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Monkeypox Virus क्या है, मंकी पॉक्स वायरस से कैसे बचे व इसके लक्षण क्या हैं

WHO ने तेजी से बढ़ते हुए मंकी पॉक्स के लिए highest alert जारी कर दिया है | मंकीपॉक्स वायरस के केस लगभग 80 देशों में पाए गए हैं। 

इसके मामले पूरी दुनिया में 35 हजार से ज्यादा केस हो चुके हैं और सबसे ज्यादा मामले यूरोप में पाए गए हैं।

मंकीपॉक्स वायरस से अब तक भारत में 1 मौत हो चुकी है।

मिडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में monkeypox वायरस  तेजी  के साथ बढ़ रहा है और दिल्ली में दो नए मंकी पॉक्स वायरस (पहला केस14, जुलाई को पाया गया)  के मरीज पाए गए है 

एवं एक मंकीपॉक्स वायरस का एक मरीज(24, जुलाई को) दिल्ली में पाया गया है इसी बीच who ने मंकी पॉक्स वायरस के संक्रमण को देखते हुए इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है | 

who द्वारा 3 बीमारियों को health emergency घोषित किया गया है, 

1. कोरोना वायरस,

2. पोलियो,

3. मंकी पॉक्स वायरस 

अफ्रीकी देश who  से विनती कर रहे हैं कि इसे मंकी पॉक्स ना बुलाया जाये, क्योंकि इससे Recism बढ़ेगा, लेकिन who ने अभी तक कोई बदलाव नहीं किये हैं|  

ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी कैसे घोषित होती है :-

किसी भी ग्लोबल लेवल पर बढ़ती हुई बीमारी को इमरजेंसी घोषित करने का फैसला who की एक कमेटी द्वारा लिया जाता है | 

यदि इस कमेटी द्वारा इमरजेंसी घोषित करने पर सहमति न बन पाए तो ऐसे में निदेशक को फैसला लेने का अधिकार होता है, 

क्यों की अभी हाल ही में इमरजेंसी को लेकर कमेटी के सदस्यों के बीच आम सहमति न बन पाने के बाद भी who के महा निदेशक ट्रेडोस ए.  ghebreyss ने who की इमरजेंसी की घोषणा की है।

तीन आधारों पर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी को घोषित किया जाता है: - 

  1. Who की इमरजेंसी कमेटी यदि ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करें,
  2. वैज्ञानिक सिद्धांतों, सबूत और दूसरी सूचनाओं की ज्यादा जानकारी ना होना।
  3. मानव स्वास्थ्य पर रिस्क, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलना।

चीन द्वारा Monkeypox वायरस फैलाने को लेकर एक Story को Promote किया जा रहा है जिसमें बताया जा रहा है कि अमेरिका द्वारा Monkeypox वायरस फैलाया जा रहा है, लेकिन अमेरिका ने इससे इंकार किया है।  

World Health Organisation(WHO) के अनुसार Monkeypox Virus पूरी दुनिया में बहुत तेजी के साथ फैल रहा है। इसमें शरीर में फोड़े, फुंसी के अलावा भी कई लक्षण होते हैं।

Monkeypox Virus क्या है :- Sam Fazeli के अनुसार Monkeypox, Smallpox और चिकनपॉक्स की तरह ही एक Orthopox Virus है। Monkeypox Virus सबसे पहले साल 1958(कांगो) में बंदरों में देखा गया था जिसके कारण इसे Monkeypox नाम दिया गया।

सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल(CDC) के अनुसार मंकी पॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है जो मंकी पॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है, मंकी पॉक्स के लक्षण चेचक के समान ही होते है 

मनुष्य में पहला मामला कब देखने को मिला ?

WHO  के अनुसार दुनिया में मनुष्य में मंकी पॉक्स का पहला केस 1970  में देखा  गया  उसके बाद कुछ अफ़्रीकी देशो के कुछ इंसानो में मंकी पॉक्स के मामले देखे गए 

साल 2003 अमेरिका में मंकी पॉक्स वायरस के मामले देखे गए तथा 2008 में इजराइल और ब्रिटेन में भी मंकी पॉक्स के मामले देखे गए 

Monkeypox Virus के लक्षण क्या हैं ?-  Monkeypox के लक्षण की शुरूआत बुखार से और साथ में मांसपेशियों में दर्द कमजोरी महसूस होने से होती है। जैसे जैसे बीमारी बढ़ने लगती है शरीर में रैशेज होने लगते हैं जो आगे चलकर फोड़े बन जाते हैं। फोड़े(Pustules) से बैक्टीरियल इन्फेक्शन का खतरा होता है।

मंकी पॉक्स वायरस से संक्रमित होने के बाद वायरस के लक्षण 6 से 13 दिन तक दिखाई देते है , कई बार यह 5 से 21 दिन तक भी दिखाई दे सकते है इसके शुरुआती लक्षण चिकन पॉक्स चेचक के सामान होते है   |

बुखार आने के 3 दिन बाद त्वचा पर इसका असर दिखना शुरू होता है , शरीर पर दाने आते है हाथ- पैर, हथेलियों, चेहरे पर छोटे छोटे दाने निकल आते है जो घाव के समान दिखाई देते है।

मंकीपक्स के लक्षण:
सिर दर्द,
बुखार, 
थकान,
सूजी हुई लिम्प नोड्स,
मवाद भरे दाने, 
मांसपेशियों में दर्द, 
कंपकंपी छूटना, 
पीठ/कमर में दर्द रहना आदि।

यह बीमारी कितनी खतरनाक है:-  WHO  के अनुसार  मंकी पॉक्स से हुए संक्रमित व्यक्ति में लक्षण 2 से 4 हफ्ते बाद धीरे धीरे ख़त्म हो जाते है 


जंगल के आस पास के इलाकों में रहने वाले लोगों में मंकी पॉक्स वायरस का खतरा ज्यादा होता है

चेचक जेसी बीमारी का वेक्सिनेशन बंद हो गया है इसलिए 40 से 50 साल से कम उम्र के लोगों में मंकी पॉक्स वायरस का खतरा ज्यादा बना रहता है   

Monkeypox Virus कैसे फैलता है?- यह पीड़ित व्यक्ति 

के शरीर से निकलने वाले संक्रमित फ्लूइड के सम्पर्क में आने से फैलता है। यदि कोई व्यक्ति पीड़ित व्यक्ति या जानवर के अत्यधिक निकट सम्पर्क के माध्यम से फैलता है एवं जो अत्यधिक करीब होता है उसके फैलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

यदि किसी को मंकी पॉक्स वायरस है तो दूसरे व्यक्ति इसके संपर्क में आता है, उनकी त्वचा मिलने, sexual contact होने से फैलता है | 

Monkeypox Virus क्या है, मंकी पॉक्स वायरस से कैसे बचें व इसके लक्षण क्या हैं


यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थों, सांस और पीड़ित के सम्पर्क में आयी सतह से फैलता है।

कई Expert का मानना है कि यूरोप में 2 Raves पार्टियां हुई थी उनमें समलैंगिक संबंध(Gay) रखने वाले व्यक्ति काफी मात्रा में इकट्ठे हुए थे। उस पार्टी में जो शामिल हुए थे उनमें Monkeypox virus के लक्षण पाये गये हैं। यह वायरस पीड़ित के सम्पर्क में आने से फैलता है।

Monkeypox Virus के संबंध में प्रमुख बातें-

  • UAE में Monkeypox Virus का पहला केस देखा गया है। 
  • डेनमार्क ने कहा है कि हम इसके लिये वेक्सीन उपलब्ध करायेंगे।
  • इंग्लैंड में सबसे ज्यादा केस पाये गये हैं अभी तक(14 से ज्यादा)
  • French health Authority ने आस्ट्रिया, Slovenia आदि में वेक्सीनेशन की तैयारी शुरू कर दी है।
  • जर्मनी ने 40000 वेक्सीन डोज के Precaution Order तैयार किये हैं।
  • Moderna ने Monkeypox की वेक्सीन का testing कर लिया है।

WHO के एडवाइजर डॉ डेविड हेमैन ने NEWS Agency से बातचीत में कहा कि समलैंगिक पुरूषों में Monkeypox Virus के संक्रमण फैलने की वजह स्पेन और बेल्जियम में हुई 2 Rave पार्टीज हो सकती हैं। 

रेव पार्टी एक ऐसा Event है जहां पर नाच-गाने और खाने-पीने के साथ Drugs और सेक्स का भी इंतजाम होता है।

WHO के अन्य Advisor एंडी सील ने CNBC से बातचीत में बताया कि Monkeypox Virus एक यौन रोग मतलब Sexually ट्रांसमिटेड डिसीज(STD) नहीं है। For Example सर्दी-जुकाम STD नहीं है, लेकिन यह Sexual Contact से फैल सकता है। 

मंकीपॉक्स को लेकर भारत को चिंता :-


  • भारत  इसे लेकर Alert हो चूका है तथा इस संबंध कई तैयारियां शुरू की जा चुकी है। 
  • सोमवार को मुंबई के Brihanmumbai Municipal Corporation – BMC ने कस्तूरबा अस्पताल में Monkeypox के मरीजों के लिए 28 बेड का आइसोलेशन Ward तैयार कर दिया है। जबकि भारत में अभी तक इस बीमारी का एक भी मामला नहीं मिला है।
  • दुनिया भर में तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए NCDC – National Center for Disease Control और ICMR– Indian council of medical research को Alert जारी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मंकीपॉक्स वायरस से प्रभावित देशों की यात्रा करके लौटे किसी भी बीमार यात्री को तुरंत आइसोलेट करें और सैंपल जांच के लिए पुणे के NIV – National Institute of Virology , Pune को भेजें।
  • मीडिया Reports  के अनुसार शीर्ष सरकारी संस्थान के एक जीवविज्ञानी ने कहा कि "बड़ी समस्या यह है कि बीमारी का निदान करने के लिए आवश्यक पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) परीक्षण भारत में व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है, और अधिकांश चिकित्सक इस बीमारी के विशिष्ट लक्षणों और बीमारी के बारे में जागरूक नहीं हो सकते हैं"।
  • चिकित्सा Experts का कहना है कि जोखिम कारकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और वायरस के जोखिम को कम करने के लिए वे जो उपाय कर सकते हैं, उनके बारे में लोगों को शिक्षित करना, मंकीपॉक्स की रोकथाम की मुख्य रणनीति होनी चाहिए। 
  • वायरोलॉजिस्ट डॉ शाहिद जमील, ग्रीन टेम्पलटन कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में एक साथी और अशोक विश्वविद्यालय में एक अतिथि प्रोफेसर ने इस बारे में कहा कि मुझे वास्तव में चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, कम से कम आयातित मामलों के बारे में तो नहीं। भारत में हर शहर में खुलेआम घूमने वाले बंदर हैं, लेकिन हां, जागरूकता जरूरी है।

मंकी पॉक्स का ईलाज:-

Monkeypox  का Treat  कैसे किया जाता है? 

अभी तक Monkeypox वायरस के लिए कोई Perfect, सुरक्षित उपचार नहीं है। लेकिन अभी तक  तक कोई मामला सामने आने पर मंकीपॉक्स के प्रकोप को Control करने के प्रयोजनों के लिए, चेचक के टीके, एंटीवायरल और वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्युलिन (VIG) का उपयोग किया जा सकता है।


ऐसा कहते हैं कि जो tratment smallpox का है वही इस पर भी लागू होता है।


Monkeypox Virus से कैसे बचें :-

स्वयं को मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए आप निम्न  कई उपायों को अपना सकते हैं :-

  • उन जानवरों के संपर्क में आने से बचें जो वायरस को शरण दे सकते हैं (उन जानवरों सहित जो बीमार हैं या जो उन क्षेत्रों में मृत पाए गए हैं जहां मंकीपॉक्स होता है)।
  • यदि किसी व्यक्ति के दाने निकल रहे हैं तो उनको नहीं छूना चाहिए,
  • मरीज के छुए हुए कपड़े, विस्तर व वर्तन जैसी चीजों से दूर रहें,
  • मरीज या संक्रमित जानवर के संपर्क में आने पर अच्छे से हाथ धोएं, 
  • मरीज को दूसरों से आइसोलेटेड रखें,
  • मरीज की देखभाल करते समय ppe किट पहनें।
  • किसी बीमार जानवर के संपर्क में आने वाली किसी भी सामग्री, जैसे बिस्तर, के संपर्क में आने से बचें।
  • संक्रमित रोगियों को अन्य लोगों से अलग करें जिन्हें संक्रमण का खतरा हो सकता है।
  • संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के संपर्क में आने के बाद हाथ की अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें। उदाहरण के लिए, अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना या अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करना।
  • मरीजों की देखभाल करते समय व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का प्रयोग करें।


6.  अगर आप किसी के साथ यौन संबंध स्थापित करते हैं तो ध्यान रखें कि आपके साथी को मंकीपॉक्स के लक्षण तो नहीं है या विदेश यात्रा का कोई इतिहास तो नहीं है (खासकर वो देश जहाँ फ़िलहाल मंकीपॉक्स के सामने आ रहे हैं या अफ़्रीकी देश)। 


स    सरकार को मंकी पॉक्स वायरस की वैक्सीन बनानी शुरू कर देनी      चाहिए | 


उक्त सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।

 

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