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Software क्या है और यह कैसे काम करता है

वर्तमान का समय वाकई में अब अलग हो गया है। अब बहुत सारी नई चीजें आ गई हैं। जो पहले कभी नहीं थीं। पहले तो इंटरनेट का उपयोग भी इतना नहीं होता था। पर अब हम देखते हैं कि सब कुछ बदल रहा है। और यह बदलाव हमें नई चीजें सीखने का अवसर देता है। हमें नए अनुभवों को समझने का मौका भी मिलता है। बदलाव ही हमारे जीवन को सजीव और रोचक बनाता है।

आजकल इंटरनेट एक बहुत महत्वपूर्ण साधन बन चुका है। इसकी सहायता से हम किसी भी विषय पर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हम आपको एक महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी देने जा रहे हैं जिसका नाम ' Software' है। नीचे हम सरल शब्दों में इसके बारे में जानेंगे। तो चलिए, बिना देर किए ' Software' के बारे में अधिक जानें।

Software क्या है और यह कैसे काम करता है

Software क्या है?

सॉफ़्टवेयर एक तरह के ग्रुप होते हैं, जिसमें कई सारे प्रोग्राम्स होते हैं। कंप्यूटर पर होने वाले सभी काम Software की मदद से ही होते हैं। इसका मतलब है कि सॉफ़्टवेयर उन निर्देशों का एक समूह होता है, जिसके माध्यम से ही Computer का काम होता है।

सॉफ़्टवेयर वास्तविक रूप में नहीं होता, उसे केवल वर्चुअल ऑब्जेक्ट के रूप में समझा जा सकता है। अगर कंप्यूटर में सॉफ़्टवेयर न होता तो वह बस एक खाली डिब्बा होता। सॉफ़्टवेयर Computer के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है

जो Computer को सही ढंग से काम करने में मदद करता है। सॉफ़्टवेयर की मदद से किसी भी काम को आसानी से किया जा सकता है।

यह Computer का एक अहम हिस्सा होता है। जैसे कि - Google Chrome, Photoshop, MS-WORD, VLC Player, Picasa आदि सॉफ़्टवेयर होते हैं। सॉफ़्टवेयर के बिना किसी भी काम को करना या खत्म करना कठिन हो सकता है।

सॉफ्टवेयर  कैसे  काम  करता  है

ऊपर दी गई परिभाषा के अनुसार, हमें Computer पर जो भी कार्य करना होता है, उस कार्य को करने के लिए कंप्यूटर में बहुत से निर्देश लिखे होते हैं, जो की कंप्यूटर के समझने योग्य भाषा में होते हैं

जिसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कहते हैं। इन्हीं निर्देशों को पढ़कर Computer हमारे कार्यों को सहजता से और बेहद कम समय में ही कर पाता है, निर्देशों की इस समूह को ही सॉफ्टवेयर कहते हैं।

जैसे कि अगर हमें कंप्यूटर या मोबाइल में कैलकुलेटर का उपयोग करना होता है, तो हम कैलकुलेटर में सिर्फ उन संख्याओं को लिख देते हैं

जिसके बीच हमें कोई गणना करनी होती है और उस कैलकुलेटर को ये बता देते हैं कि हमें उन संख्याओं के बीच कौन सी गणना करनी है, हमारा कैलकुलेटर उसका रिजल्ट हमें तुरंत दे देता है।

क्योंकि हमारा कैलकुलेटर एक सॉफ्टवेयर है जिसमें गणितीय गणनाओं को करने के बहुत से निर्देश लिखे होते हैं

जिनका उपयोग करके कैलकुलेटर बड़ी से बड़ी गणना (calculation) को बहुत ही शीघ्रता से कर पाता है। सॉफ्टवेयर के द्वारा की गई गणना में किसी प्रकार के त्रुटि नहीं होती है।

Software के प्रकार कौन-कौन से हैं?

सॉफ्टवेयर मुख्यतः 3 रूपों में विभाजित है। चलिए, दोस्तों, इन तीनों रूपों के बारे में और अधिक जानते हैं।

1. System software –

सिस्टम सॉफ्टवेयर हमारे कंप्यूटर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम के भिन्न-भिन्न पार्ट्स के रूप में होता है।

इसका काम हार्डवेयर टूल को मैनेज और कंट्रोल करना होता है। इससे एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर सही ढंग से अपना काम पूरा कर सकता है। उदाहरण के तौर पर, ऑपरेटिंग सिस्टम सिस्टम सॉफ्टवेयर का एक उदाहरण है।

2. Application software –

ऐप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर को मुख्य रूप से ऐप भी कहा जा सकता है। इन्हें डिवाइस में इंस्टॉल करने की जरूरत होती है

और यूजर जब भी चाहे तब इनका आसानी से उपयोग कर सकता है। एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का मूल उद्देश्य यही होता है कि कंप्यूटर पर जो भी प्रमुख कार्य है उन्हें पूरा करना।

3. Utility software –

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर को सर्विस प्रोग्राम भी कहा जाता है। इसका मुख्य रूप से उपयोग कंप्यूटर के परफॉर्मेंस और योग्यता को सफल बनाए रखने के लिए होता है। यानी कि यूटिलिटी सॉफ्टवेयर आपके सिस्टम की क्षमता को सही बनाए रखने और उसे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

Software का निर्माण कौन करता है?

सॉफ्टवेयर बनाने का काम विशेष रूप से सॉफ्टवेयर डेवलपर का होता है। ये सॉफ्टवेयर डेवलपर जो किसी भी कंपनी में काम करते हैं, उस कंपनी को सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट डेवलपमेंट कंपनी के नाम से जाना जाता है।

सॉफ्टवेयर को तैयार करने के पीछे उपयोगकर्ता की जरूरत देखी जाती है। मतलब यह है कि सॉफ्टवेयर को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार ही तैयार किया जाता है। 

कंप्यूटर में Software जरूरी क्यों होता है?

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का एक खास हिस्सा है। अगर कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर नहीं होता तो वहां सिर्फ एक खाली डिब्बे के समान होता। सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को अलग-अलग कार्यों में मदद करता है। सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर कुछ भी नहीं कर सकता।

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के लिए बिल्कुल एक आत्मा के समान है। अगर किसी के शरीर से आत्मा निकल जाए तो वह एक मृत्युशील व्यक्ति के समान हो जाता है। ठीक उसी तरह, कंप्यूटर से सॉफ्टवेयर हट जाए तो कंप्यूटर एक निर्जीव डिब्बा बन जाता है जिसमें कोई भी काम नहीं हो सकता। 

Software से क्या लाभ है?

सॉफ्टवेयर से हमें कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। निम्नलिखित माध्यम से कुछ खास जानकारियां हैं:

  • सॉफ्टवेयर को किसी भी डिवाइस में पहुंचना बहुत ही आसान होता है।
  • सॉफ्टवेयर में समय के अनुसार अपडेट होने की क्षमता होती है।
  • सॉफ्टवेयर बहुत ही तेज, बहुत ही कुशल, और उपयोग में भी बहुत ही सरल होते हैं। 

Software से क्या-क्या हानियां होती है?

सॉफ्टवेयर एक तरफ लाभ प्रदान करता है, लेकिन दूसरी तरफ नुकसान भी कर सकता है। आइए अब हम इसके द्वारा होने वाले कुछ नुकसानों के बारे में जानते हैं।

  • सॉफ्टवेयर बहुत ही महंगे होते हैं।
  • कई बार सॉफ्टवेयर अविश्वसनीय हो सकते हैं।
  • कई बार सॉफ्टवेयर को अपडेट करना बहुत ही कठिन हो सकता है।

सॉफ्टवेयर की आवश्यकता

जैसा कि हम सभी जानते हैं, कंप्यूटर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अगर हम सॉफ्टवेयर को हटा दें, तो कंप्यूटर केवल एक खाली डिब्बे के समान रह जाएगा। इसे उस समय तक कोई काम नहीं करेगा

जब तक कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर लोड न किया जाए। इसलिए, कंप्यूटर में कोई भी कार्य करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, हमें अन्य उद्देश्यों के लिए भी कई अन्य सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है।

उदाहरण के लिए, यदि हमे एक पत्र लिखना हो या ग्राफिक्स बनाना हो या प्रेजेंटेशन बनाना हो, तो हमें अलग-अलग उद्देश्यों के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होगी, जिसे हम अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर कहते हैं।

अगर आपका कंप्यूटर वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो आपको यूटिलिटी नामक सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ेगी। संक्षेप में, यदि आपके पास कंप्यूटर सिस्टम है और आप बिना किसी अड़ंगे के काम करना चाहते हैं, तो आपको समय-समय पर सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होगी।

सॉफ्टवेयर की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि:

  • Computer चालू करने के लिए

  • पत्र टाइप करने के लिए

  • Internet का प्रयोग करने के लिए

  • Presentation बनाने के लिए

  • चार्ट का निर्माण करने के लिए

  • Data को manage करने के लिए

सॉफ्टवेयर  का  इतिहास(History Of Software)  

चार्ल्स बैबेज के एनालिटिकल इंजन में बरनौली नंबर की गणना करने के लिए एडा लोवलेस ने 19वीं शताब्दी में पहला कंप्यूटर सॉफ्टवेयर प्रोग्राम लिखा था। एडा लोवलेस को प्रथम कंप्यूटर प्रोग्रामर भी माना जाता है।

 

FAQ

Q.1 सॉफ्टवेयर क्या है?

Ans. सॉफ्टवेयर एक तरह से कई सारे प्रोग्राम्स का एक समूह होता है। कंप्यूटर पर जितने भी टास्क होते हैं, वे सभी टास्क सॉफ्टवेयर के जरिए ही कंप्लीट होते हैं।

अर्थात, सॉफ्टवेयर मुख्य रूप से निर्देश और प्रोग्राम का एक समूह होता है, और इस समूह के माध्यम से ही कंप्यूटर पर टास्क कंप्लीट होते हैं।

Q.2 कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के 3 प्रकार क्या हैं?

Ans. कंप्यूटर सॉफ्टवेयर मुख्यतः तीन प्रकारों में विभाजित होता है:

1. System software
2. Application software
3. Utility software

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