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मशीन लर्निंग क्या है और कैसे काम करता है : मशीन लर्निंग का उपयोग !

मशीन लर्निंग (Machine Learning in hindi) ने ना सिर्फ मनुष्य के जीवन कई खोजों को आसान बनाया है बल्कि मशीन लर्निंग द्वारा भविष्य के कई सुनहरे अवसर खुलते जा रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको मशीन लर्निंग क्या है एवं इसके उपयोग के बारे में बताने वाले हैं।

आज तकनीक ने इतनी तरक्की कर ली है कि आज पूरा विश्व तक नहीं सही भरा पड़ा है, तकनीक की भूमिका मानव विकास में बहुत महत्वपूर्ण रही है जैसे कंप्यूटर ने मानव विकास के सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया है।

शुरुआत में कंप्यूटर की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण नहीं थी जितनी आज है, क्योंकि आज कंप्यूटर हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है और हम कह सकते हैं कि वर्तमान में मशीनी युग की शुरुआत हो चुकी है।

आज Artificial Intelligence ने जिस तरह से तरक्की की है कि Computer व्यक्तियों की तरह सोचने समझने लगे हैं, जैसे : चैटजीपीटी (ChatGPT) ने आज तकनीक के क्षेत्र में हलचल मचा दी है आज हम Chatgpt से व्यक्ति की तरह बात कर सकते हैं।

आज हम Machine Learning के बारे में बात करने जा रहे हैं कि Machine Learning क्या है? यह कैसे काम करती है इसके फायदे नुकसान क्या है? आदि।

मशीन लर्निंग क्या है? - What is Machine Learning

Machine Learning, Artificial Intelligence का एक भाग है जो सिस्टम को एक ऐसी ताकत देता है जो Automatic सीख सकें और आवश्यकता के अनुसार खुद को बेहतर बना सके।

मशीन लर्निंग Clearly प्रोग्राम के लिए बिना सिस्टम को Automatically run करना सीख सकती है इसमें सिस्टम को इतना Skill बना दिया जाता है कि मशीन अपने पिछले अनुभव के आधार पर खुद ही उस काम को कर सके और उसमें सुधार कर सके जिस तरह व्यक्ति करते हैं।

यानी आसान भाषा में हम कह सकते हैं कि एक कंप्यूटर को इस तरह तैयार किया जाता है कि वह यूजर्स के मुताबिक काम कर सके और साथ में यूजर से जुड़ी कमांड व डाटा को भी स्टोर करके रख सके।

Machine Learning कंप्यूटर के विकास पर ध्यान केंद्रित करता है ताकि डाटा को खुद ही Access कर सके और फिर उसे खुद की लर्निंग के लिए इस्तेमाल कर सके, मशीन के सीखने की प्रक्रिया डाटा या Observations के साथ शुरू होती है।

जिसमें अनुभव या निर्देश के द्वारा मशीन प्राप्त डेटा में पैटर्न की तलाश कर सकें और लोगों द्वारा दिए गए उदाहरणों के आधार पर बेहतर निर्णय ले सके।

वैसे Machine Learning बनाने का उद्देश्य यही है कि कंप्यूटर बिना इंसान की मदद के सब कुछ अपने आप ही कर सके यानी व्यक्ति अपनी तरह सोचने वाली मशीन बनाए।

Machine Learning में कंप्यूटर या मशीन को बेहतर बनाने के लिए यूज़ किया जाता है जो कंप्यूटर को सोचने समझने की क्षमता प्रदान करता है।

आसान भाषा में मशीन लर्निंग- हम सिस्टम/मशीन को डेटा देते है फिर यह सिस्टम सीखकर, हमें एल्गोरिदम के हिसाब से Output प्रदान करता है,

जैसे - हम एक उदाहरण ले लेते हैं- अस्पताल का, जिसमें मरीजों के रिकॉर्ड होते हैं, जिसमें मरीजों की information होती है, जैसे- कौन से लक्षण थे, कौन से लक्षण नहीं थे, कौन से मरीज को थायराइड है, कौन से मरीज को थायराइड नहीं है, इस मरीज को कौन सी बीमारी थी, दूसरे मरीज को कौन सी बीमारी थी, मरीज को कौन सी दवा दी गयी आदि।

यही सब जानकारी हम मशीन/सिस्टम को दे देते हैं तो और फिर वो मशीन कुछ Logic लगा कर या सीखकर हमें रिजल्ट दे, जैसे किसी मरीज में A, B, लक्षण होंगे, तभी किसी मरीज को थायराइड होगा इसी पूरी प्रक्रिया को मशीन लर्निंग कहते हैं।

इसी मशीन लर्निंग में कुछ एल्गोरिदम व टूल्स होते है जो हम यूज कर रहे होते हैं क्योंकि होता क्या है जब आप अपने यूटयूब पर कुछ सर्च करते हैं तो होता क्या है कि आपके यूट्यूब पर उससे संबंधित चीजें व एड आने लगती हैं।

यह एल्गोरिदम काम करता है क्योंकि यूट्यूब पर जो डेटा होता है, उस तरह की चीजें पहले जिन लोगों ने सर्च की होंगी, फिर इन्होंने जो दुबारा सर्च किया होगा, उसके आधार पर ही आपको उसी तरह का सर्च दिखाया जाता है। इसी तरह मशीन लर्निंग हमारी Daily लाइफ की चीजों को Effect करती है।

इसी तरह और दूसरे प्लेटफॉर्म जैसे Whatsapp, फसबुक, इंस्टाग्राम आदि भी काम करते हैं, क्योंकि इनके पास भी यूजर्स का डेटा होता है।

आसान भाषा में समझते है मशीन लर्निंग क्या है, मशीन लर्निंग एक स्टडी है, जिसमें हम एक मशीन मनाते है, जो मानव की तरह होती है, मानव की तरह मतलब मशीन अपने आपस से सीख सके और हमें बता सके। यानी मशीन को हम इस तरह से तैयार करते है कि वह खुद ही हमें रिजल्ट दे सके, ना कि हमें उसमें प्रोग्रामिंग करे, कोडिंग करे। और मशीन अपने डेटा और अनुभव से इस तरह से काम करेगी कि वह आपको आपके अनुसार आउटकम देगी, इसी को हम मशीन लर्निंग कहते हैं।

मशीन लर्निंग ट्रेडिशनल प्रोग्रामिंग से किस तरह अलग है- ट्रेडिशनल प्रोग्रामिंग में हम मैनुअली काम करते हैं, इसमें होता क्या है कि एक जो प्रोग्रामर/मानव होता है, कम्प्यूटर में प्रोग्राम फिल्ड करता है, इनपुट देता है, इस इनपुट के आधार पर फिर यह सिस्टम  आउटपुट देता है,

उदाहरण के तौर पर जैसे आपको नंबर ढूंढना है तो यहां पर आपका डेटा होगा नंबर, जैसे हमनें नंबर लिया (3)2, तो इसमें प्रोग्रामर लॉजिक तैयार करेगा, डेटा को यूज करके, फिर ये इनपुट जायेगा आपके कम्प्यूटर को, फिर ये कम्प्यूटर उससे रिलेटेड आउटपुट निकालकर देगा। तो यह नंबर होगा 6, क्योंकि 3 का स्कावयर होता है 6।


मशीन लर्निंग कैसे काम करती है। - How it Works



Machine Learning in hindi : मशीन लर्निंग क्या है और कैसे काम करता है : मशीन लर्निंग का उपयोग !


यदि हमें किसी बड़े डाटा का Solution करना है तो कंप्यूटर बहुत आसानी से कर सकता है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती है जहां पर मानव कंप्यूटर से अच्छा Performance करता है जैसे Communication आदि।

मशीन लर्निंग में यह होता है जो काम मानव कर रहे हैं इन कामों को मशीन से करवाने के लिए तैयार करना

यानी मशीनों को कामों के लिए सिखाना जैसे मानव कम्युनिकेशन अच्छी तरह से कर लेते हैं, लेकिन Chat gpt आने से मशीन भी मानव से communication कर सकते हैं।

मशीन को आदमी की तरह सोचने समझने के लिए सबसे पहले हमें मानव के दिमाग की Study करनी होगी जैसे एक व्यक्ति के दिमाग में बहुत सारे न्यूरॉन्स होते हैं।

Neurons क्या होते हैं?

न्यूरॉन्स में बहुत सारे सेल्स होते हैं और यह cells कनेक्ट होते हैं Synapses से। जब हम सोचते हैं तो इस वक्त इलेक्ट्रिकल सिगनल एक न्यूरॉन से दूसरे neuron मैं पास होता है,

तो उसी आधार पर Synapses की मजबूती बढ़ती है घटती है और उसी आधार पर हमारी लर्निंग होती है इसमें तीन तरह की लेयर पर काम होता है। Input-hidden-output

जैसे :  हम जब किसी बच्चे को किसी पिक्चर के द्वारा कुछ बताते हैं तो उस बच्चे को जो इनपुट मिलता है उसका कुछ hidden करते हुए यह बच्चा आउटपुट देता, जिससे बच्चा ट्रेन होता है।

इसी तरह बच्चे को दूसरी इमेज दिखाओगे तो वह इसी तरह Input-hidden-output का प्रोसेस  अपनाता एवं इस तरह यदि हम उससे पूछेंगे पिछली इमेज तो वह उसको बता देगा, इसी तरह मशीन लर्निंग काम करती है।

ऐसे काम करता है, मशीन लर्निंग!

Machine Learning AI का एक ग्रुप है जो मशीनों को इंसानों की तरह सोचना सीखता है, यह पिछले अनुभव, डाटा, पैटर्न की पहचान के आधार काम करता है लेकिन उसमें मानक का हस्तक्षेप शामिल होता है।

इसका प्रयोग इस तरह ज्यादा महत्वपूर्ण बन जाता है कि इससे यह पता या पता लगाया जा सकता है कि मानव द्वारा किए गए कार्यों से क्या छूट गया है?

मशीन लर्निंग मॉडल उन जटिल पैटर्न का पता लगाने में सक्षम है जिन्हें मनुष्य द्वारा Analysis के समय अनदेखा किया जाता है।

यह मॉडल डेटा को समझता ताकि वह उसके पैटर्न और अंतर को देख सके और यह मॉडल फिर से अपडेट होता है ताकि यह और बेहतर व निर्णय दे सके।

मशीन लर्निंग द्वारा डेटाबेस, वेबसाइट आदि से इकट्ठा किया जाता है फिर उसे डेटा को समझने व उसे मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के लिये तैयार किया जाता है जैसे पैटर्न बनाना, डेटा को क्लीयर करना, उसे क्रम में लगाना, उसका लेबल या विशेषताएं निकालना, डेटा का बांटना आदि शामिल है। 

मॉडल एल्गोरिदम का चयन किया जाता है जो डेटा को ट्रेनिंग करने के लिये परफेक्ट होता है और इसका उपयोग करके मॉडल को सीखाया जाता है।

इसमें मॉडल को डेटा के साथ उपयोग किया  जाता है जो पैटर्न को खोजता है ताकि वह डेटा और पैटर्न के अन्तर व संबंध को सीख सके।

फिर इस मॉडल को अपडेट कर सुधार किया जा सकता है ताकि यह मॉडल बेहतर ढंग से काम कर सके तथा अन्त में जिस मॉडल को सीखाया जाता है उसका उपयोग नए डेटा या जिस डेटा का पता नहीं है उस पर निर्णय लेने के लिये किया जाता है।

फिर इस मॉडल द्वारा दिये गये निर्णय को यूजर्स को प्रदान किया जाता है ताकि वे यूजर्स उन्हें अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उपयोग कर सकें।

मशीन लर्निंग का इतिहास -

मशीन लर्निंग की शुरूआत होती है 1950 में एलन टूरिंग के दिमाग में यह सलाव आया कि क्या मशीन भी हमारी तरह सोच सकते है। इसपर एक गेम बनाया जिसका नाम था दा इनटिमेशन गेम इसमें होता क्या था कि इसमें दो व्यक्ति व एक कम्प्यूटर रहते थे,

जिनको अलग-अलग जगहों पर बिठाया जाता था, इसमें 1 व्यक्ति सवाल करता था, तो दोनों एक व्यक्ति व एक कम्प्यूटर इसका जवाब देते थे। इसमें बातचीत टेक्स्ट के द्वारा होती थी। इसमें कम्प्यूटरों को देखा जाता था कि यह भी व्यक्ति की तरह जवाब दे रहा है, तो ऐसे में एलन टूरिंग का मानना था कि यदि कम्प्यूटर भी व्यक्ति की तरह जवाब दे रहा है कि यह आदमी की तरह काम कर सकता है।

फिर 1952 में अर्थर सेमुअल ने आईबीएम कम्पनी में एक गेम बनाया जो खुद सीखता था और खुद की इम्प्रुव करता था।

फिर Frank Rosenblatt ने एक एल्गोरिदम बनाया जिसका काम था पैटर्न को recognized करना | तथा 1979 में Stanford University में Stanford Cart बनाया गया इसकी खास बात यह थी यह अपने आप की दिशा तय कर लेता था।

साल 1985 में nettalk नाम का एक प्रोग्राम बनाया गया इसकी खास बात यह थी कि यह खुद से ही word को pronounce करना सीख सकता था |

आज मशीन लर्निंग का कांसेप्ट इतना एडवांस होता गया कि आज हमारे पास google Assistant है, Alexa है आदि हैं |

मशीन लर्निंग क्यों महत्वपूर्ण है? :

विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियों के द्वारा अपने अलग-अलग उद्योगों के लिए मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी को उपयोग में लिया गया है। वर्तमान समय में अनेक कारखाने फैक्ट्री हमारे इस स्मार्टफोन में कंप्यूटर लैपटॉप आदि में कहीं ना कहीं मशीन लर्निंग एल्गोरिथम जरूर काम करता है जिसकी सहायता से डाटा को कलेक्ट किया जाता है। ‌ 

बड़े-बड़े बिजनेस उद्योगों के लिए मशीन लर्निंग जरूरी है क्योंकि वहां पर इंसानों की तुलना में कम खर्च आता है और इसके चलते कंपनियां कम समय में ज्यादा पैसे बचा पाती है, 

इसलिए वर्तमान समय में अनेक सारी कंपनियां इसका उपयोग भी कर रही है आने वाले भविष्य में टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के अंतर्गत इसका सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला है। कुछ समय में डिजिटल वर्ल्ड में अनेक सारे बदलाव देखे गए हैं जहां पर कहीं ना कहीं मशीन लर्निंग का भी प्रभाव है। 

 मशीन लर्निंग को अधिक महत्व देने के कारण आज बहुत ही तेजी से डिजिटल परिवर्तन देखने को मिला है मशीन लर्निंग के कारण ही अनेक स्वचालित मॉडल विकसित करना संभव हो रहे हैं। अनेक सारे जटिल डाटा को आज मशीन लर्निंग के कारण ही आसानी से सटीक विश्लेषण करके हम प्राप्त कर पाते हैं। 

 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में क्या अंतर है? चलिए अब हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में अंतर को जानते हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मकसद केवल सक्सेस के चांस को बढ़ाना होता है वहीं दूसरी तरफ मशीन लर्निंग का मकसद सक्सेस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना होता है बल्कि accuracy को इंक्रीस करना होता है। कंप्यूटर की प्रोग्राम जैसे काम करते हैं वैसे ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्मार्ट वर्क करते हैं। 

वही मशीन लर्निंग एक सिंपल कॉन्सेप्ट मशीन होती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमेशा किसी न किसी प्रॉब्लम का ऑप्टिमल सॉल्यूशन ढूंढने में यकीन रखते हैं वहीं दूसरी तरफ मशीन लर्निंग किसी प्रॉब्लम का कोई भी सलूशन ढूंढने में यकीन नहीं रखते हैं। हमेशा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंटेलिजेंस और विजडम की और लीड करते हैं तो था वहीं दूसरी तरफ मशीन लर्निंग हमेशा नॉलेज की और लीड करते हैं।

मशीन लर्निंग के प्रकार :-

सामान्यता Machine Learning के 4 प्रकार होते हैं

  1. Supervised learning 

  2. unsupervised learning 

  3. semi supervised learning 

  4. reinforcement machine learning

1. Supervised learning

इसमें मशीन जो अपने पिछले अनुभवों से सीखती है तो उसे यह नए डाटा में लागू करती है ताकि यह इन अनुभवों के आधार पर भविष्य में होने वाली घटनाओं का अनुमान लगा सके।

यानी हम कह सकते हैं कि यह इस तरह से सीख कर काम करता है जिस तरह मनुष्य अपने अनुभवों से सीख कर काम करता है।

Supervised Learning मैं मशीन को इनपुट के तौर पर अनेकों प्रकार के औजार व जवाब दिए जाते हैं, जिससे यह मशीन एल्गोरिदम इन उदाहरणों से सीखती है और इन्हीं इनपुट्स के आधार पर सही और आउटपुट का अनुमान लगाती है।

यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मशीन इनपुट डाटा की मदद से यूजर को सही आउटपुट डाटा प्रदान करता है, इसे निगरानी के आधार पर सीखी जाती है जैसे स्टूडेंट टीचर की निगरानी में सीखता है।

इसका उपयोग Risk Assessment, Image Classification, Fraud Detection,  Spam filtering आदि में किया जाता है।

आसान भाषा में Supervised का मतलब है निगरानी, जैसे : जब चुनाव होते हैं और चुनाव के रिजल्ट आने से पहले जो एग्जिट पोल आते हैं, उसमें अलग-अलग तरह के लोगों का फीडबैक लिया जाता है।

इस फीडबैक में एग्जिट पोल करने वालों का इनपुट शामिल होता है (जैसे बीजेपी को कितनी सीटें आएंगी, कांग्रेस को इतनी सीटें) एल्गोरिदम के आधार पर यह तय होता है , यह हारेगा या जीतेगा, उसके बाद मॉडल (Output) आता है।

इसी तरह काम करता है मशीन लगनी का सुपरवाइज्ड लर्निंग।

2. Unsupervised Learning

यह सुपरवाइजर learning के विपरीत होती है यानी इसमें एल्गोरिदम के रूप में इनपुट और उदाहरण पहले से नहीं दिए जाते हैं, बल्कि इसमें एल्गोरिदम को डाटा के आधार पर खुद ही अनुमान लगाना होता है इसलिए यह अल्गोरिदम टेस्ट डाटा या रियल डाटा से सीखते हैं।

इन्हें पहले से लेवल या Categorized नहीं किया गया, इसमें Unlabeled डेटा का उपयोग मशीन को ट्रेनिंग देने के लिए किया जाता है, यानी यह एक learning है जहां मशीन बिना किसी निगरानी के चीजों को सीखती है।

Unsupervised learning algorithm डाटा में समानता ओं की पहचान करता है और डाटा के हर एक टुकड़े में ऐसी समानता और असमानतओ के आधार पर आउटपुट देता है।

यह कैसा मॉडल होता है जो मनुष्य की तरह सोचने समझने में सक्षम होता है और उसी तरह व्यवहार और कार्य करता है।

इसमें लेबल डाटा ना होने के कारण यह काम को जल्दी व आसानी से कर सकता है जिसके कारण यूजर को डाटा प्राप्त करना काफी आसान होता है।

लेकिन इसमें परिणाम सटीक आने की संभावना भी नहीं रहती है, जिससे यूजर को सही जानकारी नहीं मिल पाती है।

3. Semi Supervised Learning

यह Supervised और Unsupervised लर्निंग के बीच में आता है यानी यह Supervised और Unsupervised लर्निंग से मिलकर बनी होती है क्योंकि यह ट्रेनिंग के लिए Labeled और unlabeled  डाटा का उपयोग करता है,

जो मशीन इस एल्गोरिथ्म का इस्तेमाल करती है वह समय-समय पर अपनी लर्निंग एबिलिटी को सुधार करने में सक्षम होती है।

इसमें यूज़र में समझने में काफी आसानी होती है व इसकी दक्षता भी ज्यादा होती है लेकिन इसके परिणाम स्थिर नहीं होते।

इसमें हम कम संख्या में लेवल डेटा का उपयोग करके मॉडल को प्रशिक्षित करते हैं जो बेहतर परफॉर्मेंस करने में मदद करता है, फिर मॉडल को उपलब्ध डाटा के साथ टेस्ट किया जाता है व ये  डाटा उपलब्ध होने के कारण केवल पैटर्न खोजने में सहायता करता है।

Semi Supervised Learning यह एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग ऐसी स्थिति में होता है जहां Supervised डाटा की कमी होती है और यह उपलब्ध डाटा का प्रयोग करके मॉडल को सीखने में मदद करता है।

4. Reinforcement Learning

यह एक सीखने की विधि है जो क्रियाओं को प्रस्तुत करके अपने आसपास के माहौल से बात करता है, साथ ही Trial और Error को भी खोजता है और Trial और Error को खोज निकालना व उनके बारे में पता लगाना इसकी खासियत है।

यह तकनीक Reward और पॉलिसी पर आधारित होती है, जैसे - हमारे पास एक अर्जेंट है, इस एजेंट ने माहौल में एक्शन लिया,  तो इस एक्शन पर एजेंट को या कोई Reward मिलेगा(सकारात्मकता के लिए) या Penalty मिलेगी (नकारात्मकता पर),

फिर वहां पर स्थिति चेंज होगी, फिर अर्जेंट इसके आधार पर कुछ पॉलिसी बनाएगा, उसके बाद अलग तरीके से परफॉर्मेंस करेगा इसी तरह वह पॉलिसी चेंज करते - करते वह learn करता है।

यानी यह एक फीडबैक आधारित तकनीक है इस फीडबैक के आधार पर एजेंट अपने आप सीखता है और खुद को इंप्रूव करता है For Example -  रोबोट Enforcement Learning का एक उदाहरण है।

मशीन लर्निंग का उपयोग :-

मशीन लर्निंग का उपयोग बहुत से क्षेत्रों में किया जा रहा है जहां डाटा से संबंधित व पैटर्न की पहचान करने की जरूरत होती है जिसके प्रमुख क्षेत्र निम्न है-

Google Products

मशीन लर्निंग का प्रयोग गूगल बहुत सी नई चीजों में कर रहा है जैसे - गूगल ट्रांसलेटर, जिसमें आप Translator से कुछ भी पूछ सकते हैं। वैसे यह मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का ही कमाल है जिसमें आप ट्रांसलेटर में कुछ भी बोल सकते हैं और वह उसे ट्रांसलेट कर देता है।

Speech Recognition

इसका इस्तेमाल गूगल के प्रोडक्ट में हो रहा है एवं फेसबुक, ईमेल आदि| आइए जानते हैं संक्षिप्त में!

Facebook

फेसबुक मैं मशीन लर्निंग का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में किया जाता है जैसे यदि आपने अमेजन पर कोई प्रोडक्ट रिसर्च किया है, तो यह प्रोडक्ट या इससे संबंधित प्रोडक्ट आपके फेसबुक पर दिखाई देंगे।

Google

दरअसल यह सब मशीन लर्निंग के द्वारा दिखाई देता है जिसमें गूगल आप की हर गतिविधि पर नजर रखता है और उसी के आधार पर विज्ञापन दिखाता है।

Email

ऐसा ही ईमेल में होता है जहां अधिकतर मेल Spam वाले फोल्डर में चली जाती हैं और यह मशीन लर्निंग द्वारा ही किया जाता है।

Face Detection

तकनीक का उपयोग करके पिक्चर्स की पहचान करने के लिए किया जाता है।

Voice Search

गूगल जैसे बड़े प्लेटफार्म यूजर्स के लिए वॉइस सर्च की सुविधा देते हैं, इसमें यूजर्स माइक में बोल कर किसी भी चीज की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

विज्ञान के क्षेत्र में :-

इसका उपयोग रिसर्च में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है तथा इसका यूज जीव- विज्ञान, जैव -इंजीनियरिंग आदि में डाटा के मूल्यांकन के लिए किया जा सकता है।

Google Map

यदि कोई यूजर्स किसी जगह जाता है तो गूगल मैप उसको सही रास्ते के साथ-साथ ट्रैफिक की जानकारी भी देता है।

Uber & OLA

ओला आदि में इसका इस्तेमाल यूजर्स व सर्विस प्रोवाइडर को कनेक्ट व मैपिंग में मदद करता है यह सब मशीन लर्निंग द्वारा ही संभव हो पाता है।

E-commerce

बहुत सी ई-कॉमर्स कंपनियों मैं मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे - आप फ्लिपकार्ट पर कोई प्रोडक्ट सर्च करते हो, तो इस सर्च रिजल्ट में इस प्रोडक्ट से संबंधित बहुत सारे प्रोडक्ट देखने को मिल जाते हैं।

इसमें मशीन लर्निंग यूजर्स से इनपुट लेकर फ्लिपकार्ट को देती है जिसके बदले यूजर को आउटपुट मिलता है। मशीन लर्निंग का प्रयोग वित्तीय संख्याओं, मार्केटिंग डाटा, वेबसाइट डाटा को विश्लेषण करने के लिए मशीन लर्निंग का प्रयोग किया जाता है।

Science

विज्ञान संबंधी उपयोग : मशीन लर्निंग का प्रयोग विज्ञान संबंधी उपयोग में भी किया जाता है, जैसे क्वांटम फिजिक्स में, डेटा विश्लेषण, जीव विज्ञान में, जीवन के प्रतीकों की पहचान,मॉलिक्यूलर संरचनाओं की गणना आदि।

Medical

मेडिकल क्षेत्र में मेडिकल में बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है और फिर उसके आधार पर इलाज किया जाता है।

Other

इसका प्रयोग डेटा को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है, इसके अलावा मशीन लर्निंग का उपयोग प्रयोग अनेक क्षेत्रों में होता है जैसे - वाणिज्यिक मशीन, बायोमेट्रिक, वित्तीय बाजार की भविष्यवाणी आदि।

ऊपर बताए गए उपयोग संक्षेप में है क्योंकि यह तकनीक व्यापक रूप से उपयोग होती है।

मशीन लर्निंग के फायदे!

वैसे तो मशीन लर्निंग के कई फायदे हैं लेकिन इनमें से कुछ फायदे निम्न हैं-

  • मशीन लर्निंग से इंसान की जिन्दगी बहुत आसान हो गयी है।

  • मशीन लर्निंग से लेखकों, वैज्ञानिकों आदि अन्य क्षेत्रों में विशेषज्ञता बढ़ती है इसमें मॉडल डेटा से सीखता है और तत्परता से पैटर्न व उसका मूल्यांकन करता है जिससे वे उन  डेटा पर अधिक समझदार और सटीक निर्णय लेने के लिये सक्षम होते है। 

  • इसका इस्तेमाल हर क्षेत्र में कार्य को बेहतर करने के लिये किया जा रहा है, जिसके लिये मशीनों को ओर कुशल बनाया जा रहा है। मशीन लर्निंग का फायदा किसी एक क्षेत्र  तक सीमित ना होकर, बल्कि इसका फायदा हर क्षेत्र में हो रहा है जैसे रिटेल में व्यापार को आसानी से समझा जा सकता है तथा भविष्य में होने वाली विक्री का अनुमान लगाया जा सकता है। 

  • साथ ही ग्राहक के व्यवहार के अनुसार प्रोडेक्ट के सूझाव दिये जा सकते हैं ताकि विक्री में वृद्वि हो सके।

  • वित्तीय क्षेत्र में भी मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे ग्राहकों के तेज व आसानी से सर्विस उलब्ध कराई जा रही है व लेन देन, फ्राड गतिविधियों को रोकना आदि में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। 

  • मशीन लर्निंग मॉडल डेटा और पैटर्न को सही ढंग से समझता है और इसके आधार पर सही सुझाव देता है। यह मेनुफेक्चरिंग, व्यापार संचालन, ग्राहक सेवा व  अन्य क्षेत्रों में सही सूझाव प्रदान कर सकता है। 

  • इससे कार्य क्षमता में सुधार होता है मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके काम को स्वचालित व तेज किया जा सकता है साथ ही जो मानव कार्य को अधिक तेजी और निशुल्क रूप से करने में सहायता करता है।

  • मशीन लर्निंग डेटा के विश्लेषण में सहायता करता है जो एक नया तरीका प्रदान करता है। यह छिपी हुई व इंसान द्वारा अनदेखी की गयी जानकारी को खोज निकालता है। 

  • स्वास्थ्य के क्षेत्र में मशीन लर्निंग बहुत तेजी के साथ कार्य कर रही है, क्योंकि इसके द्वारा व्यक्ति की शारीरिक बीमारियों का पता लगाने में मदद मिलती है साथ ही इससे कम खर्च में स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती है। 

  • मशीन लर्निंग का इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी को पकड़ने, नेटवर्क सिक्युरिटी आदि में भी किया जाता है। 

  • मशीन लर्निंग द्वारा पुराने इनपुट की मदद से आने वाली भविष्य के बारे में पता लगाने में समक्ष होता है जिससे यूजर भविष्य के डेटा का अनुमान लगा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित नहीं होता कि यह डेटा सटीक हो लेकिन इससे यूजर को भविष्य के बारे में एक आयडिया मिल जाता हैं ।

  • शिक्षा के  क्षेत्र में बच्चों को मशीन लर्निग से हाई लेवल विशेषज्ञता मिल जाती है और बच्चे इसके द्वारा उच्च कुशलता पा सकते हैं। 

  • इसके अलावा ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जहां मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया जा रहा है और कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां मशीन लर्निंग द्वारा रिसर्च किये जा रहे हैं कि ये क्षेत्र कैसे हमारे लिये फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

मशीन लर्निंग के नुकसान

  • डेटा प्रोसेसिंग

  • मशीन सीखने के निर्णय

  • बड़ी मात्रा में डेटा

  • मेमोरी स्पेस

  • भविष्यवाणियाँ

  • गलत निर्णय

डेटा के संग्रहण, संरक्षण और प्रोसेसिंग के लिए अधिक संसाधनों और मानवीय कार्य की आवश्यकता होती है, जो उपयोगकर्ताओं के लिए कठिन और महंगा हो सकता है।

मशीन लर्निंग डेटा पर निर्णय लेता है, लेकिन यह त्रुटिपूर्ण या अधूरा होने के कारण गलतियों का खतरा बना रहता है, जिससे निर्णयों की सटीकता प्रभावित होती है।

मशीन लर्निंग में बड़ी मात्रा में डेटा की आवश्यकता होती है, जिससे गोपनीयता और नैतिक मुद्दों का संदेह बना रहता है।

यह मशीन के लिए अधिक मेमोरी स्पेस की आवश्यकता पैदा करता है। पुराने इनपुट के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है,

लेकिन यह भविष्यवाणी गलत होने की संभावना रखती है। इससे गलत निर्णयों की वजह से बौद्धिकता और न्याय के मामलों में संदेह उत्पन्न हो सकता है।

Artificial intelligence (AI) और मशीन लर्निंग में अंतर :

Artificial intelligence (AI) क्या है :- टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इंसान ने इतनी  तरक्की की है कि उसी की तरह सोचने-समझने और अपने दिमाग का इस्तेमाल करने वाला एक चलता फिरता मशीन रोबोट आदि के बारे में सोच रहा है,

जो बिल्कुल इंसानों की तरह काम करने की क्षमता रखता हो, इसी एडवांस टेक्नोलॉजी से बनने वाली मशीन को ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है।

इसके बारे में अभी लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए आज हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बात करेंगे जैसे: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है, इसका इस्तेमाल कहां किया जाएगा और इसके फायदे-नुकसान क्या है ?:-

 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जिसे हिंदी में "कृत्रिम बुद्धिमत्ता" कहा जाता है,

जहां कृत्रिम का मतलब है - "किसी व्यक्ति के द्वारा बनाया हुआ" बुद्धिमत्ता का मतलब है - "इंटेलिजेंस यानी सोचने की शक्ति।"

Artificial intelligence (AI) कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो ऐसी मशीन को विकसित कर रही है जो इंसान की तरह सोच सके और कार्य कर सके ।

जब हम किसी कंप्यूटर को इस तरह तैयार करते हैं जो मनुष्य के दिमाग की तरह कार्य कर सके तो उसे Artificial intelligence (AI) कहते हैं,

यानी जब हम किसी मशीन में इस तरह के प्रोग्राम set करते हैं कि वह एक मनुष्य की तरह काम कर सके तो उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) कहां जाता है।

मशीन Learning क्या है : -  कंप्यूटर साइंस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) को मशीन Learning के नाम से भी जाना जाता है मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एक हिस्सा है, 

यह सिस्टम में अपने अनुभव से अपने आप ही सीखने व खुद को improve करने की क्षमता रखता है और इसमें प्राथमिक महत्व कंप्यूटर को इंसान के बिना ही सीखने की अनुमति देना होता है।

मशीन लर्निंग कंप्यूटर प्रोग्राम के डेवलपमेंट पर फोकस करता है जो डाटा को Access कर सके और उसमें अपने आप सीख सके।


जिस तरह मनुष्य अपने अनुभव से अपनी क्षमता, स्किल को बेहतर करते हैं वैसे ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) के प्रोग्राम भी, जिसके जरिए मशीन भी सीखने का काम कर सकती है।

आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) व मशीन लर्निंग के लिए सबसे ज्यादा पाइथन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जा रहा है।

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस(एआई) एक ऐसी तकनीक है जो सिस्टम को इंसान की तरह काम करने में सक्षम बनाती है जबकि मशीन लर्निंग एआई का एक प्रकार है जो मशीन डेटा से सीखता है। 

AI का मकसद है कठिन समस्याओं को हल के लिये सिस्टम बनाना जबकि मशीन लर्निंग का मकसद है मशीनों को डेटा से सीखने की अनुमति देना ताकि यह सही आउटपुट दे सके। 

AI इंसानों की तरह काम को करने के लिये एक सिस्टम बनाते हैं जबकि मशीन लर्निंग इंसानों के कामों को करने के लिये मशीन को सीखाती है। 

Artificial Intelligence(AI) और Machine Learning(ML) और Deep Learning(DL) में अंतर :-

AI की शुरुआत 1956 में John McCarthy द्वारा हुई, मशीन लर्निंग की शुरुआत 1959 में Arthur Samuel द्वारा मानी जाती है, जबकि डीप लर्निंग की शुरुआत 2000 में Igor Aizenberg द्वारा की गयी| 

AI  में मशीन/सिस्टम मानव की तरह व्यवहार कर रही है, मशीन लर्निंग में मशीन/सिस्टम खुद अपने डेटा के आधार पर अनुभव व टेस्टिंग से सीखती है जबकि डीप लर्निंग में मानव दिमाग के कार्य की तरह जो एल्गोरिदम काम करता है वह डीप लर्निंग में आता है यानी हम कह सकते हैं कि मानव न्युरोन की गतिविधि पर आधारित होता है डीप लर्निंग।

जब आपके पास डेटा कम मात्रा में होता है तो ऐसे में आप मशीन लर्निंग का उपयोग कर सकते हो, जबकि जब आपके पास बड़ी मात्रा में डेटा होता है तो ऐसे में आप डीप लर्निंग का उपयोग कर सकते हो।

Machine Learning Engineer कैसे बने : -

मशीन लर्निंग एक एप्लीकेशन है जो आज बहुत ताकवर है मशीन लर्निंग में स्टोर डेटा के आधार पर System Classification और निर्णय लेना सीखता है,

जैसे - हम इंसान अपने अनुभवों से सीखते हैं और भविष्य में निर्णय लेते हैं इसी तरह मशीन लर्निंग सिस्टम भी कम्प्यूटर को सीखाती है ताकि जो डेटा है उससे सूचना ली जा सके और भविष्य में बेहतर Performance किया जा सके।

आज वर्तमान में AI और मशीन लर्निंग का प्रभाव देखने को मिलता है जिसे में AI और Machine Learning का दौर कह सकते हैं और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भविष्य में यह और भी ज्यादा प्रभाव डालने वाली हैं।

और इस फिल्ड में नौकरियां भी बहुत तेजी से बढ़ने वाली हैं। और ऐसे में यदि आप मशीन लर्निंग Engineer बनने चाहते हैं तो यह एक अच्छा अवसर है तो आज हम बतायेंगे कि मशीन लर्निंग Engineer कैसे बने।

मशीन लर्निंग इंजीनियर कौन होते है- 

ये ऐसे प्रोग्रामर होते हैं जो ऐसे सिस्टम बनाते है जिनमें सीखने की क्षमता होती है और इस सिस्टम के पास जो डेटा आता है उसके आधार पर ये एप्लाई भी करते है। 

ये इंजीनियर ऐसे प्रोग्राम बनाते है जो किसी विशेष स्थिति में एक्शन लेने के लिये तैयार रहते हैं।

मशीन लर्निंग इंजीनियर कम्प्यूटर के बेसिक एल्गोरिदम, Data Structure, कम्प्यूटर Architecture का प्रयोग करते है और Calculate, Computation के लिये Mathematics का प्रयोग करते हैं जो कि कम्प्यूटर पर आधारित एल्गोरिदम के आधार पर काम करता है, 

Project Result तेयार करना, बहुत से Data Pipeline का यूज करना, कोड बनाने के लिये डेटा Pipeline Structure को Manage करना, Statistics Processing के आधार पर एल्गोरिदम तैयार करना, Structure और Unstructured डेटा के Complicate site को विश्लेषण करना, नई तकनीक को अमल करना आदि मशीन लर्निंग इंजीनियर काम करता है। 

इन कामों को करने के लिये आपके पास बहुत सी Skill भी होनी चाहिए जैसे C++, Pythan, जावा आदि प्रोग्रामिंग लैग्वेज का अनुभव, Distributed Computed की बेसिक समझ होना, वर्क अनुभव होना, 

More Career Opportunity: 

मशीन लर्निंग के सेक्टर में जॉब के अवसर बहुत ज्यादा हैं क्योंकि पूरी दूनिया की हर एक कंपनी तकनीक के मामले में आगे बढ़ना चाहती है। इसलिये इस फिल्ड से जुड़े व्यक्तियों डिमांड बढ़ती है। 

मशीन लर्निंग की बढ़ती हुई डिमांड ने इसे एक famous Post बना दिया है और दुनिया भर में बहुत सी यूनिवर्सिटी में मशीन लर्निंग से संबंधि कोर्स कराये जा रहे हैं और भारत में भी IIT, IIM, NIT भी मशीन लर्निंग के कोर्स ऑफर करते है, 

लेकिन ये कोर्स आपको और बहुत से कॉलेज में भी मिल जायेंगे और साथ आप मशीन लर्निंग से संबंधित ऑनलाईन कोर्स भी कर सकते हो।

Machine Learning Engineer Qualifications :

वैसे ये कोर्स ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन के स्तर पर तो कराया ही जाता है लेकिन आप इसमें कई सारे डिप्लोमा, और सर्टिफिकेट भी ले सकते हैं। 

यदि आप मशीन लर्निंग में डिग्री लेना चाहते है तो बीटेक, एमटेक, बीएससी इन मशीन लर्निंग में Admission ले सकते हो। लेकिन इसमें एडमिशन लेने के लिये आपको कम से कम 12वां साइंस से करना होगा और बाकी ability कॉलेज या यूनिवर्सिटी पर निर्भर करेगा।

मशीन लर्निंग कोर्स के लिये भारत में best कॉलेज कौन से हैं : -

  • MISB Bocconi, Mumbai
  • SP Jain School of Global Management, Pune
  • NarseeMonjee Institute of Management Studies, Mumbai
  • Great Lakes Institute of Management, Chennai/Gurgaon/Bangaluru
  • Indian Institute of Technology(IIT), Kanpur
  • Indian School of Business(ISB), Hyderabad
  • Indian Institute of Management(IIM), Bangalore
  • Chandigarh University(CU) Chandigarh
  • Lovely Professional University(LPU), Punjab
  • Institute of Finance and International Management, IFIM Bengaluru

Machine Learning में famous जॉब कौन सी हैं :- 

Machine Learning Engineer

Lead Machine Learning Engineer

Research Scientist

Data Scientist

AI Engineer

AI and Deep Learning Researcher

Machine Learning Expert

Machine Learning Scientist

Software Engineer

Senior Software Engineer

Machine Learning में जॉब देने वाली कंपनियां कौन सी हैं :-

  • Google,
  • Amazon,
  • Apple,
  • Dropbox,
  • Deloitte,
  • McKinsey,
  • Pinterest

मशीन लर्निंग में Future :-

"मानवता के फायदे के लिए हमने आग और बिजली का इस्तेमाल तो करना सीख लिया पर इसके बुरे पहलुओं से उभरना जरूरी है"    Sundar Pichai

वैज्ञानिकों का मानना है कि फ्यूचर में ऐसे रोबोट भी बनाए जाएंगे जो सही-गलत, उचित-अनुचित निर्णय लेने में सक्षम होंगे, साथ ही मानवीय संवेदना से भी युक्त होंगे ।

आज जिस तरह से टेक्नोलॉजी बढ़ रही है और धीरे-धीरे मशीनों पर निर्भरता बढ़ती जा रही है ऐसा लगता है कि आने वाले समय में हम ज्यादातर कामों के लिए मशीनों पर निर्भर हो जाएंगे।

ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जहां इसके लिये रिसर्च किया जा रहा है कि यह कैसे हमारे लिये फायदे हो सकते हैं।

भविष्य में मशीन लर्निंग का उपयोग अधिकतर चीजों में किये जाने की संभावना है जिसमें एआई की भुमिका बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

Questions and Answers

Q. Types of Machine Learning in Hindi

A. मशीन लर्निंग  सामान्यता 4 types की होती हैं - 1-Supervised learning,  2.unsupervised learning, 3.semi supervised learning, 4. reinforcement machine learning

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