इस लेख में हम आपको मेरा घर पर निबंध के बारे में एक संक्षेप में बता रहे हैं, जिससे की आप इसे पढ़ कर मेरा घर पर निबंध को आप लिख सके। इस लेख में मैंने आपको एक शार्ट में यानी की काफी कम शब्दों में "मेरा घर पर निबंध" लिखने को बताया है और वही एक काफी ज्यादा शब्दों में लिख कर मैं मेरा घर पर निबंध के बारे में लिख कर बताया है।
मेरा घर पर निबंध कम शब्दों में।
मैं अपने पिरवार के साथ एक बहुत ही सुन्दर घर में रहता हूँ। मेरे घर में चार कमरे हैं, जिसमे एक रसोईघर, दो बेडरूम, और एक हॉल रूम है। मेरे घर का रंग बाहर से नीला और सफ़ेद है। हम सभी मिलकर अपने घर को साफ़ - सुथरा बनाये रखते हैं। हॉल रूम में हम सभी भाई - बहन टीवी देखते हैं और गेम खेलते हैं। रसोईघर में मेरी माँ स्वादिष्ट भोजन बनाती है।
मेरे घर में एक बालकनी है, जहाँ हम ताज़ी हवा एक आनन्द लेते हैं और बाहर का दृश्य देख पाते हैं। मेरे घर के चरों और एक बड़ी सी बॉउंड्री है और एक खुबशुरत सा गेट लगा हुआ है। हमारे आँगन में एक छोटा सा बगीचा है, जहाँ प्रतिदिन रंग - बिरंगे फूल खिलते हैं।
हमने अपने घर पर खुबशुरत तस्वीरें लगा रखी है। मेरा घर हमें सर्दी, गर्मी, और बरसात में सुरक्षित रखता है। यह हमारे परिवार को साथ होने का प्यारा सा अनुभव देता है। हम सभी इस घर के साथ दिल से जुड़े हुए है। मुझे अपना घर बहुत प्रिय है।
मेरा घर पर निबंध के ज्यादा से ज्यादा शब्दों में।
मेरा घर एक गावं में है। गावं का माहौल बहुत ही शीतल और आनंदमय है। मेरे घर के मुख्य दरवाजे के सामने से एक सड़क गुजरती है, जिसमे शाम के वक़्त हम अपने घर के बाहर से उस सड़क पर आते जाते लोगो को देखते हैं। मेरे घर के गेट के बाहर थोड़ा सा जगह भी है, जिसमे हम लोग गाय को रखते हैं।
हम अपने घर के गेट के बाहर गावं वाले खटिया लगा कर खेलते हैं और बैठते हैं और सोते भी है। हम घंटो अपने दोस्तों के साथ में बैठे कर सड़क पर आते जाते लोगो को देखते हुए आनद लेते हैं। हमारे घर के अंदर पांच कमरे है, और एक बड़ा सा आँगन है, जिसमे हम लोग बैठा करते हैं और खेला करते हैं।
मेरा घर काफी बड़ा है और उनमे से तीन ऐसे और अत्यधिक कमरे है, जिसमे कोई दरवाजा नहीं है। साथ ही हमारा घर के लिये दो जगह पर खाने बनते हैं, जहाँ एक जगह पर गैस सिलिंडर से खाना बनता है, तो दूसरी जगह पर चूल्हे पर खाना बनता है।
इसके अलावा हमारे घर में एक चापाकल है, जहाँ हम लोग नहाते है और पानी को भरते हैं। हमारे घर में शहरों की तरह पानी की टंकी नहीं है ऐसे में हम आज भी अपने गांव में घर पर चापाकल का ही इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद हमारे घर में एक बहुत ही बड़ा छत है, जिससे की कई लोग एक साथ बैठ सकते हैं और साथ में सो सकते हैं।
मेरा घर में एक टीवी भी है, जिसमे हम लोग सभी एक साथ में बैठे कर फिल्म देखते हैं। हमे गावं पर टीवी देखने में बहुत मजा आता है। साथ ही साम के वक़्त हम सभी घर पर एक साथ खेलते हैं और आनंद मनाते हैं। हमारे घर में सभी लोग आंगन में एक साथ बैठ कर खाना खाते हैं, जिसमे सबसे पहले बच्चे खाना खाते हैं, फिर बड़े खाना खाते हैं और फिर सबसे अंत में घर की औरते खाना खाते हैं।
मेरा घर का बनवाट आधा पक्का और आधा कच्चा है। एक तरफ हमारा घर के ऊपर कई सारे कमरे है और पक्की छत है। वही घर के छोटा सा हिस्सा अभी भी झोपडी है, जो हमारे घर को एक गांव जैसा घर बनाता है। हमारे घर में एक शौचालय भी है, जो की बहुत बड़ा है।
यह इतना बढ़ा है की इसमें तीन शौचालय बन सकते हैं, हालाँकि हम लोग इस शौचालय का इस्तेमाल बहुत कम करते हैं और हम लोग गावं के रिवाज की तरह खेत में ही जाते हैं। हमारे घर से थोड़े ही दूर पर हट कर एक बगीचा है, जिसमे हमारे नाना जी पुराने फल और सब्जियां रोपते थे।
हम अक्सर इस बगीचे में शौच भी करने जाते थे। हमारा घर में एक छोटा सा गौशाला भी है जिसमे हमारे नाना जी गाय को रखते हैं, इस गौशाला में गाय बहुत ही प्यारी है और वो बहुत ही मीठा दूध देती है। अक्सर शाम के वक़्त हम लोग गायों को चराने के लिए पास के खेत में लेकर जाया करते हैं।
हमारे घर का दीवार का रंग गुलाबी और हरा है, तथा घर के कुछ हिस्सी के दीवाल नीला रंग से रंगा हुआ है। हमारा घर काफी बड़ा है और इसमें कई परिवार आपस में मिल कर ख़ुशी - ख़ुशी रहते हैं। हमारा गांव में कई बार कोई आते हैं तो महीने तक रहते हैं, क्यूंकि गावं का वातावरण काफी अच्छा है, और हमारा बच्चो का समूह भी बहुत बड़ा है, हम लोग अकसर अपने घर के बगल वाले खेत में क्रिकेट खेलते हैं।
साथ ही अकसर हम अपने घर में और घर के आस - पास पतंग भी उड़ाते हैं, जिससे की हमे ठण्ड के दिनों में बहुत ज्यादा मजा आता है। हमारे घर के कमरे काफी बड़े - बड़े है, और साथ ही हमारे घर में बहुत जगह है जिससे की एक साथ कई लोग हमारे घर में रहते हैं।
हमारे घर में सभी सुख सुविधा से लेकर जरुरत मंद की चीज़े मौजूद है। हमारे घर में अक्सर कई सारे पक्षी चहचहा रहते हैं, अक्सर सुबह के समय में ये पक्षी हमारे घर के आँगन में दाना चूँगने आ जाते हैं, जिससे की हमारा घर का रौनक बहुत बढ़ जाता है।
मेरे घर में अक्सर पूजा के समय इतना ज्यादा भीड़ बढ़ जाता है की जिससे की बहुत ज्यादा लोग जमा हो जाते हैं। अक्सर पूजा और त्यौहार के समय में हम धूम - धाम से अपने घर में खुशियां मनाते हैं। हमारे घर के अंदर सभी तरह के चीज़ें मौजूद है, साथ ही हमारे घर के अंदर एक बड़ा सा आइना भी है, जिससे की हम त्यौहार के समय में बहुत प्रेम भाव से तैयार होते हैं।
निष्कर्ष :
दोस्तों ऊपर इस लेख में मैंने आपको मेरा घर पर निबंध के बारे में एक संक्षेप लेख को लिखा है। आशा करता हूँ की "मेरा घर पर निबंध" के बारे में इस लेख को पढ़ कर आपको मेरा घर घर पर निबंध लिखना आ गया होगा। अगर आपको और अन्य किसी टॉपिक पर निबंध चाहिए तो आप हमे कमेंट कर के बता सकते हैं। हमारा यह लेख को अपने अन्य दोस्तों के साथ में जरूर शेयर करें, तथा हमारा यह लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत धन्यवाद।
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