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ISI मार्क क्या होता है : ISI का Full Form क्या है

ISI Full Form -  Indian Standards Institute(भारतीय मानक संस्थान)

जब हम बाजार से कोई सामान खरीदते हैं जैसे - हीटर, Grinder तो उन्हें खरीदते समय हम किन - किन बातों का ध्यान रखते हैं, 

जैसे उसकी क्वालिटी अच्छी हो, अच्छे डिजाइन में हो, latest डिजाइन में हो, उसका Price भी सही हो आदि और साथ ही हम ISI मार्क भी चेक करते हैं हम यह देखते हैं कि इस प्रोडक्ट पर ISI मार्क है या नहीं।

ISI मार्क हम क्यों चेक करते हैं :-  क्योंकि जब प्रोडक्ट पर ISI मार्क होता है तो वह अच्छी क्वालिटी का होता है और यह हमारे यूज करने के लिए Safe है या नहीं| ISI मार्क प्रोडक्ट की क्वालिटी और उसके Safe से जुड़ा है|

आज हम ISI मार्क के बारे में बात करेंगे और इससे जुड़ी जरूरी सभी जानकारी देंगे:- 

ISI मार्क क्या है :-   ISI मतलब Indian Standards Institute है यह 1955 में भारत में Introduce हुआ, इस संगठन का शुरू में नाम ISI था, लेकिन साल 1987 में इसे बदलकर Bureau of Indian Standards(BIS) कर दिया गया है तथा ISI का Use करना Continue रहा, क्योंकि यह प्रोडक्ट की Testing का मार्क है।

इसके अंदर आने वाले हर प्रोडक्ट की क्वालिटी का Evaluate करना और उसे सर्टिफिकेशन मार्क देना BIS का काम है, 

इस तरह सर्टिफिकेशन मार्क का मतलब होता है कि प्रोडक्ट के Manufacturer अपने प्रोडक्ट को Carefully Test किया है और प्रोडक्ट ने सभी मानकों को पूरा किया है।

इस मार्क का रजिस्ट्रेशन प्रोडक्ट Manufacturer के लिए अनिवार्य होता है और इसके द्वारा Manufacturer  और Customer  के बीच अच्छे संबंध बनाने में मदद करता है।




ISI मार्क क्यों जरूरी है :- ISI मार्क Consumer को बताता है कि जो प्रोडक्ट आप बाजार में देख रहे हैं, उसे खरीदने की सोच रहे हैं तो यह प्रोडक्ट सुरक्षित है और इसकी क्वालिटी अच्छी है आप इसे खरीद सकते हैं और इसका यूज कर सकते हैं |

जब किसी प्रोडक्ट पर ISI का Logo नहीं होता है तो ऐसा माना जाता है कि यह प्रोडक्ट बिना सरकार की अनुमति के बाजार में बेचा जा रहा है, 

इसलिए हमें समझ लेना चाहिए कि जब भी आप बाजार से कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं तो उस पर ISI का मार्क होना चाहिए नहीं तो यह प्रोडक्ट नकली भी हो सकता है।

जिस तरह BIS, ISI के द्वारा हमारे लिए good quality  और Safety का ध्यान रखा जा रहा है तो इसलिए आपको भी एक जागरूक ग्राहक बनना चाहिए | 

Safety मार्क को लेकर Awareness होनी चाहिए क्योंकि आप एक उपभोक्ता है और आपकी यह ड्यूटी बनती है कि आप उपभोग उपभोक्ता के तौर पर हमेशा आगे रहे और Fake ISI मार्क से बचें, 

क्योंकि Fake ISI मार्क वाले प्रोडक्ट ना तो अच्छी क्वालिटी के हैं और ना ही यह यूज करने के लिए Safe है इसलिए "जागो ग्राहक जागो "

ISI मार्क Obtain करने का प्रोसेस ISI सर्टिफिकेशन कहलाता है ISI सर्टिफिकेशन 1 साल के लिए Valid होता है जिसे Renew कराया जा सकता है ।

कितने प्रोडक्ट पर ISI मार्क अनिवार्य है :-  भारत में कुछ प्रोडक्ट ऐसे हैं जिनको बिना ISI मार्क के नहीं बेचा जा सकता है यानी इन प्रोडक्ट पर ISI मार्क अनिवार्य है जैसे - सीमेंट, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बैटरी, Stove, ऑटोमोबाइल्स व कुछ प्रोडक्ट के लिए ISI  मार्क एडवाइजरी है।

इन प्रोडक्ट पर ISI मार्क अनिवार्य है :- 

    1. सीमेंट
    2. बैटरियों
    3. घरेलू बिजली के सामान
    4. खाद्य और संबंधित उत्पाद
    5. तेल के दबाव वाला स्टोव
    6. ऑटोमोबाइल सहायक उपकरण
    7. सिलेंडर, वाल्व और रेगुलेटर
    8. चिकित्सकीय उपकरण
    9. इस्पात और लौह उत्पाद
    10. विद्युत ट्रांसफार्मर
    11. विद्युत मोटर्स
    12. संधारित्र (कैपसिटर)
    13. रसायन, उर्वरक, पॉलिमर और कपड़ा
    14. रसोई उपकरण
    15. एलपीजी के साथ प्रयोग के लिए घरेलू वॉटर हीटर
    16. एयर कंडीशनर और उसके संबंधित पुर्जे, हर्मेटिक कंप्रेसर और तापमान संवेदन नियंत्रण
    17. सक्रिय ऊर्जा के लिए प्लग और सॉकेट-आउटलेट और अल्टरनेटिंग-करंट डायरेक्ट कनेक्टेड स्टेटिक प्रीपेमेंट मीटर
    18. तरलीकृत पेट्रोलियम गैसों (LPG) के साथ प्रयोग के लिए घरेलू गैस स्टोव
    19. पारदर्शी फ्लोट ग्लास
    20. घरेलू प्रेशर कुकर
    21. केबल
    22. तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के लिए रबर की नली
    23. एल्युमिनियम पन्नी
    24. बिजली के खिलौने
    25. गैर बिजली के खिलौने
    26. फ्लैट पारदर्शी शीट ग्लास
    27. सुरक्षा प्रदान करने वाले काँच (न टूटनेवाला)
    28. बुने हुए प्लास्टिक के बोरे
    29. बटरफ्लाई वाल्व
    30. साइकिल के लिए रिफ्लेक्टर
    31. कागज़
    32. मवेशी चारा
    33. ऑटोमोबाइल व्हील रिम घटक
    34. जूते
    35. प्रेस टूल-पंच
    36. दोपहिया मोटर वाहनों के लिए हेलमेट
    37. रेफ्रिजरेटिंग उपकरण
    38. सेंट्रीफ्यूगली कास्ट (स्पून) लोहे के पाइप
    39. फ्लक्स कोर्ड (ट्यूबलर) इलेक्ट्रोड
    40. सिलाई मशीन
    41. पीने योग्य पानी की आपूर्ति के लिए पीवीसी पाइप और फिटिंग्स
    42. कृषि में पीवीसी पाइप और फिटिंग और कृषि पंपों और वर्षा जल प्रणालियों के सक्शन और वितरण लाइनों में
    43. ड्रेनेज और सीवरेज सिस्टम के लिए पीवीसी पाइप और फिटिंग
    44. जल उपचार प्रणाली
    45. जूट का थैला

असली ISI मार्क को कैसे पहचाने :-  आपको एक जागरूक ग्राहक बनने के लिए ISI मार्क के Component जान लेने चाहिए, ताकि आप नकली और असली ISI मार्क में अंतर कर सकें| 

Generally ISI मार्क प्रोडक्ट की पैकेजिंग पर देखा जा सकता है या इसे प्रोडक्ट पर प्रिंट किया जाता है Original ISI Mark Rectangle शेप में होता है जिसमें एक नंबर IS: 9091 लिखा होता है, 

IS तो हर प्रोडक्ट पर लिखा रहता है लेकिन इसका नंबर चेंज होता रहता है क्योंकि यह नंबर प्रोडक्ट की कैटेगरी बताता है फिर ISI Logo के नीचे CM/C- 8000010(7 digit नंबर) होता है यह नंबर उस चीज को बताता है जहां यह प्रोडक्ट Produce हुआ है।

नकली ISI मार्क की पहचान कैसे करें :- असली में IS:9091 फिर ISI Logo फिर CM/L 8000010 (7-digit Number) लिखा होता है, 

लेकिन नकली में CM/L - 8000010 की जगह 7 से ज्यादा डिजिट नंबर या कम लिखे होते हैं जैसे CM/L-801023567 आदि।

और जिन प्रोडक्ट पर As per ISI standards, Confirmed to ISI standards, As per ISI specification लिखा होता है तो वे प्रोडक्ट नकली होते हैं एवं इन प्रोडक्ट को ISI मार्क ना समझे|

इसलिए आप असली ISI मार्क वाला प्रोडक्ट ही खरीदें और एक जागरूक ग्राहक बने।

ISI मार्क की स्थापना कब हुई :- इसकी स्थापना जनवरी, 1947 को हुई थी व 1955 में ISI  का चिन्ह भारत में उत्पाद के लिए एक मानक अनुपालन चिन्ह दिया गया था तथा जनवरी 1987 में ISI (भारतीय मानक संस्थान) का नाम बदलकर BIS(भारतीय मानक ब्यूरो) कर दिया गया था, 

वर्तमान में ISI टेस्टिंग मानक के रूप में जारी है , ISI के पहले निर्देशक डॉ लाल सी वर्मन बने।

ISI मार्क कैसे लें :- Manufacturer ISI मार्क के लिए Summit कर सकता है और उसके बाद BIS का अधिकारी उसका Evaluation करने आएगा, 

Manufacturer से संबंधित अन्य प्रोसेस भी पूरे किए जाएंगे यदि अधिकारी द्वारा किया गया Evaluation का रिजल्ट सही रहता है तो प्रोडक्ट को ISI मार्क मिल जाएगा| 

ISI मार्क लेने का दूसरा तरीका- इसमें Manufacturer इन टेस्ट की रिपोर्ट Send करता है जो BIS अधिकारी द्वारा Evaluate किए जाने हैं और फिर BIS उसकी ऑथेंटिसिटी चेक करता है और BIS द्वारा सर्टिफिकेशन के लिए जरूरी documents भेजा जाता है ,

यह प्रोसेस 1 महीने में हो सकता है और अगर Manufacturer का प्रोडक्ट BIS मानक का पूरा करता है तो उसे ISI मार्क मिल जाता है।

इसके बाद Manufacturer के लिए अनिवार्य है कि वह उन प्रोडक्ट में BIS मानकों को mantain रखें एवं BIS इस पर नजर बनाए रखती है और कभी भी बीआईएस द्वारा सैंपल की टेस्टिंग की जा सकती है,

यदि यह सैंपल BIS मानक से Match नहीं कर रहे हैं तो उस कंपनी के खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है।

ISI मार्क रिजेक्ट कैसे होता है:- कई बार Manufacturer द्वारा एप्लीकेशन सबमिट होने के बाद ISI मार्क रिजेक्ट हो जाता है जिसके निम्न कारण है :-

  • Manufacturer द्वारा एप्लीकेशन सबमिट करने के बाद सैंपल ना देना, 
  • Firm या Applicants Unethical गतिविधियों में शामिल हो, 
  • Manufacturer द्वारा सही डाक्यूमेंट्स Submit ना किए जाए, 
  • Testing के लिए लिया गया सैंपल फेल हो जाए, 

ओरिजिनल ISI मार्क वाले प्रोडक्ट को ग्राहक तक पहुंचाने के लिए प्रोडक्ट Seller की ड्यूटी है कि वह प्रत्येक इनवॉइस पर ISI मार्क सर्टिफिकेशन की डिटेल Specify करें| 



शिकायत कैसे करें : - यदि किसी ग्राहक को ISI मार्क वाले प्रोडक्ट की क्वालिटी सही ना लगे तो आप BIS में शिकायत कर सकते हैं जब मैन्युफैक्चरिंग के खिलाफ शिकायत की जाती है तो इसकी Investigation को Complete होने में 3 माह का समय लगता है।

ISI मार्क का उद्देश्य :- 

  • ग्राहकों को प्रोडक्ट की क्वालिटी का विश्वास दिलाना, 
  • ग्राहकों के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षा प्रदान करना, 
  • प्रोडक्ट सुरक्षित रहे, 
  • नकली प्रोडक्ट से बचना, 
  • अच्छे प्रोडक्ट के खरीददार से ग्राहकों का विश्वास बढ़ाना।

ISI मार्क के क्या फायदे हैं ? :-  

  • इससे ग्राहकों में Satisfaction बढ़ता है, 
  • यह प्रोडक्ट के निर्माताओं को अपना बिजनेस बढ़ाने में मदद करता है, 
  • बाजार में अच्छी क्वालिटी वाले प्रोडक्ट को प्रोत्साहन मिलता है, 
  • नकली ISI मार्क को रोकने में मदद मिलेगी, क्योंकि इसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है।

निष्कर्ष :- ISI मार्क के बहुत सारे फायदे होते हैं जैसे यह ग्राहक को क्वालिटी का विश्वास दिलाता है, ऐसे प्रोडक्ट बेहतर परफॉर्मेंस की गारंटी देते हैं| 

इसलिए आपको ISI मार्क वाला प्रोडक्ट ही खरीदने चाहिए और ऐसे ही प्रोडक्ट खरीदने चाहिए जिन पर ओरिजिनल ISI मार्क हो| 

ISI मार्क के अलावा भी भारत में अन्य मार्क है जिससे यदि यह प्रोडक्ट पर ना हो तो उसे पूरे भारत में Legally नहीं बेचा जा सकता जैसे - फूड प्रोडक्ट के लिए FSSAI, गोल्ड और चांदी की ज्वेलरी के लिए BIS Mark, प्रोसैस्ड फूड प्रोडक्ट के लिए FPO,  

Eco फ्रेंडली प्रोडक्ट के लिए इकोमार्क और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के लिए एगमार्क होते हैं इन मार्कों को जानना बहुत जरूरी है ताकि आप जागरूक ग्राहक बन सके।

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