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स्टॉक मार्केट क्या है? जाने Stock Market में निवेश करने का सही तरीका !

यदि आप थोड़ा Risk लेने का नजरिया रखते है तो आप स्टॉक मार्केट में आ सकते हैं और ज्यादा पैसे कमा सकते हैं और इसको शुरूआत में बेसिक नॉलेज लेकर भी शुरू कर सकते हैं।

तो आज हम स्टॉक या शेयर मार्केट से संबंधित कुछ सवालों के जरिये अपने doubt को क्लियर कर सकते हैं इसलिये आपको स्टॉक या शेयर मार्केट के बारे में पढ़ने से पहले इन सावालों के माध्यम से इन doubt को Clear  कर लेना चाहिए, 

ताकि आपको स्टॉक या शेयर मार्केट आसानी से समझ आ सके : - 

Stock Exchange क्या होता है- 

यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म हैं जहां शेयर को खरीद-बेचा जाता है, लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है कि स्टॉक Exchange में वहीं शेयर को बेचा और खरीदा जाता है जो वहां पर रजिस्टर हैं भारत में 2 बड़े एक्सचेंज है -

1. National Stock Exchange(NSE), 

2. Bombay Stock Exchange(BSE)

शेयर और स्टॉक में क्या अन्तर है- 

वैसे ये दोनों शब्द एक-दूसरे के स्थान पर प्रयोग किये जा सकते हैं, लेकिन इसमें थोड़ा अन्तर है- स्टॉक एक बड़ा Term और शेयर सामान्य term है, स्टॉक की वैल्यु ज्यादा होती है, जबकि शेयर की सामान्य वैल्यु होती है। 

शेयर किसी कंपनी के एक शेयर को बताता है, जबकि स्टॉक शेयर में डिवाइड होते हैं। स्टॉक का हर शेयर कंपनी के मालिक होने का भाग होता है।

Sensex और Nifty-  

सेंसेक्स बम्बई स्टॉक एक्चेंज का एक इंडेक्स है, जिसमें 30 कम्पनी शामिल होती हैं। Nifty, नेशनल स्टॉक एक्चेंज का इंडेक्स है जिसमें 50 कंपनियां शामिल होती है।

Primary और Secondary शेयर मार्केट - 

प्राइमरी शेयर मार्केट में कंपनी पहली बार अपने शेयर IPO के जरिये पब्लिक को बेचती हैं, जबकि सेकेन्डरी शेयर मार्केट वह होती है जब कंपनी अपने शेयर को BSE और NSE को Refer करती है, जिसके बाद उस कंपनी के शेयर खरीदने और बेचने के लिये तैयार हो जाते हैं।

मार्केट इंडेक्स क्या - 

मार्केट इडेक्स स्टॉक मार्केट का movement को calculate करता है और यह बॉन्डस व दूसरे निवेश की परफोर्ममेंस को Track करता है।

Equity क्या - 

स्टॉक और इक्विटी एक जैसी ही होती है जो किसी कंपनी में हिस्सेदारी को बताती है।

Stockholder कौन होते है-

जब किसी के पास कम्पनी के स्टॉक होते है वह स्टॉक होल्डर कहलाता है, यदि वह एक शेयर भी खरीदता है तो वह शेयर होल्डर ही कहलाता है।

शेयर मार्केट में किसकी Trading होती है- 

शेयर मार्केट में शेयर, म्यूचल फंड, बॉण्ड्स की ट्रेडिंग होती है।

Investor कौन होता है- 

जो कंपनी के शेयर खरीदने की हिस्सेदारी लेता है, वह इनवेस्टर या निवेशक होता है।

Investing और Trading में क्या अंतर है- 

ट्रेडिंग में निवेश को बहुत कम समय के लिये होल्ड किया जाता है, एक दिन या हफ्ते के लिये, क्योंकि इसमें जल्दी फायदे के लिये प्रोफिट को खरीदते और बेचते रहते हैं और जब कोई निवेशक अपनी मनी को लम्बे समय के लिये जैसे एक साल के लिये निवेश करे उसे Investing कहा जाता है।

Stock Broker कौन होता है- 

स्टॉक ब्रोकर उसे कहते हैं जो ग्राहक के विहाप पर शेयर मार्केट से स्टॉक खरीदता है और उसके बदले में कुछ कमीशन लेता है, और यह गाइड भी ऑफर करते हैं जैसे अपस्टॉक, जीरोधा, आदि।

स्टॉक मार्केट को Regulate कौन करता है- 

स्टॉक मार्केट को रेगुलेट SEBI करता है। जो इसके नियम को नहीं मानता है तो इसके पास दण्ड देने के भी पॉवर होती है।

स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिये क्या जरूरी है- 

स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिये डिमेट अकाउंट की जरूरत होती है।

D met अकाउंट क्या होते हैं- 

डिमेट अकाउंट में शेयर इलेक्टॉनिक्स फॉर्म में जमा होते हैं और ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता है।

स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिये पैसों की कोई लिमिट नहीं है। स्टॉक मार्केट में आप ऑनलाइन ओर ऑफलाइन ट्रेडिंग कर सकते हो, ऑनलाइन में किसी एप या वेबसाइट के द्वारा ट्रेडिंग कर सकते हो जबकि ऑफलाइन में स्टॉक ब्रोकर को फोन करके ट्रेडिंग कर सकते हो।

Market Cap का क्या मतलब होता है -

जैसे यदि A कंपनी का शेयर प्राइस 10 रुपए है कंपनी के कुल 2000 शेयर हैं तो 

Capital Market = price of 1 share * total number of share

10*2000 = 20000 इस तरह किसी कंपनी का बजट estimate किया जाता है | 

Large Cap, Mid cap and Small cap कंपनी क्या होती हैं -

Large Cap कंपनी का मार्केट केप 20 करोड या उससे ज्यादा होता है। Mid केप कंपनी का मार्केट केप 5 हजार करोड़ से ज्यादा व 20 हजार करोड़ से कम होता है, जबकि Small केप कंपनी का मार्केट केप 5 हजार से कम होता है।

Bear Market and bull market क्या है -

bear market उसको कहते है जब किसी शेयर के प्राइस लगातार गिरते जाते हैं, जबकि bull market उसको कहते हैं जब किसी शेयर के प्राइस लगातार बढ़ते जाते हैं | 

भारत में आज स्टॉक मार्केट के बारे में कौन नहीं जानता, स्टॉक मार्केट पैसे कमाने के लिए एक बहुत अच्छा तरीका है और इसके अलावा स्टॉक मार्केट में निवेश (Investment) करने के कई फायदे हैं,


लेकिन यह एक जोखिमपूर्ण विकल्प भी है। स्टॉक मार्केट में निवेश करने से आपका पैसा डूब सकता है। इसलिए स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले आप इसके बारे में जाना जरूरी है।



Stock Market



आज के इस आर्टिकल में हम स्टॉक मार्केट के बारे में सभी जानकारियों को संक्षिप्त में जानेंगे, यदि आप स्टॉक मार्केट में निवेश करने का सोच रहे हैं तो इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़ें।

शेयर क्या होता है-


जैसे मान लेते है कि A और B ने पैसे इकट्ठे करके एक कंपनी शुरू की, जिसका मतलब हुआ कि अभी कंपनी में केवल A और B ही पार्टनर हुए, और हो सकता है कि आने वाले समय में इन दोनों को ओर पार्टनरों की या निवेशकों की जरूरत पड़े, तो ऐसे में कंपनी में ऐसा सिस्टम होना चाहिए कि दूसरे पार्टनरों या निवेशकों को आसानी से जगह मिल जाये।

शेयर का सिस्टम भी कुछ इस तरह काम करता है। कंपनी का मालिक कौन है, कंपनी की वैल्यु क्या, और दूसरे लोग कंपनी में आसानी से निवेश कर पाये, इसलिये किसी कंपनी को बनाते समय, उसे छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दिया जाता है और इन्हें ही हम शेयर कहते हैं।

किसी कंपनी में कितने शेयर होंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि कंपनी को बनाने वाले ने कंपनी में कितने पैसे लगाये हैं।


कम्पनी को बनाते समय जो एक शेयर की वैल्यु रहती है उसे हम फेस वैल्यु कहते हैं। जैसे उदाहरण के तौर पर समझते हैं कि किसी ने कंपनी में 50 लाख रूपये लगाये है, और एक शेयर की फेस वैल्यु 10 रूपये है तो कुल शेयर 5 लाख हो गये।


अब यह 5 लाख शेयर उस कंपनी के मालिक को मिलेंगे। यानी पूरी कंपनी 5 लाख शेयर में बंटी हुई है, और जब कोई 5 हजार शेयर खरीदता है, कुल शेयर 5लाख हैं, और 1 शेयर की फेस वैल्यु 10 रूपये है, तो ऐसे में उसने कंपनी की 1 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली, यानी वह 1प्रतिशत कम्पनी का मालिक बन गया।


इसलिये हम कह सकते हैं कि शेयर का मतलब होता है हिस्सेदारी, हम किसी कंपनी के जितने शेयर खरीदेंगे तो हम उस कंपनी के उतने मालिक बन जायेंगे।


लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात है कि हम किसी कंपनी के शेयर तभी खरीद सकते हैं, जब कंपनी स्टॉक मार्केट में अपने शेयर बेच रही हो या बेच चुकी हो। जब कंपनी स्टॉक मार्केट में पहली बार शेयर बेचती है तो इसे हम IPO कहते हैं।


IPO की full form होती है - Initial Public Offering |जब कोई प्राइवेट कंपनी शेयर मार्केट में रजिस्टर होने के बाद जब अपने शेयर पहली बार बेचती है उसे आईपीओ कहते है। जब कोई प्राइवेट कंपनी आईपीओ रिलीज करती है तो यह प्राइवेट ना होकर, पब्लिक कंपनी हो जाती है, क्योंकि इसमें पब्लिक का भी पैसा लग जाता है।

स्टॉक मार्केट क्या है? (What is Stock Market in Hindi)

स्टॉक मार्केट एक ऐसा बाजार है जहां कंपनियां और निवेशक एक-दूसरे को शेयर खरीदने और बेचने के लिए मिलते हैं. शेयर एक कंपनी का हिस्सा होता है, और जब आप एक कंपनी का शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के मालिक बन जाते हैं. स्टॉक मार्केट में निवेश करने के 5 बड़े फायदे हैं::


  1. लंबी अवधि में पैसा कमाना (Long Term income source)

  2. अपनी पूंजी को बढ़ाना (Increase Income)

  3. अपने पैसे को विविधता प्रदान करना

  4. अपने पैसे को महंगाई से बचाना

  5.  व्यवसाय के प्रति गहरा नॉलेज


जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं, स्टॉक मार्केट में निवेश करना एक जोखिम भरा काम भी है. शेयरों की कीमतें उतार-चढ़ाव करती रहती हैं, और इसलिए आपके निवेश का मूल्य कम भी हो सकता है.


इसलिए, स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले, आपको जोखिमों को समझना और अपने जोखिम सहनशीलता स्तर को निर्धारित करना महत्वपूर्ण है।


यदि आप स्टॉक मार्केट में निवेश करने का सोचना है तो निवेश करने से पहले इन चार बातों का हमेशा ध्यान रखें जो आज हमेशा आर्टिकल में आपको बताने वाले हैं,  यदि आप इन बातों को ध्यान में रखते हुए स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तब आपको स्टॉक मार्केट में लॉस होने के चांसेस कम होंगे।

स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले ध्यान रखें यह 4 बातें,


  1. अपने जोखिम सहनशीलता स्तर को निर्धारित करें.

  2. एक रिसर्च करें और उन कंपनियों को चुनें जिनमें आप निवेश करना चाहते हैं.

  3. एक पोर्टफोलियो बनाएं जो विभिन्न प्रकार के शेयरों में निवेश करे.

  4. अपने निवेश को नियमित रूप से समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें.


  दोस्तों, आइए अब इन चार बातों को संक्षिप्त विवरण में जानते हैं,


1.  जोखिम सहनशीलता स्तर (Risk Level)



जब आप स्टॉक मार्केट में निवेश करने की सोच रहें हों, तब आपको अपना जोखिम Risk Level  निर्धारित करना स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है. यह आपको यह तय करने में मदद करेगा कि आप कितना जोखिम लेने को तैयार हैं और आपके निवेश पोर्टफोलियो में क्या शामिल होना चाहिए।



2.   निवेश से पहले कंपनी पर रिसर्च करें (Research)



एक बार जब आप अपना जोखिम सहनशीलता स्तर निर्धारित कर लेते हैं, तो आप उन कंपनियों की तलाश शुरू कर सकते हैं जिनमें आप निवेश करना चाहते हैं. जब कंपनियों का चयन कर रहे हों, तो निम्नलिखित बातों पर विचार करें।


3.  एक पोर्टफोलियो बनाएं (Portfolio)



अपने जोखिम को कम करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आपके निवेश पोर्टफोलियो में विभिन्न प्रकार के शेयरों शामिल हों. यह आपको किसी एक कंपनी या उद्योग के प्रदर्शन से होने वाले जोखिम को कम करने में मदद करेगा।



4.  अपने निवेश को नियमित रूप से समीक्षा (Review regularly)


स्टॉक मार्केट में निवेश एक लंबी अवधि का निवेश है. इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने निवेश को नियमित रूप से समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार समायोजन करें।


यह 4 टिप्स आपको भविष्य में Stock Market में इन्वेस्ट करने से लेकर जोखिम तक कि सभी जानकारियों को मॉनिटर करने में मदद करेंगे, इसके अतिरिक्त आप इन चार बातों से सही कंपनी में इन्वेस्ट करना भी सीख जाएंगे इससे होगा यह कि आपके पैसे तो बचेंगे हो सकता है आपको मुनाफा भी हो।


हालांकि इसके अलावा भी बहुत सारी ऐसी जानकारियां स्टॉक मार्केट से संबंधित उपलब्ध है जिसे हम नीचे बताने वाले हैं तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़िए।


स्टॉक मूल्य बढ़ने पर क्या करें?


अपने निवेश को बनाए रखें. यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं. लंबे समय में, स्टॉक मार्केट में निवेश करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, 


इसलिए यदि आपके स्टॉक के प्राइस या कहे तो मूल्य बढ़ रहे हो उस समय आपको धैर्य के साथ सही जानकारी होना आवश्यक है। क्योंकि हम सब जानते हैं कि यदि स्टॉक का मार्केट में प्राइस पड़ता है तो गिरता भी है इसलिए सोच समझकर अपना Investment करते रहें।


लोग हमेशा क्या करते हैं कि जब स्टॉक मार्केट बढ़ रहा होता है या कम रहता है उसी स्थिति में जल्दी पैसा कमाने का सोचते हैं या नहीं जल्दी बाजी में कोई निर्णय लेने के साथ बड़े रिस्क को उठाते हैं ,


जोकि स्टॉक मार्केट में एक गलत प्रोसेस मानी जाती है,  इसलिए धैर्य रखें. स्टॉक मार्केट में निवेश एक लंबी अवधि का निवेश है. इसलिए,जल्दी से पैसा कमाने की उम्मीद न करें।


स्टॉक मार्केट में लगातार घाटा होने पर क्या करें


यदि आप Stock Market में नुकसान उठा रहे हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप शांत रहें और जल्दी से कोई निर्णय न लें. स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव होना स्वाभाविक है, और नुकसान भी हो सकता है.


इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने निवेश पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि आपने अपने जोखिम सहनशीलता स्तर के आधार पर सही निवेश किया है. आप अपने निवेश को विविध बनाने का भी प्रयास कर सकते हैं, जिससे आप अपने जोखिम को कम कर सकते हैं.


यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आपको अपने निवेश को बनाए रखना चाहिए और धैर्य रखना चाहिए. स्टॉक मार्केट में नुकसान होना एक आम बात है, लेकिन लंबी अवधि में, स्टॉक मार्केट में निवेश करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।


 आइए जानते हैं अभी के स्टॉक बाजार (2023) में चल रहा है आंकड़ों के बारे में।


इंडेक्स

वर्तमान मूल्य (12 मार्च, 2023)

52-सप्ताह का उच्चतम (9 मार्च, 2023)

52-सप्ताह का निम्नतम (16 मई, 2022)

S&P 500

4,530.63

4,818.62

4,114.06

Dow Jones Industrial Average

34,623.30

36,252.81

31,790.09

NASDAQ Composite

14,194.96

14,579.45

11,645.74

Russell 2000

2,047.32

2,257.48

1,713.66



शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं-

शेयर मार्केट में पैसे लगाने के लिये सबसे पहले आपको एक डिमेट अकाउंट ओपन करना है। डिमेट अकाउंट ओपन करने के लिये आपको मार्केट में कई सारे ब्रोकर मिल जाते है जैसे - Grow, Upstox आदि।

फिर इन ब्रोकर में जाने के बाद आपको कई सारे शेयर मिल जायेंगे और उसके बाद आपको जितना पैसा लगाना है उतना इन ब्रोकर में पैसे ऐड कर सकते हो, लेकिन यह ध्यान रखना है जो बैंक अकाउंट आपका डिमेट अकाउंट से लिंक है उसी से ही ब्रोकर में पैसा ऐड करना होगा।

शुरूआत में आपको विश्वसनीय कम्पनियों में पैसा लगाना चाहिए, क्योंकि इन कम्पनियों में रिस्क कम होता है उसके बाद जब आपको शेयर मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी हो जायेगी, फिर आप दूसरी कम्पनियों के शेयर भी खरीद सकते हो।

इसके लिये आप निफ्टी और सेंसेक्स में निवेश कर सकते हो, क्योंकि निफ्टी में टॉप 30 कम्पनियां रजिस्टर होती है वहीं सेंसेक्स में 50 कम्पनियां रजिस्टर होती हैं।

किसी भी शेयर को चुनने के बाद उसके बारे में पूरी जानकारी लिजिए कि उसका आने वाले समय में क्या परफोर्मेंस रहेगा। इसके लिये शेयर मार्केट के एक्सपर्ट को सुन सकते हो, इससे संबंधित न्यूज पढ़ सकते हो।

इस शेयर को खरीदने से पहले ब्रोकर पर जाकर उसके पिछले 6 माह, 1 साल, 5 साल के परफोर्मेंस को देखें तथा उसी ब्रोकर पर एक्पेंस रेश्यो व उसके सीईओ आदि के बारे में जानकारी लें।

सब कुछ जानने के बाद ब्रोकर के बाय वाले ऑप्शन पर क्लिक करना है और जितने शेयर खरीदना चाहते हो उतने शेयर सेलेक्ट करना है, इसमें आप प्राइस लिमिट भी सेट कर सकते हो, फिर बाय पर क्लिक करने के बाद आप इस शेयर को खरीद सकते हो।।


शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में अन्तर : -


जब कोई एक शेयर खरीदता है तो उसे शेयर होल्डर कहते है और जब कोई ज्यादा शेयर खरीदता है तो उसे स्टॉक होल्डर कहते हैं।


कोई व्यक्ति शेयर खरीदकर उस कंपनी का मालिक बनता है जबकि स्टॉक खरीदकर वह उस कंपनी की कुछ प्रतिशत का मालिकाना हक अपने नाम कर लेता है।


उदाहरण के तौर पर समझते है जैसे मान लेते है ए व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर होल्ड करता है, दूसरा व्यक्ति उससे यही पूछेगा कि आप किस कंपनी के शेयर होल्ड कर रहे हो, क्योंकि शेयर किसी पर्टिकूलर कंपनी के बारे में बात करते हैं।


जबकि बी व्यक्ति किसी एक कंपनी में शेयर होल्ड ना करके अलग-अलग कंपनी में कई शेयर होल्ड किये हो तो इन्हें हम स्टॉक कहते है, क्योंकि स्टॉक में किसी पर्टिकूलर कंपनी के शेयर नहीं खरीदे जाते बल्कि इसमें कई कंपनियों के शेयर खरीदे जाते हैं।


शेयर को हम कह सकते है कि यह स्टॉक की एक सिंगल यूनिट है, जबकि स्टॉक में कंपनी के एक पार्ट का मालिकाना हक होता है, क्योंकि स्टॉक में परसेंटेस के हिसाब से शेयर खरीदे जाते हैं।


शेयर की वैल्यु एक सामान होती है जैसे किसी ने किसी कंपनी के 10 शेयर खरीदे तो 10 शेयर की वैल्यु एक समान हो सकती है, जबकि स्टॉक की वैल्यु अलग-अलग हो सकती है जैसे किसी कंपनी में 10 प्रतिशत ओनरशिप है तो किसी में 30 प्रतिशत।


शेयर फुली पेड अप नहीं होते है जैसे किसी कंपनी के एक शेयर की वैल्यु 100 रूपये है, लेकिन कंपनी शुरू में एक की वैल्यु 40 रूपये लिये, इसलिये इसे हम फुली पेड अप नहीं कहलाया जायेगा, क्योंकि आपको जो बचे हुए 60 रूपये हैं उनको बाद में देने है, 


लेकिन ऐसा भी नहीं है कि शेयर Fully paid up नहीं होते है, जबकि शेयर फुली पेड अप भी हो सकते हैं जबकि जो स्टॉक होते हैं वे फुंली पेड अप होते हैं यानी जिन शेयरों को आपने पूरे पैसे देकर खरीदे हैं, उन्हीं को स्टॉक कहा जा सकता है, और जो फुली पेड अप नहीं हैं उनको स्टॉक नहीं कहा जा सकता है।


जब कंपनी बनती है तो उस वक्त शेयर जारी किये जा सकते है, जबकि कंपनी के बनने के समय स्टॉक जारी नहीं किये जा सकते हैं।


शेयर की नोमिनल वैल्यु होती है, जबकि स्टॉक की नोमिनल वैल्यु नहीं होती है। 


शेयर के निश्चित नंबर होते है जैसे उसने किसी कंपनी के 5 शेयर खरीदे, जबकि स्टॉक के कोई निश्चित नंबर नहीं होते हैं।


यदि किसी व्यक्ति को शेयर ट्रांसफर करना है तो पूरा का पूरा शेयर ट्रांसफर करना पड़ता है, जबकि स्टॉक में प्रतिशत के हिसाब से कंपनी की हिस्सेदारी ट्रांसफर की जा सकती है। जैसे किसी के पास किसी कंपनी के 50 प्रतिशत शेयर है तो वह उनमें से 10 प्रतिशत शेयर बेच सकता है। 


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