदि। 

Online marketplace के अंतर्गत अलग-अलग मर्चेंट को एक जगह market place पर उपलब्ध कराया जाता है, और ऐसा करने के लिए भी बहुत सारे प्लेटफार्म मौजूद हैं जैसे कि- amazon, flipkart, Indiamart, |

Q. वर्तमान में सबसे बड़ी e commerce कंपनी कौन सी है | 

A. वर्तमान में सबसे बड़ी e commerce अमेज़न और फ्लिपकार्ट हैं | 

Q. भारत में ई कॉमर्स के जनक कौन हैं?

भारत में ई कॉमर्स का जनक वैथीश्वरन को माना जाता है।

Q. भारत में सबसे बड़ी ई कॉमर्स की कंपनी कौन सी है?

भारत में सबसे बड़ी ई कॉमर्स की कंपनी फ्लिपकार्ट है, जिसकी शुरूआत किताबें बेचने के साथ हुई थी, जिसके बाद इसने अपना विस्तार दूसरे क्षेत्रों में करना शुरू कर दिया।

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