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How to stop overthinking in Hindi : ओवरथिंकिंग से बचने के उपाय

Overthinking की समस्या Common समस्या है बहुत अधिक लोगों को होती है एवं बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनको यह समस्या होती है, लेकिन उनको पता भी नहीं होता है कि यह भी एक बीमारी होती है। 

इसमें हमेशा कुछ ना कुछ सोचते रहते हैं और एक ख्याल दिमाग से खत्म नहीं होता कि दूसरा ख्याल दिमाग में आ जाता है। जिससे उनको परेशानी सी होने लगती है जो दिमाग(Mind) के लिए सही नहीं है।

How to stop overthinking in Hindi : ज्यादा सोचना कैसे बंद करें :  ओवरथिंकिंग से बचने के उपाय : ओवरथिंकिंग के लक्षण

ओवरथिंकिंग क्यों होती है?:-

Overthinking में जो ख्याल आते हैं वे ज्यादातर Negative होते हैं यानी 90 प्रतिशत से ज्यादा ख्याल Negative होते हैं जैसे- किसी Student का Example ले सकते है वह हर समय सोचता रहता है कि मेरा Exam सही नहीं होगा, मेरी पढ़ाई सही नहीं हुई, मैं Fail हो जाउंगा। 

ऐसी ही यदि कोई काम करता है तो उसको ख्याल आयेंगे कि मेरा Performance सही नहीं है, मेरा क्या होगा आदि इसी तरह किसी का भी Example ले सकते है

Overthinking में ज्यादा ख्याल Negative ही आते हैं। जो किसी भी काम के नहीं होते हैं यानी छोटी-छोटी बातों को लेकर भी ज्यादा चिंता करना जो कि ignore करने वाली होती हैं। 

Overthinking से दिमाग पर तो Negative effect पड़ता है साथ ही हमारे स्वस्थ पर भी इसका Negative प्रभाव पड़ता है। 

अत्यधिक सोच के नकारात्मक प्रभाव क्या है- इससे भूलने की बीमारी हो जाती है हम छोटी-छोटी बातों को भूलने लगते है। कई तरह के रोग(Disease) लग जाते है, 

जैसे - चिड़चिड़ाहट(Irritability), हर वक्त थकान महसूस करना, हर समय सिर में दर्द रहना, परेशानी होना, कभी Relax महसूस ना करना आदि अनेकों समस्याएं हमारे शरीर में पनपने लगती हैं।

Overthinking में हम Concentrate नहीं कर पाते हैं, क्योंकि दिमाग में बार-बार ख्याल आने से और इसमें ज्यादातर ख्याल Negative होते हैं। जिस कारण हम Negative thinking के शिकार हो जाते हैं।

Overthinking के क्या कारण है:- दिमाग के जो Chemicals होते हैं जो मन को शांत रखते है वे सही से काम नहीं करते है या उनके functions में disorder हो जाता है तथा हमारी परवरिश(care) ऐसी जगह होती है जहां पर हमें हर छोटी सी चीज को dangerous माना जाता है। 

किसी भी स्थिति को जो कि normal होती है लेकिन overthinking वाला व्यक्ति इसकी intensity को Overestimate कर लेता है 

जैसे - कोई किसी मालिक के पास काम करता है तो मालिक से छुट्टी लेते वक्त उसके ख्याल में Negative विचार(जैसे मालिक नौकरी से ना निकाल दें, कहीं कुछ कह ना दे, दिहाड़ी ना कम कर ले आदि) आते हैं।


How to stop overthinking in Hindi : ज्यादा सोचना कैसे बंद करें :  ओवरथिंकिंग से बचने के उपाय : ओवरथिंकिंग के लक्षण

Negative thoughts क्यों आते है:- यदि thoughts हमारे अनुसार नहीं चल रहे है तो इसका मतलव है कि हमने अपने thoughts को control करने की कोशिश नहीं की यानी हमने focus करना नहीं सीखा। यदि हम focus करना सीख लेते है तो thoughts हमारे गुलाम बन जाते है क्योंकि ये हमारे गुलाम होते हैं ये हमारे अनुसार चलने चाहिए। 

ओवरथिंकिंग कैसे खत्म करे? : 

focus करना- जैसे हम खाना खा रहे है तो हमारा मकसद केवल खाना खाना ही होना चाहिए इस तरह focus  करने की practice करते है तो thoughts हमारे control में आने लगते हैं फिर हम अपने अनुसार thoughts को चला सकते है। 

जब हम Incapacity/incapability महसूस करते है तो negative thoughts आते है जो कि हमारे attitude पर निर्भर करता है यदि हमारा attitude earning है

(यानी simple भाषा में earning attitude उसको कहते है- वह चीज जो पैसों से खरीदी जा सकती है) तो इसमें compete करने के लिए jealous शामिल होता है जो negative thoughts को बढ़ावा देता है,

जबकि learning attitude (ऐसी चीज जो पैसो से नहीं खरीदी जा सके) में compete करने के लिए positive thoughts का सहारा लिया जाता है इसलिए हमें earning attitude को learning attitude में बदलने की कोशिश करनी चाहिए। 

Negative thoughts हमारे अन्दर की लड़ाई है जिसको हम action से नहीं बल्कि समझ(Understanding) से लड़ सकते हैं। इसलिए हमें समझना पड़ेगा कि Reality क्या है 

क्योंकि जो हम सोच रहे है। वह एक कल्पना(imagine) है जिसे हम अपने अनुसार तय कर सकते है यानी Negative thoughts हमारी समझ पर निर्भर करते है।  

सोचना बंद कैसे करे? :-

हर वक्त सोचने से हमारा ही नुकसान होता है क्योंकि ज्यादा सोचने में Negative thoughts ज्यादा आते हैं। इसलिए हमें Reality के आधार पर सोचना पड़ेगा ना कि believe के आधार पर। 

जैसे यदि हम सोने से पहले कोई डरावनी Movie देखते हैं या कोई ऐसी चीज का सामना करते है जिससे हमारे दिमाग में इसी के ख्याल आते है जो एक भ्रम(illusion) है ना कि Reality ।


How to stop overthinking in Hindi : ज्यादा सोचना कैसे बंद करें :  ओवरथिंकिंग से बचने के उपाय : ओवरथिंकिंग के लक्षण


ओवरथिंकिंग से बचने के उपाय :- 

वर्तमान में रहने की आदत बनाना(Make a habit of living in the present):- या तो हम past के बारे में सोचते है जिसे memory कहते है या future के बारे में सोचते है जिसे imagine कहते हैं। 

इसलिए वर्तमान में जो कार्य है उसे concentrate के साथ करें ताकि present के साथ न्याय कर सके क्योंकि हम अक्सर past और future को अपने ऊपर हावी होने देते है जिससे overthinking  जैसी समस्याएं होती हैं। 

Free ना रहें- कहते है कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है यदि आप free रहेंगे तो फालतु के विचार आपके दिमाग में आयेंगे इसलिए busy रहें। 

focus करने की practice करे  :- 10-15 मिनट किसी भी time किसी चीज को लेकर concentrate करने की practice कर सकते हैं जिससे आपका दिमाग आपके control में आने लगेगा और अपने अनुसार positive thinking में बदल सकते हैं। 

Positive माहौल बनायें- सकारात्मक लोगों के साथ रहना ताकि यह माहौल आपके सकारात्मक स्वभाव (Positive attitude) को बढ़ा दे, Negative विचारों से बचने की कोशिश करें 

Exercise करे- Exercise करने से शरीर ही नहीं मानसिक रूप से(mentally) भी मजबूती मिलती है जिससे दिमाग सही ढंग से काम करता है।  

जो पसंद हो वह करें- जो अपको पसंद हो वह काम करें, खाना वह खाये जो आपके शरीर को फायदा पहूंचाये ताकि आपका मन आप पर हावी ना हो। 

Meditation करे :- यह ऐसी exercise है जिससे मन शांत रहता है और विचार भी अच्छे आते हैं। 

भ्रम(illusion) से निकले- यदि आपके दिमाग में किसी चीज को लेकर डर है तो उस डर को expose करें ताकि आप समझें कि जिसे हम Reality समझ रहे थे हो सकता है 

वह भ्रम निकले। नहीं तो वह डर तो खत्म हो जायेगा जिससे आपका मन शांत हो जायेगा। 

Overthinking के लिए हमें Reality को समझना पड़ेगा कि हमारा दिमाग हमारी समझ पर निर्भर है जैसा हम चाहते हैं वैसा ही हमार दिमाग करता है।

Overthinking Symptoms in Hindi : - आज भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बहुत ज्यादा लोग ओवरथिंकिंग के शिकार हैं ज्यादा सोचना हमारी Creativity को कम कर देता है।

हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार ओवरथिंकिंग हमारी सोचने की क्षमता को 43% तक कम कर देती है 

तथा कुछ स्टडी में पाया गया है कि जो लोग कम सोचते हैं उनका दिमाग overthinking वाले व्यक्ति से ज्यादा तेजी से काम करता है।

हमें सबसे पहले किसी भी समस्या का समाधान निकालने से पहले यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर यह समस्या क्यों हो रही है- 

ओवरथिंकिंग के मुख्य रूप से दो कारण होते हैं :- 

1. अपना ध्यान वर्तमान में ना लगाना :-

जो लोग ओवरथिंकिंग के शिकार हैं वे अपना ज्यादातर ध्यान Past या Future में लगाते हैं उससे ओवरथिंकिंग और बढ़ती जाती है, 

जैसे - आप किसी Competition की तैयारी कर रहे हो और उस समय आप सोचते हो कि यार मैंने तो यह Exam पहले भी कई बार दिया है लेकिन मुझसे यह एग्जाम Crack ही नहीं हुआ है इसीलिए इस बार भी एग्जाम Crack नहीं पायेगा|  

जिसका नतीजा यह होता है कि आप अपने काम पर 100% नहीं दे पाते हैं बल्कि आप उसके Outcome( परिणाम)  पर लगाते हो तथा जिससे आप बहुत ज्यादा सोचने लगते हो।

जिसका परिणाम यह होता है कि आपकी ज्यादातर Energy सोचने में ही चली जाती है और जिससे असफलता के Chance बढ़ जाते हैं इसलिए कहा जाता है कि "कर्म करो फल की चिंता मत करो"

2. हारने का डर(Fear of losing): 

बहुत बड़ी संख्या में लोग हार के डर के कारण ओवरथिंकिंग का शिकार बनते हैं, कोई सोचता है कि मेरी नौकरी चली गई तो क्या होगा?, 

कोई सोचता है मेरा धन चला गया तो क्या होगा?, कोई सोचता है मेरा परफॉर्मेंस सही नहीं हुआ तो क्या होग आदि।

स्वीकार करना :- क्योंकि बहुत सारे लोग ज्यादा सोचते हैं लेकिन वे स्वीकार ही नहीं करते कि वे ओवरथिंकिंग के शिकार हैं, 

इसलिए सबसे पहले आपको यह मानना पड़ेगा कि आप हां आप ज्यादा सोचते हैं जिससे आप इससे बचने के उपाय करेंगे|  

लिखना :- हम जिस बात को लेकर ओवरथिंकिंग कर रहे हो उसे पेपर पर लिखो क्योंकि जब आप ओवरथिंक के को पेपर पर लिखते हो तो उस पर आप ज्यादा समय बिताते हो 

और संभावना बनती है कि जब आप किसी चीज पर ज्यादा समय बताते हो तो आप उसका समाधान ढूंढ सकते हो| 

हमेशा पॉजिटिव सोचो:- पॉजिटिविटी किसी व्यक्ति को किस तरह से प्रभावित करती है यह तो सबको पता है क्योंकि पॉजिटिव इंसान को हर समस्या का समाधान नजर आता है 

जो लोग नकारात्मक सोचते हैं उनको किसी भी समस्या का समाधान करने में दिक्कत आती है इसलिए पॉजिटिविटी को अपनाओ क्योंकि ज्यादा सोचना बुरा नहीं है बल्कि आते हैं।

ज्यादा सोचने से होने वाली बीमारी :-

नींद ना आना :- क्योंकि ज्यादा सोचने वालों का दिमाग कभी शांत नहीं हो पाता है और उनके दिमाग में कोई ना कोई बात चलती रहती है, जिससे वह सही से सो नहीं पाते| 

सिर दर्द होना :- अक्सर जो लोग ज्यादा सोचते हैं वह सिर दर्द से परेशान रहते हैं |

इसके अलावा भी कई बीमारियां होती है जैसे - 

  • थकान महसूस करना, 
  • चिड़चिड़ापन, 
  • ब्लड प्रेशर का बढ़ना आदि ।

ओवरथिंकिंग के लक्षण :

घबराहट :- हमेशा सोचते रहना कि कहीं मुझे यह ना हो जाए जिससे घबराहट होने लगती |

Negative विचार आना :- हमेशा नकारात्मक विचार दिमाग में आते रहते हैं जो कि इसका वास्तविकता से कोई Link नहीं होता, इसका नतीजा यह होता है कि आप अपनी लाइफ में जहां पहुंचना चाहते हो वहां नहीं पहुंच पाते हैं।

भूलने की बीमारी :- इससे भूलने की बीमारी हो जाती है हम छोटी-छोटी बातों को भूलने लगते है।

काम से बचना :-  किसी भी काम को करने में आपको घबराहट महसूस होती है और आपको किसी से बात करने, मिलने में घबराहट होती, जिससे आपको जो काम करना है आप वह काम नहीं कर पाते।

दिमाग के केमिकल का असंतुलित हो जाना :- दिमाग में जो केमिकल होते हैं वे डिसऑर्डर हो जाते है |  

जेनेटिक :- ज्यादा सोचने की बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है|  

इसके अलावा अन्य लक्षण भी है जैसे - 

बेचैनी, 

थकान, 

चिड़चिड़ापन,

ब्लड प्रेशर का बढ़ना आदि।

Overthinking के बारे में जानकारी(FAQs ):

Q. ओवरथिंकिंग के नुकसान | 

A. ओवरथिंकिंग से मानसिक के साथ शारीरिक समस्याएँ होती हैं जैसे - इससे भूलने की बीमारी हो जाती है हम छोटी-छोटी बातों को भूलने लगते है। 

कई तरह के रोग(Disease) लग जाते है- बेचैनी, चिड़चिड़ाहट(Irritability), ब्लड प्रेशर का बढ़ना, हर वक्त थकान महसूस करना, हर समय सिर में दर्द रहना, परेशानी होना, कभी Relax महसूस ना करना आदि अनेकों समस्याएं हमारे शरीर में पनपने लगती हैं।

Overthinking meaning in hindi - ज्यादा सोचना 

 Overthinking Wikipedia click


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