हम सबने पहली बार Iron Man को फिल्मों में अपने हाथों से ही, बिना किसी स्क्रीन के सीधा दीवार पर या टेबल पर Diagrams और Digital Models बनाते देखा था, तो हम भी देखते रह गए थे। वो आज भी इतना कूल और इंट्रस्टिंग लगता है कि हम चाहते हैं ऐसा हम भी कर पाएं। मगर क्या आपको पता है आप भी वैसा ही कुछ कर रहे हैं।
जी हां, Instagram और Snapchat के Filters में और कुछ Games में आप भी उसी Technology का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस Technology का नाम है Augmented Reality और आज इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे Augmented Reality क्या होता है और इसका किस तरह से इस्तेमाल किया जाता है।
Augmented Reality क्या होता है?
सबसे पहला सवाल ये है कि ये Augmented Reality क्या है? Augmented Reality Immersive Technology का एक पार्ट है। Immersive Technology हमारे Real World को बढ़ाने में हमें Virtual World या Digital World के पास लाने की Technology है।
Immersive Technology का यूज करके हम Computer Generated World को अपने आस पास देख और महसूस कर सकते हैं। इसी Technology के पार्ट हैं VR यानी Virtual Reality, AR यानी Augmented Reality और MR यानी Mixed Reality.
VR में हम VR Headset पहन कर पूरी तरह से एक अलग Computer से बनाई गई काल्पनिक दुनिया में पहुंच जाते हैं। सच में तो हम Real World में ही रहते हैं, मगर जो हमें दिख रहा होता है, उसके हिसाब से दिमाग कहीं और चला जाता है।
VR का पहला Device 1957 में मॉर्टन हाइलैंड ने बनाया था, जिसे Sensorama का नाम दिया गया था। इस Device में कुछ देखने पर ऐसा लगता था जैसे वो आपके बिल्कुल सामने हो रहा है। आप जो देख रहे होते हैं वो महसूस भी कर पाते थे क्योंकि इस Device में थ्रीडी मोशन, वाइब्रेशन, विंड और स्टीरियो साउंड जैसी चीजों का इस्तेमाल किया गया था।
Augmented Reality का इतिहास।
1957 में जब यह Device बनाया गया तब Virtual Reality का नाम नहीं आया था। यह नाम 1987 में जेरोम लीनियर ने इस नई Technology पर रिसर्च करते हुए दिया। VR के एडवांस Device आने के बाद VR का यूज सबसे ज्यादा Games में होता था। मगर अब इसका इस्तेमाल पढ़ाई में भी होने लगा है।
जहां क्लास VR से स्टूडेंट्स को किसी भी चीज को अच्छे से समझ पाते हैं और प्रैक्टिकली बातों को देख पाते हैं। VR का यूज करके ही वर्चुअल टूर करवाए जाते हैं, जिसमें आप एक VR Headset पहनकर बहुत सी जगहों पर घूम आते हैं, वो भी अपने कमरे से बाहर निकले बिना।
अब अगर बात करें AR यानी Augmented Reality की तो ये है वर्चुअल और Real World का मिक्सचर। यानी AR के जरिए हम एक वक्त पर Real World और Virtual World दोनों को देख सकते हैं और दोनों में जी सकते हैं।
Augmented Reality में Real World के ऑब्जेक्ट पर एक डिजिटल प्रोडक्ट या कैरेक्टर रख दिया जाता है, जो हमें Real World का ही पार्ट लगने लगता है। आप अगर यह सोच रहे हैं कि यह नई Technology है, तो यह गलत है। आपको बता दें की पहला ऑगमेंटेड Device 1968 में आइवीन सदरलैंड ने बनाया था, जिसका नाम था सोर्ड औफ डेमोक्लैस।
Augmented Reality का इस्तेमाल।
शुरुआत में इस Device से यूजर सिर्फ एक सिंपल वायर फ्रेम ड्रॉइंग देख पाता था। धीरे - धीरे इस Technology में काम हुआ और आज यह हर फील्ड में मौजूद है, जो भविष्य में और ज्यादा बेहतर होने वाली है। अगर हम इसके यूजर्स की बात करें, तो आज हर जगह Augmented Reality का इस्तेमाल हो रहा है।
सबसे ज्यादा लोगों ने जहां इसको देखा होगा वो है Instagram, फेसबुक और Snapchat के Filters। उन Filters में सॉफ्टवेयर हमारे चेहरे को पढ़ता है और उसके बाद उस चेहरे पर डिजिटली कुछ और भी लगा देता है जिससे बिल्ली के जैसे नाक, कान, जोकर के जैसा मेकअप या फिर कोई ड्रेस पहना देता है।
कई एप्स में हमारे घर का कोई सामान घर पर लाए बिना ही डिजिटली घर पर दिखता है। वह आपको अच्छा लगेगा या नहीं, अच्छा लगेगा। आप यह भी देख सकते हैं और जान सकते हैं कि उसे किस साइज का लाना है। आपने पोकेमॉन गो गेम का नाम तो सुना ही होगा। वह Augmented Reality का एक बेहतरीन उदाहरण है। उस गेम में आपको हमारे Real World में ही कहीं भी पोकेमॉन दिख जाता था और आपको उसे पकड़ना होता था। अब सही में तो पोकेमॉन नहीं होता था, मगर AR की मदद से वह पोकेमॉन हमारे Real World में रखा जाता था और दिखाया जाता था।
गूगल मैप भी AR का ही एग्जाम्पल है जिसमें Real World के ऊपर डिजिटल डायरेक्शंस लगा कर हमें बताते हैं कि किस तरफ जाना है। AR के जरिए ही पार्किंग में आप अपनी कार की लोकेशन ढूंढ लेते हैं और AR की वजह से ही आप किसी मॉल में जाकर बिना किसी दुकान में गए ही पता लगा पाते हैं कि वहां कौन कौन से सामान हैं और उन सामानों के बारे में भी आप सब कुछ जान पाते हैं।
Medical Industry में भी AR एक क्रांति से कम नहीं हैं। अब फ्यूचर डॉक्टर्स, AR की मदद से इंसानी शरीर को बहुत अच्छे से समझ पाते हैं और कई बार पहले ही अनुमान लगा लेते हैं कि किस एक्शन का क्या रिजल्ट हो सकता है जिसकी वजह से बहुत सारे खतरे कम हो जाते हैं। इसके अलावा कहीं ना कहीं क्रिकेट या फुटबॉल के मैच में आपने इसका यूज जरूर देखा होगा। जहां ग्राउंड पर लाइन बनाकर और बॉल की पोजीशन को दिखाकर खेल को एनालाइज किया जाता है।
Virtual Reality कर Augmented Reality में अंतर् और सामांतर।
VR और AR के बाद अगर हम बात करें MR यानी Mixed Reality की तो उसे एक तरह से AR का ही एडवांस वर्जन मान सकते हैं, जिसमें कोशिश है कि इंसान बिना किसी इक्विपमेंट के खाली हाथों से भी Virtual World को Real World में कंट्रोल कर पाए। Virtual Reality के साथ इंटरैक्ट कर पाए और Immersive Technology का यूज और ज्यादा स्मूद हो जाए।
Augmented Reality वर्तमान और भविष्य की बेहतरीन और बढ़ने वाली Technology है, जो साइंस और वर्ल्ड को एक अलग मुकाम पर ले जाने की ताकत रखती है। इस वक्त AR नाइंटी बिलियन डॉलर्स की इंडस्ट्री है और इसके फ्यूचर को देखते हुए बड़ी बड़ी कंपनियां जैसे फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एडोबी भी इसका यूज कर रहीं हैं और फ्यूचर के लिए भी इस पर पैसा इन्वेस्ट कर रही हैं। आगे भविष्य मैक्स रियलिटी का ही है।
निष्कर्ष :
हो सकता है एक दिन आपको घर से बाहर ही न निकलना पड़े और सब कुछ घर में बैठे बैठे हो जाए। आपको क्या लगता है? तेजी से बढ़ती Technology के हमें क्या नुकसान और फायदे हो सकते हैं? अब आप Mixed रियलिटी के जरिए हमारे सामने आकर बताने के बारे में मत सोचिए।
उसमें अभी टाइम लगेगा। अभी तो आप कमेंट करके ही हमें बता सकते हैं और इस प्यार से आर्टिकल को अपने ज्यादा से ज्यादा दोस्तों को शेयर कर सकते हैं। ऐसे ही इन्फोटेनमेंट वालेआर्टिकल को पढ़ते रहने के लिए देखते रहिए। हमारे ब्लॉग पे आते रहिये।
0 टिप्पणियाँ