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म्युचुअल ‌फंड क्या है व इसके फायदे और नुकसान : टॉप 10 म्युचुअल फंड


आपने Mutual Fund का नाम कभी ना कभी जरूर सुना होगा, वर्तमान समय में अनेक निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन म्यूच्यूअल फंड से संबंधित संपूर्ण जानकारी नहीं होने की वजह से वह म्यूचुअल फंड में निवेश करने से वंचित रह जाते हैं या निवेश नहीं करते हैं, तो उन्हें लॉस हो जाता है। 


ऐसे में अगर आप भी म्युचुअल  ‌फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं और जानना चाहते हैं कि आखिर में Mutual Fund Kya hai और इसके प्रकार कितने हैं तो आज इस लेख में हम म्यूच्यूअल फंड से ही संबंधित संपूर्ण जानकारी को जानने वाले हैं जिसे जानने के बाद आप म्यूच्यूअल फंड से संबंधित जानकारी को जान जाएंगे। 



म्युचुअल  ‌फंड :  म्युचुअल  ‌फंड क्या है व इसके फायदे और नुकसान : Mutual Funds in hindi : टॉप 10 म्युचुअल फंड


म्युचुअल  ‌फंड क्या होता है?


हम अक्सर टीवी में या न्यूज में सुनते है रहते है कि म्यूच्यूल फंड के बारे में कि यह म्यूचुअल फंड सही है, इसमें इतना रिटर्न है और हमें यह डर भी रहता है कि शेयर मार्केट की तरह इसमें भी फायदा नुकसान होता होगा।


लेकिन इसकी एक खासबात यह है कि इसमें लम्बे समय तक निवेश किया जाये तो यह संभावना रहती है कि इससे मुनाफा ही होगा इसका मुनाफा इसकी स्कीम पर निर्भर करता है कि आप कौन सी स्कीम चुन रहे हो यदि आप सही स्कीम चुन रहे हो तो इसमें मुनाफा ज्याद हो सकता है।


म्यूच्यूल फंड ज्यादातर लोगों को लगता है कि यह शेयर मार्केट में निवेश करने का जरिया है जबकि म्यूच्यूल फंड में आप सोन, रियल स्टेट, डेट फंड में निवेश कर सकते हैं या शेयर बाजार व इक्विटी में निवेश कर सकते हैं। और हम अक्सर सुनते हैं कि इसमें रिस्क ज्यादा है, इसमें फायदा ज्यादा है तो यह ज्यादातर इक्विटी में ही होता है यानी जो शेयर बाजार के कोन्टेक्स्ट में पैसा लगाते हैं।

म्यूच्यूल फंड को जानने से पहले हमें स्टॉक मार्केट को जानना पड़ेगा(स्टॉक मार्केट को जानने के लिये इस पर (स्टॉक मार्केट क्या होता है) क्लिक करे।


वैसे शेयर मार्केट में निवेश करने के 3 तरीके होते हैं-

पहला तरीका होता है कि आप खुद निवेश करें, इसमें यह फायदा होता है कि इसमें आप किसी पर निर्भर नहीं होते हैं, लेकिन इसका नुकसान यह है कि अच्छे शेयर खरीदने में बहुत समय लगता है।

दूसरा तरीका होता है कि आप किसी एक्सपर्ट की मदद से शेयर में निवेश कर सकते हैं। इसमें फायदा यह होता है कि आपको समय नहीं देना होता है, लेकिन नुकसान यह है आपको ही शेयर को बेचना और खरीदना होता है।

तीसरा तरीका होता है म्यूच्यूल फंड का। आप म्यूच्यूल फंड के द्वारा भी शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हो। बस आपको इसमें एक फंड चुनना होता है।


अब जानते हैं कि म्यूचुअल फंड क्या होता है ,म्यूच्यूअल फंड को अगर सामान्य शब्दों में समझा जाए तो इसका मतलब सामूहिक निवेश होता है और यहां पर एक निवेशक निवेश ना करके अनेक निवेशक एक साथ निवेश करते हैं इन निवेशकों के द्वारा लगाए गए पैसों को Mutual Fund Company के द्वारा Share Market में निवेश किया जाता है और जब फायदा होता है तो सभी निवेशकों को उनका हिस्सा प्रदान कर दिया जाता है। ‌


वर्तमान समय में म्यूच्यूअल फंड में निवेश ऐसे निवेशक करते हैं जो कि कम रिस्क लेना चाहते हैं। जब भी निवेशकों के द्वारा म्यूच्यूअल फंड में निवेश किया जाता है तो म्यूच्यूअल फंड कंपनी के विशेषज्ञों के द्वारा उनका पैसा प्रॉपर रिसर्च करने के बाद निवेश किया जाता है और पूरा ध्यान रखा जाता है, कि निवेशको को एक अच्छा रिटर्न मिले।‌ कहां जाता है कि शेयर मार्केट की तुलना में म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना कम रिस्की होता है। ‌


म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है-

जैसे मान लेते है कि आपको 10000 रूपये लगाने हैं और खुद निवेश करना चाहते है या किसी एडवाइजर के द्वारा निवेश करना चाहते हैं और उस एडवाइजर ने आपको बोल दिया कि एमआरएफ वगैरा आदि का शेयर खरीद लो, लेकिन ऐसे शेयर के 1 प्राइस का मूल्य ही 10 हजार से ज्यादा है तो ऐसे में आप निवेश नहीं कर पाओगे।

तो ऐसे में म्यूचुअल फंड यह करेगा कि किसी से 500 किसी 2000 इस तरह पैसे इकटठे करके वह निवेश करेगा, इससे होगा यह कि जो आप पैसे कम होने की वजह से निवेश नहीं कर पा रहे थे, अब आप जैसे और भी व्यक्ति मिलकर शेयर को खरीद लेंगें।

मान लेते है कि निवेश करने वाले व्यक्ति 200 हो जाते हैं म्यूच्यूल फंड ने 50000 हजार -हजार के 2 शेयर खरीद लिये तो ऐसे में म्यूच्यूल फंड इन 200 व्यक्तियों के लिये यूनिट डिवाइड कर देगा, जिसकी प्राइस 2 म्यूचुअल फंड के शेयर के कुल मूल्य से बन जायेगी। यही काम करता है म्यूच्यूल फंड।


म्यूच्यूल फंड इसके लिये एक कंपनी बनाता है जिसे एएमसी बोलते हैं, फिर यह कंपनी शेयर लांच करती है और लोगों से पैसे मंगाती हैं, अपने फीचर के बारे में बताती है और यह लोगों को विश्वास दिलाती हैं कि हम आपको अच्छा रिटर्न देंगे। जो लोग इसमें रूचि रखेंगे वे अपने हिसाब से कंपनी को पैसा दे देंगे। इस तरह जो पैसा इकट्ठा होता है उसे एसेट अंदर मैनेजमेंट कहते हैं।


जैसे इस कंपनी ने 2 लाख रूपये इकट्ठा किये तो ऐसे में यह कंपनी एक फंड मैनेजर नियुक्त करेगी जो कि एक एक्सपर्ट होता है। फिर यह एक्सपर्ट इस पैसे को कहां कहा निवेश करना है इसकी रणनीति बनायेगा। और वह थोड़े थोड़े करके 2 लाख रूपये को शेयर बाजार में निवेश कर देगा। और आपको इस आपके पैसे के बदले इस कंपनी के यूनिट मिल जायेंगे, जिसे आप जब चाहे बेच सकते हो।


म्यूचुअल फंड्स के प्रकार


म्यूच्यूअल फंड के प्रकारों को अगर हम जाने तो यह अनेक प्रकार के होते हैं लेकिन हम इन्हें 2 श्रेणियों में विभाजित कर सकते हैं पहला asset के आधार पर तथा दूसरा संरचना के आधार पर asset के आधार पर अनेक प्रकार के Mutual Fund होते हैं।


जिसमें Liquid Mutual Fund, Debt Funds, Equity Funds, Balanced Mutual Fund शामिल हैं, वहीं अगर हम सरचना के आधार पर अगर म्यूचल फंड को जाने दो वह Open Ended Mutual Fund, Close Ended Mutual Fund और interval Funds. होते हैं।


Mutual Fund का रेगुलेटर कौन हैं?


म्यूच्यूअल फंड से संबंधित कुछ बेसिक जानकारियों को आपने जान लिया आइए जानते हैं कि आखिर में Mutual Funds का रेगुलेटर यानी कि आखिर में इसका नियंत्रक कौन है, क्योंकि हर निवेशक के लिए यह जानना अति आवश्यक है।


वर्तमान समय में जितने भी म्यूच्यूअल फंड्स मौजूद है उन सभी को रेगुलेट SEBI के द्वारा किया जाता है। इस वजह से इसे सुरक्षित माना जाता है। सुरक्षित होने की वजह से निवेशक बिना किसी समस्या के आसानी से म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर पाते हैं। Fund House पर पूरा नियंत्रण SEBI का होता है।


म्युचुअल फंड के फायदे


म्यूच्यूअल फंड से निवेशकों को अनेक फायदे होते हैं, तो चलिए हम कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में जानकारी को जान लेते हैं:-


इसमें आपको कम पैसों में ज्यादा रास्ते मिलते हैं यानी आप कम पैसों में ज्यादा कंपनियों में 

निवेश कर सकते हो।


जब आप म्यूच्यूल फंड में निवेश कर देते हो तो कंपनी ही शेयर को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में निवेश करती रहती है आपको कुछ लेने-देन नहीं करना होता है।


इसमें एसआईपी के द्वारा निवेश कर सकते हो, आप एक बार बैंक को बताना होता है कि मेरे अकाउंट से हर माह 1000 या 1500 रूपये कटते रहे और लगते रहे और आपको कुछ नहीं करना होता है बस आपको अपनी बचत बैंक में जमा करते रहना है,


बैंक अपने आप पैसे काटती रहेगी और आप एसआईपी को जब चाहे बढा सकते हो और जब चाहे घटा सकते हो। यदि आप बैंक में पैसे जमा नहीं कर पाते हो तो ऐसे में एसआईपी बाउंस हो जाती 

है, जिसमें बैंक थोड़ा सा चार्ज लेती है, इसलिये इसमें डरने की कोई बात नहीं है।


म्यूच्यूअल फंड में जो भी निवेशक पैसा लगाते हैं उन पैसों को विशेषज्ञों के द्वारा अपने अनुभव

के साथ निवेश किया जाता है।


एक साथ निवेशक चाहे जितने म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर सकते है और विशेषज्ञों का कहना है
कि प्रॉपर रिसर्च करके अलग-अलग Mutual Fund में निवेश करने से निवेशक को अच्छे
Returns प्राप्त होते हैं।
वर्तमान समय में अनेक ऐसे Mobile Application तथा वेबसाइट मौजूद है जिनका उपयोग
करके आप आसानी से म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर सकते हैं।


म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने पर निवेशकों को छूट प्रदान की जाती है।


म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए आपको इससे संबंधित फॉर्म में जानकारियों को दर्ज करना
होता है।


अनेक सुरक्षित म्यूच्यूअल फंड मौजूद हैं जिनकी प्रॉपर रिसर्च करके उनमें निवेश किया जा सकता

है।


म्युचुअल फंड के नुकसान-


ऐसातो है नहीं कि इसमें केवल फायदा ही होगा, क्योंकि किसी चीज के फायदे भी होते हैं तो उसके नुकसान भी होते हैं, इसलिये म्यूच्यूल फंड के फायदे भी हैं तो इसके नुकसान भी हैं-

  • बहुत से ऐसे  म्यूच्यूल फंड है जो केवल मार्केटिंग पर ज्यादा पैसा करते हैं, और उनका यही मकसद रहता है कि ज्यादा से ज्यादा फायदा हो और ज्यादा से ज्यादा पैसा आये।
  • क्योंकि जितना पैसा किसी कंपनी को आयेगा उसका 1 या 2 प्रतिशत कंपनी का रहेगा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लाभ हो या नहीं।
  • कुछ कंपनियों का मकसद केवल पैसा लाने में होता है मैनेज करने में नहीं।
  • जब मंदी को दौर होता है और ऐसे में शेयर मार्केट बहुत नीचे चला जाता है ऐसे में लोग मार्केट से पैसे निकालने में लगे रहते है जबकि यह फंड मैनेजर के हाथ में नहीं होता है कि वह इनको रोक सके ऐसे में वह सस्ते में शेयर बेचकर उनको देता है।
  • फंड मैनेजर ज्यादातर ऐसे शेयर में निवेश करते हैं जिसमें कम रिटर्न मिलता है, क्योंकि उनको अपनी जॉब भी तो बचानी होती है, यदि वे ज्यादा रिस्क वाले में निवेश करते हैं तो इससे नुकसान होने की भी संभावना रहती है।
  • इसमें पीपीएफ या पोस्ट ऑफिस की तरह कोई फिक्स रिटर्न नहीं मिलता है इसमें स्टॉक मार्केट पर निर्भर करता है। ऐसे में स्टॉक मार्केट में शॉर्ट समय में हाई रिस्क बना रहता है।
  • म्यूचुअल फंड की लागत(Expense Ratio) वैसे तो यह बहुत कम होता है लेकिन यह लम्बे समय के लिये ज्यादा अंतर पैदा कर देता है।
  • वैसे तो म्यूचूअल फंड में कोई लॉक इन अवधि नहीं होती है, लेकिन ईएलएसएस स्कीम में लॉक इन अवधि होती है इसके लिये अपने हिसाब से म्यूचुअल फंड का चुनाव करें।
  • म्यूचुअल फंड पर आपको टेक्स देना हेता है, एक साल की अवधि के लिये शॉर्ट टर्म केपिटल गेन देना होता है, जबकि एक साल से ज्यादा की अवधि के लिये लॉन्ग टर्म केपिटल गेन  देना होता है।
  • म्यूचुअल फंड की इतनी केटेगरी हो जाती है कि बिगनर को कन्फ्यूज्ड कर देती है कि कौन से म्यूचुअल फंड में निवेश करें।
  • सेक्टोरल फंड के हाई रिटर्न के लिये हम इसमें निवेश करते है, जबकि कभी यह ज्यादा रिस्की हो जाते हैं, क्योंकि ये कभी निगेटिव रिटर्न भी देते हैं। मतलब ये कभी कभी हाई रिटर्न देते हैं तो कभी ये निगेटिव भी हो जाते हैं इसलिये आप बिगनर है तो इन पर निवेश करने से बचें।
  • म्यूचुअल फंड के हाई रिटर्न के लालच में लोग अपनी सेविंग भी इसमें लगा देते हैं ऐसे में जब उनको इमरजेंसी होती है तो म्यूचुअल फंड के पैसों को आने में 4 से 5 दिन का समय भी लग जाता है।
  • हम जब म्यूचुअल फंड खरीदते हैं तो हम उसकी पिछली परफोर्मेंस को देखते हैं, जबकि यह जरूरी नहीं होता कि जो परफोर्मेंस उसने पास्ट में दी है वह भविष्य में भी दे। जैसे किसी म्यूचुअल फंड ने पिछले साल 50 प्रतिशत का रिटर्न दिया था तो यह जरूरी नहीं कि आने वाले समय में भी 50 प्रतिशत का रिटर्न दे। यह स्टॉक मार्केट पर निर्भर करता है।
  • लोग जब म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो वे सब्र नहीं रख पाते, जिससे कम रिटर्न मिलने पर वे अपना पैसा निकालने लगते है और मार्केट में पेनिक जैसी स्थिति आ जाती है। इसलिये जब भी आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो लम्बे समय के लिये निवेश करें।


म्युचुअल  ‌फंड :  म्युचुअल  ‌फंड क्या है व इसके फायदे और नुकसान : Mutual Funds in hindi : टॉप 10 म्युचुअल फंड

म्युचुअल फंड में कितना रिटर्न मिलता है?


अनेक नए निवेशक जोकि Mutual Fund को लेकर जानकारी को जान रहे हैं उनमें से अनेक निवेशक जानना चाहते हैं कि आखिर में म्यूच्यूअल फंड में कितना रिटर्न मिलता है? तो यहां कोई रिटर्न को लेकर फिक्स जानकारी नहीं होती है कि Mutual Fund me kitna return milta hai.


म्यूच्यूअल फंड में रिटर्न भी मिल सकता है या आपका नुकसान भी हो सकता है निवेश किए जा चुके पैसों का कुछ भी हो सकता है कुछ कहा नहीं जा सकता है कि आपको रिटर्न प्राप्त होगा या नहीं यह सारा रिसर्च और म्यूच्यूअल फंड में के ऊपर निर्भर करता है।


लेकिन हां यह बात जरूर है कि यहां पर आप आपके द्वारा किए गए निवेश की रिस्क कम होती है लेकिन इसके लिए लंबी अवधि के लिए निवेश करना होगा। लेकिन म्यूचल फंड में भी जोखिम शामिल होता है। इसलिए आपको यह निवेश करने से पहले अच्छे से सोच विचार करना होगा।


म्युचुअल फंड में निवेश कितने रुपए से शुरू किया जा सकता है?


म्यूच्यूअल फंड में छोटी रकम से भी निवेश किया जा सकता है तथा अधिक से भी किया जा सकता है। यहां आप ₹500 से SIP में अपना निवेश शुरू कर सकते हैं। सभी निवेशक अपनी योग्यता के आधार पर ही म्यूच्यूअल फंड का चुनाव करके उसमें निश्चित रकम के द्वारा निवेश शुरू करते हैं।


म्यूच्यूअल फंड से संबंधित मोबाइल एप्लीकेशन को डाउनलोड करके आप उनमें निवेश करने की राशि से जुड़ी अन्य जानकारियों को जान सकते हैं‌।


म्युचुअल फंड कैसे खरीदें


जो भी निवेशक Mutual Fund में निवेश करना चाहते हैं वह आसानी से म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर सकते हैं क्योंकि वर्तमान समय में म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरीकों का उपयोग किया जाता है। ऐसे में इन दोनों में से किसी भी माध्यम का चुनाव करके आप म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना शुरू कर सकते है।


म्यूच्यूअल फंड के लिए निवेश करने वाले निवेशकों से कुछ महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्स की मांग की जाती है जिसमें पैन कार्ड, बैंक खाता, तथा आधार कार्ड शामिल है। तो अगर आपने म्यूच्यूअल फंड निवेश करने का मन बनाया हुआ है तो आपके पास यह डॉक्यूमेंट होने चाहिए। वर्तमान समय में अधिकतम निवेशक म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के लिए Groww, Upstox और Angel one आदि मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करते हैं।


भारत में नंबर वन म्युचुअल फंड कंपनी कौनसी है?


आपके लिए यह जानकारी भी जानना आवश्यक है कि आखिर में bharat me number one mutual fund company kaun si hai. तो भारत में नंबर वन म्युचुअल फंड कंपनी एचडीएफसी म्यूचुअल फंड है। अगर आप चाहे तो इस कंपनी के बारे में प्रॉपर रिसर्च करके इस कंपनी के द्वारा भी अपनी म्यूचुअल फंड निवेश की यात्रा को शुरू कर सकते हैं, क्योंकि वर्तमान समय में एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के द्वारा निवेशकों को अच्छा खासा रिटर्न प्रदान किया गया है।


जिसके चलते वर्तमान समय में Mutual Fund निवेशकों की सबसे पसंदीदा कंपनी एचडीएफसी बन चुकी है लेकिन किसी भी कंपनी के म्यूचुअल फंड के बारे में कभी भी 100% दावा करके यह नहीं कहा जा सकता है कि वहां से 100% लाभ मिलेगा। इसलिए सबसे पहली बात तो यह है कि इन सभी से आपको दूर रहना चाहिए और अगर निवेश करना है तो सोच विचार करके ही निर्णय लेना चाहिए।



टॉप 10 म्युचुअल फंड-


हमें म्यूच्यूअल फंड को समय से मॉनिटर करते रहना चाहिए, क्योंकि अक्सर यह होता है कि हम म्यूच्यूअल फंड लेकर भूल जाते हैं, अधिकतर एडवाइजर म्यूच्यूअल फंड को लम्बे समय तक रहने की सलाह देते है, इसका यह मतलब नहीं कि आप अपने म्यूच्यूअल फंड को रिव्यु ना करें, क्योंकि बुल मार्केट और बीयर मार्केट के बीच स्टॉक मार्केट अलग-अलग साइकिल से घूमता रहता है।


और यह भी जरूरी नहीं होता कि हर साइकिल में म्यूच्यूअल फंड अच्छे रिटर्न ही दे। जैसे यदि किसी म्यूच्यूअल फंड ने किसी साल अच्छे रिटर्न दिये है तो हो सकता है कि मंदी या अन्य कारण की वजह से वो इतने अच्छे रिटर्न ना दे पाये।



इसलिये आज हम आपको टॉप 10 म्यूच्यूअल फंड के बारे में बतायेंगे।


1. ICICI Prudential Infrastructure Growth - इसने मार्च 2023 तक AUM(crores)- 2269.74  : 6 months return(%) -  12.87 : 1 year(%)  return - 22.29 : 3 year return- 46.84 : Expense Ratio(%) - 1.64  तक रिटर्न दिया | 


2. ICICI Prudential FMCG Growth - इसने मार्च 2023 तक AUM(crores)- 1156.49 : 6 months return(%) -  3.54: 1 year(%)  return - 21.24 : 3 year return- 25.41 : Expense Ratio(%) - 1.45  तक रिटर्न दिया 

3. Kotak Infrastructure and Economic Reform fund Growthइसने मार्च 2023 तक AUM(crores)- 727.29 : 6 months return(%) - 7.34   : 1 year(%)  return - 20.57 : 3 year return- 42.71 : Expense Ratio(%) - 1.00  तक रिटर्न दिया |


4. Tata Small Cap Fund Growth - इसने मार्च 2023 तक AUM(crores)- 3300.82 : 6 months return(%) - 3.90   : 1 year(%)  return - 18.33 : 3 year return- 47.30 : Expense Ratio(%) - 0.26  तक रिटर्न दिया |

 

5. Nippon India Power & Infra Fund Growth - इसने मार्च 2023 तक AUM(crores)- 1871.13 : 6 months return(%) - 7.86  : 1 year(%)  return - 18.02 : 3 year return- 40.32 : Expense Ratio(%) - 1.59 तक रिटर्न दिया |


6. Quant small Cap Fund Direct Plan Growth - इसने till date 2023 तक Fund Size(crores)- 5565 : 6 months return(%) - 15.93  : 1 year(%)  return - 40.20 : 3 year return- 57.56 : Expense Ratio(%) - 0.62 तक रिटर्न दिया |


7. Parag Parikh Flexi Cap fund Direct Growth - इसने till date 2023 तक Fund Size(crores)- 37699 : 6 months return(%) - 18.03  : 1 year(%)  return - 24.95 : 3 year return- 26.77 : Expense Ratio(%) - 0.69 तक रिटर्न दिया |


8. Data Digital India Fund Direct Growth - इसने till date 2023 तक Fund Size(crores)- 7455 : 6 months return(%) - 7.45  : 1 year(%)  return - 10.86 : 3 year return- 29.56 : Expense Ratio(%) - 0.36 तक रिटर्न दिया |


9. Axis Small Cap Fund Direct Growth - इसने till date 2023 तक Fund Size(crores)- 14251 : 6 months return(%) - 16.28  : 1 year(%)  return - 25.99 : 3 year return- 38.08 : Expense Ratio(%) - 0.55 तक रिटर्न दिया |


10. SBI Small Cap Fund Direct Growth - इसने till date 2023 तक Fund Size(crores)- 18624 : 6 months return(%) - 14.42  : 1 year(%)  return - 25.92 : 3 year return- 37.09 : Expense Ratio(%) - 0.72 तक रिटर्न दिया |


म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने से पहले आपको सब बातों को जान लेना बहुत जरूरी है कि आपके फोटपोलियों में कौन कौन से फंड है, कहीं ज्यादा फंड तो नहीं हैं आप जो फंड खरीद रहे हैं वे किन सेक्टर में कितना निवेश कर रहे हैं, फंड कौन कौन से स्टॉक में निवेश करते हैं। 

उसके बाद यदि आपको लगता है कि आपके हिसाब से यह सही नहीं बैठ पा रहा तो आप कुछ विशेष फंड में ही निवेश करें।

इन फंड को आपस में तुलना कीजिये कि इनका रेशियों क्या है, इनका रिटर्न क्या है, उस फंड के मैनेजर का नाम देखकर पता किजिए कि उसका पिछला प्रदर्शन कैसा था। उसके बाद ही जाकर म्यूच्यूअल फंड को ले का निर्णय लिजिए।

सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला म्युचुअल फंड :- 


सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला म्यूच्यूअल फण्ड है -  Quant small Cap Fund Direct Plan Growthइसने till date 2023 तक Fund Size(crores)- 5565 : 6 months return(%) - 15.93  : 1 year(%)  return - 40.20 : 3 year return- 57.56 : Expense Ratio(%) - 0.62 तक रिटर्न दिया |


SBI SIP Plans in hindi : -

SBI Best Plans 2023 : SIP में आप हर माह कुछ पैसे निवेश करते हैं म्यूच्यूअल फंड में। जैसे आप 1000 रूपये महिना 5 साल के लिये म्यूच्यूअल फंड में निवेश करते है तो यह SBI कहलायेगा।

अब हम जानते हैं sbi के 3 SIP best plans 2023 -

1. Small Cap Fund Direct Growth Plan- जो लोग एसबीआई में निवेश करना चाहते है उनके लिये यह एक अच्छा ऑप्शन है। यह म्यूच्यूअल फंड 2013 में शुरू किया गया था। इसमें आप मीनिमम 500 रूपये निवेश कर सकते हैं और इसने 2013 से अब 25 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है। और पिछले 3 सालों में 40 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है।

2. SBI Contra Direct Growth Plan - यह उन stocks में invest करता है जो undervalued stocks हो यानी उन stocks में जो कम popular हैं और जिनका प्राइस भी कम होता है ताकि जब इन स्टॉक्स का प्राइस बढ़े तो इनका प्राइस भी बढ़े यह  2013 में शुरू हुआ और आप इसमें मीनिमम 500 रूपये निवेश कर सकते हैं और 2013 से अब तक इसने 17 प्रतिशत का रिटर्न दिया है और पिछले 3 सालों में इसने 40 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है।

3. SBI Magnum Mid Cap Direct Plan : - यह उन stocks में invest करता है जिनकी मार्किट वैल्यू 5000 -20000 करोड़ है यह म्यूच्यूअल फंड स्मॉल केप फंड से ज्यादा सिक्योर होता है यह फंड भी 2013 में शुरू किया गया था। इसने 2013 से अब तक 19 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है। इसने पिछले 3 सालों में 40 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है। आप इसमें मीनीमम 500 रूपये से निवेश कर सकते हैं।

ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी क्या है?

 भारत में बहुत सी म्यूच्यूअल फंड कंपनी चल रही है। म्यूच्यूअल फंड कंपनी स्कोर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी MC भी कहते हैं। एमसी सेबी में रजिस्टर्ड ऐसी कंपनी होती है जो म्युचुअल फंड स्कीम बनती है और लोगों से पैसा जमा करती है। यहीकंपनी फंड मैनेजर को भी  नियुक्त करती है।

म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम

 म्यूच्यूअल फंड कंपनीज बहुत सी म्यूच्यूअल फंड स्कीम बनाती है और हर स्कीम में निवेश का अलग-अलग लक्ष्य होता है। जैसे कोई एक स्कीम सिर्फ बड़ी कंपनियों के Shares में पैसा लगती है तो दूसरी सिर्फ छोटी कंपनियों में निवेश करेगी। तीसरी टीम सिर्फ गवर्नमेंट बॉन्ड्स में पैसा लगाती है। इस तरह से हर कंपनी अलग-अलग उद्देश्यों वाले कई म्यूच्यूअल फंड स्कीम शुरू करती है।

फण्ड मैनेजर

 हर Scheme में पैसा लगाने की जिम्मेदारी किसी फंड मैनेजर को दी जाती है। कोई एक व्यक्ति कई Scheme का फंड मैनेजर भी हो सकता है। किसी एक म्यूच्यूअल फंड कंपनी या ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के पास कई फंड मैनेजर्स होते हैं। इसके अलावा कंपनी के पास इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी काम करने के लिए अपनी रिसर्च टीम भी होती है।

 NAV क्या है?

म्युचुअल फंड की एक यूनिट की कीमत को Net Asset Value कहते हैं। यह Net Asset Value (NAV) कि उस  Mutual Fund Scheme की Performance को बताता है।

NFO या न्यू फंड ऑफर क्या है?

यह म्यूच्यूअल फंड कंपनियां समय समय पर नहीं नहीं म्यूच्यूअल फंड स्कीम लॉन्च करती है। मार्केट में किसी नई म्युचुअल फंड स्कीम के लॉन्च करने को न्यू फंड ऑफर कहा जाता है। इसकी शॉर्ट फॉर्म होती है-NFO कहते हैं।


हर नए फंड को अलग-अलग नाम दिया जाता है और इसका  प्रचार किया जाता है। पहले आप किसी म्युचुअल फंड स्कीम की यूनिट ₹10 में खरीद सकते थे। इन्वेस्टमेंट के शुरुआती कुछ समय तक इस यूनिट की कीमत ₹10 ही रहती थी। कीमत में बिना बदलाव वाले इस पीरियड को NFO Period (New Fund Offer Period )कहते हैं।

निवेश के लिए अच्छा फंड मैनेजर चुने:

Fund Manager किसी म्यूच्यूअल फंड स्कीम के ड्राइवर के रूप में होता है। पूरे निवेश को मैनेज करने वाली टीम को वही vision प्रदान करता है। वही आपके Investment पर अंतिम रूप से Decision लेता है। तो सबसे पहले यह जरूरी है कि आप बेहतर और विश्वास नहीं है Fund Manager का चुनाव करें।

म्यूच्यूअल फंड की कैटेगरी

निवेश (Investment) और पैसा निकालने (Redemption) की Flexibility के हिसाब से म्यूच्यूअल फण्ड दो प्रकार की होती है।


1.Open-Ended Mutual Fund Scheme

2.Close-Ended Mutual Fund Scheme

खुले shares वाली म्युचुअल फंड स्कीम(Open-Ended Mutual Fund Scheme )

Open Ended Mutual Fund Scheme ऐसी स्कीम होती है,  जिसमें Investor कभी भी पैसा लगा सकता है और निकल सकता है। क्योंकि ऐसी स्कीम में पैसा आता जाता रहता है। इसलिए ऐसी स्कीम के पास कोई  Fixed Amount नहीं रहता है।

बंद Shares वाली म्यूच्यूअल फंड स्कीम (Close Ended Mutual Fund Scheme)

Close Ended Mutual Fund Scheme मे आप सिर्फ NFO के समय ही पैसा लगा सकते हैं। उसके बाद सिर्फ  Maturity पर ही अपना पैसा निकाल सकते हैं। और Close Ended Mutual Fund Scheme की यूनिटों को Secondary Market मैं खरीद और बचा जा सकता है। ऐसे लेन-देन से म्युचुअल फंड कंपनी का कोई लेना-देना नहीं होता है और ना ही उसे म्युचुअल फंड स्कीम की जमा रकम पर इनका कोई प्रभाव पड़ता है।


किसी म्यूच्यूअल फंड स्कीम के NFO के पहले AMC को Fix तय करना होता है कि वह Open-Ended Mutual Fund Scheme ला रहा है या

Close-Ended Mutual Fund Scheme।



FAQ :


Q.1 = क्या मुझे म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहिए?


Ans = म्यूचुअल फंड में निवेश करने में जोखिम तथा प्रॉफिट दोनों ही शामिल है तो ऐसे में हम आपको म्यूचुअल फंड को लेकर कुछ भी राय नहीं दे सकते हैं। इसका निर्णय आपको खुद को लेना होगा कि आपको यहां निवेश करना चाहिए या नहीं।


Q.2 = क्या म्यूचुअल फंड में रिटर्न की कोई गारंटी होती है?


Ans = जी नहीं म्यूचुअल फंड में रिटर्न को लेकर कोई भी गारंटी नहीं है यहां आपको प्रॉफिट भी हो सकता है और वित्तीय हानि भी हो सकती है।


Q.3 = म्यूचुअल फंड कितने साल तक रखना चाहिए?


Ans = अगर आप लंबी अवधि के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो ऐसे में आपको 5 से 10 वर्षों तक म्यूचुअल फंड को रखना चाहिए।


निष्कर्ष


म्यूचुअल फंड्स क्या है? और इसके प्रकार से जुड़ी तमाम जानकारियों अब आप जान चुके हैं, अगर इस लेख के माध्यम से जानकारियों को जानने के बाद भी म्यूचुअल फंड को लेकर आपका कोई सवाल है और आप उसका जवाब जानना चाहते हैं तो उसे आप कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें ताकि हम आपके उस सवाल का भी जवाब आपको दे सके।


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