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ड्रिप सिंचाई कैसे की जाती है व इससे मिलने वाले लाभ

खेतों से एक अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए हमें अच्छे से सिंचाई करनी होती है और यह एक सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। वर्तमान समय में किसानों के द्वारा अलग-अलग तरीकों को अपनाकर सिंचाई की जाती है ताकि एक अच्छी फसल प्राप्त की जा सके।


अनेक व्यक्ति ड्रिप सिंचाई को अपनाकर फसल की सिंचाई करते हैं सिंचाई का यह तरीका एक बहुत ही अच्छा तरीका है जिसे उपयोग में लेकर आसानी से फसल की सिंचाई करके अच्छी पैदावार हासिल की जा सकती है। 


ड्रिप सिंचाई की शुरुआत इजराइल देश में की गई थी और अब वर्तमान समय में सिंचाई का यह तरीका पूरे विश्व में पहुंच चुका है अनेक देशों के व्यक्तियों के द्वारा इस तरीके को उपयोग में लेकर अपनी फसलों की सिंचाई की जाती है।


इस तरीके को उपयोग में लेकर कम जल से ही अच्छी सिंचाई की जा सकती है विभिन्न ऐसे इलाके जहां पर पानी कम है ऐसे इलाकों में इसी तरीके को अपनाकर सिंचाई की जाती हैं।


आखिर में ड्रिप सिंचाई कैसे की जाती है इस सवाल का जवाब जानने के लिए ध्यानपूर्वक आप इस लेख को अंतिम शब्द तक पढ़े। 


ड्रिप सिंचाई कैसे की जाती है


ड्रिप सिंचाई क्या है? 


ड्रिप सिंचाई सिंचाई की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें की पौधों की सिंचाई टपक विधि के द्वारा की जाती है। दुनिया भर के कई देशों में बहुत ही तेजी से इस तरीके को अपनाकर सिंचाई की जा रही है। सिंचाई की इस विधि में प्लास्टिक के पाइप को उपयोग में लिया जाता है और बूंद बूंद को पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है। बूंद बूंद पानी जड़ों तक जाने की वजह से पानी की हानि ज्यादा नहीं होती है। 


हमारे भारत देश में विभिन्न राज्यों में इस विधि को अपनाकर सिंचाई की जाती है और पिछले 15 से 20 वर्षों में काफी व्यक्तियों ने इस तरीके को अपनाकर सिंचाई की है महाराष्ट्र तमिलनाडु कर्नाटक आदि इन राज्यों में इस विधि को अपनाकर सबसे अधिक सिंचाई की जाती है। 


ड्रिप सिंचाई से मिलने वाले लाभ


  • सिंचाई के इस तरीके को अपनाकर पारंपरिक सिंचाई के तरीकों की तुलना में 40% से लेकर 60% तक पानी की बचत की जा सकती है।

  • ऐसे क्षेत्र जहां पर पानी को लेकर अत्यधिक समस्याएं देखने को मिलती हैं उन क्षेत्रों में सिंचाई के इस तरीके को उपयोग में लेकर फसल को उगाया जा सकता है। 

  • इस तरीके का उपयोग करके सिंचाई करने पर फसल की पैदावार में बढ़ोतरी की जा सकती है। 

  • पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से इस विधि को अपनाकर सिंचाई करके खेती की जा सकती है। 

  • मिट्टी बहकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी नहीं जाती है जिससे कि मिट्टी का संरक्षण भी होता है। 

  • लवण युक्त जल को भी आसानी से सिंचाई के लिए उपयोग में लिया जा सकता है। 

  • पूरे खेत में एक समान ही पानी जाता है जिससे कि पूरे खेत में अच्छी फसल प्राप्त होती है। 

  • खरपतवार में कमी देखने को मिलती है क्योंकि इस विधि को अपनाकर सिंचाई करने पर सीमित क्षेत्र तक ही गीला होता है। 

  • ड्रिप सिंचाई के चलते पौधों की पत्तियां गीली नहीं होती है। जिसके चलते पत्तियों को रोग लगने का खतरा कम रहता है।


ड्रिप सिंचाई कैसे की जाती है 


  • जिन भी व्यक्तियों के द्वारा ड्रिप सिंचाई की जाती है सबसे पहले उन व्यक्तियों के द्वारा अपनी आवश्यकता को देखा जाता है जैसे की खेत का आकार क्या है मिट्टी किस प्रकार की है किस प्रकार की फसल उगानी है फसल की किस्म क्या है आदि को देखने के बाद में उस हिसाब से उपयोगी सामग्री को खरीदने को लेकर विचार किया जाता है। 

  • अब आवश्यकता अनुसार सामग्री को खरीदकर ऐसे व्यक्ति से संपर्क किया जाता है जो की ड्रिप सिंचाई के बारे में जानकारी रखता हो या फिर इससे संबंधित कार्य करता हो उस व्यक्ति के द्वारा ड्रिप सिंचाई की तकनीकी को खेत में लगाया जाता है। 

  • पूरा सेटअप कंप्लीट कर देने के बाद में आपको ड्रिप सिंचाई से संबंधित जानकारी भी दे दी जाती है जिससे कि आप आसानी से आवश्यकता पड़ने पर कभी भी पौधों की सिंचाई कर सकते है।


ड्रिप सिंचाई के लिए उपयोगी उपकरण 


ड्रिप सिंचाई के लिए हमें अनेक उपयोगी उपकरण की आवश्यकता पड़ती है जैसे की मोटर पंप, फिल्टर यूनिट, प्रेशर गेज, फ्रंटीएशन यूनिट, पाइपलाइन, लैटरल लाइन,

एमीटर आदि। 


ड्रिप सिंचाई पर मिलने वाली सब्सिडी 


भारत सरकार के द्वारा ड्रिप सिंचाई सिस्टम को इंस्टॉल करवाने पर सब्सिडी प्रदान की जाती है हालांकि इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है और तभी ड्रिप सिंचाई के सिस्टम को लगाने के लिए सब्सिडी मिल सकती है।


मिलने वाली जानकारी के अनुसार लाभार्थी किसानों को 90% सब्सिडी राशी प्रदान की जाती है। ड्रिप सिंचाई सिस्टम को लगवाने को लेकर अलग-अलग राज्यों में अलग अलग  योजनाएं भी हो सकती है जिनसे कम ज्यादा लाभ भी मिल सकता है।


ड्रिप सिंचाई सिस्टम को लेकर कुछ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी 

  • जो भी व्यक्ति ड्रिप सिंचाई के तरीके को अपनाकर सिंचाई करना चाहते हैं उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले उपकरणों को ही उपयोग में लेना है ताकि लंबे समय तक बिना किसी समस्या के सिंचाई की जा सके। 

  • ड्रिप सिंचाई के लिए एक बार सिस्टम इनस्टॉल हो जाने के बाद में समय-समय पर फसल की सिंचाई करने के बाद में सिस्टम का निरीक्षण भी अवश्य करें। 

  • सब्जियां, फल, फूल, मसाले आदि फसलों के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली को उपयोग में लिया जा सकता है। 

  • सिंचाई के अन्य तरीकों की तुलना में ड्रिप सिंचाई में अधिक लागत लगती है क्योंकि अनेक उपकरणों को खरीदना होता है। 

निष्कर्ष 

ड्रिप सिंचाई कैसे की जाती है इस विषय से जुड़ी जानकारी अनेक व्यक्तियों के पास आज भी नहीं है ऐसे में ड्रिप सिंचाई से जुड़ी इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए इस लेख को आप अधिक से अधिक जरूर शेयर करें ताकि सभी किसान भाइयों को ड्रिप सिंचाई की जानकारी हासिल हो और वह इस तरीके को अपनाकर सिंचाई कर सके। ड्रिप सिंचाई से संबंधित अपने अन्य महत्वपूर्ण सवाल आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। 

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