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Gig Economy UPSC in hindi : गिग इकॉनमी अच्छी या बुरी

अपने कहीं ना कहीं गीग इकोनामी का नाम तो जरूर सुना होगा, यह अर्थशास्त्र के क्षेत्र में काफी प्रचलित नाम है। गिग इकनॉमी का पूर्ण रूप से मतलब है के जो लोग मेहनत करते है। उन लोगो को किसी प्रकार का बीमा या कोई सुरक्षा नहीं दी जाती है। उनका कार्य बिलकुल सरल रहता है, जो लम्बे समय से चलता आ रहा है। गिग इकनॉमी का मतलब अर्थववस्था होता है जैसे के किसी ऍप से खरीदी गयी कोई वस्तु और उसको डेलिवर करना है तो इस तरह के कार्य गिग इकनॉमी  में ही आते है।


Gig Economy क्या है


Gig Economy एक ऐसा आर्थिक प्रणाली है, जिसमें कामकाज को संगठित रूप से नहीं किया जाता है बल्कि व्यक्ति स्वतंत्रता से अपने काम को करते हैं और उन्हें वेतन के रूप में प्रति कार्य या टास्क भुगतान मिलता है। इस प्रणाली में लोग अलग-अलग कंपनियों या व्यक्तियों के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकते हैं, जिससे उन्हें नौकरी के स्थायी बंधन से मुक्ति मिलती है।

 Gig Economy क्या है?

Gig Economy एक आर्थिक मॉडल है, जिसमें काम करने वाले व्यक्ति नियमित नौकरी के स्थायी मॉडल के बजाय छोटे-मोटे परियोजनाओं या अस्थायी काम के लिए भुगतान प्राप्त करते हैं। इसमें व्यक्ति अपने खुद के समय और आवश्यकतानुसार काम करता है और विभिन्न नियोजनों, टास्कों या परियोजनाओं को पूरा करते हुए वेतन प्राप्त करता है।

गिग इकॉनमी में कई फायदे होते हैं, जैसे कि व्यक्ति अपने समय का अच्छे से उपयोग कर सकता है, अपने इन्हाउस कौशल को विकसित कर सकता है और अपनी आय को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही व्यवसायों को भी फायदा होता है, क्योंकि उन्हें आवश्यकता अनुसार कम विकल्प प्राप्त होते हैं और वे विशेष योग्यता रखने वाले व्यक्तियों के साथ काम कर सकते हैं।

Gig Economy के क्या-क्या फायदे है?

गिग इकनॉमी के एक मुख्य फायदे है

स्वतंत्रता का अनुभव: लोग अब अपने घर से या कहीं भी बैठे काम कर सकते हैं। यह उन्हें अपने समय को स्वतंत्रता से बिताने और परिवार और शौक के साथ समय बिताने की अनुमति देता है। इससे काम करने की चुनौतियों से निपटने में भी मदद मिलती है, जैसे कि ट्रैफिक और यातायात की समस्याओं से बचना।

 आदिक मात्रा में भिन-भिन तरीके : गिग इकनॉमी ने विभिन्न विकल्पों का समावेश किया है जो लोगों को उनके अनुभव, कौशल और रुचियों के अनुसार काम करने की अनुमति देते हैं। इससे लोगों को वे काम चुनने का मौका मिलता है जिनमें उन्हें रुचि होती है और जिनमें वे अधिक माहिर होते हैं। यह उन्हें अपने कौशल का उपयोग करके अधिक आय कमाने का भी मौका देता है।

Gig Economy के क्या-क्या नुकसान हो सकते है?

स्थिरता की कमी: गिग इकनॉमी के एक नुकसान के रूप में यह कि इसमें नियंत्रण की कमी हो सकती है। कुछ लोग इसे एक नियोक्ता के तौर पर देखते हैं जो एक कर्मचारी को सीधे नियुक्त करता है, जो उसके काम की निगरानी करता है और जिम्मेदार होता है। इसलिए, अनुबंधक और नौकरीधारकों को यह समझने में कठिनाई हो सकती है कि वे कौनसे काम को स्वीकार करें और कौनसे को अस्वीकार करें

रोजगार का पूर्ण रूप से स्थायी न होना : गिग इकनॉमी में नौकरीधारकों के लिए अस्थायी रोजगार का सामना करना पड़ सकता है। कुछ क्षेत्रों में, काम के लिए नियोक्ताओं का इंतजार करना समय लग सकता है और कुछ कामगारों को काम आसानी से नहीं मिल पाटा हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन नौकरीधारकों को आय के स्तर पर अस्थायीता हो सकती है और इससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।

Gig Economy की क्या-क्या चुनौतियां है?

गिग इकनॉमी में, नौकरीधारकों को  प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। यहां, कई नौकरीधारक एक ही प्रोजेक्ट के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं और इससे उनकी उपलब्धि और नौकरी के लिए चयन होने में मुश्किल हो सकती है। इसलिए, नौकरीधारकों को अपने कौशल को समृद्धि और अद्भुत गुणवत्ता के साथ प्रदर्शित करने की आवश्यकता होती है।

गिग इकनॉमी में नौकरी धारकों को भुगतान के मुद्दे का सामना करना पड़ सकता है। कुछ अनुबंधक विरासतवादी भुगतान करने के लिए तैयार नहीं होते हैं और नौकरीधारकों को उचित मूल्य पर अपने काम का मूल्यांकन करना होता है। यह विभिन्न समस्याओं को सृजित कर सकता है, जो नौकरीधारकों की आर्थिक स्थिति प्रभावित कर सकती है।

क्या भारत में अर्थवयवस्था और रोजगारों के अधिक मोके है?

2021 तक, भारत में अर्थवयवस्था और रोजगार के क्षेत्र में कुछ सकारात्मक परिवर्तन देखे गए हैं। भारत की आर्थिक वृद्धि दर धीमी होने के बावजूद, कुछ क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी बनी है। सॉफ्टवेयर और IT कंपनियों में नौकरियों की मांग बढ़ी है और आने वाले समय में और भी बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकम्यूनिकेशन, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, विज्ञान, और तकनीक के अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर हैं। सरकार ने "स्टार्टअप इंडिया" अभियान की शुरुआत की है जिससे नए उद्यमियों को समर्थन मिलता है और नई विचारों को प्रोत्साहित किया जाता है।

भारत देश में Gig Economy की क्या स्थिति है?

  • इन सभी क्षेत्रों में युवा और उम्मीदवारों के लिए एक सकारात्मक दिशा मिल रही है जो उन्हें अधिक रोजगार संबंधी मौकों का लाभ उठाने में मदद कर सकती है।
  • यह सेक्टर भविष्य में और भी विकसित होने की संभावना है और भारतीय अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान कर सकती है।
  •  वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है। बैंकिंग, वित्तीय सलाहकार, अधिग्रहण, वित्तीय खोज, और बीमा सेक्टर में भी नौकरियों की वृद्धि हो रही है।
  • पर्यावरण और नवाचारी ऊर्जा सेक्टर में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं। ऊर्जा उत्पादन, विद्युतीकरण, और स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों के विकास के साथ यहां पर्याप्त रोजगार संभावनाएं हैं।
  • विदेशी संबंधों में भी भारत ने अपनी आकर्षकता बढ़ाई है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों और निवेशकों के लिए भारत में नए व्यापारिक अवसर उपलब्ध होने से यहां रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

FAQs

जीग इकॉनमी के संबंध में ध्यान रखने वाली कुछ चीजें क्या हैं?

जीग इकॉनमी में काम करने से पहले, निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना अहम है:

  1. कंपनी की पहचान और विश्वसनीयता की जांच करें।
  2. काम के लिए निर्धारित भुगतान की जाँच करें और समझें।
  3. संबंधित कानूनी मुद्दों को समझें और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूक रहें।

क्या जीग इकॉनमी भविष्य में और बढ़ेगी?

हां, जीग इकॉनमी को भविष्य में और बढ़ेने की संभावना है। आने वाले समय में और अधिक लोग व्यापारी बनने और स्वतंत्र रूप से काम करने के लिए इसे पसंद कर सकते हैं।

निष्कर्ष

उम्मीद करता हूं आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा जिसमें हमने Gig Economy क्या है?, Gig Economy के बारे में समझ आया होगा। इकोनामिक अर्थव्यवस्था से जुड़ी शब्द है जिसका उपयोग अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अत्यधिक किया जाता है। अगर आपको यह पोस्ट पसंद है और आपके लिए हेल्पफुल रहा तो आप अपने सोशल मीडिया में इसे शेयर जरूर करें तथा इस पोस्ट से संबंधित अगर कोई सुझाव यह सवाल हो तो हमें कमेंट में बताएं हम जल्द से जल्द इसकी प्रतिक्रिया देने की पूरी कोशिश करेंगे।

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