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विश्व बैंक क्या है?, विश्व बैंक की स्थापना, उद्देश्य, कार्य : विश्व बैंक में कितने देश हैं

जून 2023 में भारतीय मूल के अजय बंगा को 5 साल के लिये विश्व बैंक का अध्यक्ष के रूप में चुना गया है, ये विश्व बैंक के 14वें अध्यक्ष है। इन्होंने डेविड मलपास का स्थान लिया है।

इस पद पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा अजय बंगा की इस पद के लिये नामित किया गया है यह निर्णय, बोर्ड के 25 में से 24 सदस्यों द्वारा मतदान में जिसमें रूस ने इस मतदान में भाग नहीं लिया। 

अजय बंगा को जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक संकटों से निपटने हेतु विश्व बैंक में बदलाव करने का काम सौंपा गया है, साथ ही आपको बता दे कि विश्व बैंक का अध्यक्ष आबीआरडी(पुनर्निर्माण और विकास के लिये अन्तर्राष्ट्रीय बैंक) के कार्यकारी निदेशक बोर्ड का अध्यक्ष भी होता है।

वर्ल्ड बैंक इन हिंदी :- विश्व बैंक ऐसी संस्था  है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, विश्व के पुनर्निर्माण के कार्यों को बेहतर करने के लिए ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखने वाली संस्था थी|  

अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक(IBRD) की स्थापना ब्रेटनवुड्स समझौते जुलाई, 1944 के तहत हुई और 27 दिसंबर 1945 को इसका विधिवत उद्घाटन हुआ इसे विश्व बैंक भी कहा जाता है

विश्व बैंक की स्थापना द्वितीय विश्व युद्व के समय हुए नुकसान की भरपाई के लिये की गयी। विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र से ही संबंधित संस्था है, इसमें 5 संस्थाओं के शामिल होने के कारण इसे विश्व बैंक समूह भी कहा जाता है।  

विश्व बैंक का मुख्यालय :- वाशिंगटन डीसी में है, वर्तमान में 189 देश इसके सदस्य हैं| तुवाल, दक्षिण सुदान और नौरू इसके नवीनतम सदस्य हैं। 

5 अप्रैल, 2019 को डेविड आर मलपास को इस के कार्यकारी निदेशक मंडल द्वारा विश्व बैंक समूह के 13वें अध्यक्ष के रूप में चुना गया था, इनका कार्यकाल 5 साल का है जो 9 अप्रैल को शुरू हुआ था यानी डेविड आर मलपास को विश्व बैंक का अध्यक्ष चुना गया है।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व बैंक के सभी अध्यक्ष अमेरिकी पुरुष ही रहे हैं इसलिए 13वें अध्यक्ष डेविड आर मलपास भी अमेरिका से हैं।

विश्व बैंक का अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक(IBRD) व  अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (IDA) के निदेशक मंडल के अध्यक्ष होते हैं।

डेविड आर मलपास कौन है :- यह अमेरिकी आर्थिक विश्लेषक, पूर्व सरकारी अधिकारी हैं|  2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के समय डेविड आर मलपास ने डोनाल्ड ट्रंप के आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य किया, 

इन्होंने जार्जटाउन यूनिवर्सिटी के "स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस" में अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का अध्ययन किया इन्होंने न्यूयॉर्क शहर की एक फर्म एनकिमा ग्लोबल की स्थापना की।

सामान्यता IBRD व IDA को विश्व बैंक की संज्ञा दी जाती है, जबकि विश्व बैंक समूह में 5 संस्थाएं सम्मिलित हैं -

    1. IBRD- International Bank for reconstruction and development. 
    2. IDA - International Development Association. 
    3. IFC  - International finance corporation. 
    4. MIGA - Multilateral Investment Guarantee Agency.
    5. ICSID - International Centre for settlement of investment disputes.

इन 5 संस्थाओं के सदस्य अलग-अलग हैं, सबसे ज्यादा सदस्य IBRD के हैं।

विश्व बैंक क्या है व इसका इतिहास- 

द्वितीय विश्व युद्व के बाद कई कम्पनियों को नुकसान हुआ, कई देशों को बहुत बड़ा नुकसान हुआ, तथा पूरा वर्ल्ड उस वक्त परेशान हो रहा था, और विश्व में उस वक्त शांति की बहुत ज्यादा आवश्यकता थी, जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई करने के लिये, साथ ही जो देश पूरी तरह से बर्बाद हुए हैं, उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधारने की जरूरत थी, 

क्योंकि द्वितीय विश्व युद्व ने ना केवल आर्थिक स्थिति को नुकसान हुआ बल्कि इससे मानवीय नुकसान भी बहुत ज्यादा हुआ था, इसी क्षति को पूरा करने के लिये आईबीआरडी(इसे हम विश्व बैंक भी कहते हैं) की स्थापना की घोषणा की,  यह एक वैश्विक वित्तीय संस्था है, जिसकी स्थापना 1944 में ब्रेडन बुड के तहत हुई, इसकी स्थापना IMF के साथ की गयी थी, 

यह यूएन का भी एक अहम हिस्सा है और विश्व बैंक अकेले काम नहीं करता है, यह 5 संस्थाओं(IBRD, IDA, IFC, MIGA, ICSID) के साथ मिलकर काम करता है, इन संस्थाओं के द्वारा ही विश्व बैंक मध्य व गरीब देशों को लोन प्रोवाइड कराता है। विश्व बैंक ने जो सबसे पहले लोन दिया वह देश फ्रांस था| 

विश्व बैंक कैसे काम करता है- 

यदि आपको लगता है कि यह भी वाणिज्यिक बैंक की तरह काम करता है, तो ऐसा नहीं है, क्योंकि इसके काम करने का तरीका अलग है, विश्व बैंक अपने सदस्य देशों के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रहा है, यह 5 से 20 साल की अवधि के लिये अलग अलग परियोजनाओं के लिये लोन उपलब्ध कराता है, 

यह अपने सदस्य देशों के लिये चुकता पूंजी में यानी जो उन पर कर्जा है उसको चुकाने के लिये, साथ ही यह निजी सदस्यों को अपनी गारंटी पर लोन देता है, लेकिन जो प्राइवेट निवेशक है, उसको अपने देश से अनुमति लेनी होती है, और यह सेवा शुल्क के रूप में 1 प्रतिशत से 2 प्रतिशत तक चार्ज करता है, लोन की नियम शर्ते, मापदंड वगैरा विश्व बैंक खुद तय करता है।

जो देश लोन लेता है, उसे आरक्षित मुद्रा या करेंसी(जिसमें उसने लोन लिया था) में लोन चुकाना होता है, यदि कोई सदस्य देश विश्व बैंक की नीति, नियम शर्ते को फोलो नहीं करता है, तो विश्व बैंक उसको लोन देने से मना कर सकता है।


विश्व बैंक क्या है : इसके उद्देश्य, कार्य क्या है : विश्व बैंक में कितने देश हैं और इसमें देशों का योगदान : What is World Bank in hindi


विश्व बैंक के उद्देश्य 

सदस्य राष्ट्रों के आर्थिक पुनर्निर्माण व विकास हेतु उन्हें दीर्घकालीन पूंजी उपलब्ध कराना।


विश्व बैंक द्वारा यह पूंजी निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु प्रदान की जाती है,-


युद्ध से युद्ध विनाश हुई अर्थव्यवस्थाओं के पुनर्निर्माण हेतु सहायता


विश्व बैंक का मुख्य उद्देश्य है युद्ध से हुई अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्निर्माण करने के लिए सहायता प्रदान करना।


वित्तीय सहायता के माध्यम से शांतिकालीन आवश्यकताओं को पूरा करना


विश्व बैंक का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य है शांतिकालीन आवश्यकताओं के अनुरूप शक्तियों को पुनः वित्तीय सहायता के माध्यम से प्रदान करना।


अल्पविकसित देशों के साधनाओं और उत्पादन की सुविधाओं का विकास


विश्व बैंक का तीसरा उद्देश्य है अल्पविकसित देशों में साधनाओं और उत्पादन की सुविधाओं का विकास करना।


दीर्घकालीन पूंजी विनियोग के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संतुलित विकास को प्रोत्साहित करना


विश्व बैंक का चौथा उद्देश्य है दीर्घकालीन पूंजी विनियोग के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संतुलित विकास को प्रोत्साहित करना, जिससे सदस्य राष्ट्रों की उत्पादकता में वृद्धि हो और मानव शक्ति की स्थिति, जीवन स्तर और उन्नति में सुधार हो सके।


सदस्य देशों में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करना


विश्व बैंक का पांचवा उद्देश्य है सदस्य देशों में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित करना। इसके माध्यम से निजी ऋणों या पूंजी निवेश के लिए गारंटी प्रदान की जाती है, जिससे उत्पादक कार्यों के लिए आवश्यक पूंजी उपलब्ध कराई जा सकती है।


विश्व बैंक की संरचना


विश्व बैंक की संरचना में गवर्नरों का बोर्ड, प्रशासनिक संचालक बोर्ड (Board of Executive), सलाहकार समिति और ऋण समिति महत्वपूर्ण हैं। गवर्नरों के बोर्ड में प्रत्येक सदस्य देश एक गवर्नर नियुक्त करता है, जो सामान्यतः उस देश का वित्त मंत्री होता है।


विश्व बैंक के कार्य :


  • ऋण देना -उत्पादक कार्यों के लिए,

  • नीतिगत सुधार कार्यक्रमों और विभिन्न परियोजनाओं के लिए विकासशील देशों को ऋण देना,

  • सतत विकास एवं गरीबी दूर करने हेतु ऋण देना|  

  • गारंटी देना,

  • तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना, 

  • निजी उद्योगपतियों को ऋण देना | 

  • अंतरराष्ट्रीय विवादों का निपटारा जैसे - स्वेज नहर, भारत-पाक नहर विवाद, 

  • सरकार और विदेशी निवेशकों के मध्य समन्वय स्थापित करना।

  • विश्व बैंक में कमियां क्या हैं-

  • 2015 में लीमा(पेरू) में आयोजित विश्व बैंक और IMF की विकास समिति, जो विकास संबंधी

  • मुद्दों पर कार्य करती है।


IBRD  

  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संतुलित विकास हेतु दीर्घकालीन पूंजी विनियोग को प्रोत्साहित करना- जिससे कि सदस्य राष्ट्र की उत्पादकता में वृद्धि हो, ताकि मानव शक्ति की स्थिति, जीवन स्तर और अधिक उन्नत हो सके।
  • वैसे इसका निर्माण युद्ध की परिस्थितियों से पुनर्निर्माण के लिए हुआ था, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों (सामाजिक अवसंरचना का विकास जैसे - पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता के लिए, जलवायु परिवर्तन के लिए, सड़कों के निर्माण आदि) के लिए विश्व बैंक की आवश्यकता है।
  • विकास में अवसंरचना के वे कार्य जिससे उत्पादकता बढ़ती है, उसमें यह मदद करती है|  
  • सदस्य देशों में पूंजी निवेश को निम्न माध्यमों से प्रोत्साहित करना जैसे -
  • निजी ऋणों या पूंजी निवेश के लिए गारंटी प्रदान करना जैसे - यदि Elon Musk भारत में निवेश करना चाहते हैं  और उन्हें डर है कि राजनीतिक उथल-पुथल या अन्य कारणों से कहीं उन्हें नुकसान ना हो जाए तो ऐसे में विश्व बैंक गारंटी का काम करेगी।
  • निजी पूंजी निवेश को गारंटी दिए जाने के फलस्वरूप भी यदि निजी पूंजी उपलब्ध ना हो पाए, तो स्वयं के साधनों से उपयुक्त शर्तों पर उत्पादक कार्यों हेतु ऋण उपलब्ध कराना है।
  • लघु एवं वृहत इकाइयां तथा आवश्यक परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु ऋण प्रदान करना या ऐसे ऋणों  के लिए गारंटी देना।
  • वर्तमान में विश्व बैंक का मुख्य कार्य सदस्य राष्ट्रों विशेषकर, अल्प विकसित राष्ट्रों को विकास हेतु आवश्यकता अनुसार ऋण उपलब्ध कराना है | 
  • सामान्यता विश्व बैंक द्वारा ऋण दीर्घकालीन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए दिए जाते हैं, इनकी अवधि 5 वर्ष से 20 वर्ष तक हो सकती है।

MD- संचालक बोर्ड(25 सदस्य) - गवर्नरों का बोर्ड(189सदस्य) | 

एक Alternate गवर्नर की भी नियुक्ति की जाती है, जो गवर्नर की अनुपस्थिति में कार्य करता है|  इनका कार्यकाल 5 वर्ष होता है, लेकिन इसके पूर्व भी इन्हें बदला जा सकता है |

गवर्नरों का बोर्ड की 1 वर्ष में कम से कम एक बैठक होना आवश्यक है, जो अक्सर IMF की जो सालाना बैठक के साथ ही होती है और वार्षिक बैठक में महत्वपूर्ण विषय पर विस्तार विमर्श किया जाता है।

विश्व बैंक को अपना पैसा कहाँ से मिलता है :- संचालक बोर्ड के सदस्यों की संख्या 25 है इनमें से 5 सदस्यों को उन सदस्यों द्वारा चुना जाता है जिनका विश्व बैंक में कोटा सर्वाधिक है, यह देश है -

  • USA - 15.67 %, 
  • जापान 7.88%, 
  • चीन 4.37%, 
  • जर्मनी 3.96 % और 
  • यूके 3.71 % है और जो बाकी 20 सदस्य 184 देशों द्वारा चुने जाते हैं।

यानी जिन देशों की विश्व बैंक में ज्यादा हिस्सेदारी है उन 5 देशों का बिना निर्वाचन के सदस्य होता है जो कि पक्षपात को दर्शाता है, 

इसलिए विकासशील देशों की मांग है कि इनमें भी IMF की तरह सभी सदस्यों का चुनाव होना चाहिए, फिर यह 25 सदस्य मिलकर एक व्यक्ति का निर्माण करते हैं जिसे MD(Managing Director) कहा जाता है।

2008 के बाद विकासशील देशों के पक्ष में 4.59 प्रतिशत मताधिकार बढ़ा है जिससे इन देशों का मताधिकार 47. 19 % हो गया है यानी इन सभी विकासशील देशों का मताधिकार 47.19 प्रतिशत है।

2008 से पहले भारत और चीन का मताधिकार 2.77% - 2.77% था,  लेकिन सितंबर 2017 तक भारत का मताधिकार बढ़कर 3.00% हो गया तथा चीन का मताधिकार 4.37 प्रतिशत हो गया है, 

इसी कारण चीन मताधिकार के मामले में तीसरे स्थान पर हो गया है और भारत सातवें स्थान पर है और 20 संचालक अन्य 184 सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं हर एक संचालक को उसके देश के अंशदान की राशि के अनुसार मताधिकार प्राप्त होते हैं।

इसका मतलब हुआ कि जिस देश का अंशदान जितना होगा उसकी वैल्यू भी उतनी होगी, उसकी बात भी उतनी सुनी जाएगी।

सलाहकार समिति व ऋण समिति की नियुक्ति संचालक बोर्ड द्वारा होती है, संचालक बोर्ड की मीटिंग 1 सप्ताह में कम से कम एक बार होना आवश्यक है|  

संचालक समिति का अध्यक्ष विश्व बैंक का प्रधान अधिकारी होता है, जो विश्व बैंक के सभी साधारण कामों की देखभाल करता है|  

अध्यक्ष को केवल अपना निर्णायक मत देने का अधिकार होता है यानी अध्यक्ष मत तब देगा, जब मत बराबर हो + साधारणता अध्यक्ष को मताधिकार नहीं होता है।

अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (IDA) क्या है :- 

गरीब देशों को आसान शर्तों पर उदारतापूर्वक, दीर्घकालिक ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से एक अंतरराष्ट्रीय विकास संघ-IDA की स्थापना का विचार सर्वप्रथम अमेरिका के सीनेटर मौनरोने ने रखा | 
इसे Soft  Loan विंडो भी कहते हैं, यह गरीब देशों को ऋण उपलब्ध कराने वाली संस्था है, भारत इस में सहयोग करता है इसके द्वारा जो ऋण दिया जाता है, 

वह बहुत कम ब्याज दर पर दिया जाता है और इसे वापस करने की सीमा समय सीमा 40 वर्ष तक हो सकती है।

इसकी स्थापना 24 सितंबर, 1960 को विश्व बैंक की सहयोगी संस्था के रूप में इसकी स्थापना की गई, वर्तमान में इसके कुल सदस्य 173 है|  

इसकी स्थापना विश्व बैंक की पूरक संस्था के रूप में कार्य करते हुए गरीब देशों के लिए सरल शर्तों पर सस्ते दीर्घकालीन ऋण की व्यवस्था हेतु की गई है, ताकि उन देशों की गरीबी को दूर किया जा सके

IBRD विकसित, विकासशील देशों को ऋण उपलब्ध कराता है, जबकि IDA अल्पविकसित, गरीब देशों को ऋण उपलब्ध कराता है।

IDA विश्व बैंक का हिस्सा है जो दुनिया के सबसे गरीब देशों की मदद करता है, 173 शेयरधारक देशों द्वारा ओवरसाइड, IDA का उद्देश्य ऋण प्रदान करना है, इसे क्रेडिट(Credit) कहा जाता है, 
और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, असमानताओं को कम करने, लोगों की जीवन स्थितियों में सुधार के लिए अनुदान प्रदान करना है।

IDA ने IBRD का अनुपालन किया है IBRD एक आत्मनिर्भर व्यवसाय के रूप में कार्य करने के लिए स्थापित किया गया था, जो गरीब देशों को ऋण और सलाह प्रदान करता है | 

IBRD और IDA के स्टाफ और मुख्यालय समान है और समान कठोर मानकों के साथ परियोजनाओं का मूल्यांकन करते हैं यानी जिस देश ने ऋण लिया, उसने इसके अनुसार कार्य किया या नहीं,  इसका मूल्यांकन करते हैं।

IDA विश्व के 76  सबसे गरीब देशों के लिए सहायता के सबसे बड़े स्रोतों में से एक से है, यदि इन देशों को कहीं ऋण नहीं मिल रहा है, तो यह IDA के पास जा सकते हैं भारत इसका संस्थापक सदस्य है।

IDA रियायती शर्तों पर पैसा उधार देता है यानी IDA क्रेडिट में शून्य या बहुत कम ब्याज शुल्क पर ऋण देता है और वापस करने के लिए भुगतान 30 से 38 वर्ष तक बढ़ाए जाते हैं, जिसमें 5 से 10 साल की छूट अवधि भी शामिल है | 

IDA देशों को ऋण संकट के जोखिम पर अनुदान भी प्रदान करता है यानी IDA ऋण का ब्याज चुकाने के लिए भी पैसा दे सकता है।

इसके अलावा IDA, Heavily indebted poor देशों(HIPC) पहल और बहुपक्षीय ऋण राहत पहल (MDRI)  के माध्यम से ऋण राहत के महत्वपूर्ण स्थल प्रदान करता है।

IDA द्वारा जो ऋण दिया जाता है उन ऋणों की शर्तें, उद्देश्य व लागत विश्व बैंक द्वारा दिए गए ऋणों से अलग होने के कारण इन्हें ऋण(Loan) ना कहकर साख(Credit) कहा जाता है | 

IDA उन्हीं उद्देश्यों के लिए साख देता है, जिनके लिए विश्व बैंक द्वारा ऋण दिए जाते हैं, लेकिन IDA द्वारा केवल गरीब देशों को ही ऋण दिया जाता है।

IBRD और IDA में अंतर :- 

  • IBRD विकसित और विकासशील देशों को ऋण देती है, जबकि IDA गरीब देशों को|  
  • IBRD की शर्तें कठोर होती हैं, जबकि IDA की शर्ते सरल होती हैं|  
  • IBRD में ब्याज ज्यादा होता है और IDA में बहुत कम होता है | 
  • IBRD के 189 सदस्य हैं, जबकि IDA के 173 | 
  • IBRD का मुख्य उद्देश्य पुनर्निर्माण और विकास के कार्यों में सहायता करना, जबकि IDA का मुख्य उद्देश्य हैं गरीबी दूर करना | 
  • IBRD की स्थापना 1945 में हुई, जबकि IDA की 1960 में।

International Finance Corporation-IFC(अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम):-  इसका मुख्य लक्ष्य है विकासशील, अल्प विकसित देशों में जो उद्योगपति है, निजी व्यक्ति है, जो निजी उद्योग है, उन्हें वित्त की सुविधा उपलब्ध कराना|

जैसे - भारत में अडानी जी को किसी प्रोजेक्ट के लिए ऋण चाहिए, यदि भारत उन्हें ऋण नहीं दे पाया तो फिर वह IFC  से ऋण प्राप्त कर सकते हैं यानी विकासशील देशों के उद्योगपतियों के ऋण के लिए बनाई गई संस्था है।

1956 में विश्व बैंक ने आईएफसी की व्यवस्था संबंधी मसौदा अपने सदस्यों के सामने रखा, 

जुलाई, 1956 में इसके सदस्यों की संख्या 31 हो जाने पर इसकी विधिवत स्थापना कर दी गई और 1962 में यह UNO का सहयोगी बन गया, वर्तमान में इसके 184 सदस्य हैं इसका मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में है।

इसके उद्देश्य निम्न है:- 

निजी उद्योग से उद्देश्यों के विकास, सुधार और विस्तार को प्रोत्साहित करना और इसके लिए बिना सरकार की गारंटी के सदस्य देशों में स्थित निजी उद्योगों में निवेश करना, 

यानी यह संस्था बिना सरकार के निजी उद्योगों को ऋण दे सकती है|  

निवेश के अवसरों, देशी और विदेशी निजी पूंजी तथा अनुभवी प्रबंधन को परस्पर मिलाना और उन में समन्वय स्थापित करना | 

सदस्य राष्ट्रों में घरेलू और विदेशी व्यक्तिगत पूंजी को उत्पादनशील निवेशकों में प्रभावित कर उन परिस्थितियों को जन्म देना, जो विकास में सहायक हो।

MIGA - Multilateral Investment Guarantee Agency(बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी) :-  बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी - MIGA की स्थापना अप्रैल, 1988 में की गई तथा इसका मुख्यालय वाशिंगटन में बनाया गया, 

वर्तमान में 156 विकासशील देशों तथा 25 औद्योगिक देशों सहित इसके सदस्यों की कुल संख्या 181 है|  

दिसंबर, 2014 को भूटान इसका 181 मे सदस्य बना था | 

यानी यदि कोई किसी देश में निवेश करना चाहता है तो यह गारंटर का कार्य करता है।

इसका उद्देश्य अपने सदस्य देशों में (विशेषकर विकासशील देशों में ) उत्पादक कार्यों के लिए प्रवेश के प्रभाव को प्रोत्साहित करना है व जहां निवेश हो रहा है, 

वहां की सरकार, विदेशी निवेशकों के बीच परस्पर विश्वास उत्पन्न करना तथा निवेश के अफसरों की जानकारी दिलाना इसका मुख्य कार्य है।

MIGA से गारंटी प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि निवेश उन्हीं परियोजनाओं में किया जाए जिनका सामाजिक व पर्यावरण संबंधी स्तर उच्च कोटि का है।

पर्यावरण संबंधी जांच प्राप्त होने पर ही गारंटी देने का निर्णय किया जाता है, यह एक गारंटर है जो गारंटी देता है | 

MIGA ने भारतीय निर्यात -आयात बैंक के साथ ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य भारत में निवेशकर्ता समुदाय के साथ निकट सहयोग बढ़ाना है।

ICSID - International Centre for settlement of investment disputes :-  विश्व बैंक ने राष्ट्रों के नागरिकों के निवेश संबंधी विवाद सुलझाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र की स्थापना की है जिसका नाम है ICSID है |  इसकी स्थापना 1966 में की गई थी|  

इस केंद्र ने बहुत से अंतरराष्ट्रीय निवेश विवाद सुलझाने में जैसे - भारत एवं पाकिस्तान के बीच नदी जल विवाद, मिस्र एवं इंग्लैंड में स्वेज नहर का विवाद आदि मामलों में सफलतापूर्वक अध्यक्षता की थी|  

भारत इस संस्था का सदस्य नहीं है, भारत का तर्क है कि किसी भी बात को द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाना चाहिए, तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

इसके सदस्यों की संख्या 161 है 161 वां सदस्य कोसोवो है।


विश्व बैंक क्या है : इसके उद्देश्य, कार्य क्या है : विश्व बैंक में कितने देश हैं और इसमें देशों का योगदान : What is World Bank in hindi

विश्व बैंक में सुधार :- 

प्रथम चरण के सुधार, 2008 :-  इस आर्थिक सुधार के दौरान IBRD में बेसिक मताधिकार के कुल मताधिकार के 5.55% वृद्धि के द्वारा विकासशील और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के मताधिकार को 42.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 44.1 प्रतिशत किया गया |

इसके अलावा विश्व बैंक समूह बोर्ड के लिए सब सहारा अफ्रीकी देशों से एक निर्वाचित कार्यकारी निदेशक जोड़े जाने की बात कही गई, साथ ही विश्व बैंक अध्यक्ष के चयन के लिए योग्यता आधारित, पारदर्शी निर्वाचन प्रक्रिया पर भी सहमति बनी।

दूसरे चरण का सुधार :- विश्व बैंक की विकास कमेटी ने अप्रैल - अक्टूबर, 2009 से अप्रैल 2010 तक द्वितीय चरण के सुधारों पर सहमति जताई | 

जो निम्न है - वित्तीय संसाधन सदस्य देश IBRD के पूंजी आधार पर 86.2 बिलियन की वृद्धि पर सहमत हुए| 

मताधिकार प्रतिशत दूसरे चरण के दौरान विकासशील और संक्रमणसील देशों के मताधिकार में 3-13% की वृद्धि पर सहमति व्यक्त की गई।

विश्व बैंक के कार्य :- 

  • ऋण देना -उत्पादक कार्यों के लिए|  
  • नीतिगत सुधार कार्यक्रमों और विभिन्न परियोजनाओं के लिए विकासशील देशों को ऋण देना | 
  • सतत विकास एवं गरीबी दूर करने हेतु ऋण देना|  
  • गारंटी देना, 
  • तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना, 
  • निजी उद्योगपतियों को ऋण देना | 
  • अंतरराष्ट्रीय विवादों का निपटारा जैसे - स्वेज नहर, भारत-पाक नहर विवाद, 
  • सरकार और विदेशी निवेशकों के मध्य समन्वय स्थापित करना।

उसने निम्न सुधार की सहमति व्यक्त की - 

कोटा सुधार पर बल :- विकासशील देशों की मांग है कि 49% जीडीपी विकासशील देशों का है और पीपीपी के आधार पर 60% जीडीपी की हिस्सेदारी है, इसलिए हमें 60% ही मताधिकार मिलना चाहिए।

लोकतंत्रीकरण :-  मताधिकार पूर्ण रूप से कोटा सिस्टम पर आधारित है व अध्यक्ष के चुनाव में विकसित देशों का प्रभुत्व दिखाई देता है, इसलिए अध्यक्ष के चुनाव व कार्यकारी परिषद में लोकतंत्रिक करण की जरूरत है।

कार्यप्रणाली में परिवर्तन :- विकासशील देशों की मांग है कि इन वैश्विक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पूंजीवादी या बाजारवादी अर्थव्यवस्थाओं के अनुरूप है, इसलिए इसकी कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है।

पूंजीगत सुंढ़रीकरण :- विकासशील देशों का मानना है कि वर्तमान दृष्टिकोण में विकासशील और अल्प विकसित देशों में विकास के कार्यों को बेहतर करने के लिए इन दोनों संस्थाओं के वित्त पोषण को बढ़ाने की आवश्यकता है।

 Largest banks in the world : - 

    1. Industrial and Commercial Bank of China- यह चीन में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 5.5 ट्रिलियन है |
    2. China Construction Bank - यह China में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 4.7 ट्रिलियन  है 
    3. Agricultural Bank of China - यह China में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 4.5 ट्रिलियन है | 
    4. Bank of China - यह China में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 4.2  ट्रिलियन है |  
    5. JPMorgan Chase - यह United States में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 3.3  ट्रिलियन है | 
    6. BNP Paribas  - यह France में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 2.9  ट्रिलियन है | 
    7.  China Dev. Bank  - यह China में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 2.6  ट्रिलियन है | 
    8. bank of America - यह America में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 2.5  ट्रिलियन है|
    9. Mitsubishi UFJ Financial Group - यह Japan में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग  2.35  ट्रिलियन है|
    10. Credit Agricole  - यह France में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग  2.34  ट्रिलियन है|
    11. Japan Post Bank  - यह Japan में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग  1.97 ट्रिलियन है|
    12. HSBC - यह United Kingdom में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 29.8 बिलियन है | 
    13. SMBC Group  - यह Japan में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 19.54 बिलियन है | 
    14. Citigroup Inc.  - यह United States में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 19.51 बिलियन है | 
    15. Wells Fargo  - यह United States में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 19.27 बिलियन है | 
    16. Mizuho Financial Group - यह Japan में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 18.7 बिलियन है | 
    17. Banco Santander - यह Spain में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 17 बिलियन है | 
    18. Societe Generale - यह France में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 15.2 बिलियन है | 
    19. Barclays - यह United Kingdom में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 15.1 बिलियन है | 
    20. Group BPCE - यह France में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 15 बिलियन है | 
    21. Postal Savings Bank of China - यह China में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 14.6 बिलियन है |
    22. Deutsche Bank - यह  Germany  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 1456 बिलियन है |
    23. Bank of Communications - यह  China  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 1422 बिलियन है |
    24. Royal Bank of Canada - यह  Canada  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 1116 बिलियन है |
    25. Lloyds Banking Group - यह  UK  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 1104 बिलियन है |
    26. Toronto-Dominon Bank - यह  Canada  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 1102 बिलियन है |
    27. China Merchants Bank - यह  China  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 1065 बिलियन है |
    28. Intesa Sanpaola- यह  Italy  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 1057 बिलियन है |
    29. Norinchukin Bank - यह  Japan  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 1011 बिलियन है |
    30. ING Group - यह  Netherlands  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 1000 बिलियन है |
    31. Goldman Sachs - यह US  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 993 बिलियन है |
    32. Industrial Bank - यह China  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 977 बिलियन है |
    33. Credit Mutuel - यह Frnace  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 976 बिलियन है |
    34. UBS - यह Switzerland  में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 972 बिलियन है |
    35. Unicredit - यह Italy में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 960 बिलियन है |
    36. China Minsheng Bank - यह China में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 960 बिलियन है |  
    37. NetWest Group - यह UK में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 957 बिलियन है |  
    38. Shanghai Pudong Dev. Bank - यह China में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 950 बिलियन है | 
    39. China CITIC Bank - यह China में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 904 बिलियन है | 
    40. Morgan Stanley - यह US में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 895 बिलियन है | 
    41. Scotiabank - यह Canada में स्थित है जिसकी कुल संपत्ति लगभग 873 बिलियन है | 

विश्व बैंक के बारे में सामान्य जानकारी(FAQs) :-

Q. वर्ल्ड बैंक में कितने देश हैं?

A. वर्तमान में 189 देश इसके सदस्य हैं| तुवाल, दक्षिण सुदान और नौरू इसके नवीनतम सदस्य हैं।

Q. वर्ल्ड बैंक में कितने देश हैं?

A. वर्तमान में 189 देश इसके सदस्य हैं| तुवाल, दक्षिण सुदान और नौरू इसके नवीनतम सदस्य हैं। 

Q. भारत सरकार ने विश्व बैंक से कितना कर्ज लिया?

A. विश्व बैंक ने  आयुष्मान भारत योजना और Private Sector को बढ़ावा देने के लिए कुल 1.75 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 13,834.54 करोड़ रुपये) के कर्ज को मंजूरी दी है  | 

Q. विश्व बैंक की स्थापना कब हुई?

A. अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक(IBRD) की स्थापना ब्रेटनवुड्स समझौते जुलाई, 1944 के तहत हुई और 27 दिसंबर 1945 को इसका विधिवत उद्घाटन हुआ इसे विश्व बैंक भी कहा जाता है

Q. विश्व बैंक के वर्तमान अध्यक्ष 2023 ?

A. 5 अप्रैल, 2019 को डेविड आर मलपास को इस के कार्यकारी निदेशक मंडल द्वारा विश्व बैंक समूह के 13वें अध्यक्ष के रूप में चुना गया था, इनका कार्यकाल 5 साल का है जो 9 अप्रैल को शुरू हुआ था यानी डेविड आर मलपास को विश्व बैंक का अध्यक्ष चुना गया है।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद विश्व बैंक के सभी अध्यक्ष अमेरिकी पुरुष ही रहे हैं इसलिए 13वें अध्यक्ष डेविड आर मलपास भी अमेरिका से हैं।

Q. क्या भारत विश्व बैंक का सदस्य है?

A. भारत विश्व बैंक का शुरू से सदस्य है, भारत विश्व बैंक के निम्न 5 संस्थाओं में से ICSID को छोड़ सभी का सदस्य है :-  

  1. IBRD- International Bank for reconstruction and development. 
  2. IDA - International Development Association. 
  3. IFC  - International finance corporation. 
  4. MIGA - Multilateral Investment Guarantee Agency.
  5. ICSID - International Centre for settlement of investment disputes.

Q. वर्ल्ड बैंक का दूसरा नाम क्या है ?

A. वर्ल्ड बैंक को IBRD के नाम से  भी जाना जाता है 

Q. विश्व बैंक के वर्तमान अध्यक्ष 2024  ?

A. विश्व बैंक के वर्तमान अध्यक्ष, अजय बंगा हैं जो जून 2023 में चुने गए | 

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