बाजरे की खेती कैसे करें की जानकारी मालूम होने की वजह से अनेक किसान बाजरे की खेती को कर रहे हैं ठीक उसी प्रकार जैसे ही आपको भी यह जानकारी हासिल होगी, उसके बाद में आप भी बाजरे की खेती को कर सकेंगे बाजरे खेती खरीफ के मौसम में की जाती है और हमारे भारत देश में कुछ ऐसे इलाके हैं जहां पर अत्यधिक मात्रा में इसकी खेती की जाती है।
सबसे अधिक बाजरे की खेती हमारे भारत देश में ही की जाती है अनेक प्रकार के पोषक तत्व तथा विटामिन बाजरे में पाए जाते है। सर्दियों के मौसम में बाजरे का उपयोग अत्यधिक किया जाता है। बाजरे का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में भी किया जाता है। बाजरे की फसल मोटे अनाज के रूप में उगाई जाती है चलिए बाजरे की खेती से जुड़ी संपूर्ण जानकारी विस्तार पूर्वक आसान शब्दों में जान लेते हैं
बाजरे की खेती के लिए मिट्टी
बाजरे की खेती करने के लिए मिट्टी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है तो इस खेती को करने के लिए रेतीली दोमड मिट्टी अच्छी रहती हैं लेकिन अगर आप किसी अन्य तरह की भूमि पर उसकी खेती को करना चाहते है तो वहां पर भी कर सकते हैं लेकिन बस आपको इतनी सी बात का ध्यान रखना होगा कि आपको किसी ऐसी जगह का चयन करना है जहां पर अत्यधिक समय तक पानी न भरा रहे क्योंकि अगर अत्यधिक समय तक पानी भरा रहेगा तो ऐसी स्थिति में बाजरे के पौधे को रोग लग जाएगा और जिसका असर पैदावार पर भी पड़ेगा।
बाजरे की और उसकी उन्नत किस्में
एचएचबी 299 :- बाजरे की यह एक संकर किस्म है और चारे की आपूर्ति के लिए अनेक किसान इसे उगाते हैं। अगर बाजरे की इस किस्म की बुवाई की जाती है तो ऐसी स्थिति में 80 दिन के बाद मे किसान को उत्पादन मिलने लगता है। इस किस्म में प्रति हेक्टेयर उत्पादन में 30 से 35 क्विंटल तक अनाज प्राप्त होता है और वहीं दूसरी तरफ 70 क्विंटल के आसपास चार प्राप्त होता है।
रेवती 2123 :- बाजरे की इस किस्म कि अगर खेती की जाए तो ऐसे में 85 दिन उत्पादन मिल जाता है। प्रति हेक्टेयर में इस किस्म से लगभग 30 क्विंटल अनाज मिलता है और 80 क्विंटल से अधिक चारा मिल जाता है।
हाइब्रिड पूसा 415 :- बाजरे की इस किस्म को राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे आदि राज्यों में काफी ज्यादा मात्रा में उगाया जाता है इस किस्म में प्रति हेक्टेयर में 25 से 30 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त हो जाता है और फसल को पकने में 75 दिन का समय लग जाता है।
बाजरे की इन उन्नत किस्मों के अलावा अभी और भी किस्म है जैसे की एएचबी 1200, एम एच 143, पूसा 322, नदी 70, सी जेड पी 9802.
बाजरे की खेती के लिए तापमान और जलवायु
जब वर्षा ऋतु का मौसम रहता है तो उस समय बाजरे को खेत में उगा दिया जाता है और बाजरे को खेत में उगाने का यही एक सही समय रहता है। बाजरे की सही फसल प्राप्त करने के लिए 400 से 600ML बारिश की आवश्यकता रहती है। और इस खेती को शुष्क और अर्धशुष्क जलवायु वाली भूमि में किया जा सकता है।
बाजरे का पौधा जब अंकुरित होता है तो ऐसी स्थिति में उसे तापमान में 25 डिग्री तापमान की जरूरत पड़ती है और पौधे के विकास के लिए 30 से 35 डिग्री के तापमान की आवश्यकता पड़ती है लेकिन अगर 40 डिग्री तापमान रहता है तो ऐसी स्थिति में भी एक अच्छी पैदावार बाजरे के पौधे से हासिल की जा सकती है।
बाजरे की खेती की तैयारी और बुवाई
बाजरे की खेती को करने के लिए सबसे पहले 2 बार जुताई करने की जरूरत पड़ती है तो सबसे पहले दो बार जुताई करें और फिर गोबर का खाद कुछ मात्रा में डालें इसके बाद में फिर एक बार जुताई करें अगर बारिश हो जाती है तो ऐसी स्थिति में भी एक बार जुताई अवश्य करनी है और उसके बाद ही बीज को खेत में लगाना है।
बाजरे की खेती करने के लिए बुवाई का सबसे अच्छा महीना मई और जून का रहता है तो इन दोनों में बुवाई कर देनी चाहिए बुवाई के लिए आप 2 तरीकों को अपना सकते हैं पहले तरीके में आप मशीन के द्वारा बीजों को बो सकते हैं इसके अलावा दूसरे तरीके में आप खेत में बीजों को छिड़क कर हल्की जुताई कर सकते हैं। लेकिन बुवाई ऐसी होनी चाहिए कि 2 से 3CM की गहराई में बीज जाना चाहिए।
बाजरे की सिंचाई
बाजरे की खेती को करने के लिए अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती है क्योंकि फसल पूरी तरीके से बारिश के मौसम पर निर्भर रहती है। लेकिन अगर स्थिति ऐसी उत्पन्न हो कि लंबे समय तक बारिश ना हो तो ऐसी स्थिति में आपको सिंचाई कर देनी चाहिए।
बाजरे की फसल की कटाई
70 से 80 दिन में बाजरे की फसल तैयार हो जाती है। दाना कठोर हो जाता है और दिखाई देने लगता है और इस स्थिति में फसल की कटाई कर देनी चाहिए। बाजरे के पौधे की कटाई दो बार की जाती है पहली कटाई में पौधे को काटा जाता है और वहीं दूसरी तरफ दूसरी कटाई में सिट्टे को काटकर अलग किया जाता है। इस प्रकार बाजरे की फसल की कटाई करनी होती है।
बाजरे की खेती करने पर किसान को फसल की कटाई करने पर प्रति हेक्टेयर में 30 से 40 क्विंटल तक अनाज की पैदावार मिल जाती है और 70 क्विंटल तक का चारा मिल जाता है। यानी कि एक अच्छी कमाई इस फसल से हो जाती है उत्तर प्रदेश राजस्थान मध्य प्रदेश राज्य आदि में इसकी खेती अधिक मात्रा में की जाती है।
निष्कर्ष
बाजरे की खेती कैसे करें के इस विषय को लेकर विस्तार पूर्वक जानकारी हमने जान ली हैं। अब यदि आप बाजरे की खेती को करना चाहते है तो और भी गहराई से बाजरे की खेती की जानकारी को जान लेने के बाद में इस खेती को करने के बारे में सोच सकते है। वही यदि आप बाजरे की खेती को करने से संबंधित अपना कोई भी सवाल पूछना चाहते है तो सवाल कॉमेंट बॉक्स में पूछ सकते है।
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