दो लड़कों की कहानी :
- एक की उम्र 11 साल थी,
- दूसरे बच्चे की उम्र 13 साल थी।
वह परिवार बड़ी खुशी-खुशी अपना समय बिता रहा था, लेकिन अचानक में एक दिन दोनों बच्चे बाहर खेलने जाते हैं और वह खेलते- खेलते गांव से बहुत दूर चले जाते हैं। फिर वहां उनको एक कुआं नजर आता है और वे दोनों कुएं के पास खेलने लगते हैं,
जिस वक्त वे कुए के पास खेलते हैं तो अचानक में उनमें से एक बच्चा कुएं में गिर जाता है तो दूसरा बच्चा बेचैन हो जाता है जो बच्चा उसमें गिरता है उसकी उम्र 13 साल थी और जो बच्चा बाहर रहता है उसकी उम्र 11 साल होती है,
वह 11 साल का बच्चा इधर-उधर देखता है तब उसे कोई दिखाई नहीं देता है तो वह उसे कुएं में पड़ी रस्सी और बाल्टी के सहारे से उसे 13 साल के बच्चे को बाहर निकाल लेता है,
अब आप सोच रहे होंगे कि उस 11 साल के बच्चे ने 13 साल के बच्चे को कैसे कुएं से बाहर निकाल दिया, हां यह सही बात है कि 11 साल के बच्चे के द्वारा 13 साल के बच्चे को कुए से बाहर निकलना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन नामुमकिन काम नहीं।
क्योंकि यह इसलिये हो पाया कि उस 11 साल के बच्चे के पास कोई उसे देखने वाला नहीं था, उसे टोकने वाला नहीं था, जिसके कारण वह 100 प्रतिशत फोकस के साथ इस काम को कर पाया और जिसका नतीजा यह हुआ कि वह अपने मकसद में कामयाब हो पाया।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि यदि आप किसी काम को कर रहे हो और आपके पास कोई हस्तक्षेप करने वाला है तो आप उस काम को पूरे फोकस के साथ नहीं कर पाते हो, और उसमें कामयाब नहीं हो पाते हो, इसलिये हमें जब भी कोई काम करना हो तो उस वक्त सबको भूलकर बस अपने काम पर ध्यान देना चाहिए ताकि आप अपने काम को आसानी से कर पाओ।
इस कहानी का निचोड़ यह निकलता है कि यदि आप सफल होना चाहते हो तो आपको अकेले सफल होना पड़ेगा यदि आप लोगों के चक्कर में पड़ते हो तो लोग आपको रोकने की कोशिश करते हो, यानी लोग आपकी जिन्दगी में बाधा उत्पन्न करते हैं।
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