जब ब्रिटेन में लोकतंत्र आया तो वहां लोकतंत्र को 'बहुमत के शासन' के रूप में दर्शाया गया और ब्रिटेन में व्यक्ति का मत एक था, राष्ट्राध्यक्ष वंशानुगत था,
जहां संसद सर्वोच्च होती है यहां लार्ड सभा - (जहां लोगों को जनता द्वारा नहीं चुना जाता है) है ।
इसलिए हमें लोकतंत्र में यह समझना कठिन हो जाता है कि इसमें स्वतंत्रता ज्यादा मिलती है कि यह बहुमत का शासन ज्यादा है, इसलिए लोकतंत्र में यह दिक्कत आ रही है कि "शक्ति का केंद्र" प्रमुख होगा या आजादी|
गणतंत्र का अर्थ क्या है : - इसके विपरीत अमेरिका के संविधान निर्माताओं ने 'लोकतंत्र' शब्द का प्रयोग ही नहीं किया, बल्कि उसके स्थान पर 'गणतंत्र' शब्द का प्रयोग किया|
उनका मत था कि लोकतंत्र में आजादी का दमन होता है, क्योंकि लोकतंत्र का मतलब होता है आजादी|
यदि आप आजादी और मौलिक अधिकारों को अपनाते हो तो "शक्ति का केंद्र" को पीछे करना पड़ेगा, इसलिए अमेरिका ने 'संसद की सर्वोच्चता' के बजाय संविधानवाद को बढ़ावा दिया,
जिससे स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा हो सके और संविधानवाद के साथ "शक्ति का पृथक्करण" को अपनाया ताकि संतुलन बना रहे।
इसलिए अमेरिका में यह बात दिखाई देती है कि जैसे - अमेरिका का राष्ट्रपति सीधे जनता से निर्वाचित नहीं होता, बल्कि आम जनता निर्वाचक मंडल का निर्माण करती है और निर्वाचक मंडल राष्ट्रपति का निर्माण करता है|
इसके पीछे परिकल्पना यह थी कि बहुमतवाद स्थापित ना हो पाए, क्योंकि हो सकता है आम जनता जो बात कहे निर्वाचक मंडल वही बात मान ले यह जरूरी नहीं |
अमेरिका में "शक्ति के पृथक्करण" को कैसे आगे बढ़ाए गया for Example - अमेरिका में दो सदन है, एक सीनेट, जिसमें 100 सदस्य हैं|
दूसरा प्रतिनिधि सदन के सदस्यों की संख्या 435 है तथा सीनेट प्रतिनिधि सदन की राय को वीटो कर देती है यानी सीनेट जब चाहे किसी प्रतिनिधि सदन की बात को रिजेक्ट कर सकती है।
अमेरिका में ब्रिटेन के विपरीत यहां राष्ट्रपति चुना जाता है, इसलिए गणतंत्र की परिभाषा में कहा जाता है कि जहां राष्ट्र का अध्यक्ष निर्वाचित हो वहां गणतंत्र है, जो कि एक संकीर्ण परिभाषा को दर्शाता है जबकि व्यापक अर्थ में गणतंत्र का मतलब है "व्यक्ति की आजादी"|
लेकिन लोकतंत्र के साथ आजादी मिल जाए यह जरूरी नहीं, क्योंकि लोकतंत्र में समाज बहुमत वाला हो जाता है, जहाँ परंपराओं, प्रथाओं के नाम पर आजादी को रोकने का प्रयास किया जाता है।
वर्तमान परिदृश्य में ज्यादातर समकालीन लोकतांत्रिक विचारक गणतंत्रात्मक की तरफ जा रहे हैं जिससे गणतंत्र का मतलब और विस्तारित होता जा रहा है|
आज लोकतंत्र में शासन के बहुमत से ज्यादा व्यक्ति की आजादी, मौलिक अधिकार का महत्व है जो कि गणतंत्र को दर्शाता है इसलिए गणतंत्र भी लोकतंत्र है,
क्योंकि Freedom इंडेक्स रिपोर्ट से पता लगता है कि निर्वाचन तो कही देशों में होता है, लेकिन आजादी नहीं होती, आजादी को दबाया जाता है।
इसलिए कई विचारक जैसे हन्ना आरेंट, रूसो आदि गणतंत्र की बात करते हैं|
वर्तमान में राजनीति के निर्वाचित लोकतंत्र की बजाए, निर्वाचित Autocracy जिसमें सरकार बहुमत में आ जाए, उत्तरदाई हो जाए और आजादी का दमन कर दें, तो निर्वाचित ऑटोक्रेसी कहलाता है,
जबकि लोकतंत्र का मतलब है हर 4-5 साल में चुनाव कराना, व्यक्ति की आजादी, सीमित शासन, जनता की सहभागिता को बढ़ा देना एवं जब जनता की सहभागिता को बढ़ाया जाता है वहां गणतंत्र आएगा ।
भारतीय संविधान निर्माता लोकतंत्र और गणतंत्र दोनों शब्दों का प्रयोग करते हैं तथा भारतीय संविधान गणतंत्रात्मक से ज्यादा प्रभावित है, क्योंकि भारत में "शक्ति का पृथक्करण", 'संसद की सर्वोच्च' ना होना आदि नहीं है| भारत एक लोकतंत्रात्मक गणराज्य है।
लोकतंत्र और गणतंत्र में अंतर :-
लोकतंत्र क्या है :- सामान्यता लोकतंत्र में जनता का शासन होता है, बहुमत का शासन होता है यानी लोकतंत्र में सामान्य जनता या उसके बहुमत की इच्छा से शासन चलता है |
लोकतंत्र में राष्ट्राध्यक्ष वंशानुगत होता है|
'लोकतंत्र' शब्द का अंग्रेजी मीनिंग डेमोक्रेसी है, जिसकी उत्पत्ति ग्रीस मूल शब्द "डेमोस" हुई है जिसमें '[डेमोस' अर्थ होता है जनसाधारण और इस शब्द में "क्रेसी" शब्द जोड़ा गया जिसका अर्थ 'शासन' होता है यानी जनसाधारण द्वारा किया गया शासन ही लोकतंत्र है।
सरटोरी के अनुसार "लोकतंत्र काफी कठिन शासन है, इतना कठिन कि केवल विशेषज्ञ लोग ही इसे भीड़तंत्र से बचा सकते हैं|"
हंटिगटन के अनुसार लोकतंत्र को तीन आधारों पर समझा जा सकता है -
- शासकीय सत्ता का एक साधन
- सरकार का उद्देश्य,
- सरकार को चुनने की प्रक्रिया के रूप में |
वैसे भारत में लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली की शुरुआत पूर्व वैदिक काल से ही हो गई थी, प्राचीन काल में भारत में सुदृढ़ लोकतांत्रिक व्यवस्था विद्यमान थी,
जिसके सबूत हमें सिक्को, प्राचीन साहित्य और अभिलेखों से प्राप्त होते है।
गणतंत्र क्या है :- इसमें दो शब्द आते हैं 'गण' और 'तंत्र' जहां गण का मतलब है जनता और तंत्र का मतलब है सिस्टम|
गणतंत्र में देश का प्रमुख चुना जाता है गणतंत्र के शासनतंत्र में देश के सर्वोच्च पद पर आम जनता में से कोई भी व्यक्ति पदआसीन हो सकता है| इस तरह के शासनतंत्र को गणतंत्र कहा जाता है|
आज ज्यादातर देश गणराज्य हैं और साथ ही साथ लोकतांत्रिक भी भारत स्वयं एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, गणतंत्र लेटिन - रेस पब्लिक से आया है जो सरकार का एक रूप है,
जिसमें देश को एक सार्वजनिक मामला माना जाता है, ना कि शासकों की निजी संस्था या संपत्ति |
गणतंत्र में राज्य का प्रमुख राजा नहीं होता है|
दुनिया में 2017 तक लगभग 159 देश अपने आधिकारिक नाम के हिस्से में रिपब्लिक शब्द का उपयोग करते हैं|
इतिहास के प्राचीन युग के गणों की तरह आज के गणराज्य, अब ना तो क्षेत्र में अत्यंत छोटे हैं और ना आपस में फूट और द्वेषभावना से ग्रस्त है और ना प्राचीन और मध्यकालीन भारत और यूरोप के गणराज्य की सीमित मतदान, बल्कि अब समस्त जनता का प्राधान्य हो गया है।
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