बेरोजगारी एक ऐसी समस्या है जो ना कि सिर्फ गांव या पिछड़े हुए क्षेत्रों में है बल्कि बड़े-बड़े शहरों में भी देखने को मिल जाती है। समर्थ युवा अपने ज्ञान और योग्यता का सही तरह से उपयोग नहीं कर पाते है और इसका सीधा असर हमारी इकोनॉमी पर देखने को मिलता है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के द्वारा उन गांव के लोगो की मदद होती है जो या तो बेरोजगार है या जिन लोगो ने स्कूल अथवा कॉलेज बीच में ही छोड़ दिया था। परंतु इस योजना में शहरी बेरोजगार लोगो को शामिल नहीं किया गया था और इस कारण 1 दिसंबर 1997 को मेरी रोजगार योजना की घोषणा की गई।
क्या है स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना?
स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका निर्माण शहरी बेरोजगार या अल्प बेरोजगार गरीबों की मदद करने के लिए किया गया। इस योजना के अंतर्गत लोगो को स्वरोजगार उद्यमों की स्थापना के लिए प्रोत्साहित किया जाता है एवं उनकी सहायता की जाती है। 2013 में स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना को नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन के रूप में प्रतिस्थापित किया गया।
इस योजना का नया रूप अब दीनदयाल अंत्योदय योजना+नेशनल अर्बन लाइवलीहुड मिशन(DAY - NULM) के नाम से जाना जाता है। दोनों ही योजनाएं शहरी गरीबों के स्वरोजगार और मजदूरी रोजगार में सहायता करने के लिए बनाई गई है।
आम जनता को किस प्रकार मिल सकता है इस योजना से लाभ?
स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना केंद्र और राज्य के बीच 75:25 के रेश्यो में कॉस्ट – शेयरिंग के आधार पर लागू की गई है। सबसे पहले केवल 2 लाख गरीबों और 50,000 स्वरोजगार गरीबों की सहायता करने का निर्णय किया गया था। बाद में इस लक्ष्य को बहुत छोटा घोषित किया और 2004–05 के बीच यह अनुमान लगाया गया की अभी भी 81 मिलियन शहरी गरीब है जिनको मदद की जरूरत है। इस कारण से पुरानी संख्या को बढ़ाया गया और निश्चित किया गया की 2022 तक 500 मिलियन लोगो को ट्रेनिंग दी जाएगी।
स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए उम्मीदवारों को अधिकारित वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट के अंदर लिंक पर क्लिक करके ऑनलाइन आवेदन डाउनलोड करना होगा। इसके बाद ध्यान से उस फॉर्म को भरने के बाद संबंधित अधिकारियों के पास जमा करवा सकते हैं।
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