Central Information Commission in hindi : सूचना का मतलब - सरकारी कार्य की सूचना |
भारत एक दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है लोकतंत्र का मतलब होता है "लोगों की भागीदारी" ।
लोकतंत्र का सही मायना भी जब तक है तब तक इसमें लोगों की भागीदारी है यदि लोगों को निर्णय लेने, Planning आदि से ही बाहर कर दिया जाए तो फिर वह लोकतंत्र नहीं होता है।
लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी कैसे होती है :- लोकतंत्र में लोगों की भागीदारी कई तरीकों से होती है जिनमें 2 तरीके मुख्य है:-
- चुनाव
- सूचना
चुनाव - चुनाव में भागीदारी का One Time Process है, क्योंकि चुनाव 5 साल में होते हैं तो जनता चुनाव के माध्यम से लोकतंत्र में भागीदारी करती है।
सूचना- सूचना के माध्यम से जनता सरकार से जानती है कि सरकार द्वारा कहां पैसा खर्च किया जा रहा है? किसके द्वारा पैसा खर्च किया जा रहा है?, किस जगह पर निवेश किया जा रहा है?, कहां से कौन सी चीज खरीदी जा रही है?, नियम क्या है? आदि।
जिससे जनता का विश्वास सरकार में बढ़ेगा, क्योंकि लोकतंत्र में जनता की भागीदारी बहुत जरूरी हो जाती है जिसमें सूचना की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है।
सूचना लोगों तक कैसे पहुंचाई जाए: - एक अच्छी सरकार वह होती है जिसका हर एक फैसला पारदर्शी होता है कि कहां कितने पैसे खर्च किए?, किस प्रकार का सौदा हुआ?, कौन सी नीतियां बना रही है?|
एक अच्छी सरकार हर एक जानकारी को न्यूज़ के माध्यम से, वेबसाइट द्वारा लोगों के सामने रखेगी, ताकि लोग उससे जागरूक हो सके
लेकिन होता यह है कि सरकारें इसे व्यावहारिक रूप से नहीं मानती है इसी को ध्यान में रखते हुए एक नियम बना जिसे RTI Act, 2005 (सूचना का अधिकार) कहा गया।
इसमें लोग सरकार से जो सूचनाएं मांगते हैं (लेकिन इसमें गोपनीय सूचना शामिल नहीं है ) तो सरकार को यह सूचना देनी होती है,
यदि सरकार सूचना का जवाब नहीं दे रही है तो आरटीआई एक्ट, 2005 की धारा 12 के तहत यह प्रावधान किया गया है कि एक केंद्रीय सूचना आयोग बनाया जाएगा।
सूचना का अधिकार की पृष्ठभूमि :-
सूचना का अधिकार :- सूचना लोकतंत्र के सशक्तिकरण का आधार है|
सबसे पहले 1966 में सूचना के अधिकार कानून को स्वीडन में लागू किया। की संरचना व सेवा शर्तें
भारत में सूचना के अधिकार को लेकर 1980-90 के दशक में बहुत तेजी से मांग चल रही थी तो इसी बीच 1997 में H.D. शौरी समिति द्वारा तमिलनाडु व गोवा ने सूचना का अधिकार कानून बनाया और 2002 में मध्यप्रदेश द्वारा भी सूचना का अधिकार लाया गया
फिर RTI की मांग के चलते केंद्र सरकार द्वारा 2002 में सूचना का अधिकार बिल लाया गया तथा 2005 में RTI, Act 2005 पारित किया गया।
RTI Act, 2005 की धारा 12 के तहत एक केंद्रीय सूचना आयोग बनाने की बात की गई है व RTI Act, 2005 की धारा 21 के तहत कहा गया है कि प्रत्येक राज्य सरकार अपने यहां एक राज्य सूचना आयोग का गठन करेगी।
केंद्रीय सूचना आयोग क्या है : - केंद्रीय सूचना आयोग की स्थापना 12 अक्टूबर, 2005 को केंद्र सरकार द्वारा RTI Act, 2005 की धारा 12 के तहत की गई है ।
सूचना केंद्रीय सूचना आयोग को अधिनियम द्वारा बनाया गया है इसलिए यह एक सांविधिक निकाय है।
इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है, जो कार्मिक मंत्रालय के तहत काम करता है।
इसके प्रथम आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला है व इसकी प्रथम महिला आयुक्त दीपक संधू है तथा वर्तमान आयुक्त Y.K. सिन्हा है ।
केंद्रीय सूचना आयोग के आयुक्तों की List:-
- वजाहत हबीबुल्लाह,
- A.N. तिवारी,
- सत्यानंद मिश्रा,
- दीपक संधू,
- सुषमा सिंह,
- राजीव माथुर,
- विजय शर्मा,
- राधा कृष्ण माथुर,
- सुधीर भार्गव,
- बिमल जुल्का,
- Y.K. सिन्हा।
केंद्रीय सूचना आयोग की संरचना :-
सदस्य इसमें एक मुख्य सूचना आयुक्त होगा और अधिकतम 10 सदस्य होंगे लेकिन वर्तमान में इसमें 6 सदस्य है।
नियुक्ति :- मुख्य सूचना आयुक्त और सदस्यों की नियुक्ति चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है,
इस चयन समिति में -
- प्रधानमंत्री(अध्यक्ष)
- लोकसभा के में विपक्ष के नेता,
- पीएम द्वारा नामित केंद्रीय कैबिनेट मंत्री।
यदि लोकसभा में विपक्ष का नेता नहीं है तो लोकसभा में सबसे बड़े दल के नेता को इसका सदस्य बना लिया जाएगा।
योग्यया : मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य सूचना आयुक्तों के लिए उसे विधि, विज्ञान, प्रौद्योगिकी समाज सेवा, प्रबंध, पत्रकारिता, प्रशासन, प्रख्यात, जन जीवन का अनुभव या जनसंपर्क विभाग का अनुभव के लिए योग्य हो।
लेकिन वह संसद या राज्य विधायिका या किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।
केंद्रीय सूचना आयोग की पदावधि और सेवा शर्ते:-
मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य सूचना आयुक्तों की पदावधि केंद्र सरकार द्वारा तय की जाएगी|
24 अक्टूबर, 2019 को कार्मिक मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें यह बताया कि केंद्रीय सूचना आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति 3 साल के लिए होगी|
इस संशोधन से पहले केंद्रीय सूचना आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष का था।
शपथ :- केंद्रीय सूचना आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को शपथ राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाएगी व यह अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को दे सकते हैं |
वेतन :- केंद्रीय सूचना आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का वेतन केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाएगा|
24 अक्टूबर, 2019 को कार्मिक मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें यह बताया कि केंद्रीय सूचना आयोग के अध्यक्ष का वेतन 2.5 लाख रुपए और सदस्यों का वेतन 2.25 लाख होगा।
इस नोटिफिकेशन से पहले मुख्य सूचना आयुक्त का वेतन मुख्य चुनाव आयुक्त के बराबर था और अन्य आयुक्तों का वेतन अन्य चुनाव आयुक्तों के वेतन के बराबर था।
RTI Act, 2005 की धारा 13(6) के तहत केंद्रीय सूचना आयोग को कर्मचारी की आवश्यकता है तो केंद्र सरकार द्वारा ऐसे कर्मचारी उपलब्ध कराए जाएंगे |
मुख्य सूचना आयुक्त व आयुक्तों को कैसे हटाया जा सकता है :- RTI Act, 2005 की धारा 14 के तहत हटाने की प्रक्रिया का जिक्र किया गया है|
मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य आयुक्तों को राष्ट्रपति द्वारा हटाया जाएगा |
हटाने का आधार -
साबित कदाचार या अक्षमता। इनको सर्वोच्च न्यायालय की जांच के बाद ही हटाया जा सकता है।
अन्य आधार -
- दिवालिया या अन्य निर्णित किया गया है।
- या ऐसे अपराध के लिए दोष सिद्ध ठहराया गया हो|
- अपने कार्यकाल के समय कहीं और से वेतन प्राप्त करने में लगा हो |
- मानसिक या शारीरिक अक्षमता।
उसने ऐसे वित्तीय और अन्य हित अर्जित किए हैं जिनसे उसके कृतियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना हो।
केंद्रीय सूचना आयोग के कार्य व शक्तियां :-
आयोग के कार्य व शक्तियों का जिक्र RTI Act, 2005 की धारा 18, 19, 20 और 25 में किया गया है।
निम्न शिकायतों की जांच करना।
जब कोई किसी सरकारी विभाग से सूचना मांगता है और वह विभाग सूचना देने से मना कर देता है तो इसकी शिकायत केंद्रीय सूचना आयोग में की जा सकती है | फिर केंद्रीय सूचना आयोग इस पर कार्यवाही करता है |
केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा एक समय सीमा तय की गई है कि उसके इतने समय तक सूचना दी जानी चाहिए, यदि एक समय सीमा के तहत सूचना नहीं दी जाती है तो इसकी शिकायत केंद्रीय सूचना आयोग में की जाती है फिर आयोग इसकी जांच करता है।
उसे दी गई सूचना एवं भ्रामक एवं गलत है|
अभिलेखों(Records) तक पहुंच ना होना|
आयोग को अपने कर्तव्य निर्वहन करने के संदर्भ में सिविल न्यायालय की शक्तियां प्राप्त हैं।
यानी किसी व्यक्ति को सूचना ना दी जाए, देरी से दी जाए, गलत सूचना दी जाए आदि की शिकायत केंद्रीय सूचना आयोग में की जा सकती है और आयोग इन सब मामलों की जांच करेगा|
और जब आयोग इन मामलों की जांच करेगा तो उसे सिविल न्यायालय की शक्तियां दी जाएंगी।
अभिलेखों(Records) के रखरखाव प्रबंधक एवं नष्ट होने से बचाने की प्रक्रिया में आवश्यक परिवर्तन करना।
सूचना आयोग का केवल लोगों तक सूचना पहुंचाने का काम नहीं है बल्कि सरकार में जितनी भी सूचनाएं बनती है, जो पुराने रिकॉर्ड हैं आदि को सुव्यवस्थित तरीके से रखना, उन्हें सुरक्षित रखना आदि भी काम होते हैं |
सूचना के अधिकार के संबंध में प्रशिक्षण की व्यवस्था करना |
अधिनियम के अनुपालन के संदर्भ में लोक प्राधिकारी से वार्षिक प्रतिवेदन प्राप्त करना |
इस अधिनियम का दुरुपयोग होने पर जुर्माना भी लगाना।
अन्य जानकारी :-
केंद्रीय सूचना आयोग अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को देता है, जबकि राज्य सूचना आयोग अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देता है
और इसी तरह केंद्रीय सूचना आयोग से संबंधित नियम केंद्र सरकार बनाती व राज्य सूचना आयोग से संबंधित नियम राज्य सरकार बनाएगी।
राज्य सूचना आयोग क्या है :- इसका गठन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है राज्य सूचना आयोग में एक अध्यक्ष व अधिकतम 10 सदस्य होते हैं |
नियुक्ति : इसके अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति चयन समिति की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा की जाती है |
चयन समिति में 3 सदस्य होते हैं-
- मुख्यमंत्री(अध्यक्ष),
- लोकसभा में विपक्ष का नेता,
- मुख्यमंत्री द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री।
पदावधि :- राज्य सूचना आयोग की पदावधि केंद्र सरकार द्वारा तय की जाती है तथा इसके अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष का है |
त्यागपत्र : इसके अध्यक्ष व सदस्य अपना त्यागपत्र राज्यपाल को दे सकते हैं -
इसके अध्यक्ष व सदस्यों को राज्यपाल द्वारा हटाया जा सकता है(केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा) की तरह |
केंद्रीय सूचना आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को पुनः नियुक्त नहीं किया जा सकता।
केंद्रीय सूचना आयोग(CIC) के बारे में जानकारी(FAQs): -
Q. केंद्रीय सूचना आयोग के वर्तमान अध्यक्ष कौन है |
A. केंद्रीय सूचना आयोग के वर्तमान आयुक्त Y.K. सिन्हा है
Q. केंद्रीय सूचना आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन है |
A. केंद्रीय सूचना आयोग के प्रथम आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला है|
Q. केंद्रीय सूचना आयोग में कितने सदस्य होते हैं ?
A. केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त होगा और अधिकतम 10 सदस्य होंगे लेकिन वर्तमान में इसमें 6 सदस्य है।
Q. केंद्रीय सूचना आयोग से सम्बंधित कौन सी धारा है ?
A. केंद्रीय सूचना आयोग की स्थापना 12 अक्टूबर, 2005 को केंद्र सरकार द्वारा RTI Act, 2005 की धारा 12 के तहत की गई है ।
Q. केंद्रीय सूचना आयोग का मुख्यालय कहाँ है ?
A. केंद्रीय सूचना आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में है, जो कार्मिक मंत्रालय के तहत काम करता है।
Q. केंद्रीय सूचना आयोग का कार्यकाल कितना होता है ?
A. मुख्य सूचना आयुक्त व अन्य सूचना आयुक्तों की पदावधि केंद्र सरकार द्वारा तय की जाएगी|
24 अक्टूबर, 2019 को कार्मिक मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें यह बताया कि केंद्रीय सूचना आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति 3 साल के लिए होगी|
इस संशोधन से पहले केंद्रीय सूचना आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष का था।
Q. केंद्रीय सूचना आयोग की स्थापना कब हुई ?
A. केंद्रीय सूचना आयोग की स्थापना 12 अक्टूबर, 2005 को केंद्र सरकार द्वारा RTI Act, 2005 की धारा 12 के तहत की गई है ।
Q. केंद्रीय सूचना आयोग की पहली महिला अध्यक्ष कौन थी?
A. केंद्रीय सूचना आयोग की प्रथम महिला आयुक्त दीपक संधू है|
Q. केंद्रीय सूचना आयोग में अपील कैसे की जाती है?
A. आवेदनकर्ता अपना आवेदन डाक द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से लोक प्राधिकारी के कार्यालय में भेज सकता है |
Q. आरटीआई का जवाब नहीं दिया तो क्या होगा?
A. जब कोई किसी सरकारी विभाग से सूचना मांगता है और वह विभाग सूचना देने से मना कर देता है तो इसकी शिकायत केंद्रीय सूचना आयोग में की जा सकती है | फिर केंद्रीय सूचना आयोग इस पर कार्यवाही करता है |
Q. केंद्रीय मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है ?
A. मुख्य सूचना आयुक्त और सदस्यों की नियुक्ति चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती है,
इस चयन समिति में निम्न शामिल होते हैं -
- प्रधानमंत्री(अध्यक्ष)
- लोकसभा के में विपक्ष के नेता,
- पीएम द्वारा नामित केंद्रीय कैबिनेट मंत्री।
Q. केंद्रीय सूचना आयोग का गठन कैसे किया जाता है ?
A. सूचना केंद्रीय सूचना आयोग को अधिनियम द्वारा बनाया गया है इसलिए यह एक सांविधिक निकाय है।
Q. केंद्रीय सूचना आयोग का पता ?
A. सीआईसी भवन, बाबा गंगनाथ मार्ग, मुनिरका , नई दिल्ली - ११००६७
फैक्स: 26186536हेल्पलाइन नंबर: 011-26767500
ईमेल: fdesk-cic@gov.in
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