यदि आप ग्राम पंचायत में रहती हैं और उस गांव में काम नहीं हो रहा है तो इसके लिए मुख्यता दो लोग जिम्मेदार रहते हैं,
पहला - ग्राम प्रधान/सरपंच/मुखिया जिसे आप चुनाव करके चुनते हैं | कहीं पर ग्राम प्रधान तो कहीं पर सरपंच तो कहीं ग्राम मुखिया बोला जाता है, लेकिन ये सब होते एक ही हैं |
दूसरा - ग्राम पंचायत अधिकारी।
ग्रामीण क्षेत्रों में हो यह रहा है कि ग्राम प्रधान के जागरूक ना होने के कारण ग्राम पंचायत अधिकारी ही सारा काम करता है। वैसे ग्राम पंचायत अधिकारी ग्राम प्रधान के अंतर्गत काम करता है,
लेकिन इसे 2 - 4 ग्राम पंचायतों का चार्ज दे दिया जाता है जिससे वह 2- 4 ग्राम प्रधानों को अपने अंदर काम करा रहा होता है, जिसके कारण ग्राम पंचायत अधिकारी भ्रष्टाचार करने लगता है।
ग्राम प्रधान(सरपंच) की शिकायत कैसे करे :- ऐसे में यदि आपको शिकायत करनी है तो शिकायत कई तरीकों से की जा सकती है,
जैसे - एक तो शिकायत आप BDO ( Block Development Officer) से कर सकते हैं यदि BDO के पास से सुनवाई नहीं हो रही है तो आप SDM के पास शिकायत कर सकते हैं या DM के पास शिकायत कर सकते हैं।
या यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो आप 1076 पर फोन करके शिकायत कर सकते हैं या जन सुनवाई पर प्रार्थना पत्र लिखकर शिकायत कर सकते हैं ।
जनसुनवाई पर अक्सर सुनवाई हो जाती है क्योंकि इस पर इनको रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।
ग्राम प्रधान की शिकायत से पूर्व साक्ष्य इकट्ठे करे :-
ग्राम प्रधान की शिकायत से पहले हमें यह उसके बजट के बारे में देखना होगा इसके लिए www. planplus.gov.in या www.planningonline.gov.in पर जाकर आप पता लगा सकते हैं कि उस प्रधान पर कितना पैसा आया और उस पैसे को कहां कहां लगाया गया?।
यदि इन वेबसाइटों का सर्वर डाउन रहता है या जो लोग इन वेबसाइट्स का प्रयोग नहीं करते हैं तो वह RTI के माध्यम से जानकारी का पता लगा सकते हैं।
जैसे RTI में पूछ सकते हैं कि आपके पास बीते सालों में कितना पैसा आया और कितना पैसा खर्च किया यह ब्यौरा प्रधान से सीधे मांग सकते हैं,
फिर जब ग्राम प्रधान ब्यौरा देता है तो हमें यह देखना होगा कि जितने पैसे ग्राम प्रधान( जैसे -इतनी नालियां बनवाई, इतनी सड़क बनवाई आदि) बता रहा है, क्या उतने पैसे ग्राम प्रधान ने खर्च किए हैं?।
यदि आपको लगता है कि हां उतने पैसे खर्च किए हैं तो कोई बात नहीं, यदि आपको लगता है कि ग्राम प्रधान ने इतना काम नहीं किया है जितना बता रहा है,
जैसे - ग्राम प्रधान ने बताया कि उसने सड़क में RCC लगवाई है लेकिन उसने RCC नहीं लगवाई है तो ऐसे में यह आपके लिए यह सबूत बन जाएगा।
डीएम को शिकायत पत्र लिखकर ग्राम प्रधान की शिकायत कैसे करे :-
तो आप इसकी शिकायत जिलाधिकारी से कर सकते हैं या 4 - 5 आदमी मिलकर प्रार्थना पत्र के साथ जिलाधिकारी से मिल सकते हैं लेकिन चार पांच आदमी उसी गांव के हैं हो तो अच्छा रहेगाऔर फिर अपनी शिकायत जिलाधिकारी से बताएं ।
ऐसी स्थिति में जिलाधिकारी आपकी बात को मान लेता है तो जिला अधिकारी Team बनाएगा।
जिसमें :
- जिला पंचायत राज अधिकारी
- Block Development Officer (BDO),
- District Panchayat Officer (DPO),
- Assistant Development Officer (ADO)।
शामिल होंगे और यह टीम गांव में जाकर मुआयना करेगी देखेगी कि क्या ग्राम पंचायत में कितना पैसा आया और कितना पैसा खर्च हुआ?, क्या-क्या काम हुआ ? आदि की रिपोर्ट तैयार करके जिलाधिकारी को सौंपेंगी,
फिर जिलाधिकारी देखेगा कि गांव में क्या हुआ है फिर उसी आधार पर ग्राम प्रधान और गम पंचायत अधिकारी पर कार्यवाही होगी।
ग्राम प्रधान कौन होता है? :- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 व संविधान संशोधन 73 के तहत पंचायती राज की व्यवस्था की गई है।
इसी के तहत ग्राम सभा व ग्राम पंचायत गठित की जाती है।
प्रत्येक ग्राम का एक मुखिया होता है जिसे ग्राम प्रधान या सरपंच कहा जाता है।
सामान्यतः पूरे गांव के विकास की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी (जो प्रधान के सचिव के रूप में काम करता है) के ऊपर होती है।
RTI क्या है :- सबसे पहले 1966 में सूचना के अधिकार कानून को स्वीडन में लागू किया। की संरचना व सेवा शर्तें
भारत में सूचना के अधिकार को लेकर 1980-90 के दशक में बहुत तेजी से मांग चल रही थी तो इसी बीच 1997 में H.D. शौरी समिति द्वारा तमिलनाडु व गोवा ने सूचना का अधिकार कानून बनाया और 2002 में मध्यप्रदेश द्वारा भी सूचना का अधिकार लाया गया
फिर RTI की मांग के चलते केंद्र सरकार द्वारा 2002 में सूचना का अधिकार बिल लाया गया तथा 2005 में RTI, Act 2005 पारित किया गया।
अपनी शिकायत आप आरटीआई के माध्यम से ग्राम प्रधान या सरपंच से सीधे पूछ सकते हैं कि बीते सालों में सरकार से कितना पैसा मिला और इन पैसों को गांव के किन कार्यों में लगाया ।
इस पर ग्राम प्रधान/ सरपंच की तरफ से लिखित रूप में ब्योरा दिया जाएगा जो आपके पास एक लिखित प्रमाण के रूप में होगा
और इस प्रमाण के आधार पर आप जिलाधिकारी से शिकायत कर सकते हैं।
ग्राम प्रधान(सरपंच) की शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर :-
उत्तर प्रदेश का कोई भी निवासी ग्राम प्रधान के खिलाफ शिकायत करना चाहता है तो वह टोल फ्री नंबर 1076 पर शिकायत कर सकता है।
ग्राम प्रधान को कैसे हटाए :-
यदि ग्राम प्रधान/सरपंच अपना काम जिम्मेदारी से नहीं करता है या विकास कार्यों के प्रति लापरवाह है या उसे पंचायत के कामों में रुचि नहीं है या भ्रष्टाचार में लिप्त है या उसमें कदाचार पाया जाता है,
तो ऐसी स्थिति में ग्राम सभा के सदस्य (यानी ऐसे मतदाता जिनकी उम्र 18 वर्ष से ज्यादा है ) ग्राम प्रधान को हटाने के लिए उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं और यह अविश्वास प्रस्ताव पास होने की स्थिति में ग्राम प्रधान को इस्तीफा देना पड़ता है।
ग्राम प्रधान/सरपंच दो तरह से हट सकता है
पहला :- वह खुद ही अपना इस्तीफा दे दें और खुद लिखित में DPRO( डिस्ट्रिक्ट पंचायत राज अधिकारी) को इस्तीफा दे सकता है कि मैं इस पद से हटना चाहता हूं।
दूसरा :- अविश्वास प्रस्ताव ।
अविश्वास प्रस्ताव कैसे लाया जाता है:-
जब पंचायत का गठन होता है उसमें पंचायत सदस्य और एक प्रधान/ सरपंच होता है मान लेते हैं कि पंचायत सदस्य 21 है।
उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1947 के तहत यदि पंचायत सदस्यों में से दो - तिहाई सदस्य अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर देंगे तो ग्राम प्रधान/सरपंच को हटा देंगे ।
अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एक-तिहाई पंचायत सदस्यों की आवश्यकता है यानी 21 सदस्यों में से 7 (एक-तिहाई) सदस्य एक एप्लीकेशन बनाकर और उस पर हस्ताक्षर करके DPRO के पास दे सकते हैं ,
1 महीने के भीतर एक मीटिंग बैठेगी जिसमें यह 21 सदस्य शामिल होंगे।
तो इनका दो- तिहाई यानी 14 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हैं तो ग्राम प्रधान पद से हट जाएगा,
लेकिन हो सकता है बैठक में उपस्थित 18 सदस्य ही हो तो ऐसे में समर्थन 14 सदस्यों का ही चाहिए।
यदि यह अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो जाता है तो फिर यह 1 साल का समय बीतने के बाद ही लाया जाएगा ।
ग्राम पंचायत बनने के 2 साल बाद ही पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है और यदि ग्राम प्रधान पद से हट जाता है तो नई पंचायत का गठन जो पुरानी वाली पंचायत भंग हुई थी उसकी बची हुई अवधि के लिए ही होगा।
जैसे एक पंचायत का 2020 में गठन हुआ और वह 2023 में भंग हो गई तो नई पंचायत का गठन 2023 से 2025 के लिए यानी बची हुई अवधि के लिए ही होगा।
यदि कोई पंचायत अपनी अवधि पूरी करने के 6 माह पहले भंग हो जाती है तो ऐसे में नई पंचायत का गठन पूरे 5 वर्ष के लिए होगा।
सूचना के अधिकार के अंतर्गत शिकायत कैसे करें?:
जी हां आप सूचना के अधिकार के अंतर्गत भी सरपंच की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए केवल और केवल आपको भारत सरकार के द्वारा संचालित किए जाने वाले आधिकारिक पोर्टल पर चले जाना है जिसके बाद में आपको सबमिट रिक्वेस्ट के विकल्प पर क्लिक कर देना है।
अब आपके संपूर्ण दिशा निर्देशों को पढ़कर अच्छे से सबसे अंतिम में सबमिट करना है। जब आप इस पोर्टल पर जाएंगे तो आपको शिकायत करने के लिए फॉर्म मिलेगा जिसमें आपको जानकारी को दर्ज कर देना है। अब बॉक्स में आपको शिकायत को दर्ज कर देना है बॉक्स में शिकायत को दर्ज करने की पश्चात अब आपको आवश्यक प्रमाण दस्तावेजों को अपलोड कर देना है।
इसके पश्चात आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा जिसे आपको दर्ज कर देना है जिसके बाद में आपको ₹10 का भुगतान करना होगा इस भुगतान के लिए आपको अनेक सारे ऑप्शन दिखाई देंगे जिनके माध्यम से आप आसानी से भुगतान कर सकेंगे।
जब सफलतापूर्वक आप भुगतान कर देंगे उसके पश्चात आपको कंप्लेंट नंबर प्रदान किया जाएगा जिन्हें आपको अपने पास सुरक्षित से कर लेना है। कंप्लेंट का स्टेटस आप अन्य नंबर की सहायता से चेक कर सकेंगे।
सरपंच(ग्राम प्रधान) के कार्य :-
गांव के उत्थान के लिए केंद्र और राज्य सरकारें प्रत्येक ग्राम पंचायत को लाखों करोड़ों रुपए देती है,
ताकि इस पैसे से वहां शौचालय, नाली, पानी, साफ-सफाई, पक्के निर्माण हो सके,
गांव में सिंचाई की सुविधा हो यह काम भी प्रधान का होता है और आपके घर का पानी सड़क पर ना बहे यह जी पंचायत का काम है।
भारत में आज भी ज्यादातर आबादी गांवों में निवास करती है और गांव की तरक्की के लिए सरकारें बहुत सी योजनाएं किडनी चलाती है।
सरकार समय-समय पर अभियान चलाकर लोगों को बताती है की यह सरकारी योजनाएं उनके इलाके के लिए है।
- रोड को पक्का करना व उनका रखरखाव करना ।
- गांवों में पशुओं के पीने की पानी की व्यवस्था करना।
- पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, डेयर की व्यवस्था करना।
- सिंचाई के साधन की व्यवस्था करना।
- गांव में स्वच्छता बनाए रखना।
- गांव के सार्वजनिक स्थानों पर लाइट्स का इंतजाम करना।
- श्मशान और कब्रिस्तान का रख रखाव करना।
- कृषि कार्यक्रमों में हिस्सा लेना।
- कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रयोग को प्रोत्साहित करना।
- गांव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना।
- खेल को बढ़ावा देना।
- स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना।
- गांव की सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर पेड़ लगाना।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना ।
- जन्म, मृत्यु और विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना ।
- गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था करना।
- गांव में भाईचारे का माहौल बनाना।
- आंगनबाड़ी केंद्र को सही ढंग से चलाने में मदद करना।
- मछली पालन को बढ़ावा देना।
ग्राम प्रधान(सरपंच) की शिकायत के बारे में जानकारी(FAQs)(People also ask) :-
Q. ग्राम प्रधान के खिलाफ शिकायत नंबर UP |
A. यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो आप 1076 पर फोन करके ग्राम प्रधान के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं या जन सुनवाई पर प्रार्थना पत्र लिखकर शिकायत कर सकते हैं ।
Q. ग्राम प्रधान के कार्यों की जाँच कैसे करें |
A. RTI के माध्यम से जानकारी का पता लगा सकते हैं।
जैसे RTI में पूछ सकते हैं कि आपके पास बीते सालों में कितना पैसा आया और कितना पैसा खर्च किया यह ब्यौरा प्रधान से सीधे मांग सकते हैं,
फिर जब ग्राम प्रधान ब्यौरा देता है तो हमें यह देखना होगा कि जितने पैसे ग्राम प्रधान( जैसे -इतनी नालियां बनवाई, इतनी सड़क बनवाई आदि) बता रहा है, क्या उतने पैसे ग्राम प्रधान ने खर्च किए हैं?।
यदि आपको लगता है कि हां उतने पैसे खर्च किए हैं तो कोई बात नहीं, यदि आपको लगता है कि ग्राम प्रधान ने इतना काम नहीं किया है जितना बता रहा है,
जैसे - ग्राम प्रधान ने बताया कि उसने सड़क में RCC लगवाई है लेकिन उसने RCC नहीं लगवाई है तो ऐसे में यह आपके लिए यह सबूत बन जाएगा। फिर इसकी शिकायत आप जिलाधिकारी से कर सकते हैं |
Q. सरपंच को कैसे हटाए?
A. हर पंचायत में कोई ना कोई सरपंच जरूर होता है ऐसे में अगर ग्राम प्रधान सरकारी पैसों का गलत उपयोग कर रहा है तथा अपने पंचायत के लिए जारी किए जाने वाले पैसों को उचित ढंग से उपयोग में नहीं ले रहा है तो ऐसी स्थिति में आप सरपंच की शिकायत जिला अधिकारी को लिखित रूप में दे सकते हैं।
लेकिन लेकिन पत्र देने से पहले आपको इस बात का ध्यान रखना है कि जो भी आप लिखित पत्र लिखते हैं उस पर गांव के आधे व्यक्तियों के साइन उपलब्ध होने चाहिए। जब भी आप जिला पंचायत राज्य अधिकारी के समक्ष या दम को शिकायत पत्र देंगे उस समय आपके साथ कम से कम 3 पंचायत के सदस्य जरूर उपलब्ध होने चाहिए क्योंकि यह आवश्यक है।
जब डीएम के पास सूचना चली जाएगी तो उसके 30 दिन के अंतर्गत बैठक रखी जाएगी इस बैठक को रखे जाने से 15 दिन पहले ही गांववासियों को जानकारी दे दी जाएगी। जिन भी सदस्यों के द्वारा इस बैठक में भाग लिया जाएगा
उनके द्वारा तथा वोटिंग करने वाले मेंबर के चलते 2/3 बहुमत से ग्राम के सरपंच यानी कि प्रधान को हटा दिया जाएगा। सभी सरपंच को चाहिए कि वह अपनी पंचायत के लिए सही तरीके से कार्य करें लेकिन अधिकतम पंचायत में यही पाया गया है कि सरपंच के द्वारा पैसों का गलत उपयोग किया जाता है। ऐसे में अगर आपकी पंचायत में भी कुछ गलत हो रहा है तो ऐसे में हमने आपको जानकारी प्रदान कर दी है अब आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप क्या करते हैं।
0 टिप्पणियाँ