ब्रिक्स बैंक को ही न्यू डेवलपमेंट बैंक कहते हैं, पिछले 10-15 सालों से चीन और भारत जैसे विकासशील देश बड़ी तेजी के साथ उभरे हैं,
रूस और ब्राजील को वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की तेजी बढ़ती कीमतों ने उभारा है इसी पृष्ठभूमि में 2008-09 में आया वित्तीय संकट ने विकसित देशों को बैकफुट पर लाने का काम किया।
इसी दौर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में परिवर्तन की धीमी गति को देख ब्रिक्स बैंक की स्थापना की बात की गई|
न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना कब हुई :- जुलाई, 2014 में ब्रिक्स के सदस्य देशों ने 100 बिलियन के पूंजी आधार के साथ न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना से संबंधित एक समझौते पर हस्ताक्षर किया।
न्यू डेवलपमेंट बैंक-NDB का मुख्यालय कहां है :- न्यू डेवलपमेंट बैंक का मुख्यालय शंघाई (चीन) में है।
न्यू डेवलपमेंट बैंक में देशों का योगदान :- इसमें चीन का अंशदान 41 बिलियन और भारत, रूस और ब्राजील प्रत्येक का अंशदान 18 बिलियन और दक्षिण अफ्रीका का अंशदान 5 बिलियन का होगा।
शुरुआत में 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अंशदान करेंगे और इनका शेयर 20- 20% होगा।
कोई भी सदस्य देश अन्य 4 देशों की सहमति के बिना अपना पूंजीगत शेयर नहीं बढ़ा पाएंगे।
इस बैंक में अन्य देशों को भी शामिल करने की अनुमति होगी, पर किसी भी स्थिति में सदस्य देशों का शेयर 55% से कम नहीं हो पाएगा।
इसमें चीनी प्रभुत्व की संभावनाओं से बचने के लिए प्रमुख का पद 6 सालों के लिए भारत को और उसके बाद के 5-5 सालों के लिए ब्राजील और रूस को सौंपने की बात की गई है।
भारत के के.वी. कामथ को ब्रिक्स बैंक का प्रमुख नियुक्त किया गया है।
न्यू डेवलपमेंट बैंक के उद्देश्य :-
- न्यू डेवलपमेंट बैंक से यह उम्मीद की गई है कि यह सदस्य देशों की अल्पकालिक तरलता जरूरतों को पूरा करते हुए,
- बचत को विकसित देशों के हाउसिंग सेक्टर के बजाय उभर रही अर्थव्यवस्थाओं में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के अधिक उत्पादक क्षेत्रों को चैनलाइज करें।
- यह ब्रिक्स देशों सहित अन्य उभर रही अर्थव्यवस्थाओं व विकासशील देशों के अवसंरचना क्षेत्र के लिए संसाधनों को जुटाने का और इन संसाधनों को ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, दूरसंचार, नेटवर्क, जल और जल निकासी व्यवस्था में निवेश किया जाएगा।
- इससे यह भी उम्मीद की जा रही है कि इसके द्वारा प्रदत ऋण की शर्तें विश्व बैंक की शर्तों की तुलना में उधार होंगी।
- इसके प्रमुख ने यह स्पष्ट किया है कि यह ऋण देते समय पर्यावरणीय मांगों को लेकर विश्व बैंक की तरह कठोर रवैया नहीं अपनाएगा और अपने सिद्धांतों से समझौता किए बिना उधारी प्रदान करेगा।
न्यू डेवलपमेंट बैंक क्या है :- साल 2012 जो नई दिल्ली (भारत) में जो चौथे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन हुआ था,
उसमें ब्रिक्स और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ विकासशील देशों में बुनियादी ढांचा व सतत विकास परियोजनाओं के लिए न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना पर विचार किया गया।
2014 में जो छठा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन फोर्टालेजा ( ब्राज़ील) में हुआ इसमें ब्रिक्स नेताओं ने न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
इस बैंक को ब्रिक्स देशों ने मिलकर स्थापित किया BRICS में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, साउथ अफ्रीका शामिल है |
इस बैंक की शुरुआत 50 अरब डॉलर से हुई और अब इसे बढ़ाकर 100 अरब डॉलर कर दिया गया।
फोर्टालेजा घोषणा में कहा गया है कि न्यू डेवलपमेंट बैंक, ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को मजबूत करेगा और वैश्विक विकास के लिए बहुपक्षीय तथा क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों के प्रयासों को पूरा करके स्थाई एवं संतुलित विकास में योगदान देगा।
ब्रिक्स क्या है :-
ब्रिक्स की संकल्पना सबसे पहले गोल्डमेन सैच वित कम्पनी के प्रसिद्व अर्थशास्त्री जिम-ओ-नील ने 2003 में एक रिपोर्ट(Dreaming with BRIC's the path to 2050) प्रस्तुत की।
इस रिपोर्ट का मतलब था कि 2050 तक विश्व की 4 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं(ब्राजील, रशिया, भारत और चीन) होंगी।
भारत और चीन- विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र एवं
रूस और ब्राजील - ऊर्जा आपूर्ति व कच्चा माल के क्षेत्र में नये आयाम कायम करेंगे।
परिस्थितियां- सोवियत संघ के विघटन 1990 के बाद विश्व में केवल एक ही महाशक्ति रह गई जो 1990 से 2010 तक एक ध्रुवीय (One polar World) विश्व रहा,
लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों में एक ध्रुवीय विश्व(One polar World) प्रतीत होता है यानी एक देश का दबदबा ज्यादा है। जैसे बाजार, अर्थव्यवस्था, अन्तर्राष्ट्रीय, विनियम मुद्रा, डॉलर, बहुराष्ट्रीय कम्पनियां, ब्रेटनवुड्स व्यवस्था, सैन्य, ऊर्जा, तकनीक।
इसी One Polar World को Multi polar World में बदलने के लिये-
- वर्ष 2009 में रूस के येकेटरिन्वर्ग में RIC(Russia, India, China) सम्मेलन हुआ तथा
- वर्ष 2010 में ब्राजील के ब्राजीलिया में BRIC(Brazil, Russia,India, China) सम्मेलन हुआ।
- वर्ष 2011 में चीन के सान्या City में BRICS( S-South Africa) सम्मेलन हुआ जिसमें South Africa शामिल हुआ।
- वर्ष 2012 में भारत के नई दिल्ली में BRICS का सम्मेलन हुआ।
Multi polar World बनाने के लिये BRICS की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।
न्यू डेवलपमेंट बैंक के संचालन के प्रमुख क्षेत्र क्या है:-
- स्वच्छ ऊर्जा,
- परिवहन,
- अवसंरचना,
- सिंचाई,
- स्थाई शहरी विकास और सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग।
यह बैंक सभी सदस्य देशों के समान अधिकारों के साथ ब्रिक सदस्यों के बीच एक परामर्श तंत्र पर काम करता है।
क्यों पड़ी न्यू डेवलपमेंट बैंक की जरूरत:-
- विश्व बैंक और आईएमएफ को टक्कर देने के लिए इसकी स्थापना की गई ।
- फाइनेंशियल सिस्टम में पश्चिमी देशों के एकाधिकार को कम करना।
- ब्रिक्स देशों की आबादी दुनिया की कुल जनसंख्या का 40% से ज्यादा है,
- ब्रिक्स बैंक में प्रत्येक सदस्य देश को 1 वोट का अधिकार है।
न्यू डेवलपमेंट बैंक के बारे में जानकारी(FAQs):-
Q. न्यू डेवलपमेंट बैंक में कितने देश नए जोड़े गए?
A. न्यू डेवलपमेंट बैंक में हाल ही में 4 नए देश जुड़े हैं :
- UAE
- उरुग्वे
- बांग्लादेश
- मिश्र
Q. ब्रिक्स बैंक का मुख्यालय कहाँ है ?
A. ब्रिक्स बैंक का दूसरा नाम न्यू डेवलपमेंट बैंक है इसका मुख्यालय शंघाई (चीन) में है।
Q. न्यू डेवलपमेंट बैंक में कितने सदस्य होते हैं?
A. इस बैंक को ब्रिक्स देशों ने मिलकर स्थापित किया BRICS में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, साउथ अफ्रीका शामिल है यानी न्यू डेवलपमेंट बैंक के संस्थापक देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन, साउथ अफ्रीका हैं|
2014 में जो छठा ब्रिक्स शिखर सम्मेलन फोर्टालेजा ( ब्राज़ील) में हुआ इसमें ब्रिक्स नेताओं ने न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
Q. न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष कौन है वर्तमान में ?
A. न्यू डेवलपमेंट बैंक के वर्तमान अध्यक्ष डिल्मा रोसेफ हैं |
Q. न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना कब हुई थी ?
A. जुलाई, 2014 में ब्रिक्स के सदस्य देशों ने 100 बिलियन के पूंजी आधार के साथ न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना से संबंधित एक समझौते पर हस्ताक्षर किया।
Q. ब्रिक्स बैंक के पहले अध्यक्ष कौन हैं ?
A. ब्रिक्स बैंक के पहले अध्यक्ष भारत के के.वी. कामथ है।
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