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12वीं के बाद साइंस स्टूडेंट कौन सा कोर्स करे

12वीं पास करने वाले P.C.B. के स्टूडेंट मेडिकल, पैरामेडिकल , बीएससी नर्सिंग इत्यादि जैसे कोर्स में अपना नामांकन करवा सकते हैं तथा P.C.M. के स्टूडेंट इंजीनियरिंग जैसे कोर्स में अपना नामांकन करवा सकते हैं।


12वीं के बाद साइंस स्टूडेंट कौन सा कोर्स  करे



12वीं के बाद स्टूडेंट निम्न कोर्सों में अपना नामांकन ले सकते हैं और अपना करियर उज्ज्वल बना सकते है:


B.Sc ( bachelor of science)


Bachelor of science कोर्स 3 वर्ष का होता है इसे 12वीं मैथ व बायोलॉजी से उत्तीर्ण किए हुए छात्र व छात्राएं कर सकते हैं इस कोर्स में स्टूडेंट को रसायन विज्ञान ,जीव विज्ञान व भौतिक विज्ञान तथा मैथमेटिक्स का अध्ययन कराया जाता है इस डिग्री को प्राप्त करने के बाद स्टूडेंट अनुसंधान वैज्ञानिक, वैज्ञानिक असिस्टेंट ,लेखक, खाद्य एवं औषधि निरीक्षक, शिक्षक इत्यादि बनते हैं इसके अलावा इस कोर्स को प्राप्त करने के बाद स्टूडेंट अपने आगे की पढ़ाई भी कर सकते हैं।


B.Tech /B.E ( bachelor of technology/engineering)


 बैचलर आफ टेक्नोलॉजी तथा बैचलर आफ इंजीनियरिंग कोर्स को 12वीं में मैथमेटिक्स से पढ़े हुए स्टूडेंट कर सकते हैं इस कोर्स में स्टूडेंट को टेक्नोलॉजी तथा इंजीनियरिंग से संबंधित शिक्षा प्रदान की जाती है तथा टेक्नोलॉजी की प्रशिक्षण भी प्रदान की जाती है यह कोर्स 4 साल का होता है,इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट सॉफ्टवेयर इंजीनियर ,मैकेनिकल इंजीनियर ,सिविल इंजीनियर ,इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ,इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ,ऑटोमोबाइल इंजीनियर ,केमिकल इंजीनियर ,एयरोस्पेस इंजीनियर ,क्वालिटी इंजीनियर इत्यादि बनते हैं।


M.B.B.S. (bachelor of medicine, bachelor of surgery)


इस कोर्स को 12वीं में बायोलॉजी से उत्तीर्ण हुए स्टूडेंट कर सकते हैं इस कोर्स में नामांकन करवाने के लिए सबसे पहले एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता है स्टूडेंट के रैंक के आधार पर उन्हें एमबीबीएस के लिए कॉलेज प्रदान गवर्मेंट के द्वारा किया जाता है,


यह कोर्स साडे 5 साल का होता है जिसमें 1 साल की इंटर्नशिप होती है इस कोर्स के अंदर मनुष्य व जीव - जंतु तथा पेड़- पौधों से संबंधित बीमारियों तथा उनके इलाज के बारे में शिक्षा प्रदान की जाती है जब यह कोर्स स्टूडेंट कर लेते हैं तो उन्हें डॉक्टर की उपाधि मिल जाती है इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट लोगों तथा जानवरों व पेड-पौधों का इलाज करते हैं ।


B.D.S. ( बैचलर ऑफ़ डेंटल सर्जरी)


इस कोर्स को 12वीं में बायोलॉजी से उत्तीर्ण किए हुए स्टूडेंट ही कर सकते हैं इस कोर्स में दातों के सर्जरी के बारे में शिक्षा प्रदान की जाती है इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट दांतों के डॉक्टर बनते हैं जिन्हें डेंटिस्ट कहा जाता है इस कोर्स के माध्यम से स्टूडेंट को रोजगार डेंटल सर्जन के रूप में मिलता है। 


B.A.M.S (bachelor of ayurvedic Medicine and surgery)


जो स्टूडेंट 12वीं के बाद एमबीबीएस के लिए आवेदन करते हैं और यदि उनका एडमिशन एमबीबीएस में नहीं हो पता है तो वे छात्र अपना नामांकन बीएएमएस  मे करवाते हैं यह कोर्स भी एमबीबीएस के समान ही होता है अंतर इतना होता है कि एमबीबीएस के अंदर बीमारियों का इलाज एलोपैथ मेडिसन के माध्यम से किया जाता है तथा बीएमसी के अंदर बीमारियों का इलाज आयुर्वेद जड़ी बूटियां के माध्यम से किया जाता है


यह कोर्स भी साढे 5 साल का होता है जिसमें 1 साल इंटर्नशिप होता है इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट डॉक्टर की उपाधि पाते हैं तथा सरकारी व प्राइवेट संस्था में नोकरी भी करते हैं इसके अलावा कुछ स्टूडेंट अपना स्वयं का क्लीनिक भी चलाते हैं।


B.H.M.S (bachelor of homeopathy medicine and surgery)


यह कोर्स को भी 12वीं में बायोलॉजी से उत्तीर्ण हुए स्टूडेंट ही कर सकते हैं यह कोर्स भी एमबीबीएस तथा बीएएमएस के बराबर ही होता है इसमें बीमारियों का इलाज होम्योपैथिक पद्धति के द्वारा किया जाता है जिसके लिए स्टूडेंट को इस कोर्स में होम्योपैथिक पद्धति की शिक्षा प्रदान की जाती है तथा माइनर सर्जरी का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट डॉक्टर की उपाधि पाते हैं 


B.U.M.S ( bachelor of Unani medicine and surgery)


यह कोर्स को भी 12वीं में बायोलॉजी से उत्तीर्ण हुए स्टूडेंट ही कर सकते हैं यह कोर्स भी एमबीबीएस ,  बीएएमएस ,  बीएचएमएस के बराबर होता है, इस कोर्स में युनानी मेडिसिन के बारे में स्टूडेंट को पढ़ाया जाता है इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट डॉक्टर की उपाधि पाते हैं और मरीज का यूनानी मेडिसिन के माध्यम से इलाज करते हैं। इन स्टूडेंट को बाद में हकीम भी कहा जाता है ।


B.Pharma ( bachelor of pharmacy)


इस कोर्स को 12वीं में पढ़ने वाले पीसीएम तथा पीसीबी के छात्र कर सकते हैं यह कोर्स 4 साल का होता है जिसमें बीमारियों के बारे में तथा बीमारियों के इलाज के लिए मेडिसिन बनाने व रिसर्च के बारे में शिक्षा प्रदान किया जाता है जो भी स्टूडेंट इस कोर्स को करते हैं उन्हें कोर्स के संपन्न होने पर फार्मासिस्ट की उपाधि प्राप्त होती है इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट मेडिकल शॉप, क्लिनिक खोल सकते हैं इसके अलावा सरकारी व प्राइवेट सेक्टर तथा कंपनियों में फार्मासिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं।


B.Sc Nursing (बैचलर ऑफ साइंस इन नर्सिंग)


इस कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट को बायोलॉजी से 12वीं पास किया होना चाहिए इस कोर्स में वे स्टूडेंट एडमिशन लेते हैं जो नर्सिंग के फील्ड में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं यह कोर्स 4 साल 6 महीने का होता है जिसमें 6 महीना इंटर्नशिप होता है इस कोर्स को कंप्लीट करने के बाद नर्सिंग ट्यूटर,नर्सिंग शोधकर्ता, क्लीनिकल नस विशेषज्ञ ,नर्स एजुकेटर इत्यादि बन सकते हैं।


B.Sc Biotechnology ( bachelor of science in biotechnology)


इस कोर्स को 12वीं में बायोलॉजी से पढ़े हुए स्टूडेंट ही कर सकते हैं यह कोर्स 3 वर्ष का होता है जिसमें बायोटेक्नोलॉजी से रिलेटेड शिक्षा बच्चों को प्रदान किया जाता है इस कोर्स को संपन्न करने के बाद बायोटेक्नोलॉजिस्ट की उपाधि मिलती है इस कोर्स को करने वाले स्टूडेंट रिसर्च साइंटिस्ट, क्वालिटी कंट्रोल ऑफीसर, बायोटेक सेल्स रिफेंसिटिव, साइंस राइटर ,टेक्निकल राइटर, बायोटेक रिसर्च इत्यादि के पोस्ट पर चयनित होते हैं |


B.P.T ( bachelor of physiotherapy)


इस कोर्स को बायोलॉजी से 12वीं उत्तीर्ण किए हुए छात्र ही कर सकते हैं इस कोर्स के अंदर मनुष्य के अंगों का इलाज मालिश , एक्सरसाइज के माध्यम से करना सिखाया जाता है यह 3 साल का कोर्स होता है इसको करने के बाद स्टूडेंट फिजियोथैरेपिस्ट बनते हैं जो कि अपना क्लीनिक खोल के या किसी सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में फिजियोथेरेपी की सर्विस प्रदान करते हैं इसको करने वाला व्यक्ति लगभग एक डॉक्टर के बराबर ही कार्य करता है।


निष्कर्ष-


हमने आपको 12वीं ,साइंस में करने के बाद किया जाने वाला मोस्ट पॉपुलर कोर्सों के बारे में इस आर्टिकल में बताया है यदि आपको किसी अन्य प्रकार की कोर्स के बारे में जानकारी चाहिए तो आप हमारे इस आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करें आपको बहुत ही जल्द एक आर्टिकल के माध्यम से जानकारी प्रदान कर दिया जाएगा।


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