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बिटकॉइन क्या है? कैसे काम करता है, इसमें निवेश कैसे करें? - Plan, Platform, Calculator And App



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जैसा कि आपको मालूम है कि हर देश अपनी एक करेंसी रखता है जो कि लोगों को लेन-देन, बाजार को चलाने, व्यापार करने, सेवाओं और वस्तुओं के लेने-देने आदि में यूज की जाती है।


हर देश की करेंसी उसी देश की स्थिति के आधार पर रखी जाती है जैसे अमेरिका की करेंसी डॉलर है, भारत की करेंसी रूपया है और इसी तरह अलग-अलग देश की अलग करेंसी होती है।


इसी तरह इंटरनेट की दुनिया में भी कई करेंसी होती है, उसी में से एक करेंसी है बिटकॉइन। 


बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी होती है, इसको डिजिटल करेंसी भी कह सकते हैं, क्योंकि इसे डिजिटल तरीके बनाया व यूज किया जाता है


यानी इस करेंसी को और करेंसी(जैसे रूपया, डॉलर) की तरह हम ना तो इस करेंसी को देख सकते हैं ना ही इसको छू सकते, लेकिन हम बिटकॉइन का इस्तेमाल और करेंसी की तरह लेने-देन में करते हैं।


बिटकॉइन को किसी सरकार,बैंक या कंपनी द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाता है इसलिये इसका इस्तेमाल हम देश में व विदेश में लेने देन करने में कर सकते हैं।


वैसे आपने इसके बारे में तो जरूर सुना होगा, क्योंकि यह पिछले काफी सालों से चर्चा में बनी हुई है। यदि आपने इसके बारे में नहीं सुना है तो कोई बात नहीं आज हम इसके बारे में सारी जानकारी देंगे, बिटकॉइन क्या है, इसके फायदे -नुकसान, इसमें निवेश कैसे करें, इसका भविष्य में क्या योगदान रहेगा आदि।


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बिटकॉइन क्या है(What is bitcoin in hindi)?


साल अक्टूबर, 2008 में एक व्यक्ति जिसका नाम था सतोशी। इन्होंने इन्टरनेट पर एक पेपर प्रकाशित किया जिसमें इन्होंने बिटकॉइन/क्रिप्टोकरेंसी के काम करने के तरीके के बारे में बताया था 


कि यह एक ऐसी करेंसी होगी जिसे किसी भी देश की केन्द्रीय बैंक या वित्तीय संस्था द्वारा कंट्रोल नहीं किया जायेगा जैसे -भारत में रूपये को आरबीआई द्वारा व डॉलर को अमेरिका की केन्द्रीय बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाता है।


बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है यानी इसे कोई देख नहीं सकता और ना ही इसे कोई टच कर सकता है, लेकिन इसका यूज हम ओर करेंसी की तरह लेन-देन में कर सकते हैं। 


इसको हम ऑनलाइन वॉलेट में रख सकते हैं, इसका इस्तेमाल आप ओर करेंसी की तरह किसी दुकान पर जाकर कोई सामान नहीं खरीद सकते,


बल्कि इसका इस्तेमाल हम ऑनलाइन ही कर सकते हैं, लेकिन आप इसको अपनी करेंसी में बदल सकते हो और अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हो या ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हो।


यह एक विकेन्द्रीकृत करेंसी है जिसका मतलब हुआ कि इसे किसी भी सरकार, बैंक या संस्था द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाता है इसलिये इसे देशी-विदेशी लेन-देन में इस्तेमाल किया जा सकता है।

बिटकॉइन का इतिहास ?


जैसा कि आपको मालूम है कि हमारे वित्तीय सिस्टम है वे विश्वास पर टिके हैं जैसै भारत में रूपये की इसलिये वैल्यू है कि ये आरबीआई व सरकार के कंट्रोल में है और रूपये के हर नोट पर यह लिखा होता है कि ‘मैं धारक को - रूपये देने का वचन देता हूं‘ और उसके नीचे हस्ताक्षर होते है आरबीआई के गवर्नर के।


यहां पर यदि यह वचन ना होता तो शायद इस नोट की कोई वैल्यु नहीं होती और यह केवल एक कागज का टुकड़ा बन जाता है।


द्वितीय विश्व युद्व के बाद अमेरिका सबसे ताकत भर देश बन गया है इसलिये सब देशों को अपनी करेंसी अमेरिका के डॉलर से जोड़नी पड़ी, व अमेरिका सोने के भंडार से जुड़ा था, इसिलिये वास्तविक वैल्यु गोल्ड की हुई, लेकिन को कई ले जाना आसान नहीं था।\


तथा अमेरिका ने 1971 में गोल्ड के नियम को समाप्त कर दिया और इसके हिसाब से सारे देश अपनी केन्द्रीय बैंक के द्वारा नोट छाप सकते थे।


इसी बैंकिंग सिस्टम से निपटने के लिये बिटकॉइन की शुरूआत हुई क्योंकि इसके उपयोग से सरकार और बैंक के दुरूपयोग से बचना जा सके।


2008 में जब वैश्विक संकट आया इसमें कई बड़े बैंक भी डूब गये थे इसी समय सतोशी ने क्रिप्टोकरेंसी का कोन्सेप्ट दिया, जिसका मकसद था कि इस करेंसी को किसी तीसरी पार्टी(सरकार, बैंक) से अलग रखा जायेगा।


इसी में सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी आती है बिटकॉइन। उसके बाद कई क्रिप्टोकरेंसी बाजार में आ चुकी हैं।

क्रिप्टोकरेंसी कब और कैसे शुरू हुई? :-

प्राचीन काल में लेने-देन के लिये वाटर सिस्टम का प्रयोग होता था जैसे- गेहूं के बदले जूते लेना, आम के बदले नमक

यानी जो वस्तुओ में आपस में लेन-देन हो उसे वाटर सिस्टम कहा जाता है, लेकिन इस सिस्टम में काफी परेशानियां थी जैसे यदि कोई गेहूं के बदले जूते ना ले तो।

फिर इन्ही परेशानियों को दूर करने के लिये मुद्राओं का चलन शुरू हुआ जैसे सोने, चांदी, तांबे आदि के सिक्के चलने लगे।

आजादी से पहले भारत में टका, आना, चब्बनी, अटठ्नी, रूपया आदि चलते थे, लेकिन इनके भारी वजन होने के कारण कागज के नोट चलने शुरू हुए।

वर्तमान में पैसों का डिजिटल रूप चलने लगा है जैसे फोन पे, पेटीएम, गुगल पे आदि का उपयोग बहुत तेजी के साथ होने लगा है। इसी में नाम आता है एक क्रिप्टोकरेंसी का।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

यह क्रिप्टो $ करेंसी से मिलकर बना है। यहां क्रिप्टो का मतलब होता है-छिपा हुआ व करेंसी मतलब पैसा। इसका मतलब हुआ कि आप क्रिप्टोकरेंसी से जो भी लेन-देन करेंगे वह सब छूपा हुआ होगा।


क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है इसे हम और करेंसी की तरह जेब में नहीं रख सकते, बल्कि इसे ऑनलाइन वॉलेट में रखा जाता है जिसके कारण इसे आप बिना किसी झंझट के कही से भी इस्तेमाल कर सकते हैं।


क्रिप्टो करेंसी का सबसे पहले प्रयोग 2009 में सतोशी नामक व्यक्ति द्वारा किया गया जिसमें सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है, बिटकॉइन के अलावा बाजार में बहुत सारी क्रिप्टोकरेंसी आ चुकी हैं।


इसका मतलब हुआ कि आप क्रिप्टोकरेंसी को बेच सकते हो, खरीद सकते हो या इसमें निवेश कर सकते हो।


क्रिप्टोकरेंसी पर किसी सरकार या बैंक या संस्था का कंट्रोल नहीं होता है इसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से क्रिप्टोकरेंसी का लेन-देन कर सकता है।


शुरूआत में कई देशों ने इस पर बैन लगा दिया था लेकिन अब अधिकतर देशों ने इस बैन को हटा दिया है। भारत ने भी 2021 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी लांच करने की बात कही।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार-


वैसे क्रिप्टो करेंसी के कई प्रकार होते है जिनमें से कुछ निम्न हैं-


बिटकॉइन- यह एक प्रसिद्व क्रिप्टोकरेंसी है व पहली करेंसी है।


एथरियम- यह भी एक प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी है जो कि एक स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट प्लेटफॉर्म के रूप में बनाई गयी है।


लाइटकॉइन- यह बिटकॉइन की तरह सामान्य तकनीकों का इस्तेमाल करती है।


रिपल- यह एक नेटवर्क है जिसका इस्तेमाल वित्तीय संस्थानों के बीच सुरक्षित और जल्दी भुगतान करने के लिये किया जाता है।


इसके अलावा भी ओर भी क्रिप्टोकरेंसी है जैसे-डैश, मोनेरो, डॉजकॉइन आदि।

बिटकॉइन का उपयोग


बिटकॉइन का इस्तेमाल हम ऑनलाइन लेन-देन के लिये कर सकते हैं। बिटकॉइन पीटुपी नेटवर्क पर आधारित है जिसका मतलब होता है कि लोग बिना किसी बैंक, संस्था, क्रेडिट कार्ड के आसानी से लेन-देन कर सकते हैं।


इसके लेन-देन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है इसलिये इसका इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है।


आज इसका इस्तेमाल कंपनी में, उद्योगों में, एनजीओ, ऑनलाइन वर्क में किया जा रहा है जिसके कारण इसका यूज वैश्विक करेंसी के रूप में किया जा रहा है। 


इसमें अन्य कार्ड की तरह ना तो कोई लिमिट होती है ना ही इसे इन कार्ड की तरह साथ ले जाना पड़ता है। इसका प्रयोग कहीं भी व कभी भी किया जा सकता है। 

बिटकॉइन की Value क्या है? :-

बिटकॉइन बहुत ज्यादा लचीली है और इसकी वैल्यु बहुत तेजी के साथ बढ़ती या कम होती रहती है, क्योंकि इसे किसी के द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाता है। इसलिये इसकी वैल्यु इसकी मांग के अनुसार बदलती रहती है।

बिटकॉइन की कीमत हर देश में अलग-अलग होती है और यह निर्भर करता है उस देश की मांग पर। इसका चलन पूरी दुनिया में इसलिये इसकी कीमत हर देश की डिमांड के अनुसार तय होती है। 

क्या भारत में क्रिप्टोकरेंसी लीगल है या नहीं? : (bitcoin investment in india is legal) : -

हां, भारत में क्रिप्टोकरेंसी भारत में लीगल है, लेकिन यह ट्रेडिंग के लिये ही लीगल है। 


अप्रैल, 2018 को आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया था, लेकिन 2020 में आरबीआई ने इस बैन को हटा लिया और कहा कि आप क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग कर सकते हैं तथा क्रिप्टोकरेंसी एक लीगल टेंडर नहीं है। 

लीगल टेंडर क्या होता है? :-लीगल टेंडर का मतलब हुआ कि जैसे आरबीआई ने जो नोट छापे हैं और हम उन पैसों को ले जाकर कहीं भी कुछ भी खरीद सकते हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी जो कि लीगल नहीं है और यह वर्चुअल फॉर्म में होती है, इसको ले जाकर हम कुछ नहीं खरीद सकते है। 

बिटकॉइन के फायदे?

इसमें लेने-देन के लिये सरकार, बैंक या किसी संस्था का कंट्रोल नहीं होता है, जो कि P To P पर काम करता है यानी कोई व्यक्ति बिटकॉइन को सीधा किसी दूसरे व्यक्ति को बेच सकता है।


जब आप बिटकॉइन को खरीदते या बेचते हैं तो आपकी पर्सनल जानकारी व वित्तीय लेने देन की जानकारी को गोपनीय व सुरक्षित रखा जाता है। 


बिटकॉइन एक ग्लोबल मनी है जिसको कहीं से भी, कभी भी इसको आसानी से भेज सकते हैं और व्यापार कर सकते हैं।


इसमें अतिरिक्त लेन-देन फीस नहीं होती है, जबकि दूसरे तरीकों से लेन-देन करने पर ट्रांजेक्शन फीस देनी होती है।


इसका लेन-देन बैंकों के मुकाबले बहुत जल्दी व आसानी से होता है।


इसे अन्य वित्तीय कार्ड की तरह ना तो कोई लिमिट होती है ना ही इसको ले जाना पड़ता है, बल्कि इसको कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

बिटकॉइन के नुकसान


यदि आप गलती से गलत लेन-देन कर देते हो तो आप यह पता नहीं लगा पाओगे कि आपका पैसा कहां गया है और वह पैसा आना मुश्किल हो जायेगा, लेकिन यही लेन-देन आपसे बैंक के द्वारा गलत हो जाये तो आपको यह पैसा मिल सकता है।


जब सरकार या किसी संस्था को पता ही नहीं होता कि यह लेन-देन कहां से हो रहा है ओर कहां जा रहा है तो ऐसे में इसका इस्तेमाल गलत कार्यों में हो सकता है।


इसकी वैल्यु बहुत तेजी के साथ बढ़ती है जिसके कारण आप यह पता नहीं लगा पाते कि इसका प्राइस कब उपर जायेगा और कब नीचे जायेगा।


इसके अलावा बिटकॉइन के ओर भी नुकसान है जैसे- डेटा की सुरक्षा को लेकर, तकनीकी ज्ञान की जरूरत आदि।

बिटकॉइन को कैसे खरीदे?

बिटकॉइन को खरीदने के लिये ऐसा नहीं है कि आप एक पूरा बिटकॉइन खरीदेंगे, बल्कि आप बिटकॉइन को सातोशी में खरीद सकते हैं जैसे एक रूपये में 100 पैसे होते हैं उसी तरह एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सतोशी होते है। तो आप एक सातोशी को खरीद कर भी बिटकॉइन में निवेश कर सकते है।

बिटकॉइन में कैसे निवेश करें : (bitcoin investment platform in India) :-


बिटकॉइन में निवेश करने के लिये भारत के अन्दर दो बहुत फेमस वेबसाइट हैं -


1 Zebpay.com 

2 unocoin.com 


पर जाकर या इनके एप्स प्ले स्टोर से डाउनलोड करके बिटकॉइन में निवेश कर सकते है।  इसमें बिटकॉइन खरीदने के लिये आपके एक अकाउंट बनाना होगा जिसमें आपको कुछ डॉक्युमेंटस और अपनी पर्सनल डिटेल्स व ईमेल भरकर सबमिट करने होंगे, जिसके बाद आप बिटकॉइन खरीद-बेच सकते हैं।


बिटकॉइन में निवेश करने का दूसरा तरीका होता है बिटकॉइन माइनिंग।


आम भाषा में माइनिंग का मतलब होता है खुदाई करना, लेकिन यहां बिटकॉइन की खुदाई नहीं हो सकती, इसलिये यहां माइनिंग का मतलब है नई बिटकॉइन बनाना जो कि कम्प्यूटर पर ही हो सकती है यानी नई बिटकॉइन बनाने के तरीकों को बिटकॉइन माइनिंग कहते हैं। इसके लिये हाई प्रोसेसर, माइनिंग सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है।


जब कोई बिटकॉइन से payment किया जाता है उस लेन-देन को Verify किया जाता है, जो इन्हें Verify करते हैं उन्हें माइनर्स कहा जाता है।


इन माइनर्स के पास हाई प्रोसेसर व विशेष कम्प्युटर होता है और ये इसकी मदद से लेन-देन को पूरा करते हैं व नेटवर्क को सुरक्षित करते है इसके बदले में उन्हें कुछ बिटकॉइन मिलते है, इसी तरह नये बिटकॉइन मार्केट में आते हैं।


बिटकॉइन में निवेश करने से पहले यह करें:


जिस तरह किसी भी चीज की डिमांड और सप्लाई होती है उसी तरह बिटकॉइन में भी डिमांड और सप्लाई काम करती है।


किसी भी चीज का सही प्राइस आने के लिए जितनी डिमांड है उतनी उसकी सप्लाई होने चाहिए।


लेकिन हाल ही में बिटकॉइन की सप्लाई लोगों ने बहुत तेजी के साथ बढ़ा दी जिससे डिमांड इतनी तेजी के साथ नहीं बड़ी, जिसके कारण बिटकॉइन का प्राइस तेजी से गिर गया।


बिटकॉइन के प्राइस को लेकर भविष्य में भी यही फार्मूला अप्लाई होगा यानी बिटकॉइन का प्राइस इसकी डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करेगा।


हम अक्सर सुनते हैं कि कुछ लोगों ने बिटकॉइन से बहुत कम पैसे लगाकर बहुत ज्यादा पैसे कमा हां ऐसा हुआ भी है,


लेकिन हमें यह ध्यान देना चाहिए कि बहुत कम ही लोग हैं जिन्होंने बिटकॉइन में कम पैसे लगाकर बहुत ज्यादा पैसे कमाए हैं।


व ऐसे बहुत ज्यादा लोग हैं जिन्होंने ज्यादा पैसे लगाकर गवाए भी हैं।


इसलिए जब बिटकॉइन का नाम सुनते हैं तो हमारे दिमाग में एक ही बात आती है, जल्दी से पैसा कमा ले, लेकिन ऐसी गलती ना करें।

बल्कि उसके बारे में सीखने की कोशिश करें वह कम पैसों से लंबे समय के लिए निवेश करने का प्लान बनाएं।

बिटकॉइन में निवेश करना क्या सुरक्षित है?

जिस तरह से आरबीआई ने 2018 में इसको बैन किया था, ओर अब इसको ट्रेडिंग की अनुमति दे दी, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है 

क्योंकि इसमें कुछ जोखिम होते है जैसे इसके प्राइस का तेजी के साथ कम-ज्यादा होना, यदि अपना पासवर्ड भूल जाते है या गलती से गलत ट्रांजेक्शन हो जाता है तो इससे वापस पैसा नहीं आना बहुत मश्किल हो जाता है।

बिटकॉइन कब खरीदना चाहिए?

यह एक तरह का जुआ है, इसका प्राइस बहुत तेजी के साथ बढ़ता-घटता जाता है,  जिसको आप अनुमान नहीं लगा सकते कि इसका प्राइस बढ़ेगा या  घटेगा। 

बस आप इसमें एक उम्मीद लगा सकते हैं कि इसका प्राइस बढ़ेगा या घटेगा। इसलिये लोगों के चक्कर में ना आये, बल्कि यदि आप इसमें निवेश करना चाहते हैं तो आप थोड़ा पैसा ही निवेश कर सकते है, बहुत ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहिए।

 बिटकॉइन वॉलेट क्या है?

बिटकॉइन वॉलेट उसको बोलते हैं जहां पर बिटकॉइन को रखा जाता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिकल वॉलेट होता है। जहां पर यूजर्स बिटकॉइन को रख सकते है, उनसे लेन-देन कर सकते हैं।

बिटकॉइन कैसे बनता है :

बिटकॉइन इस तरह नहीं बनते जिस तरह 100-500 के नोट छपते है, बल्कि इनको बिटकॉइन माइनिंग के द्वारा बनाया जाता है, माइनिंग का मतलब हुआ जिस तरह हम माइनिंग करते है तो उसमें जितने प्राकृतिक संसाधन होते है, उनको हम सीमित में गिनते है उसी तरह इसके सीमित नंबर को हम माइन करते हैं।

कुल 21 मिलियन बिटकॉइन है जिनमें से 18 मिलियन हमने बना लिये है और रोज बिटकॉइन बन रहे है, जितने लोग इसमें भागीदार करेंगे उतने ही बिटकॉइन बनेंगे। इसको जिसके पास सिस्टम है वह बना सकता है। इसमें आपको रिवार्ड के तौर पर बिटकॉइन मिलते है। 

इसमें आपको खुद केलकुलेशन नहीं करनी होती है, आपको सिस्टम को इंस्टॉल करना होता है और यह खुद एल्गोरिदम के द्वारा बिटकॉइन बनते है और जो लोग इस ओटोमेटिक एल्गोरिदम के लिये अपना सिस्टम इंस्टॉल करते हैं उन्हें बिटकॉइन माइनर कहा जाता है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है:

हमने यह तो जान लिया कि बिटकॉइन क्या होता है इसको कैसे सीखे और रखा जाता बिटकॉइन डिसेंट्रलाइज्ड कैसे होती है? इसके लिए जो तकनीक काम करती है, वह ब्लॉकचेन तकनीक है।

ब्लॉकचेन एक बड़ा सा डेटाबेस है जो लाखों कंप्यूटर्स में शेयर होता है और सब कंप्यूटर आपस में जुड़े होते हैं।

जिस तरह से किसी दुकान में रखा हिसाब किताब का रजिस्टर होता है जिसमें दुकान का हिसाब किताब होता है ब्लॉकचेन भी इसी रजिस्टर की तरह होता है जहां डेटा रखा होता है।

वैसे तुम ब्लॉकचेन का प्रयोग हम कई जगह कर सकते हैं लेकिन इसका प्रयोग सबसे ज्यादा बिटकॉइन के लेनदेन के लिए फेमस हुआ।

इसका प्रयोग -

मान लेते हैं कि आपने बिटकॉइन बेचा या खरीदा तो यह डाटा एक ब्लॉक के रूप में सेव हो जाता है इसी तरह आप जितनी बात बिटकॉइन को बेचते खरीदते हैं तो इतनी ही बार ब्लॉक बनता है और यह सब ब्लॉक एक chain के रूप में बनते जाते हैं इसलिए इसका नाम ब्लॉकचेन पड़ा।

प्रत्येक ब्लॉक की अपनी अलग की होती है और डिसेंट्रलाइज होता है यदि किसी एक ब्लॉक में दिक्कत आती है तो बाकी ब्लॉक में कोई परेशानी नहीं होती है इसलिए इस तकनीक को हैक व हटाया नहीं जा सकता।

भारत में बिटकॉइन का भविष्य?

बिटकॉइन का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि लोग इसको किस तरह से स्वीकार कर रहे है और कहा-कहां स्वीकार कर रहे हैं, क्योंकि इसमें कोई निश्चित नहीं है इसलिये इसके भविष्य पर कई कारकों को प्रभाव पड़ता है।

इसके भविष्य को लेकर जानकार अलग-अलग विचार रख रहे है, कोई कह रहा है कि इसके मूल्य में वृद्वि हो सकती है तो कोई कह रहा है कि इसके मूल्य में गिरावट आ सकती है।

इसलिये आपको इसमें निवेश करने से पहले आपको सतर्क होना पड़ेगा और अलग-अलग सोर्स से इसके बारे में जानकारी इकट्ठा करनी पडेगी ताकि आप बिटकॉइन बाजार को समझ पाये।

बिटकॉइन के बारे में जानकारी(FAQs)  :

Q. बिटकॉइन कौन से देश में चलता है ?

A. बिटकॉइन जोकि जापान के व्यक्ति सातोशी द्वारा बनाया गया है लेकिन इस पर जापान का कोई कंट्रोल नहीं है, और यह किसी भी देश की मुद्रा नहीं है, ना ही इस पर किसी देश का कंट्रोल है,

बल्कि यह एक वर्चुअल करेंसी है जिसे कोई भी यूज़ कर सकता है(  जिस देश में यह लीगल है)| 

Q. क्या भारत में बिटकॉइन खरीद सकते हैं ?

A. हाँ, भारत में बिटकॉइन की ट्रेडिंग करना लीगल है, और  भारत के अन्दर दो बहुत फेमस वेबसाइट हैं -1 Zebpay.com  2 unocoin.com  पर जाकर या इनके एप्स प्ले स्टोर से डाउनलोड करके बिटकॉइन में निवेश कर सकते है।

Q. बिटकॉइन को किसने बनाया ?

A. 2008 में जब वैश्विक संकट आया इसमें कई बड़े बैंक भी डूब गये थे इसी समय सतोशी ने क्रिप्टोकरेंसी का कोन्सेप्ट दिया, जिसका मकसद था कि इस करेंसी को किसी तीसरी पार्टी(सरकार, बैंक) से अलग रखा जायेगा। इसी में सबसे पहले क्रिप्टोकरेंसी आती है बिटकॉइन।

Q. दुनिया का पहला क्रिप्टो करेंसी कौन सा है | 

A. दुनिया का पहला क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन है | 

Q. bitcoin investment app in india | 

A. भारत में  बिटकॉइन में निवेश करने वाले फेमस app  

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2 unocoin हैं |

Q. bitcoin investment करने वाली साइट्स कौन सी हैं -

A. भारत में  बिटकॉइन में निवेश करने वाली फेमस साइट्स 

1 Zebpay.com

2 unocoin.com  हैं |

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Q. bitcoin minimum investment in india in Hindi |

A. भारत में  कम से कम 1 सातोशी का भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं, 1 बिटकॉइन की कीमत 10 करोड़ होती है | 

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2 unocoin.com, 

3 Wazirx.com  


Q. bitcoin investment Company in india |

A. भारत में  बिटकॉइन के बारे में काफी कंपनी और app हैं, लेकिन कुछ फेमस कंपनी व apps निम्न हैं -

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4 BitBNC,

5 coinSwitch-best for begginers,

6 ZebPay,

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Q. Crypto investment Company in india |

A. भारत में  Crypto के बारे में काफी कंपनी और app हैं, लेकिन कुछ फेमस कंपनी व apps निम्न हैं -

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Q. 
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A. भारत में Crypto के बारे में काफी कंपनी और app हैं, लेकिन कुछ फेमस कंपनी व apps निम्न हैं -

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ZebPay 

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CoinSwitch 

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इनके माध्यम से क्रिप्टो में इन्वेस्ट किया जा सकता है |

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