सार्क की बैठकों का कोई खास नतीजा नहीं निकलता है, जबकि SCO का कद बढ़ता जा रहा है, क्योंकि इसमें भारत और पाकिस्तान शामिल है, जिनमें हमेशा तनाव बना रहता है,
इसको एक उदाहरण के तौर पर समझते है, मान लेते है एक गांव है जिसमें दो व्यक्ति आपस में लड़ते रहते है, जिससे दोनों के बीच तनाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तथा एक समय ऐसा भी आता है, जब ये दोनों व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों के साथ मिलकर एक ग्रुप बनाते हैं। इस Group का मकसद होता है, आपस में प्रगति और आपस में तालमेल बैठाना, और शांति कायम रखना।
और जब भी इस ग्रुप की बैठक होती है तो इन दोनों की दुश्मनी बात बात पर जाहिर हो जाती है, जिसके कारण इस ग्रुप की लगातार बैठकों का कोई नतीजा नहीं निकलता है, और इस तरह यह ग्रुप अपने मकसद में असफल हो जाता है।
फिर अलग अलग गांव के लोग मिलकर एक साझा ग्रुप बनाते है, जिसमें ये दोनों तनाव वाले व्यक्ति इसमें शामिल होना चाहते है, और इन दोनों को शामिल कर लिया जाता है। अब इन दोनों द्वारा इस ग्रुप में कोई इन दोनों द्वारा लड़ाई नहीं होती है, जिससे यह ग्रुप लगातार अपने मकसद की तरफ बढ़ रहा है।
अब हम इस उदाहरण के हकीकत पर आते है ये दोनों व्यक्ति जो आपस में लड़ रहे है, ये ओर कोई बल्कि भारत और पाकिस्तान थे। जिसमें गांव के लोगों ने जो ग्रुप बनाया था, जिसकी बैठक में बात बात पर तनाव दिखता था, वह सार्क है, जो कि अपने मकसद में कामयाब नहीं हो रहा है,
वहीं दूसरी तरफ कुछ गांव के लोगों ने मिलकर जो ग्रुप बनाया था, जिसमें ये अपने हितों साझा कर रहे है, वह SCO था, जो कि अपना कद लगातार बढ़ा रहा है।
सार्क क्या है :-
SARRC(सार्क) full form : - South Asia Association for Regional Cooperation|
सार्क की स्थापना की स्थापना कब हुई :- 7-8 दिसम्बर, 1985 ढाका(बंग्लादेश)।बंग्लादेश की स्थापना 1971 में हुई और जब एक लोकतंत्रीय संगठन(सार्क) की स्थापना 1985(ढाका) में हुई तो बंग्लादेश में तानाशाही थी।
सार्क दिवस कब मनाया जाता है :- सार्क दिवस 8 दिसम्बर को मनाया जाता है।
सार्क का इतिहास :-
1970 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान ने दक्षिण एशियाई देशों के एक ग्रुप बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 1980 में सबसे पहले दक्षिण एशियाई देशों के लिये संगठन बनाने की मांग उठी थी,
फिर इस पर विचार किया गया और समझा गया कि दक्षिण एशियाई देशों के विकास के लिये एक ऐसा संगठन बनाया जाना चाहिए, जो दक्षिण एशिया के देशों में राजनीतिक तालमेल, इस क्षेत्र में शांति स्थापित की जाये, आपस में सामांनस्य बैठाने की बाते करे।
इसी पर विचार विमर्श करने के बाद श्रीलंका की राजधानी कोलम्बों के इन देशों के विदेश सचिवों की एक बैठक हुई, फिर पहली बार 1983 में दिल्ली में सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक हुई, इसी क्रमें 1985 में हुए शिखर सम्मेलन में एक चार्टर को स्वीकार किया गया, उस चार्टर के द्वारा ही सार्क की स्थापना की गयी,
इसका सचिवालय नेपाल की राजधानी काठमांडु में स्थिपित किया गया। इसी में 2005 को भारत के प्रयास से अफगानिस्तान सार्क में शामिल किया गया, जो कि 2007 में सार्क का सदस्य बना।
सार्क के उद्देश्य-
- दक्षिण एशिया के लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना, आर्थिक, सामाजिक, राजनीति विकास को सुनिश्चित व बढ़ावा देना।
- आत्मनिर्भरता में वृद्वि करना।
- दक्षिण एशिया के साझा हितों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एकमत के साथ प्रस्तुत करना, सहयोग प्राप्त करना।
- सार्क के सदस्य देश एक-दूसरे की समस्याओं को समझने के लिये सहयोग और विकास करना जैसे किस तरह गरीबी को कम किया जाये, किस तरह शिक्षा पर काम किया जाये।
- साथ ही अन्य विकासशील देशों के साथ भी सहयोग को मजबूती प्रदान करना।
- सामान्य हित के मुददों में विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर सदस्य राष्ट्रों के मध्य सहयोग बढ़ाना।
- सामान्य उददेश्य वाले क्षेत्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना।
- सांस्कृतिक एवं तकनीकी विकास करना।
- यह संगठन बहुउद्देश्यीय है।
सार्क का मुख्यालय कहाँ हैं :- सार्क का मुख्यालय काठमांडु(नेपाल) है |
सार्क के संस्थापक देश- भारत, बंग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव एवं 2007 में अफगानिस्तान को शामिल किया गया।
SAARC Full form in hindi ? :-
SAARC full Form - South Asia Association for Regional Cooperation को हिन्दी में दक्षेस कहते है, जिसका फुल फॉर्म होता है - दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन(SAARC)| इसमें अफगानिस्तान को शामिल करने के बाद इसकी संख्या 8 हो गयी है यानी सार्क में अब कुल सदस्य देशों की संख्या 8 हो गयी है,
साथ ही इसके पर्यवेक्षक सदस्यों की संख्या 9 है जो इस प्रकार है- अमेरिका, चीन, ईयू, ईरान, जापान, मॉरिशस, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया। ये जो पर्यवेक्षक देश होते हैं ये सार्क की बैठक में भाग नहीं लेते है, बल्कि ये इसके सदस्य देशों पर निगरानी रखते है, कि ये देश सही से काम कर रहे हैं या नहीं।
सार्क के महासचिव की नियुक्ति अल्फेवेट के अनुसार होती है, जैसे जिस देश का नाम ए से शुरू होगा उसके देश के सदस्यों को पहले महासचिव बनाया जायेगा।
सार्क का उद्देश्य है- लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिये जीवन गुणवत्ता में सुधार लाना। यानी लोगों को अच्छी लाईफ मिले, उनके जीवन गुणवत्ता में सुधार हो साथ ही आर्थिक, सामाजिक ओर सांस्कृतिक विकास पर काम करना, आपस में एक दूसरे की समस्याओं को समझने के लिये आपस में सहयोग करना ओर विकास करना।
सार्क के सिद्वांत-
- सार्क के सदस्य देश एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
- सार्क के सदस्य देश अपने आपसी मतभेद को सार्क के मंच में प्रस्तुत नहीं करेंगे(जैसे-भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद कश्मीर का मुद्दा)
- सार्क के विकल्प के रूप में BIMSTEC को देखा जा रहा है।
सार्क के पर्यवेक्षक सदस्य-
- अमेरिका,
- चीन,
- यूरोपीयन यूनियन,
- दक्षिण कोरिया,
- म्यांमार,
- आस्ट्रेलिया,
- ईरान,
- मॉरीशस
- और जापान हैं।
सार्क के 3 सम्मेलन भारत में हुए हैं-1986,1995, 2007
सार्क के महासचिव कौन है :- अमजद-बी-हुसैन(पाकिस्तान) 2017 से हैं।
- मानव संसाधन विकास एवं पर्यटन को बढ़ावा देना।
- कृषि एवं ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना।
- सार्क के देशों को पर्यावरण, प्राकृतिक आपदा एवं बायो तकनीक के क्षेत्र में आगे लेकर जाना।
- आर्थिक, व्यापार एवं वित्त से संबंधित कार्य करना।
- सामाजिक मुददे।
- सूचना व गरीबी उन्मूलन करना।
- उर्जा, परिवहन, विज्ञान एवं प्रौधोगिकी को बढ़ावा देना।
- शिक्षा, सुरक्षा एवं संस्कृति और अन्य कार्य।
1985 में क्षेत्रीय सहयोग के लिये 3 नये क्षेत्र जोड़े गये-
- आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त अभियान एवं निवारण करना।
- मादक पदार्थों की तस्करी को रोकना।
- क्षेत्रीय विकास में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना।
सार्क में SAPTA की भूमिका :-
SAPTA(South Asia Preferential Trade Agreement-दक्षिण एशिया वरियतापूर्ण व्यापार समझौता)
PTA(Preferential Trade Agreement) - जब दो देश या किसी संगठन के सदस्य व्यापार में आपस में एक-दूसरे को वरीयता दें जैसे-नेपाल और अमेरिका भारत से दूध लेते हैं तो भारत नेपाल को पहले देगा क्योंकि दोनों ने PTA पर हस्ताक्षर किये हैं
SAPTA 11अप्रैल, 1993 में सार्क के 7 वें सम्मेलन(ढाका) में हुआ की कि सार्क के देश आपस में व्यापार में वरीयाता प्रदान करेंगे।
SAPTA लागू 1995 में हुआ।
सार्क में SAFTA की भूमिका :- SAFTA(South Asia Free Trade Agreement - दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौता)
FTA(Free Trade Agreement)- इसमें देश एक-दूसरे को वरीयता देते हैं तथा आयातशुल्क में चरणबद्व तरीके से कमी की जाती है।
SAFTA -2004 में सार्क के 12वें(पाकिस्तान) सम्मेलन में हुआ एवं यह लागू हुआ 2006 में।
सार्क की असफलता के कारण :-
- सार्क के कारणों में सबसे ज्यादा जिम्मेदार भारत और पाकिस्तान को माना जा रहा है, क्योंकि इन दोनों ने सार्क की हर बैठक में बात बात पर इनके तनाव के कारण इसको बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। क्योंकि दोनों की देशों की अपनी अपनी सोच थी, जैसे भारत को डर था, कि इससे उसके क्षेत्रीय क्षमता में कमी आयेगी, तो पाकिस्तान को डर था कि इस पर भारत का वर्चस्व बढ़ सकता है।
- लेकिन कोरोना माहामारी के दौरान हुई इसकी वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें देश के राष्ट्राध्याक्ष को उपस्थित होने के लिये आमंत्रित किया गया, जिससे उम्मीद लगी कि अब सार्क फिर से आपस में एकता की तरफ बढ़ेगा, लेकिन इसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का उपस्थित ना होना, साथ पाकिस्तान के मंत्री द्वारा जम्मु कश्मीर पर उठाये गये सवालों से हुए अच्छे प्रयास से पानी फिर गया।
- ऐसा ही मामला हुआ था सार्क सेटेलाइट के वक्त, जिसमें पाकिस्तान की मांग थी, कि इसका कंट्रोल केवल इसरो पर ही नहीं रहे, बल्कि सार्क देशों को दिया जाना चाहिए, फिर पाकिस्तान द्वारा यह भी कहा गया कि भारत इसके द्वारा जानकारी जुटा सकता है, जिसके चलते भारत ने खुद को इसे प्रोजेक्ट से अलग कर लिया था।
- सार्क अपनी स्थापना के लगभग 4 दशक होने के बाद भी एक सफल संगठन नहीं हो सका।
- सार्क का कोई उद्देश्य निश्चित नहीं है यानी बहुउद्देश्यीय संगठन है जिसके कारण यह सही से कार्य नहीं कर पाता इसलिये इस संगठन का Object fix होना चाहिए।
- इस संगठन में जो घोषणाएं की जाती हैं उनका क्रियान्वयन ना होना।
- सार्क के सदस्य ही इसके सिद्वांतों का उल्लंघन करते हें जैसे इसके सदस्य अपने द्विपक्षीय मुद्दों को उठाना एक-दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप करना।
- सार्क के सबसे बड़े देशा भारत पर इसके सदस्यों द्वारा संदेह किया जाता है।
- इन कमियों को दूर कर सार्क संगठन की गति प्रदान की जा सकती है।
बदलते परिदृश्य में सार्क की प्रासंगिकता-
- 21वीं सदी जो भूमण्डलीकरण का दौर है।
- दक्षिण एशिया के सामने चुनौतियां, कोरोना संकट जलवायु परिवर्तन, हिन्द महासागर की सुरक्षा, आतंकवाद गरीबी एवं बेरोजगारी आदि में सार्क की भूमिका को देखते हुए लगता है इसकी प्रासंगिकता कम हुई है,
- लेकिन सार्क के सदस्य आपस में मिलकर इन चुनौतियों का सामना करें तो यह संगठन सफल हो सकता है। इन चुनौतियों से निपटने के लिये 21 वीं सदी में सार्क की जरूरत बढ़ी है।
- BIMSTEC को सार्क के विकल्प के रूप में देखा जाता है, BIMSTEC दक्षिण व पूर्वी एशिया का संगठन है, इसलिये सार्क का विकल्प नहीं बन सकता, बल्कि सार्क को इसके सदस्य आपस में मिलकर इन चुनौतियों से निपटकर सार्क को एक सफल संगठन बनाया जा सकता है।
1983 में रूपरेखा बनी कि सार्क में क्षेत्रीय सहयोग किन-किन क्षेत्रों में करना :-
- कृषि,
- स्वास्थ्य सेवाएं,
- डाकतार,
- खेलकूद,
- सांस्कृतिक सहयोग,
- विज्ञान एवं तकनीक,
- ग्रामीण विकास,
- दूर संचार एवं यातायात,
- मौसम विज्ञान।
- भारत में सार्क विश्वविधालय की स्थापना की गई जो कि अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविधालय है।
- सार्क ने दक्षिण एशिया में मुक्त व्यापार समझौते(साफ्टा) को 2004 में अपनाया गया था और यह 1 जनवरी, 2006 से लागू हो गया।
- इस समझौते के तहत 2013 तक सभी देशों ने आपसी व्यापार में आयात शुल्क को घटाकर 5 प्रतिशत कर लियाहै।
- अल्पविकसित देशों को 3 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी गयी है। इसके लागू होने से क्षेत्रीय स्तर पर व्यापार को बढ़ावा मिला है।
- इसके साथ ही सार्क के देशों ने आतंकवाद की समस्या से निपटने, आपदा प्रबंधन में सहयोग करने तथा सांस्कृतिक क्षेत्र व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कई साझा कार्यक्रमों को लागू किया है।
- 2010 में दक्षिण एशिया फोरम की स्थापना की गयी है, जिसका मुख्य उददेश्य दक्षिण एशिया में सहयोग की दृष्टि से महत्वपूर्ण मुददों पर विचार-विमर्श करना है।
- इसके साथ की इस क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिये विभिन्न प्रकार की साझा संस्थाओं की स्थापना की गयी है।
सार्क की क्षेत्रीय निकाय :-
- दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय(SAU) - भारत
- दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय मानक संगठन(SARSO) - ढाका
- सार्क विकास कोष(SDF) - भूटान
- सार्क पंचाट परिषद् (सारको) - पाकिस्तान
पहले पड़ोसी- भारत भी चाहता है कि पड़ोसियों के साथ एक ऐसा संगठन होना चाहिए जिससे हमारे रिश्ते पड़ोसियों के साथ अच्छे रहें और शांति बनी रहे।
भू-रणनीतिक महत्व :-यह विकास प्रक्रिया एवं आर्थिक सहयोग में नेपाल, भूटान, मालदीव एवं श्रीलंका को आकर्षित करके चीन के वन बेल्ट एंड वन रोड कार्यक्रम विरोध कर सकते हैं
यानी भारत सार्क के देशों के साथ मिलकर चीन के वन बेल्ट एंड वन रोड कार्यक्रम का विरोध कर सकता है, लेकिन पाकिस्तान इसमें अड़चन डालता रहता है।
क्षेत्रीय स्थिरता- सार्क इन क्षेत्रों के बीच आपसी विश्वास एवं शांति स्थापना में सहयोग कर सकता है।
भारत की वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को बढ़ावा देना- यह भारत को ज्यादा जिम्मेदारियां लेकर क्षेत्र में अपने नेतृत्व को प्रदर्शित करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।
यानी भारत के पास मौका है कि वह एशिया के अन्दर लीडरशिप दिखा सकता है।
भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी को बढ़ावा मिलना- दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं को दक्षिण पूर्व एशिया के साथ लिंक करके मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र में भारत के लिये आर्थिक एकीकरण एवं समृद्वि को आगे लाया जा सकता है।
लेकिन भारत उक्त में ज्यादा रूचि नहीं दिखा रहा है और भारत इसकी जगह बिमस्टेक की ओर ध्यान दे रहा है।
सार्क सम्मलेन List :-
1 | पहला | 1985 | ढाका (बांग्लादेश) |
2 | दूसरा | 1986 | बंगलौर (भारत) |
3 | तीसरा | 1987 | काठमाण्डू (नेपाल) |
4 | चौथा | 1988 | इस्लामाबाद (पाकिस्तान) |
5 | पाचवॉ | 1990 | माले (मालदीव) |
6 | छटवॉ | 1991 | कोलम्बो (श्रीलंका) |
7 | सातवॉ | 1993 | ढाका (बांग्लादेश) |
8 | आठवॉ | 1995 | नई दिल्ली (भारत) |
9 | नौवॉ | 1997 | माले (मालदीव) |
10 | दसवॉ | 1998 | कोलम्बो (श्रीलंका) |
11 | ग्यारहवॉ | 2002 | काठमांडू (नेपाल) |
12 | बारहवॉ | 2004 | इस्लामाबाद (पाकिस्तान) |
13 | तेरहवॉ | 2005 | ढाका (बांग्लादेश) |
14 | चौदहवॉ | 2007 | नई दिल्ली (भारत) |
15 | पंद्रहवॉ | 2008 | कोलम्बो (श्रीलंका) |
16 | सोलहवॉ | 2010 | थिम्पू (भूटान) |
17 | सत्रहवॉ | 2011 | माले (मालदीव) |
18 | अठारहवॉ | 2014 | काठमाण्डू (नेपाल) |
सार्क की दक्षिण एशिया में कमी को एसएसओ द्वारा पूर्ण करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि सार्क का अस्तित्व हो गया।
भारत सार्क को पुनर्जीवित करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि चीन के दबदबे वाले संगठन में पड़ोसी देशों के शामिल होने से भारत की सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं है।
Q. सार्क में कुल कितने देश हैं ?
- भारत,
- पाकिस्तान,
- अफगानिस्तान,
- बांग्लादेश,
- भूटान,नेपाल,
- श्रीलंका,
- मालदीप
Q. अफगानिस्तान सार्क में शामिल कब हुआ ?
A. 2007 में सार्क का 14 वां शिखर सम्मेलन भारत में हुआ जिसमें अफगानिस्तान सार्क का सदस्य बन गया।
Q. सार्क में पर्यवेक्षक देश कौन से हैं:-
A. सार्क के पर्यवेक्षक देश अमेरिका, चीन, यूरोपीय संघ, ईरान, जापान, मॉरिशस, म्यांमार, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रलिया हैं।
Q. सार्क में महासचिव की नियुक्ति कैसे होती है ?
Q. सार्क की स्थापना किसने की ?
Q. भारत में सार्क कितने सम्मलेन हुए हैं?
Q. सार्क का पूरा नाम क्या है -
Q. भारत सार्क में कब शामिल हुआ ?
Q. सार्क के सस्थापक कौन है ?
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