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Surrogacy(सरोगेसी) क्या है, इसके प्रकार : सरोगसी के नियम 2024

प्रियंका चोपड़ा Surrogacy(सरोगेसी) से मां बन चुकी है इससे पहले भी कई Stars सरोगेसी से माता-पिता बन चुके हैं जिससे Surrogacy(सरोगेसी) चर्चा में रहता है।

Surrogacy(सरोगेसी) मतलब क्या है:- यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें कोई महिला किसी अन्य व्यक्ति या Couple (इच्छा रखने वाले माता-पिता) की ओर से बच्चे को जन्म देने के लिये सहमत होती है जिसे किराये की कोख(Gestational Carrier) भी कहा जाता है, 

क्योंकि कोई महिला गर्भधारण(Pregnancy) करती है किसी अन्य व्यक्ति या जोड़े के लिये और बच्चे को कोख में रखती है, फिर उस बच्चे को जन्म देती है।

सरोगेट माँ क्या होती है ? :- आसान भाषा में कोई महिला किसी दूसरे Couple(कपल) के लिये प्रेग्नेंट होती है, बच्चे को कोख में रखती है। 
अपनी कोख में दूसरे का बच्चा पालने वाली महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है।

Surrogacy(सरोगेसी) क्या है, के प्रकार, सरोगेसी पर भारत में कानून

Charitable Surrogacy(परोपकारी सरोगेसी क्या है ) :- इसमें गर्भावस्था(Pregnancy) में सरोगेट मां को Medical खर्च और बीमा कवरेज दिया जाता है इसके अलावा अन्य किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया जाता है। इसमें मदद का ईरादा शामिल होता है। 

Commercial Surrogacy(वाणिज्यिक सरोगेसी क्या है ) :-  इसमें Medical खर्च और बीमा कवरेज के अलावा और भी मुआवजा या इनाम दिया जाता है, इसको (business)विजनेस के तौर पर देखा जाता है जिसको सरकार द्वारा इस पर लगाम लगाया गया है। 

          Surrogacy(सरोगेसी) के 2 प्रकार हैं :-

पहला Traditional सरोगेसी - इसमें पिता या डोनर का Sperm सरोगेसी अपनाने वाली महिला के एग्स से match करा जाता है इस तरह सरोगेसी से सरोगेट मदर ही बॉयोलॉजिकल मदर(जैविक मदर) होती है

दूसरा Gestational सरोगेसी - इसमें जो सरोगेट मदर है उसका बच्चे से संबंध जेनेटिकली नहीं होता है यानी प्रेग्नेंसी के समय सरोगेट मदर के एग का इस्तेमाल नहीं होता है, 

इसमें पिता/डोनर के Sperm और माता के एग्स का मेल टेस्ट ट्यूब के जरिये कराने पर इसे सरोगेट मदर के यूट्रस में प्रत्यारोपित किया जाता है। इसमें सरोगेट मदर बच्चे की जैविक मदर नहीं होती है, वह केवल बच्चे को जन्म देती है।

Surrogacy(सरोगेसी) पर भारत में कानून : 

  • सरोगेसी को दूरूपयोग किया जाने लगा, 
  • आर्थिक तंगी से परेशान महिलाएं सरोगेसी को अपनाने लगीं, क्योंकि Couple द्वारा उनको पैसे का लालच दिया जाने लगा, जिसके कारण उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ने लगा।
  • बिचोलिये कम उम्र की लड़कियों को अपहरण करने लगे, 
  • इसके नाम से व्यापार किया जाने लगा आदि। इस तरह की समस्याओं को देखते हुए उन्हें दूर करने के लिये सरकार ने कई नियम बनाये जैसे- सरोगेसी(विनियम) अधिनियम, 2021 

सरोगेसी(विनियम) अधिनियम, 2021  कानून की प्रमुख बातें  (सरोगसी के नियम 2022 )-

  • व्यावसायिक सरोगेसी को प्रतिबंध किया गया यानी केवल परोपकारी सरोगेसी की अनुमति है जहां कोई पैसे का लेने-देन नहीं होता है।
  • कोई विदेशी या भारतीय मूल का जो विदेश में रहता है यह व्यक्ति इसका लाभ नहीं ले सकते।
  • केवल भारतीय नागरिक  जो कानूनी रूप से शादीशुदा हो(कम से कम शादी को 5 साल हो चुके हों) और इन्हें एक प्रमाण पत्र देना होगा कि ये मां बनने की क्षमता नहीं रखतीं।
  • महिला इच्छुक होनी चाहिए।
  • महिला के बीमा कवरेज (Health insurance)16 माह से बढ़ाकर 36 माह कर दिया गया।
  • कोई सरोगेट मदर केवल एक बार  सरोगेट मदर बन सकती है और Couple(दम्पत्ति) भी केवल एक बार सरोगेसी का लाभ उठा सकते हैं।
  • विधवा या तलाकशुदा सरोगेसी का लाभ ले सकते हैं।
  • अब  single मां या पिता सरोगेसी नहीं करा सकते। 

सेरोगसी मां बनने की योग्यता: - 

  • उम्र : 25 से 35 उम्र की विवाहित महिला, 
  • उनका पहले से अपना एक बच्चा होना चाहिए, जीवन में केवल एक बार वह सेरोगेट मां बन सकती है व तीन प्रयास ले सकती है मां बनने के लिए ।
  • लिखित सहमति देना ।
  • शारीरिक मानसिक रूप से फिट हो।
  • इच्छुक महिला जो मां बनने के लिए तैयार है वह उससे अनुवांशिक रूप से संबंधित होनी चाहिए।

अन्य प्रावधान : 

चिकित्सा शुल्क व अन्य निर्धारित खर्च दंपत्ति द्वारा देना होता है, लेकिन कोई उपहार, शुल्क भुगतान, पुरस्कार या लाभ देने की अनुमति नहीं है। 

दंपत्ति को जन्मे हुए बच्चे को ना अपनाने की अनुमति नहीं जो दंपत्ति उसका लाभ ले रहा है उसकी पहचान को गोपनीय रखा जाए।

सरोगेसी से संबंधित अपराध : - इसके इसमें 10 वर्ष की कैद और/या 10 लाख तक को जुर्माना।

सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी(विनियमन) अधिनियम 2021 :- 
मानव शरीर के बाहर शुक्राणु या oocyte को संभाल कर रखना ताकि अन्य तकनीक के माध्यम से संतान को उत्पन्न किया जा सके
जैसे :

  • युग्मक दान (gamete donation)
  • अंतर्गभारशीय गर्भाधान (intrauterine insemination)
  • इन विट्रो निषेचन (IVF)


अन्य प्रावधान: 

विनिर्देशों के अनुपालन के लिए प्राधिकरण बनाने का प्रावधान है।

सरोगेसी क्लिनिको को सरकार के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ऐसे क्लिनिक 1000 से भी कम है।

 राष्ट्रीय सरोगेसी बोर्ड(NSB) 

राज्य सरोगेसी बोर्ड (SSB)

सरोगेसी में विवाद क्या है : 

  • भारतीय जोड़ों को शर्तों के साथ अनुमति मिलना, 
  • सरोगेसी के लिए उम्र तय होना, जो विवाहित है वह ही इसका लाभ ले सकता है, 
  • किसी औरत का बांध होना अनिवार्य है, 
  • एक पुरुष को इसकी अनुमति नहीं, 
  • प्रजनन का अधिकार, 
  • अनुच्छेद 21 का उल्लंघन, 
  • गोपनीयता का अधिकार, 
  • सजा का कठोर प्रावधान होना।

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