गैबॉन और टोगो राष्ट्रमंडल के 55वें और 56वें सदस्य बने। गैबॉन और टोगो फ्रांस के उपनिवेश रहे।
पृष्ठभूमि(Background) : देश जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अंतर्गत उपनिवेश रहे, उनको शामिल करके एक संगठन की स्थापना की गई, जिसे राष्ट्रमंडल के नाम से जाना जाता है।
राष्ट्रमंडल में ज्यादातर वे देश हैं जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य के उपनिवेश रहे थे। यह 56 सदस्य राज्यों का एक राजनीतिक संघ है।
राष्ट्रमंडल के सदस्यों की संख्या घटती बढ़ती रहती है एवं वर्तमान में इसके सदस्यों की संख्या 56 है ।
इसका सबसे प्रमुख देश ब्रिटेन है, इन 56 देशों में से दो देश ऐसे हैं जो ब्रिटेन का उपनिवेश नहीं रहे 1. मोजांबिक 2. रवांडा तथा गैबॉन और टोगो भी फ्रांस के उपनिवेश रहे,
लेकिन यह राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं एवं अमेरिका एक ऐसा देश है जो ब्रिटेन का उपनिवेश रहा था, लेकिन वह राष्ट्रमंडल का सदस्य नहीं है।
भारत राष्ट्रमंडल के पुनर्स्थापना के समय इसका सदस्य बना और भारत के राष्ट्रमंडल का सदस्य बनने के लिए संविधान सभा की बैठक में निर्णय लिया गया।
राष्ट्रमंडल का इतिहास :-
यह 19वीं शताब्दी के "उपनिवेशवादी सिद्धांत" के मॉडल पर आधारित माना जाता है।
ब्रिटेन व इसके उपनिवेशों का पहला सम्मेलन 1887 में हुआ था एवं आगे चलकर 1911 में इंपीरियल सम्मेलन की स्थापना हुई वह इस संघ का नाम 1920 के दशक में ब्रिटिश कॉमनवेल्थ रखा गया।
इसमें ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर जैसे विकसित देश व मालदीप, टोंगा तथा नोरू जैसे छोटे द्वीपीय देश भी शामिल है।
राष्ट्रमंडल का उद्देश्य क्या है :-
राष्ट्रमंडल मुख्यता उन देशों का समूह है जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य के उपनिवेश रहे,
जो बाद में ब्रिटेन से आजाद हो गए, उन सब को मिलाकर यह तय किया गया कि यहां पर मानवाधिकारों का हनन ना हो, लोगों को अभिव्यक्ति का अधिकार मिले, इसके लिए राष्ट्रमंडल एक ऐसा Platform बने,
जिसके माध्यम से राष्ट्रमंडल देशों में मानव संसाधनों की सुविधाओं को और ज्यादा किया जाए यानी राष्ट्रमंडल देशों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना इसका मुख्य उद्देश्य है।
राष्ट्रमंडल के सभी सदस्य कुछ सामान्य सिद्धांत रखते हैं और इन आदर्शों और सिद्धांतों का पालन करके राष्ट्रमंडल मानव - जाति के लाभ के लिए अंतरराष्ट्रीय समाज को प्रभावित करने में सक्षम है।
राष्ट्रमंडल के head कौन है: - राष्ट्रमंडल के हेड ब्रिटिश महारानी होती है।
राष्ट्रमंडल के जनरल सेक्रेटरी कौन है: राष्ट्रमंडल के जनरल सेक्रेटरी पेट्रोशिया स्कॉटलैंड है ।
महाराष्ट्र का सम्मेलन कितने साल में होता है: राष्ट्रमंडल राष्ट्रमंडल का सम्मेलन प्रत्येक 2 साल में होता है ।
25वां सम्मेलन कहां हुआ : 25वां सम्मेलन वनुआतु में प्रस्तावित था लेकिन प्राकृतिक आपदा के कारण इसे ब्रिटेन में स्थानांतरण कर दिया गया।
चोगम(CHOGM) क्या है : - (Commonwealth head of government Meeting) यह राष्ट्रमंडल देशों की राष्ट्रीय अध्यक्षों की मीटिंग होती है यानी राष्ट्रमंडल के सम्मेलन में कम से कम राष्ट्र प्रमुख या सरकार प्रमुख भाग लेने चाहिए,
क्योंकि कई देशों में राष्ट्रपति प्रमुख और सरकार प्रमुख अलग-अलग होते हैं जैसे ब्रिटेन में राष्ट्र अध्यक्ष महारानी होती है जबकि सरकार का प्रमुख वहां के प्रधानमंत्री होते हैं।
राष्ट्रमंडल सम्मेलन को चोगम कहा जाता है।
क्या राष्ट्रमंडल अपने सदस्यों को हटा सकता है :
राष्ट्रमंडल हटा सकता है क्योंकि 1999 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की लोकतांत्रिक सरकार को हटा दिया गया था,
तो राष्ट्रमंडल ने इसे लोकतंत्र की हत्या कहां और पाकिस्तान को 1999 में सस्पेंड कर दिया गया इसी तरह फिजी को भी हटा दिया गया।
राजदूत(Ambassador) और उच्चायुक्त(High Commissioner) में क्या अंतर है : -
राष्ट्रमंडल देशों के राजदूत आपस में उच्चायुक्त कहलाते हैं, लेकिन राष्ट्रमंडल के देश दूसरे देशों के संबंधों के लिए या राष्ट्रमंडल के अलावा देश राजदूत शब्द का ही प्रयोग करते हैं।
ब्रिटिश द्वीप :- ब्रिटिश द्वीप आयरलैंड + यूके से मिलकर बनता है ।
ग्रेट ब्रिटेन : स्कॉटलैंड + वेल्स + इंग्लैंड से मिलकर ग्रेट ब्रिटेन बनता है ।
UK(United Kingdom) :- ग्रेट ब्रिटेन + आयरलैंड से मिलकर बनता है
ब्रिटेन का ऑफिशियल नाम :- ब्रिटेन का ऑफिशियल नाम यूनाइटेड किंगडम(UK) है ।
राष्ट्रमंडल का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश कौन सा है : राष्ट्रमंडल का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश भारत है।
राष्ट्रमंडल का सबसे बड़ा (आकार) देश कौन सा है : राष्ट्रमंडल का सबसे बड़ा देश है कनाडा।
राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन 2018 : -
इसमें जलवायु परिवर्तन, छोटे द्वीपीय देशों पर मंडराते खतरे पर चर्चा इसके प्रमुख एजेंडे में शामिल रहा।
इसका आयोजन वनुआतु में होना था लेकिन वहां प्राकृतिक आपदा के कारण इसे ब्रिटेन में स्थानांतरित कर दिया गया।
ब्रिटेन में यह सम्मेलन 1997 के बाद अब हुआ है इसका सम्मेलन हर दूसरे साल होता है, राष्ट्रमंडल की सभी बैठकों का संचालन आम सहमति पर होता है।
राष्ट्रमंडल में भारत की भूमिका क्या है : -
- राष्ट्रमंडल के देशों ने एक ताकत के रूप में भारत को मान्यता दी है।
- अफ्रीका, कैरेबियन, दक्षिण प्रशांत के राष्ट्रमंडल देशों ने भारत का काफी सहयोग किया है जिससे भारत की वैल्यू बड़ी है,
- क्योंकि भारत का राष्ट्रमंडल में लगभग 50% आबादी और जीडीपी का 30% हिस्सेदारी होने की वजह से सभी सदस्य देश भारत से सक्रिय भूमिका निभाने की अपेक्षा करने लगे हैं।
- राष्ट्रमंडल समूह भारत को अच्छे नजरिए से देखता है और भारत की सक्रिय भागीदारी राष्ट्रमंडल को और ताकत देगी ।
- भारत राष्ट्रमंडल के माध्यम से इस समूह में शामिल 56 देशों के साथ रणनीतिक रूप से अपने संबंधों को मजबूत कर सकता है।
- इसमें चीन जैसे देश नहीं है जिससे भारत के लिए बड़े प्रतिद्वंदी से आमना-सामना होने का जोखिम भी नहीं है।
- इस मंच के द्वारा भारत व्यापार, शिक्षा, कौशल विकास आदि मुद्दों पर अन्य देशों के समर्थन से विश्व व्यापार संगठन(WTO) जैसे संगठनों में अपनी बात प्रभावशाली रूप से रख सकता है ।
- भारत का यह मानना है कि राष्ट्रमंडल एक बहुआयामी समूह है जो छोटे देशों तथा छोटे द्वीपीय देशों सहित विकासशील, अल्प विकसित देशों का उपयोगी सहायता प्रदान करता है ।
- राष्ट्रमंडल के 56 सदस्य देशों में से 33 - 34 छोटे देश हैं और प्रशांत व कैरेबियन समूह के इन छोटे देशों को भारत तकनीक व सहायता देता है ।
- भारत द्वारा राष्ट्रमंडल की बैठक में छोटे द्वीपीय देशों को उनकी जरूरत के अनुरूप सहायता देने की घोषणा की गई है तथा भारत इन छोटे द्वीपीय देशों व तटीय देशों को गोवा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओशनोग्राफी में ट्रेनिंग के माध्यम से मजबूती प्रदान करेगा।
राष्ट्रमंडल देशों की सूची :-
- भारत (1947)
- बांग्लादेश
- ब्रुनेई दारुस्सलाम
- मलेशिया (1957)
- पाकिस्तान
- सिंगापुर
- श्रीलंका (1948)
- बोत्सवाना
- कैमरून (1995)
- गाम्बिया
- घाना (1957)
- केन्या
- लेसोथो
- मलावी
- मॉरीशस
- मोजाम्बिक (1995)
- नामीबिया (1990)
- नाइजीरिया
- रवांडा
- सेशेल्स
- सियरा लिओन
- दक्षिण अफ्रीका
- स्वाजीलैंड
- युगांडा
- संयुक्त गणराज्य तंजानिया
- जाम्बिया
- अंतिगुया और बार्बूडा
- बहामास
- बारबाडोस
- बेलीज
- कनाडा
- डोमिनिका
- ग्रेनेडा
- गुयाना
- जमैका
- सेंट किट्ट्स & नेविस
- सेंट लूसिया
- संत विंसेंट & डी ग्रेनडीनेस
- त्रिनिदाद और टोबैगो
- साइप्रस
- माल्टा
- यूनाइटेड किंगडम
- ऑस्ट्रेलिया
- फ़िजी आइलैंड्स
- किरिबाती
- नाउरू (2000)
- न्यूजीलैंड
- पापुआ न्यू गिनी
- समोआ
- सोलोमन आइलैंड्स
- टोंगा
- गैबॉन
- टोगो
राष्ट्रमंडल का भविष्य :- राष्ट्रमंडल को ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं :
पहला - क्या इसका वजूद खत्म हो जाएगा ?
दूसरा - क्या यह एक ऐसा संगठन बनेगा जो दुनिया के एजेंडे को आकार देगा ?
यानी इस फोरम के भविष्य की प्रासंगिकता सवालों के घेरे में है और राष्ट्रमंडल को अपने सदस्य देशों के हितों को बनाए रखने व उनकी जरूरत को पूरा करने के लिए निम्न बातों पर निर्भर करेगा :-
सबसे पहले राष्ट्रमंडल को प्रासंगिक बनाने के लिए इसके नेतृत्व को विकेंद्रीकृत करने की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि विकेंद्रीकृत मॉडल से सदस्यों को वैसे क्षेत्रों में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को प्रेरित करेगा।
नेतृत्व के लिए एक सामूहिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि सभी को विभिन्न हित व पहलुओं का स्वामित्व प्राप्त करने का अवसर मिले ।
राष्ट्रमंडल के सभी देशों को अपनी संस्कृति, अपने युवाओं की ऊर्जा का लाभ उठाने का प्रयास करना चाहिए।
वैसे तो राष्ट्रमंडल में व्यापार सुरक्षा राजनीतिक गठबंधन बनने की संभावना बहुत कम नजर आती है लेकिन यह जो विश्व के प्रमुख मुद्दे हैं उनका समाधान करने वाला एक Platform बन सकता है।
इसके लिए इसे रीति-रिवाजों, प्रमुख मुद्दों पर सदस्य देशों के बीच आपसे संपर्क निर्धारित क्षेत्रों में आगे बढ़ने की जरूरत है ।
सामूहिक विजन की अभिव्यक्ति वैश्विक एजेंडे को आकार देने में एक प्रमुख माध्यम बन सकती है।
एशियाई देश: बांग्लादेश, ब्रुनेई दारुस्सलम, भारत, मलेशिया, मालदीव, पाकिस्तान, सिंगापुर और श्रीलंका.
अफ्रीकी देश: बोत्सवाना, कैमरून, घाना, कीनिया, लेसोथो, मलावी, मॉरिशस, मोज़ाम्बिक, नामीबिया, नाइजीरिया, रवांडा, सेशेल्स, सियरा लियोन, दक्षिण अफ्रीका, स्वाज़ीलैंड, तंज़ानिया, द गांबिया, युगांडा और ज़ाम्बिया.
अमेरिकी देश : बेलिज़, बरमूडा, कनाडा, फॉकलैंड द्वीप समूह, गुया ना और सेंट हेलेना.
यूरोपीय देश: साइप्रस, इंग्लैंड, जिब्राल्टर, गुएर्नसे, आइल ऑफ मैन, जर्सी, माल्टा, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स.
ओशीनिया: ऑस्ट्रेलिया, कुक द्वीप समूह, किरिबाती, नौरू, न्यूज़ीलैंड, नियू, नॉरफॉक आइलैंड, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमॉन द्वीप समूह, टोंगा, टुवालू और वैनुआतु
क्या है कॉमनवेल्थ गेम्स
कॉमनवेल्थ गेम्स का हिंदी में अर्थ राष्ट्रमंडल खेल होता है. पहली बार यह खेल साल 1930 में कनाडा के हैमिल्टन शहर में खेला गया था. यह हर 4 साल में आयोजित किया जाने वाला गेम है. इस गेम में सिर्फ वो ही देश हिस्सा लेते है जिनमे ब्रिटिश सरकार ने राज किया था.
इनमे से भारत भी एक है. कॉमनवेल्थ गेम्स में 72 देश के 5000 से ज्यादा खिलाडी अलग-अगल तरह के खेल में हिस्सा लेते है जिनमे कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, तीरंदाजी, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, टेनिस, बॉक्सिंग, साइकिलिंग, डाइविंग, जिम्नास्टिक्स, हॉकी, जूडो, स्क्वैश, स्विमिंग, शूटिंग, टेबल टेनिस और भी कई गेम शामिल है.
कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास (Commonwealth Games History)
कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत 92 साल पहले हुई थी. इस गेम का पहला आयोजन साल 1930 में कनाडा में हुआ था. उस समय इसे ‘ब्रिटिश एम्पायर गेम्स’ के नाम से खेला जाने लगा. और साल 1950 तक इसे इसी नाम से पहचान मिली.
साल 1950 के बाद इसे ‘ब्रिटिश एंपायर एवं कॉमनवेल्थ खेल’ के नाम से शुरू कर दिया और साल 1966 में इसे बदलकर सिर्फ कॉमनवेल्थ खेल कर दिया.
कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेने वाले देश सिर्फ वही शामिल है जिन देशों पर ब्रिटेन ने अपना राज़ किया था.
इस गेम के बारे में सबसे पहले आईडिया ब्रिटिश ऑफिसर रिवरेंड एश्ले कूपर को आया. उन्होंने ब्रिटिश गवर्मेंट को इस सुझाव की पेशकश की और बताया कि जिन देशों में ब्रिटिश हुकूमत थी सिर्फ वही देश इस टूर्नामेंट का हिस्सा लेंगे और उन्ही देशो में यह गेम आयोजित किया जाएगा. इस गेम से लोगो की भावना बढेगी और ब्रिटिश सरकार के प्रति एक अच्छी भावना व्यक्त की गई.
यह आईडिया ब्रिटिश गवर्मेंट को सही लगा और कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत की. कॉमनवेल्थ गेम्स बनाने की पीछे की असल वजह लोकतंत्र, मानवाधिकार, साक्षरता, विश्व शांति एवं मुक्त व्यापार को बढ़ावा जो देना था. इस गेम का आयोजन हर 4 साल में होता है. लेकिन साल 1942 और 1946 द्वितीय विश्व युद्ध की वजह से गेम का आयोजन नही हुआ था.
साल 1928 में कॉमनवेल्थ गेम्स की जिम्मेदारी कनाडा के बॉबी रॉबिनसन को दी गई. और पहला आयोजन साल 1930 में कनाडा के शहर हैमिलटन में आयोजित हुआ.
तब इस खेल में 11 देशों के 400 एथलीट्स ने हिस्सा लिया. साल 1934 में दूसरा कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन इंग्लैंड में हुआ इस बार इसमें 16 देशों के 500 एथलीट्स ने हिस्सा लिया. और इस बार भारत भी इस गेम का हिस्सा था. भारत को रेसलर राशिद अनवर ने कुश्ती में कांस्य पदक दिलवाया. यह पुरुष के 74 किलो ग्राम वर्ग का मुकाबला था.
राष्ट्रमंडल के बारे में जानकारी (FAQs) :
Q. राष्ट्रमंडल के वर्तमान अध्यक्ष कौन है ?
A . राष्ट्रमण्डल के महासचिव रायसान कासमीर हैं |
Q. राष्ट्रमंडल में कुल कितने देश हैं
A. वर्तमान में राष्ट्रमंडल में 56 देश हैं, जो कि हर महाद्वीप में अलग अलग फैले हुए हैं, राष्ट्रमंडल में युनाइटेड किंगडम भी शामिल है
Q. क्या भारत राष्ट्रमंडल का सदस्य देश हैघ्
Q. भारत राष्ट्रमंडल का सबसे बड़ा सदस्य देश है।
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