साहित्य क्या है कि जानकारी आज भी अनेक व्यक्तियों को हासिल नहीं है लेकिन आज जैसे ही आप इस लेख को अंतिम तक पढ़ेंगे उसके बाद में आपको साहित्य क्या है तथा इससे जुड़ी हुई अन्य आवश्यक सभी जानकारियां हासिल हो जाएगी। और फिर आप अपनी आवश्यकता अनुसार इस जानकारी को उपयोग में भी ले सकेंगे।
साहित्य शब्द को परिभाषित करना कठिन है जिसके पीछे कुछ कारण है। अनेक व्यक्तियों ने साहित्य का नाम अवश्य सुन रखा है लेकिन इसके बारे में उन्हें संपूर्ण आवश्यक जानकारी हासिल नहीं है और इसका सबसे मुख्य कारण यही है कि इसे परिभाषित करना कठिन है जिसके चलते उन तक आसानी से इसे लेकर जानकारी नहीं पहुंच पाई है। हिंदी में हमें तीन प्रकार के साहित्य मिलते हैं गद्य, पद्य और चंपू। चलिए संबंधित पूरी आवश्यक जानकारी को जान लेते हैं।
साहित्य क्या है?
ज्ञान और अनुभव से संचित कोष को साहित्य कहा जाता है। साहित्य तीन प्रकार का रहता है गद्य साहित्य, पद्य साहित्य और चंपू साहित्य - गद्य साहित्य के अंतर्गत निम्नलिखित विधाए आती है और ठीक उसी प्रकार पद्य साहित्य के अंतर्गत भी निम्नलिखित विधाए आती है। वहीं तीसरा साहित्य जो की चंपू साहित्य है यह गद्य और पद्य दोनों में शामिल रहते हैं। साहित्य में विशिष्ट और कलात्मक शैली में अनेक रचनाए मौजूद है।
गद्य साहित्य के अंतर्गत आने वाली विधाएं कहानी नाटक उपन्यास आत्मकथा निबंध एकांकी जीवनी लेख आत्मकथा फीचर डायरी आदि है। वही पद्य साहित्य की विधाए की बात करें तो कविता, गजल, छंद, भजन, दोहे आदि है।
साहित्य के महत्वपूर्ण बिंदु
साहित्य को और भी अच्छे से समझने के लिए आपको महत्वपूर्ण बिंदु को ध्यानपूर्वक पढ़ना है इससे आप साहित्य को और भी अच्छे से समझ पाएंगे: -
ज्ञान और शिक्षा :- साहित्य से हमें संस्कृति मानव जीवन इतिहास आदि विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी हासिल होती है जो कि हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।
सहानुभूति :- विभिन्न विचारों को और अनुभव को तथा भावनाओं को समझने के लिए साहित्य हमें मदद प्रदान करता है।
जीवन में महत्त्व :- साहित्य हमारे जीवन के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमें अपने जीवन और आसपास की दुनिया को समझने में मदद मिलती है।
मनोरंजन:- साहित्य हमें विभिन्न नाटकों और कविताओं के माध्यम से तथा कथाओं के माध्यम से मनोरंजन भी देता है जिससे कि हमारा तनाव भी कम होता है।
जागरूकता :- विभिन्न संस्कृतियों के बारे में भी हमें साहित्य से जानकारी मिलती है उनके मूल्यों के बारे में जानकारी हासिल होती है जिससे कि हम दूसरों के प्रति स्वीकारी और समझदार बनते है।
अलग-अलग भाषाओं में साहित्य:- साहित्यकारों ने अलग-अलग भाषाओं में साहित्य में जानकारी को लिखा है जिससे कि अपनी-अपनी क्षेत्रीय भाषाओं के व्यक्ति आसानी से साहित्य से जानकारी को हासिल करके समझ सकते हैं। सूरदास ने अपनी रचनाओं को ब्रज भाषा में लिखा है वही मीराबाई ने राजस्थानी भाषा को अपनाया है इसके अलावा तुलसीदास जी ने रामचरित्र मानस को अवधी भाषा में लिखा है ठीक उसी प्रकार और भी अनेक साहित्यकार है जिन्होंने अलग-अलग भाषाओं में साहित्य को लिखा है।
साहित्य का इतिहास
हिंदी साहित्य के इतिहास को अगर हम जानें तो कालक्रम के अनुसार हिंदी साहित्य को चार भागों में बांटा गया है पहला आदि काल या वीरगाथा काल, पूर्व मध्यकाल, उत्तर मध्यकाल और आधुनिक काल।
आदि काल या वीरगाथा काल मे वीर रस से संबंधित साहित्य की रचना की गई थी। जो भी कवि थे वह राजाओं की वीरता की प्रशंसा और बखान साहित्य रचना के अंतर्गत करते थे इस साहित्य का काल सन 1000 से 1325 तक का माना जाता है।
पूर्व मध्यकाल निर्गुण भक्ति एवं सरगुन भक्ति यह नाम आपने अवश्य सुने होंगे पूर्व मध्यकाल में निर्गुण भक्ति एवं सरगुन भक्ति दोनों प्रकार की रचना की गई थी भक्ति रस के प्रधानता इसी काल में रही है काल का समय 1400 से 1700 ई रहा है।
उत्तर मध्यकाल इस काल के अंतर्गत कवियों के द्वारा प्रेम और सौंदर्य को अधिक महत्व दिया गया क्योंकि इस समय समाज में विभिन्न आडंबर और विलासिताओ ने स्थान ले लिया था। श्रृंगार रस से संबंधित रचनाएं इसी काल में हुई थी और इसका समय 1700 से 1900 रहा है।
आधुनिक काल हिंदी साहित्य में सर्वश्रेष्ठ काल माना जाता है इस आधुनिक काल में ही हिंदी भाषा ने विकसित रूप लिया है। इस काल में हिंदी भाषा आंचलिक बोली से ऊपर उठी है और खड़ी बोली के रूप में प्रतिष्ठित हुई है।
निष्कर्ष
साहित्य क्या है और इसका इतिहास क्या है इस महत्वपूर्ण जानकारी को आज हमने इस लेख में जाना है तथा इसके अलावा भी इस विषय से जुड़ी कुछ अन्य आवश्यक जानकारी को जाना है। हमें पूरी उम्मीद है कि आपको साहित्य क्या है के अपने इस सवाल का जवाब अवश्य मिल गया होगा यदि आप साहित्य क्या है से संबंधित कोई भी सवाल पूछना चाहते हैं तो अपना किसी भी प्रकार का कोई भी महत्वपूर्ण सवाल जो कि इसी विषय से जुड़ा हुआ है उसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
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