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हेल्थ इंश्योरेंस क्या है और यह क्यों जरूरी है : बीमा कंपनियाँ पैसा कैसे कमाती हैं?


हेल्थ इंश्योरेंस एक प्रकार का बीमा योजना होता है. जिसमें बीमा धारक को अपने आपात चिकित्सा में आर्थिक रूप से सहायता मिलती है. बीमा धारक के चुने गए हैं हेल्थ इंश्योरेंस में सर्जिकल खर्च और देखभाल और गंभीर बीमारी के खर्चे मैं सपोर्ट करता है और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा आर्थिक मदद प्रदान की जाती है.


यह हर एक परिवार और हर सदस्य के लिए बहुत जरूरी है. इससे मुश्किल समय में भी  इलाज करवाने के लिए एक बेहतरीन सपोर्ट मिल जाता है. जोकि बहुत जरूरी है |


Health insurance in hindi : हेल्थ इंश्योरेंस क्या है और यह क्यों जरूरी है : बीमा कंपनियाँ पैसा कैसे कमाती हैं?



हेल्थ इंश्योरेंस योजना किसे कहते हैं


हेल्थ इंश्योरेंस योजना के अंतर्गत किसी भी बीमा धारक को किसी भी बीमा कंपनी में से खरीदे गए बीमा स्कीम इमरजेंसी चिकित्सा के दौरान बीमा कंपनी खरीदे गए प्लान के तहत कैशलेस चिकित्सा या वापसी भुगतान का लाभ प्राप्त होती है |


 उसे परेशानी के समय बीमा कंपनी पूरी तौर पर बीमा धारक को इलाज में सपोर्ट करती हैं. हेल्थ इंश्योरेंस योजना हर फैमिली के लिए और हर व्यक्ति के लिए कवर करके रखना बहुत ही जरूरी हैं. जिससे इमरजेंसी समय में बहुत बड़ी सपोर्ट, बीमा कंपनियों से मिल जाता है |



हेल्थ इंश्योरेंस क्यों जरूरी है. 


स्वास्थ्य बीमा का महत्व : मुश्किल समय कभी भी बताकर नहीं आता है. यह अचानक ही घटित हो जाती हैं. आजकल की जीवन शैली में घातक जीवन शैली भी शामिल है. घातक जीवन पद्धति में रहने की वजह से हर व्यक्ति को लाइफ इंश्योरेंस योजना के तहत ही रहना चाहिए | 


अपने देश में अनेकों बीमारियां हर समय घिरी रहती है. इलाज और मेडिकल सेवाएं का खर्चा बहुत ही ज्यादा पिक पॉइंट पर जा चुका हैं. ऐसे में सभी लोग सक्षम नहीं हो पा रहे है. अच्छी इलाज करवाने में तो ऐसे में आप कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस अपने और अपने फैमिली के लिए कवर कर सकते हैं |



मेडिकल  कवरेज के अलावा हेल्थ इंश्योरेंस योजना में बीमा धारक को इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80 डी के तहत प्रीमियम के भुगतान पर टैक्स छूट भी मिलती है. ऐसे में एक प्रीमियम करवा लेना खुद और परिवार के लिए भी एक अच्छा विकल्प मैं से एक हो सकता है. 


आज हेल्थ पर लोगों के छोटी-छोटी बीमारियों पर लाखों रूपये लग जाते हैं, ऐसे मीडिल क्लास और गरीब तबके के लिये यह बहुत ही परेशानी वाली चीज हो जाती है, क्योंकि उसकी पूरी जिन्दगी की इकट्ठा की हुई कमाई, बीमारी होने पर एक झटके में खत्म हो जाती है। इसलिये यह हमारे लिये जरूरी हो जाता है कि हमे हेल्थ इंश्योरेंस करवाना लेना चाहिए। वैसे हेल्थ इंश्योरेंस बहुत सी कम्पनी व कई बैंक करवा रही हैं।

लेकिन यह ध्यान देने वाली बात होती है कि ये इंश्योरेंस कम्पनियां जो आपका प्रीमियम होता है, वह आपको वापस नहीं मिलता है, लेकिन ये कम्पनियां यदि आपको कोई बीमारी हो जाती है तो सारा खर्चा उठाती है जैसे आपका प्रीमियम है 10 हजार साल का, ओर इस बीच आपको कोई बीमारी हो जाती है और उसमें खर्चा आता है 2लाख का तो ऐसे में ये कम्पनियां आपका खर्चा उठायेंगी।

कोरोन के बाद से हमारी हेल्थ की जिम्मेदारियों को बढ़ा दिया है, इसलिये हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बहुत जरूरी हो गया है।


हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपको मेडिकल के बिल, व उसमें भर्ती होने का खर्चा, बीमारी के बाद का खर्चा, एम्बुलेंस का खर्चा आदि देती है, जिससे आपको वित्तीय सहायता मिलती है। यह पॉलिसी आप अपने परिवार के लिये भी कर सकते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपको फिजूल खर्चे होने से बचाती है, क्योंक मेडिकल का खर्च बहुत ज्यादा है, जिससे आपकी सारी कमाई खत्म हो सकती है, इसलिये इसके द्वारा आपको सहायता मिलती है। जिससे आपको स्वास्थ्य को लेकर पैसे की चिन्ता ना हो इसलिये भी यह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बाद आपको दिमाग तनाव से बचाता है, और आपको सुरक्षा का अहसास दिलाता है, क्योंकि जब आप बीमार होते हो तो शरीर से तो परेशान होते ही हो साथ आप पैसों को लेकर मानसिक रूप से भी बीमार होते हो।

यदि आप स्वास्थ्य है और सोच रहे है कि अभी हमे जरूरत नहीं तो आप समझ लेना कि यही समय भी सही है, क्योंकि इसमें आपका प्रीमियम भी कम पड़ता है, क्योकि प्रीमियम आपकी ऐज पर बहुत ज्यादा फर्क डालता है, यानी जितनी आपकी उम्र कम होगी, उतना ही आपका प्रीमियम कम होगा।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को लेते वक्त जिस कम्पनी से ले रहे हो, उसकी टर्म एंड कंडीशन को पूरा पढ़ लेना चाहिए, ध्यान से पढ़ लेना चाहिए, कि जो बीमारी आपको है वह इसमें कवर हो रही है या नहीं,

जो पॉलिसी आप ले रहे हो वह केशलेस है या नहीं।, क्योंकि होता क्या है कि जब आपके पास पॉलिसी केशलेस नहीं होती है, इसको रिम्बर्समेंट करने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

जो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आप ले रहे हो, या जिस कम्पनी की आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रहे हो, वह कम्पनी आपके नजदीक के अस्पताल से कवर है या नहीं, क्योंकि होता क्या है कि आपातकालीन स्थिति में पास के अस्पताल में ले जाना पड़ता है, और जब यह पता लगता है कि यह हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी इस अस्पताल से जुड़ी हुई ही नहीं तो फिर ऐसे में परेशानी का सामाना करना पड़ता है।


इसमें यह भी देखना होता है कि जो आपको बीमारी होती है, उसके पहले या बाद के खर्चां को कवर करती है या नहीं।

आपको यह भी जानकारी लेनी है कि आपकी इस पॉलिसी में कोई लिमिट तो नहीं हैं, क्योंकि होता क्या है जब आप अस्पताल जाते हो तो वहां पर जब अस्पताल को पता लगता है कि इसका पैसा इंश्योरेंस कम्पनी दे रही है तो वह अस्पताल बहुत मंहगा पैसा वसूल करता है, यदि आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में लिमिट है तो फिर आपको अपने पास से देने पड़ जायेंगे पैसे।

इसके अलावा आपको कम्पनी के सेटलमेंट रेश्यो वगैरा को भी देखना है कि यह कम्पनी क्लेम देने में कैसी है, कितने लोगों को क्लेम दिया गया है इस कम्पनी द्वारा, क्योंकि होता क्या है जब आप बीमार पड़ जाते है, और उस कम्पनी का रेश्यो कम है तो आपको कोई ना कोई कमी बताकर आपको क्लेम नहीं दिया जाता है या बहुत परेशान किया जाता है।

यह देखना है कि कम्पनी कितनी पुरानी है, पता लगे कि वह कम्पनी अभी ही खुली है, तो आपको परेशानी हो सकती है, आप हेल्थ इंश्योरेंस उस कम्पनी से करायें जो कम कम से 3 साल पुरानी हो, क्योंकि होता क्या है कि हम इतने समय में पता लगा सकते हैं कि यह कम्पनी क्लेम देने में कैसी है। आपको कोई बीमारी है तो आपको भी क्लिर बता देना चाहिए कि मुझे यह बीमारी है, इससे कम्पनी को आप पर विश्वास बढ़ता है।


सबसे सस्ता हेल्थ इंश्योरेंस -

हेल्थ इंश्योरेंस जब लेते है यह कई हमारे बजट के बाहर भी चला जाता है, इसलिये आपको सस्ते हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत होती है, ऐसे में आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को बढाकर हम ज्यादा कवर पा सकते है और कम प्रीमियम देना पड़ेगा।


जैसे आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है इसका कवर है 10 लाख, और आपने 10 लाख का टॉप अप या सुपर टॉप अप लिया है तो ऐसे यदि आपका मेडिकल का खर्चा 10 लाख से ज्यादा आयेगा तो, मान लेते हैं 13 लाख आया तो ऐसे में 10 लाख आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से देने होंगे और 3 लाख जायेंगे आपके टॉप अप या सुपर टॉप अप से।


इसलिये आप सस्ते हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिये आप किसी भी कम्पनी में हेल्थ इंश्योरेंस करा लिजिये और किसी भी कम्पनी का टॉप अप या सुपर टॉप अप ले लिजिये। इस तरीके से आप अपना हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को सस्ता कर सकते हो।


इसका मतलब यह नहीं कि आप किसी भी कम्पनी का हेल्थ इंश्योरेंस और टॉप अप या सुपर टॉप अप ले लिजिए, बल्कि आपको सर्च करने के बाद जो कम्पनी सस्ता व अच्छा कवर प्रोवाइड कराती हो उससे लें। क्योंकि जब आप हेल्थ इंश्योरेंस किसी ओर कम्पनी का और टॉप अप किसी ओर कम्पनी का लेंगे तो हो सकता है ये कम्पनियां अलग अलग होने से मंहगा दे, इसलिये सर्च करने के बाद ही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लें।


SBI हेल्थ इंश्योरेंस प्लान इन हिन्दी-

एसबीआई आरोग्य प्लस- इसका सबसे बड़ा तो यह फायदा है कि इसमें लाइफटाइम एक ही अमाउंट पेय करना होता है, इसे 65 साल तक कर सकते हो। और जब आप इस पॉलिसी को लेते हो और आपकी आयु 55 साल से कम है तो आपको कोई मेडिकल टेस्ट भी नहीं देना होता है।


इसमें 3 लाख तक का कवर मिलता है, इसमें 4 मेबर्स को शामिल कर सकते हो। इसमें कोई लिमिट नहीं है, आइसीयु में पूरा कवर होगा। यदि आपको एम्बुलेंस की जरूरत पड़ जाती है तो आपको 1500 रूपये तक रिम्बेर्समेंट किया जायेगा।, इसमें इनकम टैक्स की रिवेट 80डी के तहत मिलेगी।


हेल्थ इंश्योरेंस योजनाओं के लाभ 



दुनिया में कोई भी इंसान चोटिल होना नहीं चाहता लेकिन फिर भी ना चाहते हुए भी कई बार लोगों के साथ ऐसा हो ही जाता है. क्योंकि कब क्या हो जाए इसका कोई भरोसा नहीं है | 


निजी स्वास्थ्य बीमा लेने के लाभ लेने में से एक यह भी है कि डॉक्टर को दिखाने से लेकर सर्जरी और आपातकालीन देखभाल में होने वाली खर्च को भी कवरेज किया जा सकता हैं. और इसके सिवा भी आपको बहुत लाभ मिलते है. जो हम आपको नीचे प्वाइंट बाय प्वाइंट बताएंगे. जो इस प्रकार से है |


1 Point . जिन लोगों के पास निजी स्वास्थ्य बीमा स्कीम होता है. उन लोगों के मन में तसल्ली बनी होती है क्योंकि मुसीबत के समय उनके उचित चिकित्सीय सलाह और इलाज के लिए उपयुक्त होता है. इसलिए उनके मन में एक प्रकार की शांति निहित रहती है | 


2 Point .  हेल्थ इंश्योरेंस आप को अधिक महत्व देता हैं. आपको अपने स्वास्थ्य की देखभाल सेवा आपके मनपसंद डॉक्टर का विकल्प और आपके अप्रत्याशित स्वास्थ्य मुद्दों से सुरक्षा प्रदान करता है | 


3 Point . हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने का एक लाभ यह भी है. कि पैसे कि कमी की वजह से अच्छे से अपना स्वास्थ्य का देखभाल लोग नहीं करवा पाते. तब लोग सरकारी अस्पतालों के बाहर लंबी लाइन मे लगने से भी बच जाते है. जिन लोगों के पास हेल्थ इंश्योरेंस प्लान होता है | 


कहा गया है कि स्वास्थ्य ही धन है. और स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नही. लेकिन आजकल लोग छोटी छोटी चीजों से भी बीमार पड़ जाते है. आजकल का खानपान और प्रदूषण भरी जीवन, और भारी ट्रैफिक के बीच में खुद को स्वास्थ्य की गारंटी कोई नहीं दे सकता. ऐसे में निजी हेल्थ इंश्योरेंस ही मुश्किल समय में काम आने वाला हैं | 


हेल्थ इंश्योरेंस बीमा कैसे चुने 


हेल्थ इंश्योरेंस बीमा का विकल्प चुनते समय आपको कई चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता हैं. बीमा चयन प्रक्रिया के दौरान कुछ महत्वपूर्ण विकल्प हम आपको नीचे बताएंगे. आप गंभीरता से ध्यान दिजिएगा | 


1 अपनी हेल्थ इंश्योरेंस और परिवारिक आवश्यकताओं की भी सूची बनाएं. जिससे आपको आपके परिवार के भविष्य में आवश्यकता होगी. जैसे डेंटल, आई, दवाइयां, चिकित्सा, इत्यादि जो कुछ भी आपको लगता हो |


आप एक नोट पैड पर लिख ले और यह भी ध्यान में रखें कि आपके माता-पिता का नियुक्त पॉलिसी बीमा करता हैं. या नहीं, और कब करता हैं, विकल्प क्या होते है, आप इत्यादि, के बारे में पहले लिख ले ताकि आपको पॉलिसी एजेंट से बातचीत करके हल निकालने में आसानी होगी | 


2. हेल्थ इंश्योरेंस प्रदाताओं के उपलब्धता के बारे में भी जानकारी जुटाएं. और यह भी सुनिश्चित कर लें कि किस प्रकार का योजना आपके परिवार के लिए जरूरी हैं. अपने एजेंट से और भी कुछ अच्छे नए बीमा पॉलिसी के बारे में बताने का अनुरोध जरूर करें |


और यह भी ध्यान में रखें कि आप जितने की बीमा पॉलिसी लेने वाले है. उतना पैसा आपके परिवार मैं आसानी से देने लायक है कि नहीं. जब आप पूरी तरह से सब कुछ सोच-विचार लें तब आप किसी एक मनपसंद योजना का आवेदन कर सकते हैं |


हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त किन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है  


विगत 5 वर्षों में स्वास्थ्य बीमा उद्योग में बहुत से बदलाव हुए हैं. ऐसे में नए नियम भी ग्राहकों के लिए बनाए गए हैं. ऐसे में सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी अब पूरे जीवन काल के लिए जारी की जाती है. पालिसी जारी हो जाने के बाद हेल्थ बीमा कंपनी क्लेम से जुड़ी कोई लागत नहीं ले सकती |


बीमा कर्ताओं को स्वास्थ्य पालिसी में प्रीमियम बढ़ाए जाने पर 3 माह पूर्व ग्राहक को अग्रिम नोटिस देने की प्रावधान है. बीमा कंपनियां अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए स्वास्थ्य बीमा कंपनियां मानक मेडिक्लेम उत्पादों में बहुत ही रोचक विशेषताएं शामिल कर रही हैं.जिससे उनके ग्राहक और भी आकर्षित होते हैं |


किसी भी जागरूक व्यक्ति के लिए हेल्थ इंश्योरेंस बीमा के बारे में जानना और लेने का विचार करना खुद को भविष्य में सिक्योर करना ही है. आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस एकल और परिवारिक दोनों ही मौजूद है. क्योंकि आज के समय में कम कमाई करने वाले लोगों के लिए हेल्थ एक बहुत ही बड़ा मुद्दा है |


हेल्थ पॉलिसी लेने के लिए किन डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है 


हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए आपको जिन डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ने वाली है. वह है आपकी निवास प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, आप इन्हीं सब डॉक्यूमेंट से खुद के लिए और परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस ले सकते हैं. इसके अलावा अगर आपके घर में सीनियर सिटीजन के लिए सर्जरी अथवा अन्य किसी गंभीर बीमारी के लिए भी आप हेल्थ पालिसी  खरीद सकते हैं. लेकिन आपके पास यह सारे डॉक्यूमेंट चाहिए |


हेल्थ इंश्योरेंस कितने प्रकार के होते हैं 


अभी के समय भारत में 7 प्रकार की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मौजूद है. हम इन सब के  बारे में आपको अच्छे से बताएंगे. जो इस प्रकार से हैं |


1 व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस : इस पॉलिसी से आप अपने माता-पिता पत्नी बच्चों को कवर कर सकते हैं. यह चोट और बीमारियों से संबंधित और भी बहुत सुविधाएं प्रदान करती है |


2. फैमिली फ्लोटर हेल्थ इंश्योरेंस : इस पालिसी से आप अपने परिवार के सभी सदस्य को कवर कर सकते हैं. पालिसी के तहत कवर किए गए सभी सदस्यों को सिंगल सम इंश्योरेंस फ्लोट करता है |


3. ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस : ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी एक जगह कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिए होता है. अगर आप किसी स्टार्टअप, और कारपोरेट, के मालिक है. तो आप अपने कर्मचारियों को कवर करने के लिए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस ले सकते हैं |


4. सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस : 60 साल से ज्यादा Age वाले लोग इस पॉलिसी को चुन सकते हैं. अगर आपके माता पिता या फैमिली में किसी की भी उम्र 60 वर्ष से अधिक है तो आपके लिए या पालिसी बिल्कुल फिट है |


5. मेटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस : मेटरनिटी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को राइडर के साथ खरीदा जा सकता है. इससे प्रसव और प्रसव पूर्व अवस्था मैं होने वाले सभी खर्चों को कवर किया जा सकता है. इसी के अंतर्गत होने वाले नवजात शिशु को भी 90 दिन का कवरेज शामिल हो जाता है |


6. गंभीर बीमारियों से जुड़े इंश्योरेंस प्लान : यह हेल्थ इंश्योरेंस प्लान भारत के मध्यमवर्गीय परिवारों को कवर करने के लिए बनाया गया है. इसमें पेरालिसिस, किडनी का खराब, स्ट्रोक कैंसर, कोरोनरी धमनी की बाईपास सर्जरी, दिल का दौरा, फेफड़ों की धमनियां में गड़बड़ी,  मल्टीपल स्क्लेरोसिस, महाधमनी ग्राफ्ट सर्जरी, इन बीमारियों का इलाज करवाना हैं. एक मध्यमवर्गीय फैमिली के लिए बहुत मुश्किल होता हैं. इसी को मध्य नजर रखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां यह सुविधा मध्यमवर्गीय परिवारों को दे रही हैं | 


7. टॉप अप हेल्थ इंश्योरेंस : अगर आप ज्यादा कवरेज करना चाहते हैं तो आप इस हेल्थ इंश्योरेंस को खरीद सकते हैं. यह प्लान बहुत महंगा भी है. लेकिन आप अपने जरूरत के हिसाब से और बुद्धिमानी से अपने हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने का चयन करें. लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस होना आज के समय में बहुत जरूरी है | 


Best Health insurance Plans 2023 :


सबसे अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस कौन सा है : जब आप किसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को लेते है और अचानक में आपकी तबीयत खराब हो जाती है और अस्पताल में ले जाना पड़ता है, तो यदि आपको पता लगता है कि जो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपने ली है वह इस अस्पताल में अप्लाई नहीं हो रही है, बहुत परेशानी होती है, इसलिये आप जब हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हो उस वक्त ही यह देख लो की जो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आप ले रहे हो, वह आपके नजदीक के अस्पताल में लागू है भी या नहीं।

इसके लिये आपको हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की वेबसाइट पर जाकर सर्च करना चाहिए कि आपके लिये कौन सी पॉलिसी बेस्ट है, इन वेबसाइट पर आप देख सकते हो , नेटवर्क होस्पिटल, क्लेम सेटलमेंट रेश्या आदि।

इसलिये इस वेबसाइट पर जाकर अपना और अपने फैमिली मेबर्स की डिटेल्स एड करने के बाद देखना है कि कौन सी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपके लिये उपयुक्त है।

इसलिए अलग अलग parameters के आधार पर चुन सकते हैं जैसे -

Claims Approval Ratio,

Claims Rejection Ration,

Claims Settlement Ratio,

Claims Paid-

Network Hospitals,

incurred Claims Ratio,

इसलिए हम बता रहे है Best health insurance Company 2023-


Claims Approval Ratio-


  • The New India Assurance Co.,
  • Aditya Birla Health Insurance Co. Ltd.
  • HDFC ERGO General Insurance Co. Ltd.
  • Raheja QBE General Insurance,
  • Niva Bupa Health insurance


Network Hospitals -


  • Care Health Insurance Ltd.
  • SBI General Insurance,
  • Star Health and Allied Insurance
  • HDFC,ERGO General Insurance



बीमा कंपनियाँ पैसा कैसे कमाती हैं? : 


Health insurance in hindi : हेल्थ इंश्योरेंस क्या है और यह क्यों जरूरी है : बीमा कंपनियाँ पैसा कैसे कमाती हैं?



Insurance एक कंपनी और एक व्यक्ति के बीच एक अनुबंध आसान भाषा में कहें तो समझौता है। बीमा कंपनी पॉलिसीधारक द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम के बदले में पॉलिसीधारक को होने वाले नुकसान का भुगतान करने के लिए सहमत होती है। बीमा के कई प्रकार है जैसे हेल्थ बीमा, ऑटो बीमा, जीवन बीमा और घर का बीमा शामिल है।

दोस्तों, बीमा कंपनियाँ दो तरह से पैसा कमाती हैं,जिसमें पहला है प्रेमियों और दूसरा है निवेश, आइए जानते हैं इन दोनों प्रकारों को संक्षिप्त में।

प्रीमियम (Premium)


बीमा कंपनी पॉलिसीधारकों से प्रीमियम एकत्र करती है। इन प्रीमियमों का उपयोग पॉलिसीधारकों द्वारा किए गए दावों के भुगतान के लिए किया जाता है।


निवेश (Investment)


बीमा कंपनी अपने द्वारा एकत्र किए गए प्रीमियम का निवेश करती है। बीमा कंपनी जो निवेश आय अर्जित करती है वह दावों की लागत की भरपाई करने और मुनाफा उत्पन्न करने में मदद करती है।


एक बीमा कंपनी जो प्रीमियम एकत्र करती है वह कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें बीमा का प्रकार, पॉलिसीधारक की जोखिम प्रोफ़ाइल और बीमा बाजार की स्थिति शामिल है। एक बीमा कंपनी जो निवेश आय अर्जित करती है वह कंपनी द्वारा किए जाने वाले निवेश के प्रकार और वित्तीय बाजारों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।


लाभ कमाने के लिए बीमा कंपनियों को अपने जोखिम का सावधानीपूर्वक प्रबंधन करना चाहिए। वे पॉलिसियों को सावधानीपूर्वक अंडरराइट करके ऐसा करते हैं, जिसका अर्थ है कि वे प्रत्येक पॉलिसीधारक के जोखिम का आकलन करते हैं और उसके अनुसार प्रीमियम निर्धारित करते हैं। वे अपने प्रीमियम का निवेश भी समझदारी से करते हैं, ताकि वे दावों की लागत की भरपाई करने और लाभ कमाने के लिए पर्याप्त निवेश आय उत्पन्न कर सकें।


बीमा उद्योग एक जटिल और प्रतिस्पर्धी उद्योग है। बीमा कंपनियों को अपने ग्राहकों की बदलती जरूरतों के अनुरूप लगातार नवप्रवर्तन और अनुकूलन करना चाहिए। लाभ कमाने के लिए उन्हें अपने जोखिम को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में भी सक्षम होना चाहिए।



बीमा कंपनियां कैसे पैसा कमाती हैं, इसके बारे में यहां कुछ अतिरिक्त विवरण दिए गए हैं:

हामीदार (Underwriting)


किसी पॉलिसी को अंडरराइट करने की प्रक्रिया में पॉलिसीधारक के जोखिम का आकलन करना और उसके अनुसार प्रीमियम निर्धारित करना शामिल है। बीमा कंपनी प्रीमियम निर्धारित करते समय पॉलिसीधारक की उम्र, स्वास्थ्य, ड्राइविंग रिकॉर्ड और गृहस्वामी स्थिति जैसे कारकों पर विचार करेगी।


हामीदारी प्रक्रिया में आम तौर पर आवेदक की व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी की समीक्षा शामिल होती है। इस जानकारी में आवेदक की आयु, स्वास्थ्य, ड्राइविंग रिकॉर्ड, रोजगार इतिहास और क्रेडिट स्कोर (Credit Score) शामिल हो सकते हैं। हामीदार उस बीमा के प्रकार पर भी विचार करते हैं जिसके लिए आवेदक आवेदन कर रहा है।


एक बार जब हामीदार आवेदक की जानकारी की समीक्षा कर लेता है, तो वे इस बारे में निर्णय लेंगे कि आवेदक को बीमा की पेशकश की जाए या नहीं। निर्णय आवेदक के जोखिम प्रोफ़ाइल और बीमा के प्रकार पर आधारित होगा जिसके लिए वे आवेदन कर रहे हैं।


हामीदारी एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है। हालाँकि, यह बीमा प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आवेदकों को सावधानीपूर्वक हामीदारी देकर, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकती हैं कि वे केवल उन लोगों को बीमा प्रदान कर रही हैं जिनके लिए अच्छा जोखिम होने की संभावना है।


निवेश (Investments)


बीमा कंपनियां अपने द्वारा एकत्र किए गए प्रीमियम को विभिन्न परिसंपत्तियों, जैसे बांड, स्टॉक और रियल एस्टेट में निवेश करती हैं। बीमा कंपनी जो निवेश आय अर्जित करती है वह दावों की लागत की भरपाई करने और मुनाफा उत्पन्न करने में मदद करती है।


लाभप्रदता (Profitability)


किसी बीमा कंपनी की लाभप्रदता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिसमें कंपनी द्वारा प्रदान किए जाने वाले बीमा का प्रकार, उसके पॉलिसीधारकों की जोखिम प्रोफ़ाइल और वित्तीय बाजारों की स्थिति शामिल है। जो बीमा कंपनियां अपने जोखिम को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और अपने प्रीमियम को बुद्धिमानी से निवेश करने में सक्षम हैं, उनके लाभदायक होने की अधिक संभावना है।


यहां कुछ चुनौतियाँ हैं जिनका बीमा कंपनियों को सामना करना पड़ता है:


  1.  प्रतिस्पर्धा  - Competition


बीमा उद्योग एक प्रतिस्पर्धी उद्योग है, जिसमें कई अलग-अलग कंपनियां एक ही ग्राहक के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं। इससे बीमा कंपनियों के लिए मुनाफा कमाना मुश्किल हो सकता है।


  1.  विनियामक वातावरण - Regulatory environment


बीमा उद्योग अत्यधिक विनियमित है, जिससे बीमा कंपनियों के लिए नए उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करना मुश्किल हो सकता है।


  1.  वित्तीय बाज़ार - Financial markets


वित्तीय बाज़ारों का प्रदर्शन बीमा कंपनियों की लाभप्रदता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। यदि वित्तीय बाजार खराब प्रदर्शन करते हैं, तो बीमा कंपनी को निवेश आय में गिरावट का अनुभव हो सकता है।


आइए दोस्तों आप समझते हैं, बीमा कंपनी अपना पैसा कैसे इन्वेस्ट करते हैं और कहां इन्वेस्ट करते हैं


  1. Real estate

  2. Stocks

  3. Bonds


बीमा कंपनियाँ प्रीमियम चार्ज करके, दावों का भुगतान करके और ग्राहकों से एकत्र किए गए धन का निवेश करके पैसा कमाती हैं। वे अपनी जोखिम उठाने की क्षमता, तरलता की जरूरतों और रिटर्न की उम्मीदों के आधार पर विभिन्न प्रकार की परिसंपत्तियों, जैसे बांड, स्टॉक, रियल एस्टेट या अन्य व्यवसायों में निवेश करते हैं।


उन्हें अपने निवेश उद्देश्यों को अपनी जोखिम प्रबंधन रणनीतियों और नियामक आवश्यकताओं के साथ संतुलित करने की आवश्यकता है। उन्हें अपने निवेश प्रदर्शन की निगरानी करने और आवश्यकतानुसार अपने पोर्टफोलियो आवंटन को समायोजित करने की भी आवश्यकता है। निवेश एक जटिल और गतिशील प्रक्रिया है जिसके लिए सावधानीपूर्वक योजना और कार्यान्वयन की आवश्यकता होती है।


Conclusion 


आपने इस शानदार पोस्ट में हेल्थ इंश्योरेंस क्या है. और इसकी समस्त जरूरी बातों को भी अपने जाना है हमें उम्मीद है. कि यह लेख आपको बहुत ही अच्छा लगा होगा और जानकारी पूर्ण लगा होगा. आप इस को www.geomorallife.com पर पढ़ रहे हैं पोस्ट पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद |

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